>>: Digest for July 13, 2021

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Table of Contents

बाड़मेर
कमलेश प्रजापत एनकाउंटर की दिल्ली सीबीआइ की टीम लगातार तीन दिन से जांच में जुटी है। टीम के सदस्य प्रकरण से जुड़े साक्ष्य व सबूत जुटाकर मामले की कड़ी से कड़ी जोड़ रही है। इधर, प्रजापत समाज व परिजनों ने सीबीआई कार्यालय दिल्ली के नाम एक मांग भेजा है। जिसमें राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी सहित बाड़मेर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है।


मृतक कमलेश के भाई भैराराम ने मांग पत्र में आरोप लगाया है कि कमलेश मैसर्स केके इंटरप्राइजेज फर्म में वर्ष-2014 में कार्य प्रारंभ किया। आरोप है कि फर्म को पचपदरा रिफाइनरी में कार्य मिलने से राजस्व मंत्री व उनके भाई मनीष से व्यापारिक प्रतिस्पद्र्धा हो गई थी। आरोप है कि कमलेश ने सांडेराव में पुलिस पर फायरिंग के मामले में नाम काटने के लिए मनीष को 10 लाख रुपए दिए थे। सांडेराव, बाड़मेर पुलिस पर भी आरोप लगाए है कि वो लगातार कमलेश के संपर्क में थे और कमलेश के साथ उनकी शराब पार्टी होती रहती थी। इसका खुलासा कमलेश के सोशल मीडिया अकाउंट से हुई कॉल डिटेल से लग सकता है। इसके अलावा कमलेश की एक महिला मित्र पर कमलेश से जुड़ी सूचनाएं पुलिस को देने के आरोप लगाए है। रविवार को मृतक कमलेश का भाई भैराराम, अधिवक्ता हनुमानराम, बलराम प्रजापत, रावताराम, जोगेंद्र कुमार सहित कई लोग सीबीआई टीम से मिलने के लिए सर्किट हाउस पहुंचे।
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यह लगाए है मांग पत्र में आरोप
- सांडेराव प्रकरण कमलेश के भाई भेराराम का आरोप है कि सांडेराव पुलिस पर गलत रूप से फंसाए जाने पर कमलेश ने पाली पुलिस से बात की थी। इस पर यहां से पुलिसकर्मियों ने कहा कि राजस्व मंत्री हरीश चौधरी कह देंगे तो मुकदमे में नाम हटा देंगे जब कमलेश मंत्री से मिला तो उनके भाई मनीष से मिलकर बात करने को कहा। इस पर मनीष ने कमलेश से 10 लाख रुपए लिए कि मामले में नाम हट जाएगा। इसके बाद सांडेराव पुलिस दबाव बना रही वापिस मिला तो मंत्री ने उसे वहां से निकाल दिया। इस पर मनीष से 10 लाख रुपए मांगे और कमलेश ने मनीष को धमकी देकर कहा कि रुपए दे देना नहीं तो मार दूंगा, मनीष ने कहा कि तुम जिंदा रहोगे से मारोगे।
- प्रकरण में डीएसपी सुमेरपुर से कमलेश की कॉलिंग हुई थी। कमलेश ने 23 अप्रैल की सांडेराव आने का बोला था। डीएसपी के लिए मांगी गई राशि भी एकत्रित करके रख ली थी। डीएसपी कमलेश की व्हाट्सएप कॉल डिटेल को जांच करवाने की मांग की है। सांडे में दर्ज 10/2021 व 30/2021 एफआईआर में कमलेश नामजद आरोपी नहीं था। इसके चावजूद फंसाने के लिए सुमेरपुर डीएसपी दबाव दे रहा था।
- पुलिस कांस्टेबल पुरखाराम कमलेश के घर आता रहता रहने वाली एक महिला मित्र की कमलेश था। कई अन्य पुलिसकर्मी भी कमलेश के घर आकर पार्टियां करते थे। गाडिय़ों की जरूरत होने पर कमलेश से मांग कर ले जाते थे। कमलेश का उठना-बैठना पुलिस वालों के साथ ही था, वह कभी फरार नहीं था।
- एनकाउंटर से पहले एफआईआर आरोप है कि 136/2021 दर्ज एफआईआर की प्रमाणित प्रति न्यायालय में प्रस्तुत होने की तिथि 22 अप्रैल को शाम जबकि 22 अप्रैल की रात 9.30 बजे एनकाउंटर की घटना घटित हुई है। जबकि एफआईआर में दर्ज तिथि 28 अप्रैल 12.46 बजे दर्शाया गया है। ऐसे में दर्ज होने से पहले एफआईआर कैसे प्रस्तुत सकती है। आरोप है कि कमलेश का फर्जी एनकाउंटर बताकर हत्या की गई।

