>>: Digest for July 01, 2021

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Table of Contents


भीलवाड़ा। सूदखोरों की जड़े सरकारी महकमों में भी गहराई हुई है। कलक्ट्रेट स्थित भीलवाड़ा तहसील कार्यालय का सहायक कर्मचारी रफीक मोहम्मद भी सूदखोरों के चुंगल में फंसा हुआ है, उसका कसूर महज इतना है कि उसने रूपए तो उधार नहीं लिए लेकिन एक साथी को ब्याज पर राशि दिलवाने के लिए उसका गारंटर जरूर सूदखोरों के सामने बन गया, इसी गारंटी के जाल में उलझ कर वह अभी तक बारह लाख रुपए दे चुका है, इसके बावजूद उसे मुक्ति नहीं मिल सकी। हालात यह है कि सूदखोर अब कार्यालय में पहुंच कर उसे धमका दे रहे है, उनसे बचने के लिए रफीक कई बार तहसील कार्यालय में नौकरी करने भी नहीं गया। Rafiq did not go to office for many days due to fear of usurers at bhilwara

शहर एवं जिले में सूदखोरों का जाल ब्याज पर रुपए देने के नाम पर अब लोगों की जिन्दगियों से खेलने लगा है। पांच वर्ष के भीतर जिले में कई लोग मूल चुकाने के बाद उसके ब्याज के कर्ज में इस कदर डूबे की उनका सबकुछ बर्बाद हो गया। सूदखोरों के इस जाल में जिले के कई सरकारी कर्मचारी भी जकड़े हुए है। इनमें शामिल मारूति नगर निवासी रफीक मोहम्मद इन दिनों डर की जिन्दगी जी रहा है। सूदखोर घर से लेकर कार्यालय में पहुंच कर रुपए का तकाजा करने के लिए डरा धमका रहे है।

सरकारी लोन लेकर चुकाई रकम
रफीक बताता है कि उसके ही साथ सरकारी विभाग में काम कर चुके सहकर्मी को उसने ब्याज पर चौदह लाख रुपए सूदखोरों से दिलवाए। साथी का गारंटर भी वही बना,लेकिन साथी के समय रहते एक भी रुपया नहीं चुकाने पर सूदखोरों ने उस पर ही शिकंजा कस दिया। सूदखोरों को रुपए चुकाने के लिए उसने सरकारी लोन लिया, यह राशि सूदखोरों को दे दी, ब्याज का भुगतान भी वह करते आ रहा है, इसके बावजूद सूदखोर प्रताडि़त कर रहे है। दिन में कई बार फोन कर बकाया राशि व ब्याज देने के लिए धमका रहे है।

सम्मन तामिल करने से रोका
रफीक की पीड़ा है कि वह तहसील कोर्ट के सम्मन तामिल करवाता है, कई बार उसके सम्मन के कागजात भी छीनने की कोशिश की गई। सूदखोरों के भय से वह कई बार तहसील पर काम करने ही नहीं गया और दूर गांव में छिपा रहा। मोबाइल की घंटी बजते ही अनचाहे भय से कांप उठता है। उसका कहना है कि जिस साथी की मदद के लिए वह गारंटर बना वो भी अब उसकी मदद नहीं कर रहा है।

दे चुका थाने में रिपोर्ट व ज्ञापन
रफीक ने बताया कि पुलिस अधीक्षक व संबधित पुलिस थानों को भी वह रिपोर्ट दे चुका है। हाल ही 7 जून 2021 को जिला कलक्टर के नाम भी ज्ञापन दे कर सांगानेर रोड क्षेत्र के सूदखोरों से मुक्ति दिलाने व उसकी सुरक्षा करने की मांग की है। राजनीतिक दलों से भी उसने मदद की गुहार की है।

भीलवाड़ा । मानूसन ने दस्तक दे दी है, जिला प्रशासन ने भी व्यवस्थाओं की पाल बांध ली है। कलक्ट्रेट से लेकर बांधों तक संबधित विभाग अलर्ट है। आपदा प्रबंध एवं नागरिक सुरक्षा विभाग अपनी व्यवस्थाओं की जांच परख कर चुका है। अतिवृष्टि की स्थिति में जिला प्रशासन ने इस बार राहत व बचाव सामग्री बचाने के लिए अपने बेडे में उच्च क्षमता के ड्रोन को भी शामिल किया है।

जलसंसाधान विभाग की नावें भी तैयार है, कलकट्रेट व नगर परिषद ने कंट्रोल रूम खोल दिया है। संबधित विभागों ने रेस्कयू के लिए टीम गठित कर दी है। शहर से लेकर दूर दराज के डूब क्षेत्र पर निगाहें है। इस बार बारिश में कही भी जल पलावन की स्थिति नहीं बनें और बांध सुरक्षित रहे, इसके लिए जिला टास्क टीम भी मुस्तैद है। जीवन रक्षक उपकरणों के साथ ही दक्ष गोतोखारों की तैनाती भी की गई है।


