अलवर. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी अलवर जिले में नदी, बांध, जोहड़ व नहरों पर अवैध निर्माण को तोडऩे में जिम्मेदार ही फाइलें दबाकर बैठे हैं। उनकी मिलीभगत के चलते जिले में रहे-सहे बांध, नदी व जोहड़ का अस्तित्व ही खत्म हो सकता है। जयसमंद के पानी के बहाव में कई जगहों पर अवैध निर्माण हो चुके हैं। अतिक्रमी सिलीसेढ़ से जयसमंद आने वाले बहाव क्षेत्र को बाधित करने में लगे हैं। जिसको लेकर निचले कर्मचारियों ने अवैध निर्माण होने की रिपोर्ट तक कर दी। इसके बावजूद भी मौके से अवैध निर्माण नहीं तोड़े जा रहे हैं। यह सिलसिला सालों से चलता आ रहा है और पिछले दो-तीन साल में ज्यादा हो गया। फिर भी जिम्मेदार चुप हैं।
जीवन रेखा को जीवित नहीं रख पा रहे
जयसमंद अलवर शहर की जीवन रेखा है। जिसे जिला प्रशासन जीवित नहीं रख पा रहा है। बहाव क्षेत्र को कई जगहों से बाधित कर दिया। खासकर सिलीसेढ़ से आने वाले पानी के रास्तों पर पक्के निर्माण होने लगे हैं। फॉर्म हाउस के नाम पर भूखण्ड काटे जाने लगे हैं। पहाड़ों से आने वाले पानी को न जाने कितनी जगहों से रोक दिया है। कई जगहों पर होटल व ढाबे खड़े हो गए। जिसके कारण पानी बांध में आने की बजाय दूसरी तरफ जाने लगा है। वैसे भी पिछले कुछ सालों से बारिश कम होने लगी है। जिसके कारण भी बांध में पानी की आवक कम हो गई है।
अब नहर व जोहड़ भी नहीं बख्श रहे
हालात ये हो चुके हैं कि अवैध कब्जे करने वाले अब नहर व जोहड़ भी नहीं बख्श रहे हैं। रूपबास के निकट कई जगहों पर नहर को पाटकर रास्ते बना दिए। वहीं दाउदपुर में जोहड़ पर अतिक्रमण हो चुका है। इसी तरह भिवाड़ी में बड़े जोहड़ को खत्म कर दिया है। गाजूकी नदी का ताजा उदाहरण है। दोनों तरफ बड़े फॉर्म हाउस बना दिए गए और नदी का बहाव क्षेत्र नाममात्र ही छोड़ा है। समय पर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कार्रवाई नहीं करते। बाद में मामले में कई तरह की पेचिदगियां खड़ी कर दी जाती हैं।
हमने नोटिस दे रखे
हमनें जयसमंद बांध आने वाले पानी के बहाव क्षेत्र व सिलीसेढ़ से आने वाले पानी के बहाव क्षेत्र में अवैध निर्माण चिह्नित कर रिपोर्ट आगे भेज दी है। अब अवैध निर्माण को रोकना या तोडऩा जिम्मेदार विभाग का कार्य है।
राजेश वर्मा, एक्सईएन, सिंचाई विभाग अलवर
September 28, 2020 at 07:34AM