>>: Digest for July 02, 2021

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Table of Contents

बांसी. दुगारी में नरेगा कार्य में रोजगार नहीं मिलने से नाराज श्रमिकों ने गुरुवार को बांसी-नैनवां रोड पर ग्राम पंचायत भवन के सामने जाम लगा दिया। जानकारी के अनुसार मनरेगा में काम नहीं मिलने से नाराज नरेगा श्रमिक सुबह 11 बजे ग्राम पंचायत पर पहुंचे तथा ग्राम पंचायत सरपंच रामलाल खींची से नरेगा में रोजगार देने की मांग करने लगे। जब सरपंच ने करीब 2300 जॉब कार्डो में महज 197 श्रमिकों की मस्टररोल जारी होने के बारे में बताया तो श्रमिकों ने सरपंच सहित पंचायत कर्मियों को कमरे में बंद कर ताला लगा दिया तथा पंचायत के बाहर बांसी-नैनवां सडक़ पर जाम लगा कर बैठ गए। जिससे सडक़ के दोनों ओर वाहनों की कतारे लग गई तथा यात्रियों को घंटों परेशान होना पड़ा। सूचना पर नैनवां थाना पुलिस पहुंची तथा श्रमिकों से समझाइश कर सरपंच रामलाल खींची , उप सरपंच मनराज मीणा , पंचायत सहायक धन्नालाल व वार्ड पंच राजू कहार को कमरे का ताला खुलवाकर बाहर निकाला। बाद में नरेगा के सहायक अभियंता आदेश मीणा व कनिष्ठ अभियंता राधेश्याम मीणा ने पंचायत पहुंचकर 550 श्रमिकों को नरेगा में काम देने का आश्वासन देने के बाद श्रमिकों ने जाम हटाया। उधर ग्राम पंचायत सरपंच रामलाल खींची ने बताया कि दुगारी पंचायत में हलका पटवारी नहीं होने से नक्शा व नकल निकलवाने में समस्या आ रही है तथा पटवारी के अभाव में नरेगा के तहत होने वाले कार्यों की स्वीकृतियां अटकी हुई है।

यहां वैक्सीन का हो रहा टोटा, कैसे करेंगे लक्ष्य पूरा
जिले में 114 या इससे अधिक वैक्सीन सेंटर बनाने के निर्देश
चिकित्सा विभाग का दावा : पर्याप्त मात्रा में मिले डोज तो हर लक्ष्य कर सकेंगे पूरा
जिले में लगनी है 10 लाख 87 हजार वैक्सीन की डोज, प्रतिदिन 22 हजार डोज लगाने का लक्ष्य
गुंजन बाकलीवाल
patrika.com
बूंदी. यों तो सरकार ने जिलेवार वैक्सीनेशन के लक्ष्य निर्धारित कर दिए, हर जिले को पहली व दूसरी डोज लगाने, वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाने सहित प्रतिदिन लगने वाली वैक्सीन के आंकड़े सरकार ने जारी कर दिए, लेकिन पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन डोज उपलब्ध नहीं हो रही। ऐसे में आखिर कैसे आदेशों के लक्ष्य को पूरा करे।
बूंदी जिले में 10 लाख 87 हजार वैक्सीन की डोज लगानी है। इसके लिए प्रतिदिन 22 हजार डोज लगाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी जिलों से प्लानिंग मांगी गई है। इसके लिए प्रतिदिन करीब ढाई सौ वैक्सीनेशन सेंटर बनाने होंगे। बता दे कि केंद्र सरकार की ओर से 21 जून से राज्यों को नि:शुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर चिकित्सा विभाग जयपुर ने सभी जिलों को वैक्सीन सेंटर बढ़ाने के निर्देश दिए हंै। इधर, चिकित्सा विभाग के जानकार सूत्रों की माने तो पर्याप्त मात्रा में डोज मिलने के साथ सभी लक्ष्य पूरे कर दिए जाएंगे। वैसे भी बूंदी की स्थिति प्रदेश में नंबर वन है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने सभी जिला कलक्टरों को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि भारत सरकार की ओर से निर्णय किया है कि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लाभार्थियों को वैक्सीन 21 जून से सभी राज्यों को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। साथ यह भी आश्वस्त किया है कि जुलाई माह में राज्यों को अतिरिक्त मात्रा में डोज उपलब्ध कराई जाएगी।