आपदा प्रबंधन: शहर से लेकर गांव तक रहेगी चौकस निगाहें

आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग मानूसन की दस्तक के साथ ही सक्रिय हो गया है। अध्यक्ष जिला कलक्टर शिव प्रसाद नकाते स्वयं व्यवस्था संभाले है। एडीएम प्रशासन राकेश कुमार आपदा प्रबंधन की जरूरत के समय टीम कितने मुस्तैदी से काम कर सकती है, इसका पूर्वाभ्यास करवा चुके है। टीम प्रभारी गोपाल बांगड ने बताया कि छह लाख की लागत का ड्रोन टीम में शामिल है, यह बचाव व रसद सामग्री भी प्रभावित क्षेत्र में ले जाने में सक्षम है। विशेष क्षमता की दो नावें भी बेड़े में शामिल है। एक नाव में एक साथ बारह जने सवार हो सकते है। वाहन, गैस कटर, रस्सी, केमिकल दास्ताने, सुईट व मास्क, जीवनरक्षक उपकरण, लाइफ जैकेट, मेगा फोन, टेंट, स्ट्रेच्चर, सीढ़ी, इमरजेंसी व ड्रेगन लाइट, फेस्क मास्क समेत कुल 48 प्रकार की जरूर सामान उपलब्ध है। कलकट्रेट पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है। इसका नम्बर 01482 232671 है।

जल संसाधन विभाग: नाव से लेकर रेत के कट्टों को रखवाया

जल संसाधन विभाग ने जिले में प्रमुख बांधों पर आपाद प्रबंधन के तहत तैयारी पूरी कर ली है। विभाग के पास चार पम्प है। इनमें दो छह एचपी का तथा दो बारह एचपी के है। इसके अलावा 11 वायरलैस सेट है। जो कि अरवड़, मेजा बांध, खारी, नाहर सागर, सरेरी, कोठारी, जेतपुरा, गोवटा व डामटी कोकरा बांध के साथ एक सेट जिला मुख्यालय स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष पर स्थापित किया गया है। इसके अलावा विभाग ने मत्स्य विभाग की 25 नावों को तैयार करके रखा है। दो-दो नावों को प्रमुख बांधों पर पहुंचाई गई है। इसके लिए अलावा रेत के पांच हजार खाली कट्टों का बंदोबस्त किया गया है। प्रमुख बांधों पर खाली कट्टों के साथ रेत के भरे हुए कट्टे रखवाए गए है।

नगर परिषद: जल भराव से निपटने के लिए पम्प सेट तैयार

नगर परिषद ने भी मानसून आगाज के साथ आपत स्थिति से निपटने की व्यवस्था कर ली है। परिषद ने अतिवृष्टि के दौरान जलभराव होने पर चार पम्पों को तैयार रखा है। ताकि जल भराव होने पर पानी निकाला जा सकें। विभाग ने लाइफ जैकेट व नावों की भी सार संभाल की है। नगर परिषद के दमकल दस्ते ने भी कमर कस ली है।

जेतपुरा से खा चुके धोखा, इसलिए संभलना जरूरी
जेतपुरा बांध पर कुछ साल पूर्व हुई अतिवृष्टि के बाद जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के हाथ.पैर फूल गए थे। बांधों के गेट नहीं खुलने और बांध का पानी पाळ की दीवार को लांघकर बाहर आने से फूटने के अंदेशे से आसपास के गांवों को खाली कराना पड़ा था। इससे विभाग की आपदा प्रबंधन की तैयारियों की पोल खुल गई थी। गनीमत रही कि बीसलपुर बांध से आई आपदा टीम ने गेट खोलकर बांध के पानी की निकासी की थी।

भीलवाड़ा.
जिले से कोरोना संक्रमण जाने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में दस दिन बाद एक महिला की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। वही काशीपुरी क्षेत्र में एक कोरोना संक्रमि मिला है। मंगलवार को भी 894 लोगों की सैंपलिंग में एक नया संक्रमित सामने आया है।
आरआरटी प्रभारी डॉ. घनश्याम चावला ने बताया कि मंगलवार को 894 लोगों की सैंपलिंग की गई थी। इनमें से एक नया संक्रमित सामने आया है। कोरोना संक्रमित काशीपुरी डिस्पेंसरी क्षेत्र में मिला है। मंगलवार को एक भी रोगी ठीक नहीं हुआ है। जिले में अब तक कोरोना के 31,74५ पॉजिटिव आ चुके हैं। वहीं 30,70९ ठीक भी हुए है। महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार के दौरान आसीन्द निवासी ४० साल की एक महिला की मौत हो गई है। इससे पहले १९ जून को एक जने की मौत हुई थी। उसके दस दिन बाद यह महिला की मौत हुई है। अब तक 81४ लोगों की कोरोना उपचार के दौरान मौत हो चुकी है। अभी जिले में 1३ एक्टिव रोगी है।

