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Table of Contents

Rajasthan News: राजस्थान के बाडमेर जिले से बड़ी खबर है। देर रात एक महिला और उसके प्रेमी को महिला के रिश्तेदारों ने डंडों से पीटा। इतना मारा कि हाथ पैर तोड़ डाले। अन्य लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और बाद में पुलिस की मदद से दोनो को अचेत हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। आरोपियों की तलाश के लिए पूरी रात से छापेमारी की जा रही है। घटना देर रात गुडामलानी क्षेत्र की है। गुड़ामालानी थाने की पुलिस आरजीटी थाना पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई कर रही है। देर रात दोनो थानों की पुलिस ही मौके पर पहुंची थी। मामला बारूडी गांव का है। जिस हिस्ट्रीशीटर को पीटा गया है उसका नाम ओम प्रकाश विश्नोई है।

पुलिस ने बताया कि देर रात बारूडी गांव में रहने वाली विवाहिता के घर पर ओम प्रकाश पहुंचा था। वह उस समय घर पर अकेली थी। कुछ देर के बाद ओम प्रकाश वहां पहुंचा और उसके कुछ देर के बाद महिला का देवर भी वहां आ गया। उसने ओम प्रकाश और अपनी भाभी को कमरे में बंद कर दिया और बाद में अपने कुछ साथियों को वहां बुला लिया।

उसके बार कमरा खोलकर दोनो को लाठियों से पीटा। अधमरा होने तक मारा और फिर सभी आरोपी वहां से फरार हो गए। इस घटना के बाद किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो पुलिस मौके पर पहुंची और दोनो घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से हालत गंभीर होने के बाद दोनो को जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया। दोनो की हालत गंभीर बनी हुई है। दोनो पर्चा बयान देने के हालात में भी नहीं है। पुलिस ने बताया कि कुछ समय पहले ही महिला ने अवैध संबधों के चलते ओम प्रकाश के खिलाफ केस दर्ज कराया था और बाद में ओम प्रकाश को जेल हो गई थी। वह कुछ दिन पहले ही जेल से छूटा था और बाद में महिला के फिर से संपर्क में आ गया। बताया जा रहा है कि एचएस को गोली भी लगी है। हांलाकि पुलिस का कहना है कि फिलहाल जांच की जा रही है।

Barmer News : गिरते भू-जल स्तर से प्रभावित सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने किसानों को खेतों में बरसाती जल के संग्रहण के लिए फार्म पौण्ड बनाने पर एक लाख 35 हजार रुपए तक अनुदान दिया जा रहा है। बंजर पड़ी भूमि को खेती लायक बनाने के लिए इसका अहम उपयोग है।

 

 

 

कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सीमान्त कृषकों को इकाई लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 73 हजार 500 रुपए कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 90 प्रतिशत या 1 लाख 35 हजार रुपए प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौण्ड पर अनुदान दिया जाता है। सामान्य श्रेणी के कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 63 हजार रुपए कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 80 प्रतिशत या 1 लाख 20 हजार रुपए प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौण्ड पर जो भी कम हो अनुदान राशि दी जाती है। न्यूनतम 400 घनमीटर क्षमता की खेत तलाई पर ही अनुदान दिया जाता है।

 

 

 

 

अनुदान के लिए पात्रता


फार्म पौण्ड पर अनुदान के लिए किसानों के पास न्यूनतम 0.3 हैक्टेयर एवं संयुक्त खातेदारी की स्थिति में एक स्थान पर न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर कृषि भूमि होना आवश्यक है।

 

 

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ऐसे करें आवेदन


कृषक स्वयं के स्तर पर राज किसान साथी पोर्टल पर या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर जन आधार नम्बर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय जमाबंदी की नकल एवं राजस्व विभाग की ओर से जारी खेत का नक्शा जरूरी है। आवेदन के बाद कृषि विभाग खेत तलाई निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी करता है। इसकी सूचना मोबाइल संदेश या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा किसानों को दी जाती है।