यदि पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाती है तो हम प्रतिदिन 15 लाख वैक्सीन लगाने की क्षमता रखते है। इसके लिए प्लानिंग करें। जिसके तहत जिलों की सूची में बूंदी में 10 लाख 87 हजार 552 डोज लगानी है। जिसमें प्रतिदिन 22 हजार 820 डोज लगानी होगी। इसके लिए जिले में 114 या इससे अधिक वैक्सीन सेंटर बनाने होंगे। यह टीके जिले में 126 वैक्सीनेटर में लगाए जाएंगे। इसी प्रकार अन्य जिलों के आंकड़े भी जारी किए हैं।
प्रदेश में 7 करोड़ को लगनी है डोज
प्रदेश से जारी आंकड़े में प्रत्येक जिले को लक्ष्य आंवटित किए। प्रदेश में 7 करोड़ 14 लाख लोगों को वैक्सीन लगेगी। इसके लिए पंद्रह लाख डोज प्रतिदिन का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए 7 हजार 500 वैक्सीन केंद्र बनाने होंगे। अभी वैक्सीन करने की रफ्तार धीमी चल रही है। इसलिए तीसरी लहर को देखते हुए तथा प्राप्त होने वाली डोज को समय पर लगाने के लिए वैक्सीनेशन में तेजी लानी होगी।
...तो 50 दिन में हो जाएगा वैक्सीनेशन पूरा
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से केंद्र से मिलने वाली फ्री वैक्सीन की खेप के बाद जिलों को जो लक्ष्य दिए, उस हिसाब से करीब 50 दिन में सभी जिलों में वैक्सीनेशन का कार्य पूरा हो जाएगा। बूंदी जिले में 10 लाख 87 हजार 552 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली व दूसरी डोज लगानी है। यदि एक दिन में 22 हजार 820 डोज लगाई जाती है तो करीब 50 दिन में सभी की डोज पूरी हो जाएगी।
'सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर लक्ष्य निर्धारित किए हैं। प्रतिदिन 22 हजार करीब डोज लगानी है। जिले को जैसे-जैसे डोज मिल रही है वैसे ही डोज लगाई जा रही है। अगर पर्याप्त मात्रा में डोज मिलती है तो सरकार की मंशा के अनुसार ही लक्ष्य प्राप्त करने को जिले में वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाएंगे और प्रतिदिन इतनी ही डोज लगाई जाएगी। विभाग की तैयारियांं पूरी है। बूंदी वैक्सीनेशन के मामले में प्रदेश में अव्वल है। अब केवल वैक्सीन की डोज मिलने का इंतजार है।'
डॉ.महेंद्र त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बूंदी

अवैध खनन क्षेत्रों में पहुंचे सीसीएफ-डीएफओ...फिर हुआ कुछ ऐसा...
डाबी में कर्मचारियों को दिए निर्देश
बूंदी. डाबी वन क्षेत्र में चल रहे अवैध खनन को रोकने के वन विभाग के अभियान के तहत बुधवार को मुख्य वन संरक्षक मनोज पाराशर व उप वन संरक्षक सोनल जोरिहार डाबी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने चार जिलों के गश्ती दल के साथ माला की मुई, कालीघाटी, बडफू, खेड़ा आदि खनन प्रभावित क्षेत्रों में गश्त की। इस दौरान सहायक वन संरक्षक चंद्रमोहन गुप्ता, वन मंडल के अधीन सभी क्षेत्रीय वन अधिकारी भी साथ रहे। गौरतलब है कि लगातार डाबी वन क्षेत्र में हो रहे खनन को लेकर यहां गत कुछ दिनों से बूंदी सहित कोटा, बारां, झालावाड़ का गश्ती दल दिन-रात गश्त कर रहा है।
ड्रोन का दिया प्रशिक्षण
बुधवार को पहुंचे अधिकारियों के सामने वनकर्मियों को ड्रोन का प्रशिक्षण भी दिया गया। उन्हें ड्रोन से क्षेत्र की निगरानी करने के बारे में बताया गया। कर्मचारियों ने प्रशिक्षण की बारीकियों को समझा। डीएफओ जोरिहार ने बताया कि अवैध खननकर्ताओं पर इसी तरह की कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

पालिकाकर्मियों का ही कर लिया घेराव...यह था कारण...
