>>: 44 मदरसों की पत्रावली भिजवाई थी जयपुर -जिले के 21 मदरसे भी बनेंगे 'आदर्श'

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जैसलमेर. पाक सीमा से सटे सरहदी जिले में 17 मदरसे हाइटेक होंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना में पंजीकृत मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए स्वयं की भूमि का मालिकाना हक पट्टा, रजिस्ट्री होना आवश्यक है। इस योजना में 90 प्रतिशत राशि राजस्थान मदरसा बोर्ड द्वारा दी जाती है जबकि 10 प्रतिशत राशि मदरसा कमेटी स्वयं वहन करेगी। योजना में प्राथमिक स्तर के मदरसों को 15 लाख एवं उच्च प्राथमिक स्तर के मदरसों को 22 लाख रुपए धनराशि का प्रावधान है। इस योजना में जैसलमेर जिले के 44 मदरसों की पत्रावली जयपुर भिजवाई गई है। इनमें से 17 मदरसों की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। उधर, आदर्श मदरसा योजना में जिले के 21 मदरसों का चयन किया गया है। चयनित मदरसों को स्मार्ट क्लास रूम, कम्प्यूटर मय प्रोजेक्टर लगा दिये गये हैं। वर्तमान में अध्ययनरत छात्र.छात्राओं को आधुनिक तकनीक से शिक्षा प्रदान की जा रही है। जिले के 36 पंजीकृत मदरसों को ड्यूल डेस्क एवं बेंच, फर्नीचर का वितरण किया गया। गौरतलब है कि राजस्थान मदरसा बोर्ड द्वारा जिले के 150 पंजीकृत मदरसों में 7058 छात्र.छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन मदरसों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, टीएलएम किट, ग्रीन बोर्ड, नक्शा, चार्ट जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। मदरसों के विकास के लिए एसपीक्यूएम व ईडमी जैसी योजनाओं से आर्थिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हेमन्त सैनी बताते हैं कि सीमावर्ती जैसलमेर जिले में अल्पसंख्यक कल्याण के क्षेत्र में विभागीय गतिविधियां रफ्तार पर हैं और विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन की दृष्टि से जिला प्रदेश में अग्रणी पहचान बनाने की ओर अग्रसर है।

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