जोधपुर।
अनलॉक 1 से 5 के तहत सरकार की छूट के बाद देश से निर्यात भी शुरू हुआ है। ऐसे में निर्यातकों को निर्यात के लिए कंटेनर नहीं मिल रहे है, यह व्यवधान निर्यातकों के लिए एक गंभीर झटका साबित हो सकता है। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसलि फोर हैण्डीक्राफ्ट्स (इपीसीएच) की ओर से निर्यात के लिए कंटेनरों की कमी से हो रही समस्या का मुद्दा उठाया । इपीसीएच अध्यक्ष रवि के पासी ने निर्यात के लिए संबंधित मंत्रालयों से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस मामले को तत्काल देखने की मांग की, ताकि देश से निर्बाध रूप से निर्यात जारी रह सके। उन्होंने रेपो चार्जेस के अलावा शिपिंग चार्ज में 20 से 40 फीसदी की वृद्धि से हो रही समस्या भी बताई।
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जोधपुर में 2 हजार कंटेनर्स की कमी
प्रदेश में जहां प्रतिमाह 5 वहीं जोधपुर में प्रतिमाह 2 हजार कंटेनर्स की कमी बताई जा रही है। निर्यातकों का तैयार माल फैक्ट्रियों में पड़ा है, माल समय पर निर्यात नहीं हो पाता और निर्यातकों को ऑर्डर कैन्सिल होने व पेनल्टी का खतरा सता रहा है।
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वर्तमान में शिपिंग लाइनें मनमाने ढंग से मूल्य निर्धारण और शर्तें थोप रही है। सरकार से माल के शिपमेंट से संबंधित मूल्य निर्धारण, नियम-शर्तों और अन्य प्रावधानों को नियंत्रित और निगरानी करने के लिए नियामक प्राधिकरण की स्थापना पर विचार करने का आग्रह किया।
राकेशकुमार, महानिदेशक
इपीसीएच
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October 08, 2020 at 06:00AM