भीलवाड़ा।
तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण 9 जुलाई को चित्तौडगढ़़ के निम्बाहेड़ा से राजस्थान में मंगलप्रवेश करेंगे। वे भीलवाड़ा में चातुर्मास करेंगे। राजस्थान सरकार ने आचार्य महाश्रमण को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है। आचार्य महाश्रमण का अगले एक-दो दिन में मंदसौर में मंगल प्रवेश होगा। आचार्य 50 हजार किलोमीटर की अहिंसा यात्रा लेकर नेपाल भूटान जैसे देश व भारत के कई राज्यों की पैदल यात्रा करते हुए अभी मध्यप्रदेश में है। राजकीय अतिथि दर्जा प्राप्त आचार्य महाश्रमण के राजस्थान की सीमा में आते ही प्रदेश की पुलिस उनकी अगवानी और सुरक्षा करेगी।
लगने लगे बैनर पोस्टर
आचार्य महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष प्रकाश सुतरिया ने कहा कि तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण का १८ जुलाई को भीलवाड़ा के तेरापंथ नगर के आदित्य विहार में मंगल प्रवेश होगा। उनके मंगल प्रवेश और चातुर्मास को देखते हुए शहर में अभी से ही उनकी अगवानी की तैयारी शुरू कर दी गई है। सभी समाज अपने-अपने स्तर पर बैनर पोस्टर के माध्यम से स्वागत करने में जुटे है। शहर में कई स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिग लगाए गए है।
आचार्य महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष प्रकाश सुतरिया ने कहा कि तेरापंथ धर्म संघ के 11वे अधिशास्ता जिनका जीवन मानव मात्र के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गया। जिनका विलक्षण व्यक्तित्व और ओजस्वी वाणी का प्रवाह निराशा मुक्ति का साधन बन गया। जिनका शांत आभामंडल दु:ख और तमस के अंधियारो में उजाला बन गया। ऐसे आचार्य महाश्रमण का १८ जुलाई को भीलवाड़ा के तेरापंथ नगर के आदित्य विहार में मंगल प्रवेश होगा।

भीलवाड़ा।
नगर माहेश्वरी सभा व नगर माहेश्वरी महिला संस्थान की ओर से विभिन्न तरह की रचनात्मक प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। इसे लेकर बच्चों में उत्साह देखने को मिला।
सभा मंत्री अतुल राठी ने बताया कि स्लोगन प्रतियोगिता में 18 वर्ष से छोटे बच्चों में सौम्य तोषनीवाल प्रथम, अक्षत बांगड़ द्वितीय, आर्यन पोरवाल तृतीय रहे। 18 वर्ष से ऊपर के पुरुष वर्ग में अंकित लाहोटी, बलराम तोतला, निहित माहेश्वरी श्रेष्ठ रहें। 18 वर्ष से ऊपर की महिला वर्ग में प्रगति तोतला, विनीता तोषनीवाल, मीनू झवर श्रेष्ठ रही। महिला संस्थान की भारती बाहेती ने बताया कि वाद विवाद प्रतियोगिता में पक्ष में विपक्ष दोनों तरफ से प्रतियोगियों ने भाग लिया। पक्ष में रेखा मुन्दडा, आशीष इनानी, कविता दरगड, विपक्ष में कोमल भंडारी, चंचल बाहेती, कुनिका बियानी श्रेष्ठ रही।
मीडिया प्रभारी महावीर समदानी ने बताया कि हैंडराइटिंग श्लोक प्रतियोगिता में दिविना माहेश्वरी प्रथम, भरत सोमानी द्वितीय, श्रेया नुवाल तृतीय रही। महिला संगठन कि रीना डाड ने बताया कि कार्ड बनाओ प्रतियोगिता में पृथ्वी चांडक, नंदनी लढ्ढा, असमी भदादा, अनंत कास्ट श्रेष्ठ रहे। नृत्य प्रतियोगिता तीन समूह में हुई। इनमें 5 से 15 साल तक के बच्चों में अक्षरा माहेश्वरी, राशि लढ्ढा, स्पर्श कोगटा श्रेष्ठ रहे। 16 से 25 साल के द्वितीय समूह में आव्या सोमानी, अंजलि, मनाई सोमानी, अवनी आरवी श्रेष्ठ रही। 25 वर्ष से ऊपर के लिए कनुप्रिया बंग, चेतना बसेर, पूनम, प्रीति डाड, वैजयंती समदानी, हनी जागेटिया श्रेष्ठ रहे। फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों में सात्विक माहेश्वरी, सात्विक समदानी प्रथम, अनन्य बिरला द्वितीय, अद्भुत सोमानी तृतीय। 6 से 18 वर्ष में आरवी काबरा प्रथम, अनन्या कास्ट द्वितीय, ईवा काबरा व स्पर्श कोगटा तृतीय रहे। बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट में स्नेहा सोमानी प्रथम, सौम्य तोषनीवाल द्वितीय, मिहिका पोरवाल तृतीय रही।

भीलवाड़ा।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शलभ शर्मा के खिलाफ लगे अनर्गल आरोप के विरोध में मंगलवार को भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज टीचर्स संगठन ने जिला कलक्टर (प्रशासन) राकेश कुमार व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। संगठन के सभी पदाधिकारियों ने न्यायोचित व निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट देने का वादा किया और गुरु छात्र के संबंध को बनाए रखने की पहल पर जोर दिया। इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष डॉ. एस असेरी, सचिव डॉ चेतन जैन, एमजीएच के उप अधीक्षक डॉ राजेंद्र लोढा, उप नियंत्रक डॉ. देव किशन सरगरा, डॉ वर्षा सिंह, डॉ विवेक जैन, डॉ मनमोहन गुप्ता, डॉ पवन बंसल, डॉ महेश चौधरी, डॉ सुरेंद्र मीना, दौलत मीना, रीना जैन, शालिनी जैन आदि थे।
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ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेंट
भीलवाड़ा . महावीर इंटरनेशनल अपेक्स की ओर से एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर महावीर इंटरनेशनल मुस्कान को भेंट किया गया। अध्यक्षा सुशीला आंचलिया ने बताया कि क्षेत्रीय सचिव मंजू पोखरना व कांग्रेस नेता ओम नारायणीवाल के सानिध्य में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराया। इस दौरान सचिव अर्चना सोनी, विजया बंब, उपाध्यक्ष सुशीला कोठारी, कोषाध्यक्ष ललिता जैन, सुशीला लोढा, लीला राठी, सपना अग्रवाल मौजूद रहे।

