>>: Digest for July 01, 2021

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भरतपुर. मुफलिसी के बीच महामारी की मार से लाखन की जिंदगी बच तो गई है, लेकिन अब अगले दो माह तक ऑक्सीजन की दरकार ने परिवार के सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है। जयपुर के एसएमएस में भर्ती लाखन को चिकित्सक सुरक्षा के लिहाज से छुट्टी दे रहे हैं। साथ ही उन्हें करीब दो माह तक ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर पर रखने की नसीहत भी दे रहे हैं, लेकिन आर्थिक रूप से तंग परिवार के पास कन्सन्ट्रेटर की व्यवस्था नहीं हैं। ऐसे में यह परिवार छुट्टी कराने को लेकर उलझन में है।
मजूदरी करने वाले गांव चिचाना निवासी लाखन सिंह (58) को अप्रेल माह में कोराना हुआ। इसके बाद उन्हें शहर के आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। करीब एक माह तक भर्ती रखने के बाद उन्हें जयपुर रैफर कर दिया गया। अब वह 18 मई से एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं। अब उनकी कोरोना सहित अन्य रिपोर्ट नेगेटिव आ गई हैं, लेकिन उन्हें फिलहाल आईसीयू में रखा हुआ है, जो ऑक्सीजन पर निर्भर हैं। लाखन सिंह के पुत्र पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि फिलहाल उनके पिता को ऑक्सीजन मास्क लगा रखा है। एमएमएस के चिकित्सकों ने ट्रीटमेंट बंद कर उन्हें घर ले जाने कहा है। चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादा दिन आईसीयू में रखने से उन्हें वापस संक्रमण फैल सकता है। चिकित्सक उन्हें करीब दो माह तक ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर के सहारे रखने की बात कह रहे हैं। पुष्पेन्द्र का कहना है कि परिवार की माली हालत ठीक नहीं है। ऐसे में कन्सन्ट्रेटर खरीदना उनके लिए मुश्किल है।

भामाशाह कार्ड से हुआ इलाज

लाखन सिंह का एसएमएस अस्पताल में भामाशाह कार्ड से इलाज हुआ है। सभी दवा, जांच एवं बेड आदि का खर्च भी भामाशाह योजना के तहत सरकार ने उठाया है। अब छुट्टी होने के बाद उन्हें कन्सन्ट्रेटर के सहारे रखना परिवार के लिए मुसीबत बन गया है। परिवार का कहना है कि यदि उन्हें भामाशाह के सहयोग से कन्सन्ट्रेटर मिल जाए तो उनकी जान बच सकती है।

अब मदद की दरकार

लाखन सिंह के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं बताई जा रही है। वह खुद मजदूरी करते हैं। परिवार का कहना है कि वह खुद कन्सन्ट्रेटर खरीदने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में वह संस्थाओं से मदद की उम्मीद संजोए हैं। परिवार का कहना है कि यदि किसी संस्था की मदद मिल जाए तो लाखन की सांसें सलामत रह सकती हैं।

भरतपुर . शहर के हीरादास बस स्टैण्ड के सामने खादी ग्रामोद्योग समिति की ओर से निर्मित 30 दुकानों की बुनियाद नगर निगम की मेहरबानी से मजबूत हो गई है। ऐसे में तमाम शिकायतें भी बेअसर साबित हुई हैं। खास बात यह है कि प्रथम दृष्टया इस निर्माण को अवैध माना गया है। फिर भी इन्हें हटाने के बजाय लंबे समय से पत्र व्यवहार का ही खेल चल रहा है। टालमटोल की प्रवृति ने इस निर्माण को ठोस आधार सा दे दिया है। अब भी सिर्फ कागज दौड़ रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ होता नजर नहीं आ रहा। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 11 जनवरी 2021 17 साल से सिसक रही शिकायत, निगम से फाइल ही गायब शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। तब से ही यह मामला सुर्खियां बटोर रहा है।
खास बात यह है कि इससे पहले 61 दुकानों को जिला प्रशासन अवैध निर्माण मानकर तोड़ चुका है, लेकिन अब 30 दुकानों के मामले में ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही। जिला सतर्कता समिति में इस प्रकरण की शिकायत वर्ष 2003 में दर्ज हुई। समिति ने मामले की जांच के आदेश नगरपरिषद को दिए। जांच में खादी ग्रामोद्योग समिति के संचालकों को नगरपरिषद की बिना अनुमति के 30 दुकानों का अवैध निर्माण करने का दोषी मानते हुए रिपोर्ट समिति को सौंप दी। समिति ने खादी समिति संचालकों को निर्माण नहीं करने को पाबंद कर प्रकरण को समाप्त कर दिया। इस मामले की दूसरी शिकायत वर्ष 2004 में भी हुई। समिति ने एक बार फिर से नगरपरिषद को आदेश दिए, लेकिन नगरपरिषद ने निर्माण स्थल नगर सुधार न्यास के अधिकार क्षेत्र में होना बताकर मामले से पल्ला झाड़ लिया। मामला सुर्खियों में आने पर न्यास ने इसे नगर परिषद का क्षेत्र बताया। जब इस मामले में स्थिति स्पष्ट हुई तो नगरपरिषद ने निर्माण स्थल पर अदालत से स्थगन आदेश होना बता दिया। इधर निर्माण कार्य चलता रहा। इस मामलेे में समिति ने स्थगन आदेश संबंधी दस्तावेज मांगे तो वह उपलब्ध नहीं कराए गए।