सीमावर्ती क्षेत्र के लिए साधारण रेलगाड़ी किसी लाइफलाइन से कम नहीं हैं। बढ़ती महंगाई के बीच मुनाबाव से जोधपुर 300 किमी तक महज 115 रुपए किराया आम आदमी के लिए सस्ता एवं सुगम साधन हैं। वहीं बॉर्डर के आखिरी गांवों को 150 किमी दूर बाड़मेर जिला मुख्यालय तक सफर को सुविधा जनक बनाती है। बुजुर्ग, महिला एवं रोगियों के आने-जाने वालों के लिए यह ट्रेन लाइफलाइन है। ऐसे में इस मार्ग पर दूसरे रेल फेरे की मांग वर्षों से की जा रही हैं।

बीएसएफ जवानों के लिए भी उपयोगी
सामरिक दृष्टि द्यह्य महत्वपूर्ण बॉर्डर एरिया में सीमा पर तैनात सेना, बीएसएफ जवानों के लिए यह रेलगाड़ी बहुउपयोगी सेवाएं प्रदान करती है। लेकिन एक फेरा होने से जवानों को दोपहर बाड़मेर पहुंचने के बाद शाम को वापसी बस से करनी पड़ती है जो देर रात्रि पहुंचाती है। वहीं, कई बार हेडक्वॉर्टर के जरूरी कार्य पूरे नहीं हो पाते हैं। इसलिए सुबह बाड़मेर जाकर शाम को वापसी की रेल जवानों के लिए भी जरूरी हैं।

75 वर्षो से एकमात्र रेल का संचालन
आजादी के बाद से इस ट्रैक पर एकमात्र साधारण रेल चल रही हैं। अभी यह रेल बाड़मेर से सुबह 7.30 बजे रवाना होकर 9.30 मुनाबाव पहुंचती है और दस बजे वापस चली जाती है। इसके बाद इस मार्ग पर कोई रेल सुविधा उपलब्ध नहीं है। इतना लम्बा मार्ग पूरा दिन सूना रहता है।

क्षेत्र में हुआ काफी विकास
आजादी के 75 वर्षों बाद सीमावर्ती क्षेत्र का काफी विकास हुआ है। गडरारोड, रामसर उपखण्ड, तहसील व पंचायत समिति मुख्यालय बन गए हैं। 70 से अधिक ग्राम पंचायतों एवं लगभग 250 गांवों वाले सीमावर्ती क्षेत्र में हजारों से लाखों में आबादी का विस्तार हुआ है। लेकिन रेल सुविधाओं को लेकर यह क्षेत्र आज भी अकाल झेल रहा है और 1947 की स्थिति में खड़ा है।

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण कभी रेल सुविधाओं का विस्तार ही नहीं हो पाया। लम्बी दूरी की रेल तो छोडि़ए साधारण रेल का दूसरा फेरा भी अब तक नहीं हो पाया है।

सांसद कैलाश चौधरी लगातार आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन रेल का दूसरा फेरा शुरू नही हो पाया है। सांसद आश्वासन से काम चला रहे हैं। कब तक इंतजार करना पड़ेगा। अब तो रेल चला दो। हम लोग वर्षों से दूसरे फेरे की मांग कर रहे हैं कई बार ज्ञापन दे चुके हैं। ग्रामीणों को जल्दी राहत प्रदान करें। - करमचंद खत्री, ग्रामीण रामसर

प्रतिवर्ष 9 सितंबर गडरारोड रेलवे शहीद मेले में रेल सुविधाओं के विस्तार की मांग कर रहे हैं। जीएम से लेकर डीआरएम यहां श्रद्धांजलि देने पंहुचते हैं। 2019 में स्थानीय सांसद भी मेले में बतौर मुख्य अतिथि रह चुके हैं। शायद हमारी मांग सरकार तक पहुंच ही नहीं रही हैं। - गोविंदराम मेघवाल, स्थानीय निवासी

  • 30-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी

थार में रात में सर्द हवा अभी सता रही है। वहीं दिन में काफी राहत है। सुबह-शाम को सर्दी का असर बना हुआ है। बाड़मेर में बुधवार को न्यूनतम तापमान 12.9 व अधिकतम 31.4 डिग्री दर्ज हुआ। इस बीच मौसम विभाग ने शुक्रवार को बाड़मेर जिले के यलो अलर्ट जारी किया गया है।

बाड़मेर में अभी रात में सर्दी के कारण गर्म कपड़े पहनने पड़ रहे है। लेकिन दिन में धूप निकलने से सर्दी का असर काफी कम रहा। पिछले दो दिनों से दिन का पारा फिर से बढ़ा है। लेकिन रात का तापमान काफी दिनों से स्थिर चल रहा है। बाड़मेर में रात का तामपान सामान्य से तीन डिग्री कम रेकार्ड हुआ।