भीलवाड़ा .
आत्म संयम और व्यक्तिगत अनुशासन से ही कोरोना की रफ्तार पर लगेगा ब्रेक। ऐसा नजारा मंगलवार को एमजीएच परिसर में लगाए जा रहे टीकाकरण के दौरान देखने को मिला है। कोरोना संक्रमण के चेन को तोडऩे के लिए जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ लगा है। लेकिन वैक्सीन की कमी व टीका लगाने वालों की कतार के चलते यह कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ नहीं पा रहे है।
आरसीएचओ डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि मंगलवार को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार वैक्सीन का टोटा, लगवाने वालों की संख्या बढ़ी, सेन्टरों पर लम्बी कतारे शीर्षक समाचार को गंभीरता से लेते हुए एमजीएच परिसर में पुलिस का जाप्ता लगाया गया ताकि लोग अनुशासन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए टीका लगवा सके। हालांकि हीं भी सुबह के समय लम्बी कतारें लगी थी, लेकिन दोपहर बाद सेन्टर पर लोग आसानी से टीके लगावा रहे थे। शर्मा ने बताया कि वैक्सीन नहीं मिलने के कारण जीतनी वैक्सीन थी वह सभी मंगलवार को लगा दी गई है। शहर में केवल दो सेन्टर एमजीएच व राजीव गांधीऑडिटोरियम में कुल १७६१ जनों के टीके लगाए गए है। बुधवार को टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं होगा। अब वैक्सीन मिलने के बाद ही टीकाकरण होगा।

भीलवाड़ा।
अशुभ माने जाने वाला पंचक सोमवार को शुरू हो गया है, यह पांच दिनों तक रहेगा। अमूमन पंचक के दौरान लोग किसी भी तरह के नए कार्य का शुभारंभ नहीं करते। पंचक के दौरान मृत्यु संस्कार के नियमों का विशेष रूप से पालन किया जाता है। अब पांच दिनों तक पंचक रहने से विवाह के शुभ मुहूर्त पांच दिनों तक नहीं है। इसके बाद जुलाई महीने में भी केवल चार 6, 7, 12, 16 श्रेष्ठ महूर्त हैं, जिनमें फेरे लिए जा सकेंगे। उसके बाद नवंबर 19 से २१, 26 से ३०, दिसंबर में 1, 2, 5, 7, 11, 12 व 13 को विवाह होंगे।
20 जुलाई को देवशयनी एकादशी पर देवगण विश्राम पर चले जाएंगे। इस दिन से सभी तरह के शुभ संस्कारों पर रोक लग जाएगी। चार महीने तक विवाह समेत अन्य संस्कार नहीं किए जा सकेंगे। नवंबर महीने में देवउठनी एकादशी से फिर मुहूर्तों की शुरुआत होगी।
पांच नक्षत्रों का योग होता है पंचक
पंडित अशोक व्यास ने बताया कि पांच नक्षत्रों के मेल से निर्मित होने वाले योग को पंचक कहा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि जिस समय चंद्रमा, कुंभ और मीन राशि पर होता है, तो उस समय को पंचक माना जाता है। जो एक अशुभ योग व नक्षत्र कहलाता है। ऐसा मानते हैं कि पंचक अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का एक योग होता है। पंचक के पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र शामिल होते हैं। लगातार पांच दिनों तक ये नक्षत्र पड़ते हैं तब उसे पंचक काल कहा जाता है। पंचक का स्वामी ग्रह कुंभ और राशि मीन होती है। पंचक प्रत्येक महीने में एक बार अवश्य पड़ता है।
अंतिम संस्कार के नियम
ऐसी मान्यता है कि पंचक के दौरान किसी की मृत्यु होने पर दाह संस्कार के दौरान शव के साथ आटे के पांच पुतले बनाकर अर्थी पर रखकर अंतिम संस्कार किया जाता है। पंचक के दौरान चारपाई, पलंग नहीं बनवाया जाता। धनिष्ठा नक्षत्र में घास, लकड़ी, ईंधन एकत्रित नहीं करनी चाहिए।
हर महीने इस तरह पड़ेगा पंचक काल
28 जून से 3 जुलाई, 25 से 30 जुलाई, 22 से 26 अगस्त, १8 से 23 सितंबर, 15 से 20 अक्टूबर, 12 से 16 नवंबर, १0 से 14 दिसंबर को रहेगा।

