भारत निर्वाचन आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव 2024 कार्यक्रमों की घोषणा से ऐन पहले तक राजस्थान में सियासी उठापठक जारी रही। जहां कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा, तो ऐसे भी नेता रहे जिन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की। इन्हीं में से एक रहे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक उम्मेदाराम बेनीवाल।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के सबसे ख़ास सिपहसालारों में से एक माने जाने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल ने ना सिर्फ अपनी आरएलपी पार्टी से इस्तीफे का ऐलान ही किया, बल्कि चंद घंटों के बाद ही कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। उम्मेदाराम के इस तरह से अचानक साथ छोड़ने को हनुमान बेनीवाल और आरएलपी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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जयपुर में की कांग्रेस ज्वाइन
उम्मेदाराम बेनीवाल ने शनिवार को जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस कमिटी मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी की औपचारिक सदस्यता ले ली। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और बाड़मेर क्षेत्र के दो दिग्गज नेताओं हेमाराम चौधरी और हरीश चौधरी की मौजूदगी में उम्मेदाराम का कांग्रेस पार्टी में स्वागत किया गया और उन्हें सदस्यता दिलाये जाने की औपचारिकताएं पूरी की गईं।
शायरी के साथ अंत
इस्तीफा चिट्ठी में उम्मेदाराम ने आखिर में लिखा, 'सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं, तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए। आपका अपना उम्मेदाराम बेनीवाल।''
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होंगे कांग्रेस के उम्मीदवार!
कांग्रेस इस बार कई सीटों पर दूसरे दलों से नेताओं को शामिल करके टिकट दे रही है। चूरू से बीजेपी से टिकट कटने के बाद राहुल कस्वां को पार्टी में शामिल कर उम्मीदवार बनाया है। अब बाड़मेर सीट पर उम्मेदाराम बेनीवाल का टिकट तय माना जा रहा है। चूरू और बाड़मेर दोनों सीटों पर कांग्रेस सहयोगी दलों के साथ गठबंधन पर बात कर रही थी। लेकिन इसके बाद समीकरण बदल दिए गए और अब दोनों नेता कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगे।