>>: विधायक-सांसद की तर्ज पर ‘पार्षद मद’, पिछले बोर्ड से 24 करोड़ ज्यादा होंगे खर्च

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फैक्ट फाइल
- 2 नगर निगम

- 160 वार्ड

- 25 लाख प्रत्येक पार्षद का मद
- 40 करोड़ इस लिहाज से पूरे शहर में खर्च होंगे

- 65 वार्ड थे पहले
- 16.25 करोड़ ही खर्च होते थे पार्षदों की अनुशंसा पर

अविनाश केवलिया

जोधपुर. सांसद व विधायक कोष की तर्ज पर शहरी सरकार के 'माननीयों' के मद से विकास कार्य शुरू किए गए हैं। प्रत्येक वार्ड के पार्षद को एक साल में 25 लाख रुपए खर्च करने का प्रस्ताव दोनों ही निगम ने पास कर रखा है। कोरोना की रफ्तार धीमी होते ही दोनों ही निगम ने विकास कार्य भी अनलॉक किए हैं। दो निगम बनने का अब तक का सबसे बड़ा फायदा इसी में देखने को मिला है। पहले पार्षद मद से पूरे शहर में महज 16.25 करोड़ के ही कार्य हो पाते थे, क्योंकि वार्ड की कुल संख्या ही 65 थी और क्षेत्र बड़ा था। अब वार्ड की संख्या 160 है और क्षेत्र छोटे हो गए हैं, इसी कारण 25 लाख प्रत्येक वार्ड के हिसाब से 40 करोड़ के छोटे-बड़े काम पूरे शहर में हो पाएंगे।

पार्षदों की पूछ और जनता को फायदा
पार्षद मद से जहां क्षेत्र में उनकी पूछ और पकड़ मजबूत हो रही है तो जनता के छोटे-बड़े कार्य आसानी से हो रहे हैं। खास बात यह है कि वार्ड छोटे होने से विकास के छोटे-बड़े कार्य में अधिकांश क्षेत्र सम्मिलित हो रहा है। लेकिन मुख्य कार्य जिनका बजट बड़ा है उनमें अभी समय लगेगा।

यह हो रहे कार्य
- सीमेंट ब्लॉक लगाना

- नाली निर्माण
- सीवरेज मैन हॉल मरम्मत

- सीसी सडक़ ब्लॉक मरम्मत व निर्माण
- स्ट्रीट लाइट

- उद्यान विकास
- डामरीकरण (बारिश बाद शुरू होगा)

शुरू हुए समारोह

अलग-अलग वार्ड में पार्षदों की ओर से समारोह आयोजित होना शुरू हो गए हैं। दोनों निगम वर्कऑर्डर जारी कर रहा है। ऐसे में कोरोना के बाद राजनीतिक सरगर्मियां भी शुरू हो गई हैं। अनलॉक के बाद विकास कार्यों को पटरी पर लाने की तैयारी की जा रही है।

क्या कहते हैं आयुक्त
नगर निगम उत्तर आयुक्त रोहिताश्व तोमर के अनुसार यह पार्षद मद की एक परम्परा है जो बोर्ड बैठक में पास की जाती है। प्रत्येक पार्षद की अनुशंसा पर 25 लाख खर्च होता है। इस बार दो निगम बनने और 160 वार्ड होने से बजट भी ज्यादा जारी होगा और शहर की हर गली में काम हो सकेंगे। निगम आयुक्त दक्षिण डॉ. अमित यादव बताते हैं कि बारिश को देखते हुए नाली निर्माण, सीवरेज मैन ***** मरम्मत व अन्य छोटे कार्य हो रहे हैं। पार्षदों की अनुशंसा पर डामरीकरण बारिश के बाद होगा।

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