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लाचारी, कंगाली पर 8 साल से आंसु बहाता परिवार Wednesday 07 July 2021 03:18 PM UTC+00 लाचारी, कंगाली पर 8 साल से आंसु बहाता परिवार नहीं मिली सरकार से मदद उस दौरान तत्कालीन चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड से गुहार करने पर उन्होंने भूपेन्द्र के उपचार के लिए चिकित्सकों की कमेटी गठित की। चिकित्सकों ने रिपोर्ट दी कि दोनों हाथ कोहनी के ऊपर से कटे हैं। ऐसे में केडेवर हैण्ड नहीं लग सकते, आर्टिफिशियल लिंब लगाने होंगे। इसका खर्च 8 लाख रुपए बताया। इसमें सरकार ने केवल 40 प्रतिशत राशि देने की बात कही। शेष राशि का प्रबंध करना परिवार के बूते नहीं था। इस कारण भूपेन्द्र उपचार से वंचित रहा। उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी अपनी विवशता में मदद के लिए पत्र लिखा तो वहां से 50 हजार की सहायता उपचार को स्वीकृत हुई। ऊंट के मुंह में जीरे के समान इस राशि से उपचार संभव था नहीं, इसलिए ये राशि वापस लौट गई। अब आर्टिफिशियल लिंब के उपचार का खर्च बढ़कर 18 लाख तक पहुंच गया है। जिस परिवार के पास दो समय के खाने का प्रबंध न हो, उसके लिए इतनी राशि का प्रबंध करना मुमकिन नहीं।
भूपेन्द्र अपनी दीन-दशा को देख रोता है। नि:शक्ता के साथ उसका दर्द है कि दैनिक नित्य कर्म से लेकर छोटेे कामों के लिए वह बूढ़े माता-पिता पर बोझ बन गया है। माता-पिता की सेवा करने की उम्र में वह उनसे सेवा कराना नहीं चाहता। इसी मंशा से उसने अपने स्तर पर कृत्रिम हाथों के लिए जानकारी जुटाई है। भूपेन्द्र के अनुसार केरल के एक हॉस्पीटल ने उसके उपचार का खर्च18 लाख रुपए बताया है। लेकिन निर्धन परिवार के लिए इस राशि का प्रबंध संभव नहीं। गांव में जो पुश्तैनी भूमि थी वो विवादों के कारण कब्जे में नहीं है। दुर्घटना क्लेम की मिली राशि से करौली में बरखेड़ा पुल के समीप अविकसित इलाके में एक कमरा बनाकर वो रहते हैं। कैसे भरें पेट पेट भरने को सरकार से सामाजिक सहायता योजना में मिलने वाली 750 रुपए मासिक पेंशन सहारा है। तीनों की 2 हजार रुपए महीने की पेंशन से महंगाई के दौर में ये परिवार अपना पेट भरता है। एक तो हादसे में हाथ जाने का दर्द और उसके ऊपर निर्धनता की मार ने भूपेन्द्र को अंदर तक तोड़ डाला है। दिन में न जाने कितनी बार उसकी आंखों से आंसु छलकते हैं तो बूढ़े माता-पिता उसको दिलासा देकर आंसु पौंछते हैं। वे भी कलेजे पर पत्थर रखे हैं। उनको अपने से अधिक भूपेन्द्र के भविष्य की चिंता सता रही है। भूपेन्द्र के इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं कि जब माता-पिता इस दुनिया से चले जाएंगे तो मेरे को कौन संभालेगा। |
करौली डिपो के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हों सामूहिक प्रयास Wednesday 07 July 2021 04:36 PM UTC+00 करौली. जिला मुख्यालय अभी तक ना रेल से जुड़ा और ना ही रोडवेज डिपो का स्वतंत्र संचालन हो सका है। इसके लिए ना केवल जनप्रतिनिधियों की प्रबल इच्छाशक्ति का अभाव रहा है, बल्कि सामूहिक प्रयासों की भी कमी रही है। अभी भी करौली रोडवेज डिपो हिण्डौन आगार के अधीन संचालित है, जिसको मूर्तरूप दिलाकर स्वतंत्र संचालन के लिए सामूहिक प्रयासों की दरकार है। यह विचार राजस्थान पत्रिका की ओर से यहां आयोजित टॉक-शो में कांग्रेस-भाजपा पदाधिकारियों के साथ प्रबुद्धजनों ने रखे। उन्होंने करौली के रोडवेज डिपो के स्वतंत्र संचालन को लेकर पत्रिका द्वारा चलाई जा रही मुहिम की सराहना करते हुए एकजुटता से प्रयास कर राज्य सरकार