- बाड़मेर पुलिस ने 22 अप्रेल रात्री में करीब 9.15 बजे लगभग 70 व्यक्तियों का दल बनाकर हथियारबद्ध होकर घेराव किया तथा गिरफ्तार करने के लिए मौके पर कोई एनाउन्स (घोषणा) नहीं किया, जिसके सम्बन्ध में घर के चारो तरफ निवास करने वाले पड़ौसियों से पूछताछ कर सच्चाई का पत्ता लगाने का निवेदन है तथा इसके सम्बन्ध में पड़ौसी के घर के बाहर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे व कमलेश के घर के बाहर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरो के रिकार्ड की जांच कर सच्चाई का पता लगाने का निवेदन हैं।
- एनकाउन्टर की घटना कमलेश के पड़ौसी के घर के बाहर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद हो गयी थी जो 24 व 25 अप्रैल को वायरल होने पर पीडि़त परिवार एवं सर्व समाज ने बाडमेर पुलिस को कानूनी कार्यवाही करने के ज्ञापन दिए, लेकिन कोई जांच नहीं की गई। कमलेश की पत्नी जशोदा ने लिखित परिवाद जिला जज बालोतरा को पेश किया, जिसमें भी कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की हैं।
- पुलिस जाब्ता को कमलेश के घर का विद्युत कनेक्शन काटने की क्या आवश्यकता हुई? इस सम्बन्ध में जांच की जाएं।
- कमलेश की कार के सामने से पुलिस ने कोई गोली नहीं चलाई जो सी.सी.टी.वी. कैमरे के वीडियो से स्पष्ट हैं, पुलिस व सादी वर्दी वाले कमलेश की खड़ी वाहन को लाठीयों से वार करते शीशे तोड़ रहे है, फिर पुलिस ने कमलेश की खड़ी वाहन के पिछले टायर पर फायर कर फोड़ दिया था, उसके बाद कमलेश पर पुलिस ने गोलिया क्यों चलाई, उसे जिन्दा क्यों नहीं गिरफ्तार किया? यह जांच की जाएं।

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बाड़मेर. जिले की हजारों बेटियों का पढ़ लिखकर आगे बढऩे का सपना उच्च शिक्षण स्कू  ल नहीं होने से टूट रहा है।

यह स्थिति एक-दो नही जिले की दो सौ ग्राम पंचायतों की है, जहां बारहवीं तक स्कू  ल नहीं होने से बालिकाए आठवीं या दसवीं पढऩे के बाद पढ़ाई छोडऩे या प्राइवेट पढऩे को मजबूर है। सरकार का घोषणा कर रखी है कि हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उच्च माध्यमिक विद्यालय होगा लेकिन दो साल पहले बनी दो सौ ग्राम पंचायतों को शिक्षा विभाग ने अभी तक पीईईओ परिक्षेत्र नहीं बनाया जिस पर यहां उच्च माध्यमिक स्कू  ल नहीं है।

प्रदेश में पंचायतराज चुनाव से पूर्व २०१९-२० में नवीन ग्राम पंचायतों का गठन किया गया। इन ग्राम पंचायतों के गठन के बाद सरकार की घोषणा के अनुरूप यहां उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय होना था, लेकिन शिक्षा विभाग ने अभी तक न तो पंचायत समितियों का पुनर्गठन कर सीबीईओ कार्यालय शुरू किए और ना ही ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पीईईओ परिक्षेत्र बनाए जिस पर यहां अभी भी उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय ही संचालित हो रहे हैं।

