>>: स्पेस में परमाणु हथियारों की तैनाती, रूस ने अमरीका को किया बेनकाब

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अमरीका और रूस अब अंतरिक्ष में हथियार और परमाणु हथियार की तैनाती को लेकर भिड़ गए हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमरीका और जापान द्वारा लाए गए एक 'आउटर स्पेस ट्रीटी' के मसौदे पर रूस ने वीटो कर दिया। प्रस्ताव में प्रावधान था कि पृथ्वी की कक्षा में परमाणु हथियारों की तैनाती पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। प्रस्ताव में यह भी कहा गया था कि सदस्य देश ऐसे परमाणु हथियार नहीं बनाएंगे जिन्हें खास तौर पर स्पेस में तैनात किए जाने के लिए डिजाइन किया गया हो। प्रस्ताव के समर्थन में 13 वोट पड़े। चीन मतदान से अनुपस्थित रहा, जबकि रूस ने प्रस्ताव को 'राजनीति से प्रेरित और मूर्खतापूर्ण' बताते हुए वीटो कर दिया। इसको लेकर अमरीका और रूस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी प्रतिनिधि थॉमस ग्रीनफील्ड और अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन ने रूस से पूछा है कि इस वीटो के पीछे रूस की मंशा क्या है। कहीं, रूस स्पेस में परमाणु हथियारों की तैनाती करने तो नहीं जा रहा, जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इससे इंकार करते हैं? वहीं, रूस ने अमरीका की मंशा पर सवाल उठाए हैं, कि आखिर अमरीका स्पेस में सभी प्रकार के हथियारों की तैनाती पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाना चाहता, सिर्फ परमाणु हथियार पर ही रोक क्यों चाहता है।

रूस-चीन का तगड़ा पलटवार, अमरीका समेत 7 देशों ने किया विरोध
पलटवार करते हुए रूस और चीन ने अमरीका और जापान के मसौदे में एक संशोधन का प्रस्ताव रखा। जिसमें सभी देशों से, विशेष रूप से प्रमुख अंतरिक्ष क्षमताओं वाले देशों से 'बाहरी अंतरिक्ष में सभी प्रकार के हथियारों की तैनाती और बाहरी अंतरिक्ष में बल प्रयोग की धमकी पर रोक' लगाने का प्रस्ताव था।' इस संशोधन के पक्ष में 7 देशों ने मतदान किया और अमरीका समेत 7 देशों ने विरोध किया। एक देश अनुपस्थित रहा। इस तरह यह संशोधन गिर गया, क्योंकि इसको अपनाने के लिए न्यूनतम 9 देशों का समर्थन जरूरी था।मतदान के बाद संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा है सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कहा, हम केवल डब्ल्यूएमडी (सामूहिक विनाश के हथियार) ही नहीं, बल्कि बाहरी अंतरिक्ष में किसी भी प्रकार के हथियारों की नियुक्ति पर प्रतिबंध चाहते हैं... लेकिन आप ऐसा नहीं चाहते.. और इसलिए मुझे आपसे वही प्रश्न पूछना है...आखिर, क्यों?

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अमरीका की मंशा पर गंभीर सवाल
संशोधन का विरोध करने पर रूस ने अमरीका और जापान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि, हमें याद होगा कि अमरीका और उसके सहयोगी देशों ने कुछ समय पहले बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती योजना की घोषणा की थी। रूस ने कहा, आज परमाणु हथियारों की स्पेस में तैनाती पर रोक की बात करने वाला अमरीका 2008 से ही रूस और चीन के अंतरिक्ष में सभी प्रकार के हथियार तैनाती संबंधी प्रस्ताव में अड़चन डाल रहा है।

स्पेस युद्ध के भीषण होंगे परिणाम
संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी प्रतिनिधि थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि रूस परमाणु हथियारों के प्रसार से जुड़ी वैश्विक संधियों की अनदेखी करते हुए अपने दायित्वों से पीछे हट रहा है। मस-ग्रीनफील्ड ने वोट से पहले कहा कि दुनिया अभी अंतरिक्ष में परमाणु विस्फोट के विनाशकारी परिणामों को समझना शुरू कर रही है।

स्पेस में विस्फोट दुनिया भर के देशों और कंपनियों द्वारा संचालित हजारों उपग्रहों को नष्ट कर सकता है और इससे महत्वपूर्ण संचार, वैज्ञानिक, मौसम विज्ञान, कृषि, वाणिज्यिक और राष्ट्रीय सुरक्षा सेवाएं समाप्त हो जाएंगी, जिन पर हम निर्भर हैं।

यूक्रेन के मोर्चे पर चीन को घेरा
अमरीका यूक्रेन में रूस की मदद को लेकर भी चीन को घेर रहा है। अमरीका का कहना है चीन लगातार यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद कर रहा है। हाल में एक उत्तर कोरिया से हथियार हस्तांतरण में शामिल रूस का मालवाहक जहाज चीनी बंदरगाह पर देखा गया है। इससे भी अमरीका के आरोपों को बल मिला है।

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