>>: नव संवत्सर के साथ चेत्र नवरात्र कल से, गणगौर व ईद की रहेगी धूम

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चेत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मंगलवार से नवरात्र शुरू होेंगे। इस बार नवरात्र 9 अप्रेल से शुरू हो रहे हैं। इनका समापन 17 अप्रेल को होगा। मंगलवार दोपहर 2.17 बजे तक वैधृति योग होने के कारण घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.14 से 1.05 बजे तक होगी। चेत्र नवरात्रि प्रतिपदा तिथि से ही नया हिंदू वर्ष प्रारंभ हो जाता है। चेत्र नवरात्र में इस बार पूरे नौ दिन नवरात्र होगी। खास बात ये है कि चेत्र नवरात्र के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। इस समय में घटस्थापना के लिए बहुत ही लाभदायक और उन्नतिकारक सिद्ध हो सकता है।


11 अप्रेल को गणगौर का पर्व मनाया जाएगा। होली के बाद से ही गणगौर पूजन शुरू हो गया। 16 दिन घरों में पूजा-अर्चना के बाद गणगौर व ईसर की प्रतिमाओं को लवाजमे के साथ गणगौर घाट पर लाया जाएगा। आखिरी दिन गणगौर विसर्जन होगा। वहीं, ईद भी चांद देखकर 10 या 11 अप्रेल को मनाया जाएगा।

घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां

पंडित अशोक व्यास के अनुसार, इस साल चेत्र नवरात्र पर माता का वाहन घोड़ा होगा। घोड़े को मां दुर्गा का शुभ वाहन नहीं माना जाता है। पूरे साल चार बार नवरात्र आती है। इनमें आश्विन और चेत्र मास की नवरात्रि सबसे ज्यादा समाज में प्रचलित है। नवरात्र में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो समाज और राजनीति में बड़ी उथल-पुथल हो सकती है और विवाद और युद्ध की स्थिति भी बन सकती है।


चेटीचंड की भी होगी धूम, रामनवमी 17 को
नवरात्र के साथ नवसंवत्सर की भी शुरुआत हो जाएगी। इसी के साथ महाराष्ट्र समाज के लोग गुड़ी पड़वा मनाएंगे। सिंधी समाज चेटीचंड मनाएगा। नव संवत्सर को हिंदू नववर्ष की शुरुआत माना जाता है। इस दिन नीम की नई कोंपलों के साथ काली मिर्च व मिश्री का प्रसाद का भोग लगाकर खाया जाता है। इसी तरह, रामनवमी 17 अप्रेल को मनाएंगे।

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