पालिका प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया
नैनवां. नगरपालिका प्रशासन द्वारा कस्बे के कनकसागर तालाब में हटाए जा रहेे अतिक्रमण को लेकर बुधवार को तालाब के टोडपोल क्षेत्र में पालिका प्रशासन पर अतिक्रमण हटाने में पक्षपात का आरोप लगाकर लोगों ने हंगामा कर पालिका कर्मचारियों का घेराव कर लिया। पालिका प्रशासन पुलिस जाप्ता लेकर बुधवार को तालाब के टोडापोल क्षेत्र में शेष रहे अतिक्रमण हटाने गया था।
पालिका प्रशासन द्वारा पूरा अतिक्रमण नहीं हटाया तो लोगों ने हंगामा कर बिना पक्षपात के पूरा अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर हंगामा कर दिया। अतिक्रमण रोधी दस्ता प्रभारी केसरलाल वर्मा सहित पालिका कर्मियों का घेराव कर लिया। लोगों का आरोप था कि नगरपालिका द्वारा कुछ लोगों के अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा। लोगों के हंगामें के बाद पालिका ने टोडापोल में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बंद कर दी। पालिका प्रशासन ने बुलडोजरों को तालाब के दूसरे छोर द्वारिकाधीश मन्दिर के पास हो रहे अतिक्रमण को हटाने भेज दिए। अतिक्रमण रोधी दस्ता प्रभारी केसरलाल वर्मा नेे बताया कि चिह्नित अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने में कोई पक्षपात नहीं किया जा रहा। टोडापोल में काम बंद कर द्वारिकाधीश के मन्दिर के पास का अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है।
अधिशासी अधिकारी महिमा डांगी का कहना है कि राजस्व विभाग के सीमाज्ञान में जहां-जहां तालाब की भूमि पर अतिक्रमण मिला था, उस पूरे अतिक्रमण को हटाया जाएगा। अभी अतिक्रमण हटाने का अभियान रोका नहीं जाएगा। कुछ स्थानों पर विवाद की स्थिति की संभावना को देखते हुए पुलिस का अधिक जाप्ता लेकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

पहली बारिश होते ही हो गई ऐसी स्थिति कि लोगों का हो गया बुरा हाल
सड़कों पर भर रहा पानी
मनीष बैरागी
patrika.com
नोताड़ा. पहली बारिश ने ही कई जगह विकास के दावों की पोल खुल गई है। नोताड़ा क्षेत्र के कई गांवों में पहली बारिश में ही सड़कों पर पानी भर गया। जिसकी निकासी का कोई खास इंतजाम नहीं होने से अब ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ रहा। देहीखेड़ा ग्राम पंचायत के चहिंचा में आमरास्ते पर लगभग एक माह से मुख्य मार्ग पर पानी भरा हुआ है। जिसका निकासी का अभी तक कोई पुख्ता समाधान नहीं हो पाया है। नोताड़ा ग्राम पंचायत के मालिकपुरा गांव में तेजाजी के सामने रास्ते पर बरसाती पानी भरने से लोगों के लिए मुसीबत बन गया। वहीं रैबारपुरा ग्राम पंचायत के खेडिय़ा दुर्जन गांव में मुख्य मार्गों पर पानी भरा होने से यहां होकर निकलना राहगीरों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। देहीखेड़ा की ओर से आ रहा यह रास्ता खेडिय़ा खाळ से आगे जाकर गांव में दो ओर गुजरता है। जहां पर मुख्य चौराहे पर बालाजी की ओर जाने वाले रास्ते और विद्यालय की ओर जाने वाली सड़क पर लगभग डेढ़ दो फीट पानी भरा हुआ है। जिससे ग्रामीणों को घरों तक जाने के लिए भी पानी से होकर निकलना पड़ रहा। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करवा दिया लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों ने यहां पानी निकासी का मार्ग बहाल करवाने की मांग की।
जिला मुख्यालय को जोड़ती है यह सड़क
देहीखेड़ा से आ रहा यह रास्ता नोताड़ा, खेडिय़ा दुर्जन होता हुआ झालीजी का बराना पुलिया से होकर गेण्डोली रास्ते से जिला मुख्यालय को जोड़ता है। झालीजी का बराना की पुलिया बनने के बाद क्षेत्र के लोग अब लाखेरी और केशवरायपाटन होकर न जाने की बजाए इस रास्ते से गुजरने लगे हैं।
ग्रामीणों की पीड़ा
गांव के मुख्य मार्गों पर पानी भरा हुआ है। जहां से गुजरना परेशानी बनी हुई है। घर से कहीं जाने के लिए बाइक लेकर निकलने से पहले सोचना पड़ रहा है। पानी निकासी के मार्ग पर कुछ लोगों द्वारा मिट्टी डालने से यह समस्या पैदा हो गई।
महावीर मीणा, ग्रामीण खेडिय़ा दुर्जन।
सड़क पर दोनों रास्तों में करीब चालीस फीट तक इतना पानी भरा हुआ है। जैसे कोई नदी या तालाब हो। बाइक चालक फिसल जाते हैं और उनके कपड़े खराब हो जाते हैं। पैदल गुजरने वालों को पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
शुभम मीणा, ग्रामीण, खेडिय़ा दुर्जन

यहां इसलिए नहीं हो रही 15 माह से जांच...यह है बड़ा कारण...