मेघगर्जना और तेज हवा के झौंके चलेंगे

मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते मेघागर्जना, वज्रपात और 30-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। इसके कारण रात और दिन के तापमान में करीब तीन से चार डिग्री की कमी आने की संभावना जताई गई है। वहीं सर्दी का असर एक बार फिर बढ़ जाएगा।


एक ही दिन दो जगह ड्यूटी और दोनों जरूरी। अब प्रधानाचार्य व व्याख्याता करें तो तो क्या करें कि िस्थति हो गई है। दरअसल 4 मार्च को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बारहवीं कक्षा की अंग्रेजी अनिवार्य विषय की बोर्ड परीक्षा है और इसी दिन जिला मुख्यालय बाड़मेर में पीठासीन अधिकारियों प्रधानाचार्य व व प्रथम मतदान अधिकारियों व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापकों का लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशिक्षण है।

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जिला निर्वाचन शाखा तैयारियों में जुटी
लोकसभा चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन शाखा तैयारियों में जुटी हुई है। इसी कड़ी में 4 मार्च को चुनाव में लगने वाले पीठासीन अधिकारियों व प्रथम मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें प्रधानाचार्य, व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों को नियुक्त किया गया है। इधर, 4 मार्च को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर की ओर से आयोजित हो रही दसवीं व बारहवीं की परीक्षा के तहत बारहवीं का अंग्रेजी अनिवार्य का पेपर भी है। इसमें भी इन इन्हीं शिक्षकों की अनिवार्य ड्यूटी है।

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किसकों सौंपे चाबी- बोर्ड परीक्षा को लेकर संस्था प्रधान की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। पेपर लॉक होते हैं जिनकी चाबी प्रधानाचार्य के पास ही होती है। जिस परिसर में पेपर रहते हैं वहां से लाने के लिए भी प्रधानाचार्य को जाना होता है। प्रधानाचार्य अपनी जगह किसी अन्य को भेजना चाहता है तो उसे उच्च अधिकारियों से इजाजत लेनी होगी। अब चुनावी प्रशिक्षण की ड्यूटी होने पर सभी संस्था प्रधानों को आदेश मिलेगा तो ही वे स्कूल छोड़ पाएंगे।

सात शिक्षकों की डयूटी, कौन लेगा परीक्षा- राउमावि खुडासा में चुनावी प्रशिक्षण के लिए सात शिक्षकों की ड्यूटी लगी हुई है। ऐसे में अब परीक्षा कौन करवाएगा यह चिंता लगी हुई है।
बीस की जरूरत, 11 की ड्यूटी- राउमावि शिवकर में बोर्ड परीक्षा के लिए कम से कम बीस शिक्षक लगाने पड़ेंगे। यहां कार्यरत शिक्षकों में से 11 की ड्यूटी चुनावी प्रशिक्षण में लगा दी गई है। ऐसे में परीक्षा करवाना भी टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

मतदान प्रशिक्षण की तारीख बदलें- जिला प्रशासन मतदान प्रशिक्षण की तारीख को बदलें। क्योंकि 4 मार्च को विद्यालयों में बोर्ड परीक्षा के तहत बारहवीं की अंग्रेजी की परीक्षा है। जब शिक्षक स्कूल में नहीं होंगे तो परीक्षा कौन लेगा।- घमंडाराम कड़वासरा, जिलाध्यक्ष राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ बाड़मेर

  • हाईवे बना दिया, हाईटेशन टावर को हटाना भूल गया ठेकेदार
  • कोयला खनन के कारण 28 किसी हाइवे को किया शिफ्ट