यह स्थिति जिले में दो सौ ग्राम पंचायतों की है तो प्रदेश में १२६४ नव गठित ग्राम पंचायतों में से अधिकांश की है। इसका असर बालिका शिक्षा पर पड़ रहा है। जिले में एेसी ग्राम पंचायतें जहां उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है, वहां की बालिकाएं चिंतित है कि कहीं उन्हें पढ़ाई बीच में ही नहीं छोडऩी पड़े, क्योंकि अभिभावक घर से दूर पढऩे भेजने में आनाकानी करेंगे और गांव में उच्च शिक्षा की सुविधा नहीं है। साइकिलें है तो सडक़ नहीं, दूरी ज्यादा वाहन नहीं- जिले में कई धन्ने का तला, आकल, बांकणा तला सहित कई ग्राम पंचायतों में छितराई ढाणियों में बालिकाएं पढ़ रही है। इन घर से अन्य ग्राम पंचायत तक पहुंचने के लिए सडक़ नहीं है, एेसे में साइकिल का उपयोग नहीं हो पा रहा। दूसरी ओर वाहनों की आवाजाही कम होने और स्कू  ल समय के अनुरूप नहीं होने पर बालिकाएं या तो पैदल स्कू  ल जाए या फिर पढ़ाई छोडऩे को मजबूर हो।

अभिभावक सुरक्षा को लेकर चिंतित, बालिकाएं शिक्षा को- नया सत्र शुरू होने से पहले उच्च माध्यमिक स्तर तक स्कू  ल नहीं खुलने पर अभिभावक अन्य ग्राम पंचायत पर बालिकाओं को पढऩे भेजने के लिए उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है तो बालिकाएं इस चिंता में है कि कहीं उनकी पढ़ाई ना छूट जाए।

रामावि बांकाणा तला से 10वीं उत्तीर्ण की है, हमारी ग्राम पंचायत हुडों का तला में उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है। आगे की पढ़ाई के लिए 7 किमी दूर जाना संभव नहीं होगा, ऐसे में पढ़ाई छूट जाएगी।- छात्रा कानू चौधरी, रामावि बांकाणा तला

नवीन ग्राम पंचायत बाधा में उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है। इस विद्यालय से 10वीं उत्तीर्ण करने के बाद आगे की पढ़ाई हेतु गंगासरा जाना पड़ता है, जो हमसे 8 किमी दूर पड़ता है। - देवी, छात्रा रामावि बाधाग्राम

पंचायत आकल में उच्च माध्यमिक स्तर तक का विद्यालय नहीं है। 10वीं उत्तीर्ण के बाद पढ़ाई छोडऩे को मजबूर होना पड़ेगा। यदि विद्यालय क्रमोन्नत हो जाए तो आगे की पढ़ाई हो पाएगी। - सुआ प्रजापत, छात्रा, रामावि बालू खान की ढाणी, ग्राम पंचायत आकल

10वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए 10 किमी दूर चिचड़ासर जाना पड़ता है, ऐसे में दूरी के कारण कई विद्यार्थियों की पढ़ाई छूट जाती है। - नफीसा बानो, छात्रा, रामावि कंडानियों का तला

ग्राम पंचायत आकल में उच्च प्राथमिक विद्यालय है, आगे की पढ़ाई के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है। सरकार विद्यालय शीघ्र क्रमोन्नत करे।- भंवरी, छात्रा, राउप्रावि आकल सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कह रही है तो दूसरी ओर बालिका विद्यालय तो दूर सामान्य स्कू  ल भी बाहरवीं तक नहीं है। बालिकाएं पढ़ाई छोडऩे को मजबूर है।- भगवती, राउप्रावि आकल

इसी सत्र में हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उच्च माध्यमिक विद्यालय खुलने चाहिए। इसके अभाव में बालिकाओं को पढ़ाई छोडऩी होगी,क्योंकि अभिभावक गांव से बाहर भेजने की इजाजत नहीं देंगे।- देवी, रामावि रामदेव नगर

बाड़मेर. भाजपा अजा मोर्चा व अजजा मोर्चा ने सोमवार को राजस्थान में दलितों पर बढ़ रहे अपराधों की रोकथाम को लेकर जिला कलक्टर के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार के पिछले ढाई वर्ष के शासनकाल में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढा है।