भीलवाड़ा।
हाल में कुछ चयनित लोगों के लिए सरकार ने कोविशील्ड 84 दिन से पहले लगाने के आदेश जारी किए थे। इसे लेकर अब चिकित्सा विभाग के पास ऐसे-ऐसे लोग टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं, जो इस केटेगरी में शामिल ही नहीं है। खास बात ये कि कुछ ऐसे लोग भी विभाग की दौड़ लगा रहे है, जो अन्य लोगों को किसी भी स्थिति में विदेश भेजना चाहते हैं। वे इन लोगों को साथ लेकर टीका लगवाने पहुंचते हैं, मना करने पर बकायदा अधिकारियों को कई तरह के लुभावने प्रलोभन तक देने से नहीं चूक रहे। हालांकि अब तक आरसीएचओ ने २७ ऐसे लोगों को टीकाकरण की अनुमति दी है, जो विद्यार्थी हैं या विदेश में स्थाई रूप से कार्य कर रहे हैं।
सरकार ने यह दिया था आदेश
सरकार ने हाल में आदेश जारी किया था कि यदि कोई व्यक्ति 31 अगस्त से पहले विदेश जा रहा है और उसने कोविशील्ड की पहली डोज लगवा ली है, और दूसरी डोज लगने के 84 दिन पूरे नहीं हुए हैं, तो अब दिन पूरे होने से पहले ही टीका लग सकेगा। लेकिन इसके लिए कुछ तय पात्रता रखी थी। जिसमें वह व्यक्ति या विद्यार्थी जिन्हें पढने के लिए विदेश जाना है। वह व्यक्ति जो विदेश में नौकरी या जॉब कर रहे हैं। खिलाड़ी जो टोकियो ऑलम्पिक में हिस्सा लेने जाने वालो के लिए यह सुविधा रहेगी।
ऐसे लोग आ रहे टीके के लिए
विभाग के पास ऐसे लोग पहुंच रहे है जो विदेश केवल तीन माह का वीजा लेकर जा रहे हैं। जिनके पास किसी अन्य देश का केवल छह माह का वीजा बनाया हुआ है, वहां से उनके पास ना तो कोई अपाइन्टमेंट लेटर है और ना ही कोई और दस्तावेज। कुछ लोग उर्दू का पत्र लेकर आ रहे हैं, पूछने पर अंग्रेजी का पत्र नहीं होने की बात कह रहे हैं। ज्यादातर विद्यार्थी रूस जाने के लिए टीका लगवाना चाह रहे है तो अधिकांश लोग गल्र्फ देशों में जाने के लिए टीका लगवाना चाह रहे हैं।
कई लोग आए लेकिन २७ को लगे टीके
अब तक कई लोग टीका लगवाने के लिए आ गए है, लेकिन विभाग की ओर से केवल २७ जनों के ही टीके लगाने की अनुमति दी है। कई लोग तो ऐसे पत्र लेकर आ रहे है जिन्हें पढऩा भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में उन्हें समझाइश कर भेज रहे है कि नियमानुसार उन्हें 84 दिन बाद ही टीका लग सकता है।
डॉ. मुस्ताक खान सीएमएचओ भीलवाड़ा

भीलवाड़ा।
भीलवाड़ा जिले में पिछले कुछ समय से टीबी यूनिटों में सीबी नेट मशीनों से मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) जांचें बंद है। मशीनों में उपयोग में आने वाले कार्टेज नहीं मिल पा रहे है। केंद्र सरकार से कार्टेज की सप्लाई नहीं मिलने से 3 सीबी नेट मशीनें नकारा साबित हो रही है। हर साल जिले में नए टीबी के मरीज आते हैं। इनकी जांच सीबी नेट मशीन से होती है। रिपोर्ट आने के बाद ही डॉक्टर मरीज का इलाज शुरू करते हैं। पिछले कुछ समय से सीबी नेट मशीनों से जांच नहीं होने से मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। कार्टेज उपलब्ध नहीं होने से एमडीआर जांचें ठप है। एक मशीन की लागत करीब 20 लाख रुपए है।
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कार्टेज की डिमांड भेज रखी है, लेकिन प्लाई नहीं दी जा रही है। इस वजह से जांचें प्रभावित हो रही है। भीलवाड़ा समेत प्रदेश के सभी जिलों में संचालित टीबी यूनिटों में सीबी नेट मशीनें कार्टेज के अभाव में बन्द पड़ी है। एक कार्टेज की कीमत से 2500 से 3000 रुपए है। इसकी खरीद केंद्र सरकार अपने स्तर पर ही करती है। सूत्रों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद पिछले कुछ माह से कार्टेज की सप्लाई ठप है। इस स्थिति में टीबी के संदिग्ध मरीजों की जांचें नहीं हो पा रही है। बाजार में इसकी जांच सुविधा नहीं होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि कुछ कार्टेज सुरक्षित रख रखे है ताकि किसी आपातकाल में उसके माध्यम से जांच की जा सके।
रिपोर्ट के आधार पर शुरू होता है इलाज
कोरोना काल के दौरान टीबी की जांचें नहीं होने से मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। हालांकि जिले में कुल 2460मरीज जनवरी 2021 से अब तक सामने आए है। इनमें १७१६ सरकारी में तथा 744 मरीज निजी में उपचार ले रहे है। टीबी का पूरा इलाज उपलब्ध होने के बावजूद आंकड़ा बढ़ रहा है। टीबी विशेषज्ञों ने बताया कि टीबी के संदिग्ध मरीजों के नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच करवाई जाती है। सीबी नेट मशीन से नमूनों की जांच से पता चलता है कि मरीज को सामान्य टीबी है या गंभीर टीबी है। इसके आधार पर डॉक्टर मरीज का इलाज शुरू करते है। ये रिपोर्ट नमूना देने के महज दो से तीन घंटे में तैयार होती है। सीबी नेट मशीन से कफ, रीढ़ के पानी, बच्चेदानी की टीबी की जांच भी होती है। टीबी यूनिट में जांच निशुल्क होती है। जबकि निजी में चार से पांच हजार रुपए लगते है।
कार्टेज की कमी
भीलवाड़ा टीबी अस्पताल के पास सीबी नेट मशीन 2 भीलवाड़ा व 1 शाहपुरा में है। इसके अलावा दो अन्य मशीन जो मांडलगढ़ व आसीन्द में संचालित है। कार्टेज की कमी है। फिर भी हमने कुछ कार्टेज सुरक्षित रख रखे है। उनसे कभी-कभी जांच करते है।
डॉ. जीवी दिवाकर, प्रभारी टीबी अस्पताल