बाड़मेर को जैसलमेर से जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 68 पर रोड को शिफ्ट किया गया है। करीब 28 किमी रोड शिफ्ट करने के दौरान यहां से निकलने वाले हाईटेशन लाइन को नहीं हटाया और ठेेकेदार ने टावर के ठीक नीचे से मार्ग बना दिया। यहां से वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो चुकी है। इसके चलते अब बड़े वाहन यहां से निकलने पर खतरा मंडरा रहा है। हादसे की आशंका के चलते विभागों पर सवाल खड़ा हो रहा है।
जालीपा में कोयला खनन क्षेत्र होने के कारण भाडखा से जालीपा तक हाइवे इलाके के बीच आ जाने के कारण करीब 28 किमी मार्ग को शिफ्ट किया है। जिस पर करीब 160 करोड़ रुपए की लागत आई। लेकिन जहां पर हाइवे शिफ्ट किया, वहां से 123केवी की हाईटेशन लाइन का टावर लगा था, जिसे हटाए बिना मार्ग बना दिया गया। अब हाईवे का यातायात इस टावर के नीचे से होकर निकल रहा है।
भयभीत रहते है वाहन चालक
बड़े वाहन यहां से निकलते वक्त चालक भयभीत हो जाते है। हाइवे पर ओवरलोड वाहनों की भरमार है। इसके चलते यहां पर कभी बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

जानिए, ऐसी कैसी मिली साइकिल की बेटियां पढऩे लगी
रतन दवे
बाड़मेर पत्रिका.
रेगिस्तान की बेटियां आठवीं बाद पढ़ाई छोड़ रही थी। स्कूल तीन किलोमीटर दूर और अब जाएं कैसे? पैदल तो रोज-रोज जाना सुरक्षा, थकान और दूरी तीनों हिसाब से उनको नवीं पढऩे के मानस को छोडऩे को मजबूर कर रहा था लेकिन इनको जब से साइकिल मिली है,तब से वे दूरी को पेंडल मारकर अपनी पढ़ाई को रेस दे रही है। एक दशक में नवीं-दसवीं में बढ़े बेटियों के आंकड़े इसको दर्शा रहे है। रेगिस्तान के वे दुरुह और दुर्गम गांव जहां नवीं-दसवीं के स्कूल मीलों दूर है,वहां अब बढ़ा नामांकन इसको दर्शा रहा है।
बोली बेटियां
दूरी के कारण पढ़ाई छोडऩा हमारे गांव में पहले होता था लेकिन अब साइकिल मिलने के बाद बेटियां इससे दूरी तय कर पढऩे आ रही है। इस कारण अब आठवीं में पढ़ाई नहीं छूटती।-सुशीला, गांव त्रिमोही - कक्षा 09
आठवीं में ही स्कूल छोड़ देते लेकिन साइकिल मिलने के बाद में नवीं पास की तो फिर दसवीं और अब ग्यारहवी में आ गई हूं। पढ़ाई नहीं छूटने से निरंतर जारी है।- मीरां, त्रिमोही, कक्षा 11
कक्षा नवीं में यों बढ़ रही बालिकाएं
2020-21-17078
2021-22-18327
2022-23-19174
2023-24-21451
फेक्ट फाइल- ये मिली इस साल साइकिल
बाड़मेर ग्रामीण-2406
आडेल-1221
बाड़मेर-2724
चौहटन-2950
धनाऊ-1474
फागलिया-1120
गडरारोड़-1098
गुड़ामालानी-1838
रामसर-1230
सेड़वा-1123
शिव-1695
कुल-21208
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जानिए बॉर्डर के इस आखिरी गांव से चलेगी अब रेल
बाड़मेर .
बॉर्डर के आखिरी रेलवे स्टेशन मुनाबाव से रेल के दो फेरे करने की बड़ी मांग और पत्रिका की मुहिम रंग लाई। 1 मार्च से यह रेल दो फेरों में चलेगी। इससे सेना,बीएसएफ और सीमांत क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। खुशी की खबर मिलते ही गडरारोड़ में लड्उू बंटे और पत्रिका सहित सभी मददगारों का आभार जताया।
बाड़मेर से अल सुबह 7:30 बजे ट्रेन रवाना होकर दोपहर 12:30 बजे वापिस बाड़मेर पहुंच जाती हैं। जिससे सीमांत ग्रामीणों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता था। ग्रामीणों की इस समस्या को पत्रिका ने प्रमुखता से रखा। सांसद कैलाश चौधरी ने इसकी ठीक से पैरवी की जिससे समय परिवर्तंन हो पाया।
दूरगामी ट्रेनों से मिलेगा लिंक:-
ट्रेन के दो फेरो के माध्यम से बॉर्डंर पर तैनात बीएसएफ, भारतीय सेना के जवानों सहित विभिन्न विभागों के कार्मिंकों को दूरगामी ट्रेनों हावड़ा, जम्मू तवी, बांद्रा, गुवाहाटी, ऋषिकेश हरिद्वार से मिलान हो पाएगा। अभी जवानों को बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर लम्बा इंतजार करना पड़ता था।
बॉर्डर टूरिज्म को मिलेगा बल:-
बॉर्डंर क्षेत्र में ट्रेन के दो फेरो से बॉर्डंर टूरिज्म को भी बल मिलेगा। इससे मुनाबाव में सीमा दर्शंन, रोहिडी के मखमली धोरे, गडरारोड के रेलवे शहीद स्मारक, गडरा के प्रसिद्ध लड्डू, बेजोड़ कसीदाकारी के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद, रेडाणा के रण तक पहुंच सुगम होगी।
ग्रामीणों ने दो फेरो के लिए पत्रिका का जताया आभार:-
बहु प्रतीक्षित सीमांत क्षेत्र में रेल के दो फेरो के शुरू होने का समाचार सुनकर दिनभर सोशल साइट्स पर पत्रिका का आभार जताया। वहीं स्थानीय कॉलेज स्टूडेंट्स गडरा रेलवे शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पिंत कर प्रसाद वितरण किया।
मुख्य बाजार में बंटे गडरा के लड्डू
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, डीआरएम जोधपुर, रेलवे मेंश यूनियन का जताया आभार जताते हुए लड्डू बांटे गए।
नई समय सारिणी:-
- 1 मार्च 2024 से गाडी संख्या 04879 प्रतिदिन बाडमेर से शाम को 05.15 पर रवाना होकर 07.30 पर मुनाबाव पहुंचेगी।
- गाडी संख्या 04880 2 मार्च 2024 से प्रतिदिन सुबह 06.00 बजे मुनाबाव से रवाना होकर 08.15 पर बाड़मेर पहुंचेगी।
- 2 मार्च 2024 से गाडी संख्या 04881 प्रतिदिन सुबह 10.00 बजे बाड़मेर से रवाना होकर 12.15 बजे मुनाबाव पहुंचेगी।
-2 मार्च 2024 से गाडी संख्या 04882 मुनाबाव से प्रतिदिन दोपहर 02.00 बजे मुनाबाव से रवाना होकर शाम को 04.15 बजे बाड़मेर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी।
ये स्टेशन
जसाई, भाचभर, रामसर, गागरिया, गडरा रोड, लीलमा और जैसिंधर स्टेशनों पर ठहराव करेगी।