हाल ही में झालावाड़ में कृष्णा वाल्मीकि की पीट-पीटकर हत्या, गंगानगर में किशनलाल मोची पर जानलेवा हमला, पाली में एक दलित युवक की सिर कुचलने की घटना, मांडलगढ़ में दलित युवक को पेड़ से बांधकर मारपीट, अलवर में दलित बच्ची के साथ बलात्कार की घटना सहित प्रदेश के सभी इलाकों में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के शासन में दलितों के विरुद्ध हो रही घटनाओं के 17521 मामले दर्ज हुए हैं। अनुसूचित जाति मोर्चा जिलाध्यक्ष वीरमा राम मेघवाल ने कहा कि प्रदेश प्रदेश में घटित हो रही यह घटनाएं अनुसूचित जाति व जनजाति के मन में भय पैदा कर रही है।

अनुसूचित जनजाति जिलाध्यक्ष राजूदास भील ने कहा कि उक्त घटनाओं पर तुरंत लगाम लगा पूर्व में हुई घटनाओं के दोषियों को शीघ्र दंड दिलवाए अन्यथा मजबूर होकर सडक़ पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करना पड़ेगा।

प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिलीप पालीवाल, प्रधान रूपाराम सारण, अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा, जिला महामंत्री बालाराम मंूढ, अनीता चौहान, रणवीर सिंह भादू, सुरेश मोदी, प्रो.मेघा राम गढवी, गोपालदास आदि प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे।

बाड़मेर. राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के सहजन अभियान के जिला संयोजक भेराराम भाखर ने रविवार को जिले के सीमावर्ती ब्लॉक सेड़वा, धनाऊ, चौहटन क्षेत्र में विद्यालयों और घर-घर में पौधरोपण किया।

छायादार, फूलदार और औषधीय पौधे लगा शिक्षक समुदाय और आमजन को सघन पौधरोपण करने को प्रेरित किया। डूंगर कॉलेज बीकानेर के प्रो. श्याम सुंदर ज्यांणी की ओर से सहजन के बीज वितरित कर उसकी उपयोगिता की जानकारी दी।

ब्लॉक संयोजक मुकेशसिंह, चेतनराम, रेखादेवी, देवाराम चौधरी, चेनाराम भाकर, बालसिंह सियाग, हुकमाराम पालिवाल, खरथाराम सियाग, विशनाराम आदि ने पौधरोपण में सहयोग दिया।

ग्राम पंचायत कारटिया में राप्रावि नगाणी मेघवालों की बस्ती में शिक्षक मुकेशसिंह ने पार्क बनाकर दूब, विभिन्न प्रजाति के फूलदार और फलदार पौधे लगाए हैं जिनकी भी सराहना की गई।

एक घर एक पौधा अभियान के तहत सोमवार को वार्ड संख्या ०३ जोशियों का निचला वास में पौधारोपण किया गया । जहां पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया ।

एक घर एक पौधा अभियान के संयोजक मुकेश बोहरा अमन ने कहा कि एक घर एक पौधा अभियान का यह परिणाम है कि प्रतिदिन आमजन स्वयं आगे आकर अपने-अपने घरों के बाहर पौधे लगाने को लेकर रूचि ले रहे है ।

बाड़मेर.चौहटन क्षेत्र की ग्राम पंचायत कोनरा के राजस्व ग्राम सुरपुरा में पिछले 10 साल से एक ट्यूबवैल बंद है। जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग की ओर से बनाए ट्यूबवैल के बंद होने के बाद बीसियों बार ग्रामीण विभाग के आला अधिकारियों को बता चुके हैं तो विधायक से भी गुहार कर चुके हैं, बावजूद इसके ट्यूबवैल का दुरुस्त नहीं किया गया है।

वहीं, दूसरा ट्यूबवैल ग्राम पंचायत मुख्यालय कोनरा पर है जो पिछले 1 साल से बंद है। ग्रामीणों ने बताया कि जिला कलक्टर व विभागीय अधिकारियों को जनसुनवाई के दौरान अवगत करवाया तो आश्वासन मिला कि जल्द ही ट्यूबवैल सही होगा, लेकिन अभी तक जस की तस स्थिति है।