भीलवाड़ा. गुलाबपुरा थाना क्षेत्र के आंगूचा स्थित हिन्दुस्तान जिंक में भूमितगत खदान में सोमवार को विस्फोट के बाद मलबे में दबने से दो श्रमिकों की मौत के मामले को लेकर मंगलवार को हंगामा हुआ। मुआवजा और मृतक आश्रितों को नौकरी देने की मांग को लेकर श्रमिकों और परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर कंपनी के बाहर प्रदर्शन किया। करीब पांच घण्टे चली वार्ता के बाद मांगों पर सहमति बनने पर परिजन शांत हुए। उसके बाद जिला मुख्यालय स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में मृतकों का पोस्टमार्टम हुआ। प्रदर्शन को देखते हुए जिंक दिनभर छावनी में तब्दील रहा। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां तैनात रहे।
पुलिस के अनुसार जिंक में सोमवार शाम को भूमिगत खदान में विस्फोट किया गया। वहां ठेकेदार कम्पनी एएसी के अधीन कार्यरत टिटोड़ा (जहाजपुर) निवासी जीतराम जाट व हिमाचल प्रदेश हाल आंगूचा निवासी थानमल की विस्फोट से गिरे मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई। जिंक प्रबंधन रात में आनन-फानन में दोनों को भीलवाड़ा लेकर पहुंचा। यहां जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने दोनों को मृत बताया। एमजीएच स्थित मोर्चरी में दोनों के शव रखवाए गए।
मुआवजे और मृतक आश्रितों को नौकरी देने की मांग करते हुए वहां कार्यरत श्रमिकों ने मंगलवार सुबह जिंक के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में लोग वहां जमा हो गए। परिजनों ने मांगे नहीं माने जाने तक पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। शाहपुरा एएसपी विमलसिंह, उपखण्ड अधिकारी विकास मोहन भाटी, गुलाबपुरा डीएसपी लोकेश मीणा की अगुवाई में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां तैनात रहे। जिंक प्रबंधन, ठेकेदार प्रतिनिधि और परिजनों के बीच वार्ता शुरू हुई। करीब पांच घण्टे चली वार्ता के बाद दोनों श्रमिकों के परिजनों को साठ-साठ लाख का मुआवजा और ठेकेदार के अधीन नौकरी देने पर सहमति बनी। उसके बाद एमजीएच में उनका पोस्टमार्टम कराने के बाद गुलाबपुरा पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। वार्ता के दौरान जिंकके सीएसओ निशांत राव, संविदा कम्पनी एएसी के प्रदीप कुमार चतुर्वेदी, स्थानीय आंगूचा खान मजदूर संघ के प्रतिनिधि मधुसूदन पारीक, अजय शर्मा, पंचायत समिति प्रधान कृष्ण सिंह राठौड़ समेत कई लोग मौजूद रहे। प्रदर्शन को देखते हुए जिंक चौराहे पर दुकानों को बंद रखा गया।

भीलवाड़ा. प्रतापनगर थाना पुलिस ने चार दिन पूर्व पटेलनगर विस्तार के निकट ट्रक चालक भरत शर्मा की पीट-पीट कर हत्या के मामले में गिरफ्तार चारों अभियुक्तों को अदालत में पेश किया। जहां से चारों को पूछताछ और अनुसंधान के लिए चार दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया।

पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्त पटेलनगर निवासी कुलदीपसिंह राठौड़, भंवर विजय बहादुरसिंह राठौड़, दीपक जांगिड़ तथा पुलिस लाइन के पास शिवनगर निवासी डीगेश्वर पायक को मंगलवार को ले जाकर घटनास्थल की तस्दीक करवाई। स मामले में दो जनें फरार चल रहे है, जिनकी तलाश में सम्भावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। पकड़े गए अभियुक्तों से गहनता से पूछताछ चल रही है। गौरतलब है कि पटेलनगर विस्तार के निकट तेजा विहार कॉलोनी स्थित झाडि़यों में चार दिन पूर्व एक व्यक्ति का शव मिला था। मृतक की पहचान मूलत: गंगापुर हाल पटेलनगर विस्तार निवासी भरत शर्मा के रूप की। मृतक ट्रक चालक था और अपने पिता के साथ रहता था। उसकी रंजिश के चलते आरोपियों ने धोखे से बुलाकर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।