टॉक शो- पचपदरा की बेटियां वो बोली-जो है हकीकत
पचपदरा की बेटियों को मिले-कॉलेज,हॉस्टल, खेल ग्राउण्ड
पचपदरा पत्रिका.
पचपदरा में रिफाइनरी के आने के बाद आए बदलाव पर पचपदरा की बेटियों को नाज है। वे अपने आसपास हो रहे विकास और गांव में लग रहे इस प्रोजेक्ट से देशभर में गांव का नाम होने पर खुश है लेकिन उन्हें मलाल है कि विकास का यह दायरा अभी तक रिफाइनरी की चारदीवारी में ही है। गांव में अभी भी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। बेटियों ने पत्रिका के टॉक शो में खुद लिखा कि उन्हें क्या चाहिए?
बेटियों की चिंता
- महिला सुरक्षा के लिए हों प्रबंध
-बेटियों के लिए बने अब कॉलेज
- बीएड और नर्सिंग कॉलेज भी आए पचपदरा
- बालिकाओं के लिए बने हॉस्टल
- कामकाजी महिलाओं के लिए बने आवासीय ट्रांजिस्ट हॉस्टल
- बेटियों के लिए बने अलग से खेल मैदान व स्टेडियम
- पचपदरा के गल् र्स स्कूल में हों बेहतरीन सुविधाएं
- महिला अस्पताल और विशेषज्ञ चिकित्सक लगाए जाएं
महिला सुरक्षा की चिंता
पचपदरा रिफाइनरी आने से यहां भीड़भाड़ बढ़ी है। महिला सुरक्षा को लेकर चिंता हुई है। पहले गांव में अकेले जाते हुए किसी प्रकार की फिक्र नहीं थी लेकिन अब स्टेशन के इलाके में जाना मुश्किल होता है।- टीना कक्षा बारहवीं
पानी की समस्या
रिफाइनरी से पहले गांव में पानी की समस्या नहीं थी। अब पानी की समस्या बढ़ी है। नमक की खानों को हटा दिया गया है। यहां बेरोजगार हो गए लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। - सरोज कक्षा,ग्यारह
रोजगार बढ़ा है
रिफाइनरी से पहले पचपदरा के लोग बालोतरा में काम को जाते ंथे,वहां काम नहीं मिलता तो लौट आते। जब से रिफाइनरी का काम शुरू हुआ है यहां पर मजदूूरी मिलने लगी है-तारामती कंवर, कक्षा ग्यारह
टिफिन सर्विस
महिलाओं के लिए एक नया रोजगार आया है टिफिन सर्विस। यहां पर मजदूरों की संख्या बढऩे के कारण खाने को लेकर टिफिन सर्विस कई महिलाएं कर रही है। यह रोजगार का नया माध्यम है।-रविना, कक्षा ग्यारह
बेटियों की मदद करे
रिफाइनरी का कार्य एक लाख करोड़ से हो रहा है। अब यहां बेटियों के स्कूल में सरकार मदद करे। बेटियों के लिए हॉस्टल, खेल मैदान और अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। पचपदरा में गल्र्स कॉलेज होना चाहिए।-गौरी कक्षा ग्यारह
प्रदूषण नहीं,हरियाली मिले
रिफाइनरी के बाद यहां पर प्रदूषण बढ़ रहा है। यहां आसपास के पूरे इलाके में हरियाली होनी चाहिए। खनन कार्य भी बढ़ गए है। यहां पर पचास किमी इलाके में प्रदूषित वातावरण हो गया हैै।-अरूणा चारण