ग्रामीणों ने बताया कि 40 डिग्री तापमान में पानी की कमी के चलते ग्रामीण परेशान है तो पशुधन इधर-उधर भटक रहा है। ग्रामीणों के अनुसार 600 रुपए देकर पानी की टंकी डलवानी पड़ती है।

ग्रामीणों ने बताया कि सुरपुरा में 2500 की जनसंख्या निवास करती जिनको दस साल पेयजल संकट सहना पड़ रहा है।

ग्रामीण रहमान खान समेजा ने बताया कि जल्द से जल्द इस समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो ग्रामीण धरना देंगे।

बाड़मेर.भारतीय ट्राईबल टाइगर सेना ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप नेमावर जिला देवास मध्यप्रदेश में आदिवासी दलित परिवार के पांच सदस्यों की कथित निर्मम हत्या करने वाले मुख्य आरोपी तथा उनके सहयोगियों कड़ी सजा दिलवाने व एसआइटी गठित कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाने, पीडि़त परिवार को एक करोड़ की सहायता, सरकारी नौकरी, परिवार को सुरक्षा देने की मांग की।

बाड़मेर बीटीटीएस के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नगसा भील बाहला के नेतृत्व में जिला उपाध्यक्ष रमेश भील नोसर, जालाराम भील हाथीतला, प्रकाश भील, नारायण भील उण्डखा, छोगाराम खारा, रामलाल ढोक, प्रकाश राज घोनिया, गेमर रजवाड़ी,टीकम बलाऊ, जितेंद्र नागाणा आदि मौजूद थे।

बाड़मेर. राष्ट्रीय बजरंग दल बाड़मेर के कार्यकर्ताओं ने झालरापाटन के युवक कृष्णा वाल्मीकि पर जाति विशेष के लोगों के हमले के बाद मौत के मामले में उचित कार्रवाई को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।

प्रांत उपाध्यक्ष सुखदेव बजरंगी, जिलाध्यक्ष अमित कल्ला, किशोर भार्गव, एबीवीवी प्रदेश सहमंत्री भोमसिंह सुंदरा के नेतृत्व में हिन्दू समाज के विभिन्न संगठनों ने कृष्णा वाल्मीकि मामले में न्याय दिलाने की मांग की।

बाड़मेर. जिले में मानसून की सक्रियता के लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार इन्द्रदेव मेहरबान हुए। सोमवार शाम व मंगलवार अलसुबह बारिश होने के साथ ही किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। खेतों में हल चलने लगे है। आगामी कुछ दिनों में गांव-गांव बुवाई होने से करीब १९ लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई होने की उम्मीद है। किसानों की पहली पसंद बाजरा है जो लगभग नौ लाख हैक्टेयर में बोया जाएगा। वहीं, चार लाख हैक्टेयर में ग्वार, साढे तीन लाख हैक्टेयर में मोठ की बुवाई होने की उम्मीद है। जिले में अधिकांश लोगों की आय का स्रोत कृषि है, विशेषकर बारिश आधारित खेती होती है। एेसे में किसान बारिश का इंतजार करते हैं। इस वर्ष भी मई-जून से बारिश का इंतजार हो रहा था, लेकिन मानसून सक्रिय नहीं हुआ। सात दिन पहले मानसून पहुंचा लेकिन बारिश नहीं हुई।

किसान बारिश का इंतजार रह थे,सोमवार को आखिरकार जिले में मेह मेहरबान हुआ तो अच्छी बारिश हुई। मंगलवार अल सुबह भी बारिश का तेज दौर चला। लगातार दो बारिश होने के बाद किसानों के चेहरे खिल गए और बुवाई का दौर हाथोंहाथ शुरू हो गया।

19 लाख हैक्टेयर बुवाई का लक्ष्य- जिले में इस बार करीब उन्नीस लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें सर्वाधिक 9 लाख हैक्टेयर बाजरा की बुवाई होगी तो चार लाख हैक्टेयर में ग्वार। साढ़े तीन लाख हैक्टेयर में मोठ बोया जाएगा तो एक लाख हैक्टेयर में मूंग की बुवाई होनी है। इसके अलावा तिल,अरण्डी, ज्वार, मूंगफली आदि की भी बुवाई होगी।

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