निगम ने यह लिखा है पत्र

नगर निगम ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में बताया है कि शहर के कृष्णा नगर निवासी देवेन्द्र पोद्दार की ओर से की गई शिकायत में खादी ग्रामोदय समिति के मंत्री द्वारा औद्योगिक प्रयोगजनार्थ भूमि पर बिना सक्षम अनुमति लिए केन्द्रीय बस स्टैण्ड के सामने 100 से अधिक व्यावसायिक दुकानों के अवैध निर्माण की जांच कराने एवं कार्रवाई करने की मांग रखी है। निगम ने कहा कि यह प्रकारण करीब 18-20 साल पुराना है। शिकायतकर्ता पोद्दार को उसी समय आपत्ति दर्ज करानी चाहिए थी, लेकिन पोद्दार ने ऐसा नहीं किया। इस प्रकरण की मूल पत्रावली कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने पर नगर निगम के विधि सलाहकार की ओर से दी गई राय के अनुसार अध्यक्ष/मंत्री भरतपुर जिला ग्रामोदय समिति भरतपुर को विस्तृत जवाब मय दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने के लिए नोटिस 2 नवम्बर 2020 को जारी किया था, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई जवाब इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है।

शिकायकर्ता ने उठाए सवाल
शिकायकर्ता ने कहा कि यह प्रकरण करीब 18-20 साल पुराना है। समिति के मंत्री द्वारा 20 जून 2017 को 66 दुकानों के मार्केट का नया निर्माण करने की प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। इसके अनुसार 25 दुकानें निर्मित की जा चुकी हैं। शेष का निर्माण 2018 में किया जाएगा। स्पष्ट है कि 66 दुकानें वर्ष 2017-18 में निर्मित की गईं। यह अवैध निर्माण प्रकरण 18-20 साल पुराना होने का कथन असत्य है।
- निगम क्षेत्र में किसी भी अवैध निर्माण को रोकने, बिना स्वीकृति निर्माण नहीं करने के लिए पाबंद करने तथा जबरन अवैध निर्माणकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार एवं दायित्व निगम का है। फिर शिकायतकर्ता को आपत्ति दर्ज कराने का कथन अनुचित है।
- शिकायकर्ता की ओर से अवैध निर्माण के प्रारंभ से वर्ष 2003 से वर्ष 2020 तक विभाग सहित जिला प्रशासन, संभागीय आयुक्त, लोकायुक्त सचिवालय, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, को निरंतर शिकायतें की गई हैं। इन सभी पर परिवाद दर्ज हुए हैं। प्रार्थी के पास इस प्रकरण के करीब 20 पत्र मौजूद हैं।
- शिकायतकर्ता ने कहा है कि निगम के संबंधित शाखा प्रभारी, अधिनस्थों ने उच्चाधिकारियों को असत्य तथ्यों से गुमराह किया और प्रकरण की सत्यता जांचें बिना असत्य रिपोर्ट पर उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया।

इनका कहना है
खादी समिति का मामला मेरी जानकारी में नहीं है।
- डॉ. राजेश गोयल, आयुक्त नगर निगम भरतपुर

भरतपुर. राजस्थान का वाहन चोर गिरोह जिले से बाइक चुराने के बाद उन्हें उत्तरप्रदेश के गिरोह को सप्लाई कर रहा है। राजस्थान का गिरोह मात्र चार से पांच हजार रुपए में बाइक बेच रहा है। जहां वो ही बाइक सात से आठ हजार रुपए में बेची जा रही है। खुद उत्तरप्रदेश के गोवर्धन थाना पुलिस ने इसका खुलासा किया है। साथ ही कामां से चुराई एक बाइक बरामद कर कुम्हेर व दौसा के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को गोवर्धन पुलिस को सूचना मिली कि बंबा जमुनावता राधाकुंड बाइपास की ओर चोरी की बाइक को लेकर चोर आ रहे हैं। इस पर कार्यवाही करते हुए दोनों अलग-अलग बाइक पर आ रहे युवकों को रोकने का प्रयास किया तो भागने की फिराक में थे। इनमें से एक की बाइक फिसल गई और दूसरे को भी पकड़ लिया। पकड़े गए युवकों ने अपने नाम श्याम सुंदर उर्फ खुर्रा पुत्र समय सिंह निवासी साबौरा थाना कुम्हेर जिला भरतपुर व योगेश पुत्र रामफल सैनी निवासी रसीलपुर थाना महवा जिला दौसा राजस्थान बताया है। इनके पास से चोरी की सफेद रंग की अपाचे जो कि भरतपुर नंबर की प्लेट लगी है जबकि दूसरी एचएफ डीलक्स बाइक मथुरा नंबर की प्लेट व एक इनवर्टर बरामद किया है। पूछताछ में बताया कि सफेद रंग की अपाचे कामां क्षेत्र से चुराई थी जबकि दूसरी बाइक सुरीर क्षेत्र से चुराई थी। चोरी कर सस्ते दामों में बेचने की फिराक में थे। आरोपी श्याम सुंदर पर मथुरा के अलग-अलग थानों में आधा दर्जन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