सामुदायिक चिकित्सालय में रोगियों के उपचार की सुविधाओं का अभाव
केशवरायपाटन. यहां सामुदायिक चिकित्सालय में रोगियों के उपचार की सुविधाओं का अभाव है। स्थिति यह है कि यहां रोगियों की सीबीसी जांच तक नहीं हो रही है। करीब 15 महीनों से सीबीसी जांच मशीन खराब पड़ी है। रोगियों के परिजनों को जांच के लिए परेशान होते है। सरकार ने जांच मशीन खराब होने के बाद ठीक करवाने का ठेका जयपुर की एक कंपनी को दे रखा है। इस कंपनी को मशीन ठीक करने के लिए बार-बार लिखा जा रहा है। कंपनी भी वहां से तकनीशियन को भेज देती हैं, लेकिन वह भी ठीक नहीं कर पा रहा है।
मशीन ठीक नहीं होने के बाद भी कंपनी इस मशीन को खराब नहीं बता रही है। जिससे मामला अटका हुआ है। उपखंड मुख्यालय पर स्थित चिकित्सालय में बेड़ों की कमी है। मौसम बदलते ही मौसमी बीमारी के रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। अधिक रोगी आने पर चिकित्सालय खचाखच भर जाता है। जिससे बेड कम पड़ जाते हैं।
30 बेड वाले चिकित्सालय में रोगियों की संख्या बढऩे के बाद उनको नीचे लेटा कर उपचार करना पड़ता है। आबादी के हिसाब से यहां पर प्रतिदिन 40 से 50 रोगियों को भर्ती करना पड़ जाता है। चिकित्सालय में प्रतिदिन 50 से 60 बेड की जरूरत रहती है।
सुविधाओं का अभाव
चिकित्सालय में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव रोगियों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। एक्सरे मशीन है, लेकिन डिजिटल एक्सरे सुविधा नहीं होने से रोगी परेशान रहते हैं। चिकित्सालय में ब्लड बैंक की व्यवस्था बिगड़ी हुई है। ब्लड बैंक बंद रहता है। ब्लड लेने और चढ़ाने की व्यवस्था नहीं होने से रोगियों को कोटा भेजना पड़ता है। ऑपरेशन सुविधा नहीं होने से गंभीर रोगियों को परेशानी होती हैं। कोटा दौसा स्टेट मेगा हाइवे होने से क्षेत्र में आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। जिनको उपचार के लिए कोटा ले जाना पड़ता है। उपखंड मुख्यालय पर रक्त की कमी के साथ-साथ रक्त चढ़ाने एवं ऑपरेशन करने की सुविधा नहीं है। लंबे समय से चिकित्सालय में सुविधा बढ़ाने की मांग की जा रही है, लेकिन इस बारे में सरकार गंभीर नहीं है।
अधूरे कार्य ने बिगाड़ी व्यवस्था
राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय नवनिर्मित चिकित्सा भवन में अधूरी व्यवस्था परेशानी का सबब बन चुकी है। चिकित्सालय में स्टोर रूम नहीं होने से दवाइयां और अन्य सामान रखने में परेशानी होती है। यहां पर लेबर रूम, स्टाफ रूम, बैठक कक्ष का अभाव है।
महिला नर्सिंग स्टाफ की कमी
चिकित्सालय में महिला नर्सिंग स्टाफ की कमी होने से व्यवस्था प्रभावित हो रही है। नर्सिंग स्टाफ नहीं होने से अभी बार तो रोगियों को मरहम पट्टी लगाने में भी परेशानी होती है।
अव्यवस्था का शिकार पोस्टमार्टम रूम
चिकित्सालय में स्थित पोस्टमार्टम रूम अव्यवस्थाओं का शिकार है। रास्ता कच्चा होने से बारिश में कीचड़ हो जाता है। आसपास जंगल उगा हुआ है। यहां पर डीप फ्रीज नहीं होने से गर्मी में शव रखने में परेशानी होती हैं। यहां के लिए स्वीकृत फ्रीजर कोटा चिकित्सालय में पड़ा हुआ है।