भीलवाड़ा. शहर के पुर रोड से मुजरास टोल नाके के सिक्योरिटी सुपरवाइजर का अपहरण करके कुछ लोग बोरड़ा के निकट जंगल में ले गए। वहां बंधक बनाकर उसके साथ बेरहमी से मारपीट की और उसका पैर तोड़ दिया। हमलावर उसके पास से नकदी व गहने भी ले गए। जख्मी हालत में युवक को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुर थाना पुलिस ने अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज किया। आरोपियों का पता किया जा रहा है।

पुलिस के अनुसार रामपुरिया (गुरला) निवासी शंकर गुर्जर (३४) मुजरास स्थित टोलनाके पर सिक्योरिटी सुपरवाइजर है। वह मंगलवार दोपहर किसी काम से साथी के साथ बाइक पर भीलवाड़ा आया था। काम करके वापस गांव लौट रहा था। पुर रोड पर गुरुजी की होटल के निकट उसकी बाइक पंचर हो गई। वह दुकान पर पंचर बनवा रहा था। इस दौरान कुछ लोग वैन और बाइक लेकर आए। उन्होंने शंकर को जबरन वैन में बिठा लिया और बोरड़ा के निकट जंगल में ले गए। वहां शंकर के साथ बेहरमी से मारपीट की। उसके गले में पहनी सोने की चैन व जेब से नकदी निकाल ली। इसके बाद उसे रस्सी से पेड़ पर लटकाने लगे। तभी से एक ट्रैक्टर चालक के गुजरने से आरोपी से उसे जख्मी हालत में छोड़कर भाग गए। आरोपियों के जाने के बाद शंकर ने परिचितों को फोन करके वहां बुलाया। सूचना पर पुर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जख्मी हालत में शंकर को एमजीएच भर्ती कराया। अस्पताल पहुंच कर पुलिस ने शंकर के बयान लिए। बयान में शंकर ने बताया कि उसके साथ किशन, धर्मराज, प्रभु, राधेश्याम ने मारपीट की। आरोपियों ने मुंह पर कपड़ा बांध रखा था। पुलिस के कहना है कि टोलनाके से कुछ लोगों को हटाकर नए व्यक्तियों को लगा दिया गया है। इसके चलते रंजिश को लेकर वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। उनके हाथ आने के बाद वास्तविकता का पता चल पाएगा।

भीलवाड़ा. शहर पर तीसरी आंख से नजर रखने के लिए परायों के सहारे ही चलना पड़ रहा है। सुनने में आपको अजीब लग रहा है, लेकिन शहर में अभय कमाण्ड योजना के तहत लगाए गए सीसी टीवी कैमरों के साथ कुछ एेसा ही हो रहा। इसका कारण फुटेज की रिकॉर्डिंग है। जरूरत पड़ने पर शहर में लगे कैमरों की रिकॉर्डिंग लेने के लिए पुलिस को अजमेर पर निर्भर रहना पड़ता है। इसका कारण संभाग मुख्यालय पर ही अभय कमाण्ड का कंट्रोल रूम बना होना है। इस कारण पुलिस को वारदात के बाद रिकॉर्डिंग हांसिल करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके लिए पहले उनसे पत्र व्यवहार किया जाता है। फिर अधिकारियों से मिन्नतों के बाद रिकॉर्डिंग हासिल की जाती है। भीलवाड़ा नियंत्रण कक्ष परिसर में बने अभय कमाण्ड के कंट्रोल रूप पर महज कैमरों की रिकॉर्डिंग देखने की ही व्यवस्था है। इस समय शहर पर तीसरी आंख से नजर रखने के लिए अब तक १७८ कैमरे लग चुके है, जिसमें १७६ कैमरे चालू है। दो कैमरे इस समय बंद पड़े है।

प्रोपर्टी व्यवसायी पर हमले में खुल चुकी पोल

शहर में लगे सीसी कैमरों के काम करने की पोल हाल ही में प्रताप टॉकिज के निकट प्रोपर्टी व्यवसायी दिलीप लाहोटी पर दिनदहाड़े हुए हमले में खुल चुकी है। हमले के बाद पुलिस आरोपियों की पहचान के लिए कंट्रोल स्थित अभय कमाण्ड सेंटर पर पहुंची। पता चला कि जिस समय वारदात हुई, उस समय प्रताप टॉकिज के आसपास लगे कैमरे चालू ही नहीं थे। उस समय की रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं होने से पुलिस अधिकारियों को निराशा हाथ लगी।
छह माह में पकड़ी योजना ने गति