बारात में मंहगे कार, हेलिकॉप्टर, धोड़े-हाथी और बैलगाडी़ से तो दूल्हा को पहुंचते आपने कई बार देखा और सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं राजस्थान के बाड़मेर में पिछले दिनों एक शादी में दूल्हा 100 से अधिक ट्रैक्टर के काफिले के साथ बारात निकाली, जिसका तस्वीर व वीडियो सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है। राजस्थान (Rajasthan) में यह अनोखी बारात पिछले दिनों निकली। जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।

 

दूल्हा सरपंच, पिता ने भी ट्रैक्टर से निकाली थी बारात

 

दरअसल, बाड़मेर के सिणधरी उपखण्ड क्षेत्र बिलासर ग्राम पंचायत के सरपंच हनुमान राम की शादी नाकोड़ा गांव की कमला से हुई। उनकी बारात 10 किलोमीटर दूर नाकोड़ा गांव ट्रैक्टरों के काफिले के साथ पहुंचा। जहां यह अनूठी बारात लोगों के बीच चर्चा का विषय बना गया। स्थानीय इस अनोखे बारात को तस्वीरों और वीडियो में कैद करने लगे। बताया जा रहा है कि इस बारात में करीब 500 से अधिक बाराती 100 से अधिक ट्रैक्टर के काफिले के साथ पहुंचे थे।

जिससे सड़कों पर 1 किलोमीटर तक केवल ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आने लगी। कई लोगों ने बताया कि वह पहली बार बारातियों को ट्रैक्टर के काफिले के साथ पहुंचते देखा है। दूल्हे के पिता ने बताया कि मेरी बारात एक ट्रैक्टर पर निकली थी, इसलिए बेटे की बारात ट्रैक्टरों पर निकाली गई।

 

हेलिकॉप्टर से दूल्हन की विदाई, उमड़ी भीड़

 

बता दें कि 20 फरवरी को हुए एक शादी में विदाई के लिए दूल्हा हेलिकॉप्टर लेकर पहुंचा। जिसे देखने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग हेलीकॉप्टर के साथ सेल्फी लेने के लिए आपस में धक्का -मुक्की करते लगे। हालांकि कुछ देर बार दूल्हा-दूल्हन को लेकर ससुराल के लिए रवाना हो गया। यह शादी राजस्थान के पाली जिले के हिंगोला में हुई। हिंगोला निवासी भंवरलाल मेघवाल की पुत्री डिंपल की शादी जालोर निवासी मदनलाल मेघवाल के पुत्र प्रवीण से तय हुई थी। जो दूल्हन की विदाई के लिए हेलिकॉप्टर से पहुंचे। हेलीकॉप्टर से दुल्हन की विदाई चर्चा का विषय बनी रही।

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