अधिकारियों को कराते है अवगत
राजकीय चिकित्सालय में सीबीसी जांच मशीन खराब पड़ी हुई है। जिसे ठीक करवाने के लिए बार-बार मिस्त्री बुलाया जा रहा है, लेकिन वह ठीक कर नहीं हो सकी। यहां पर डिजिटल एक्सरे का अभाव है। चिकित्सालय में अन्य सुविधाओं के बारे में समय-समय पर अधिकारियों को अवगत कराया जाता है।
मंजू चंदेल, चिकित्सा प्रभारी, रा. सामु. चिकित्सालय केशवरायपाटन

सात फेरे लेते ही यहां सबकी आंखे हो गई नम...कारण जानकर आप भी हो जाएंगे भावुक
हिंदू रीति-रिवाज से कराया विवाह, गणमान्यों ने पहुंचकर दिया आशीर्वाद
देह व्यापार के दलदल से मिली आजादी, बूंदी रोटरी ने बसाया युवती का घर
बूंदी. हाथों में मेहंदी और चेहरे पर हल्दी। फिल्मी गीतों पर बारातियों के ठुमके। दुल्हन का शृंगार और अग्नि के समक्ष सात फेरे। यह सब नजारे दिखाई पड़े बुधवार शाम को यहां बायपास रोड स्थित विकास नगर स्थित रोटरी भवन में।
यहां रोटरी परिवार ने देह व्यापार के दलदल में फंसी युवती का घर बसाया। पूरे हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार शादी कराई। विकास नगर का रोटरी भवन युवती की गृहस्थ जीवन के लिए साक्षी बना तो उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े। हर तरफ खुशी के नजारे और लोगों की ओर से युवती को भेंट के तोहफे ने वातावरण को ही बदल दिया। युवती को सगे भाइयों ने ही इस दलदल में धकेला था। जिसका बूंदी रोटरी ने घर बसाकर इस नरक से उसे आजादी दिलाई। 24 वर्षीय युवती ने क्लब सदस्यों से मदद की गुहार लगाई थी। जिसमें उसने बताया था कि उसके सगे भाइयों ने उसे बेच दिया एवं देह व्यापार की दलदल में फंसा दिया। इसकी एवज में उसके भाइयों ने मोटी रकम ले ली।
जब अपनी दर्द भरी कहानी रोटरी क्लब के अध्यक्ष हाशम भाई और लोकेश ठाकुर को सुनाई तो युवती को न सिर्फ इस दलदल से निकालने के प्रयास शुरू किए, बल्कि उसका घर बसाने का भी निर्णय किया। पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरे रीति रिवाज व रस्मों के साथ युवती और उसके के परिचित युवक से विवाह सम्पन्न कराया।
क्लब अध्यक्ष हाशम भाई ने बताया कि कार्यकाल के अंतिम दिन एक सुखद कार्य किया है, एक अबला को संबल देते हुए उसका घर बसाया गया। इससे बड़ा पुण्य का काम नहीं हो सकता।
इन्होंने दिया वर-वधु को आशीर्वाद
विवाह सम्पन्न होने के बाद वर-वधु को आशीर्वाद गणमान्य लोगों ने पहुंचकर दिया। जिला प्रमुख चंद्रावती कंवर, बूंदी विधायक अशोक डोगरा, सभापति मधु नुवाल, रोटरी क्लब के गवर्नर राजेश अग्रवाल, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य जयश्री लखोटिया, रोटेरियन चंद्रप्रकाश सेठी, लक्ष्मीचंद गुप्ता, महेश पाटौदी, जगदीश जैथलिया, सुरेश दाखेड़ा, महेंद्र जैन, ध्रुव व्यास, मोजी नुवाल, मनीष मेवाड़ा, विक्रम व्यास, मोहित छाजेड़, किरण शर्मा, श्यामलता शर्मा, सुरेश जागेटिया, मुकेश जैन, औराक नय्यर, रोट्रेक्ट क्लब की चेल्सी अरोड़ा, लक्ष्य अरोड़ा, अर्पित बिलोची, अदिति गौतम, पारुल, नितेश, कपिल सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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