केन्द्रीय गृह मंत्रालय की अभय कमाण्ड योजना के तहत विभिन्न विभागों की साझा कार्ययोजना के तहत शहर में कैमरे लगाने का काम शुरू किया। मई-२०१८ में इसकी शुरुआत हुई थी। कम्पनी ने पुलिस व प्रशासन की मदद से २६५ लोकेशन तय की थी। शहर में १३४ लोकेशन पर सीसी पोल लगाए गए। कम्पनी को ६४७ कैमरे लगाने है। इसमें १७८ ही लग पाए है। शहर में फरवरी २०१९ से सीसी कैमरे लगाने का काम ठप पड़ा था। जनवरी २०२१ तक महज ४० कैमरे ही लग पाए थे। अब कैमरे लगाने के काम ने गति पकड़ी और यह संख्या १७८ तक पहुंच गई।

बिजली गुल, कैमरे बंद, सीवरेज भी बनी अड़चन
शहर के प्रमुख चौराहों, पर्यटक स्थल, धर्मस्थलों पर लगे सीसी कैमरों से नजर रखने के लिए सबसे बड़ी बाधा बिजली है। शहर में किसी स्थान पर बिजली गुल हुई नहीं कि वहां लगे कैमरे बंद हो जाते है। बिजली आने पर कैमरे चालू होते है। इसके अलावा शहर में चल रहे सीवरेज लाइन का कार्य के कारण भी कैमरों नजर रखने में परेशानी बना है। भूमिगत पाइप डालने के दौरान सीसी कैमरे के तार टूट जाते है। इससे कमाण्ड में देखरेख में लगे कर्मचारियों को दौड़भाग करनी पड़ती है।

इनका कहना है
शहर में लगे सीसी कैमरे की रिकॉर्डिंग की जरूरत होने पर अजमेर पर निर्भर रहना पड़ता है। यहां केवल पुलिस अधिकारी रिकॉर्डिंग देख सकते है। अजमेर से रिकॉर्डिंग मंगवाने के लिए पत्र व्यवहार करना पड़ता है। वहीं बिजली कटौती भी कैमरे से नजर रखने में बाधा है। बिजली जाते ही उस इलाके में लगे कैमरे बंद हो जाते है।
- उमेश चौहान, नेटवर्क इंचार्ज, अभय कमाण्ड योजना

भीलवाड़ा. शहर के पुराने भीलवाड़ा में मोटरसाइकिल टकराने पर दो गुटों में विवाद हो गया। इससे इलाके में माहौल गरमा गया। एक पक्ष के लोगों ने कार्रवाई की मांग को लेकर भीमगंज थाने के बाहर प्रदर्शन किया। घटना को देखते हुए इलाके में अतिरिक्त पुलिस तैनात कर दिया गया। वहीं पुलिस अधिकारियों ने भी इलाके का दौर किया।

जानकारी के अनुसार पुराने भीलवाड़ा में धर्मस्थल के निकट बाइक पर जा रहे दो युवक आपस में टकरा गया। इससे दोनों में झगड़ा हो गया। मामला मारपीट तक पहुंच गया। दोनों पक्षों के लोग जमा होने से माहौल गरमा गया। सूचना पर भीमगंज थानाप्रभारी सुरेश चौधरी पहुंचे। माहौल को देखते हुए एएसपी गजेन्द्रसिंह जोध के साथ अन्य अधिकारी शहर के थाना प्रभारियों को बुला लिया गया। एक पक्ष के लोग मारपीट करने का आरोप लगाते कार्रवाई की मांग लेकर थाने के बाहर जमा हो गए। इस सम्बंध में रात में रिपोर्ट थाने पर दी गई। पुलिस अधिकारियों ने समझाइश करके लोगों को शांत किया। उधर, पुराना भीलवाड़ा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

भीलवाड़ा. माण्डलगढ़ क्षेत्र के सारण का खेड़ा में पांच माह पूर्व शराब दुखांतिका के मामले के बाद भी सिस्टम में सुधार नहीं हुआ है। एक बार फिर से क्षेत्र में हथकढ़ शराब का कारोबार फल-फूलने लगा है। इसका बानगी आबकारी टीम की हुई कार्रवाई से नजर आई। आबकारी टीम ने क्षेत्र के चार गांवों की कंजर बस्ती में दबिश देकर १७०० लीटर वॉश नष्ट कर सुलगती भट्टियों को ध्वस्त किया। इस दौरान नौ लीटर हथकढ़ शराब भी बरामद की। कार्रवाई के दौरान फरार चल रही महिला को शराब तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया। विभाग की कार्रवाई से क्षेत्र में अवै शराब के कारोबार में लगे लोगों में हड़कम्प मच गया।

जिला आबकारी अधिकारी लोकेश जोशी के निर्देशन पर अवैध शराब की रोकथाम के लिए आबकारी विभाग निरोधक टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने महुआ, दौलपुरा, सारण का खेड़ा व सरदार जी का खेड़ा की कंजर बस्ती में दबिश दी। प्रहराधिकारी रामगोपाल गुर्जर ने बताया कि महुआ गांव की कंजर बस्ती से १७०० लीटर वॉश नष्ट की। सुलगती शराब की भट्टियों को ध्वस्त किया। टीम ने सारण का खेड़ा कंजर बस्ती में दबिश दी। यहां से चंदा देवी कंजर के कब्जे से पांच लीटर तथा दौलपुरा गांव में जसोदा कंजर के कब्जे से चार लीटर हथकढ़ शराब बरामद की। दोनों महिलाओं के खिलाफ आबकारी अधिनियम में मामला दर्ज किया गया।

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