आसानी से बिकने वाली बाइक होती है टारगेट

जिले में सक्रिय वाहन चोर गैंग ऐसे वाहनों को अपना टारगेट बनाते हैं जिन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से बेचा जा सके। शहर से प्रतिदिन चोरी होने वाले दोपहिया वाहनों में सर्वाधिक बाइक एक कंपनी की होती है और इसके अलावा बुलेट व अन्य स्पोट्र्स बाइक भी चोरों के निशाने पर रहती है। वारदात को अंजाम देने के बाद वाहन चोर तुरंत ही दूसरे जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाकर कम कीमत पर बेच देते हैं।

मेवात: एक बाइक चुराने पर मिलते हैं दो से ढाई हजार रुपए

मेवात में बाइक चुराने वाली गैंग का अभी अलग ही अंदाज है। यहां एक बाइक चोरी कर लाने पर चोर को गैंग की ओर से दो से ढाई हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके बाद या तो बाइक के पाट्र्स निकालकर बेच दिए जाते हैं या फिर बाइक अच्छी स्थिति में है तो उसके अनुसार रेट तय कर बाइक यूपी व हरियाणा इलाके में बेच दी जाती हैं।

केस नंबर एक:

-24 मई 2021 को कोतवाली थाना पुलिस ने एक बाइक चोर को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने पूछताछ में बताया था कि चुराई हुई बाइकों को वह 5-5 हजार रुपए में बेच देता था। आरोपी ने उद्योग नगर थाना क्षेत्र के गुनसारा गांव निवासी को चोरी की बाइक बेचने की बात कबूल की थी।

केस नंबर दो:

-26 जून को अलवर के अरावली विहार थाना पुलिस ने तीन चोरों को गिरफ्तार कर 26 बाइक, एक मास्टर चाबी व एक नम्बर प्लेट बरामद की थी। आरोपियों ने पूछताछ में चोरी की बाइकें खरीद कर जिला भरतपुर के झांतली निवासी सप्पी और सीकरी निवासी पप्पी उर्फ तैयब को बेचना कबूल किया था। यहां यूपी में भी गैंग को बाइक बेचने की बात सामने आई थी।

केस नंबर तीन:

चार फरवरी 2021 को उत्तरप्रदेश के इटावा पुलिस ने तीन अंतरर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह के सदस्यों को तीन बाइक सहित पकड़ा था। पूछताछ के दौरान बदमाशों ने बताया कि बाइक भरतपुर राजस्थान से रोड किनारे से चुराई थी, जिसे वह चार-चार हजार रुपए में बेचने जा रहे थे। इनका नेटवर्क यूपी की गैंग से जुड़ा था।

भरतपुर. पहाड़ी थाने के गांव कनवाडी में अवैध हथियार से एक युवक घायल हो गया। उसे पहाड़ी सीएचसी पर प्राथमिक उपचार के बाद रैफर कर दिया। हालांकि, मामले में अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि हथियार वैध या अवैध इसकी जानकारी की जा रही है। ग्र्रामीणों के अनुसार गांव में एक दुकान पर दो युवक ओएलक्स एप पर कुछ कर रहे थे। पैसे को लेकर आपस में कहासुनी हो गई। बताया जा रहा है कि दूसरे युवक पर देशी कट्टा था। जिसके चलने से सरफराज नाम का युवक घायल हो गया।

पेट्रोल पंप से चोरी मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार

भरतपुर. सेवर थाना पुलिस ने पेट्रोल पंप से चोरी करने के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। थाना प्रभारी अरुण सिंह ने बताया कि लोकेन्द्र सिंह उर्फ लोकू पुत्र राजेन्द्र जाट निवासी सहयोगनगर ने गत 24 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बहनेरा मोड के पास पिछले कई माह से बंद पड़े पेट्रोल पंप से ऑटो वेशन सिस्टम की 8 बैटरी, फ्रीज, एसी, गैस सिलेण्डर, एलईडी चोरी करने ले जाने की बात कही। पुलिस ने मामले में जांच करते हुए अर्जुन सिंह उर्फ अजय पुत्र प्रेम सिंह निवासी चौदह महादेव गली मोरीचार बाग, विजय कुमार उर्फ भोला पुत्र चिम्मनलाल निवासी कमलारोड व सन्नी उर्फ प्रेमजीत पुत्र दर्शन सिंह निवासी चौदह महादेव गली को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस ने एक बाल अपचारी को पहले ही निरुद्ध कर चुकी है।

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