तक पुरजोर तरीके से इस मांग को पहुंचाने पर जोर दिया। भाजपा के जिला महामंत्री धीरेन्द्र बैंसला ने कहा कि करौली सहित जिले के चारों विधायक सत्ता में हैं। फिर भी करौली डिपो का हिण्डौन डिपो के अधीन संचालन होना विडबंना की बात है। इसके लिए विधायक को प्रयास करने चाहिए। बैंसला बोले कि आमजन के हित के इस मुद्दे पर वे जनता के साथ हैं और डिपो को शुरू कराने के लिए हरस्तर पर प्रयास करेंगे। समाजसेवी बबलू शुक्ला ने कहा कि यह आमजन के हित का बड़ा मुद्दा है, इसके लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रयास किए जाने चाहिए। सत्ताधारी दल के विधायक हैं, ऐसे में प्रयास किए जाएं तो डिपो शीघ्र शुरू हो सकता है। उन्होंने मांग की कि इस संबंध में मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को अवगत कराया जाना चाहिए। इसी क्रम में भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी मुकेश सालौत्री ने कहा कि डिपो का स्वतंत्र संचालन तो नहीं हुआ, बल्कि पिछले महिनों में यहां से डीजल टैंक हटा दिया। धीरे-धीरे व्यवस्थाएं समेट दी गई हैं। ऐसे में लगता ही नहीं है कि जिला मुख्यालय का बस स्टैण्ड है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को इस पर ध्यान देना चाहिए। भाजपा की ओर से 9 जुलाई को जिला कलक्टर को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। एनजीओ के अरविन्द राय बोले कि जनप्रतिनिधियों को जनता की यह महत्वपूर्ण मांग सरकार स्तर पर उठाई जानी चाहिए। डिपो करौली की जरुरत है। वे बोले कि जब करौली डिपो अच्छी राजस्व आय अर्जित कर रहा है तो इसका स्वतंत्र संचालन शुरू हो। इसके लिए पार्टी से उठकर सभी को मिलकर काम करने की जरुरत है। व्यापारी तुलसीदास फरैटिया, बाल कल्याण समिति के सदस्य फजले अहमद ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक सत्ता में हैं, ऐसे में वे सरकार स्तर पर प्रभावी प्रयास करें तो डिपो का संचालन शुरू होने से करौली सहित क्षेत्र के लोगों को लाभ मिल सकेगा। इसी क्रम में छात्रनेता धर्म मीना, अग्रवाल युवा समिति के सुमित गर्ग, खेमराज बंसल आदि ने भी विचार व्यक्त किए। |
सीवरेज कार्य की धीमी चाल पर जिम्मेदारों को मिली फटकार Wednesday 07 July 2021 06:22 PM UTC+00 हिण्डौनसिटी. निर्धारित अवधि से दोगुना समय बीतने के बाद भी अधूरे पड़े सीवरेज कार्य को लेकर एसडीएम अनूपसिंह ने जिम्मेदारों को फटकार लगाई है। बुधवार शाम उपखंड कार्यालय में हुई बैठक में एसडीएम ने एलएण्डटी के प्रोजेक्ट मैनेजर और नगरपरिषद के अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए।
सीवरेज का पूरा काम- बैठक में एसडीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि लार्सन एण्ड टर्बो (एल एण्ड टी) कम्पनी की समयावधिक दो बार बढाई जा चुकी है। लेकिन अब 15 नवम्बर 2021 तक सीवर लाइन का काम पूरा करना होगा। इसके लिए एसडीएम ने कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर को पाबंद किया। साथ ही कहा कि अब अगर काम में देरी हुई तो जुर्माना ही नहीं, बल्कि फर्म के खिलाफ अप्रत्याशित कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान नगरपरिषद आयुक्त कीर्ति कुमारी कुमावत, सहायक अभियंता महेन्द्र जाटव, एलएण्डटी के प्रोजेक्ट मैनेजर कार्तिकेत, विद्युत निगम के सहायक अभियंता केके शर्मा, सफाई निरीक्षक खलीक अहमद, पूजा बंशीवाल, दीनदयाल आदि मौजूद थे। |
अवैध नल कनेक्शन काट झारेड़ा की जाटव बस्ती में शुरु कराई जलापूर्ति Wednesday 07 July 2021 06:33 PM UTC+00
13 कनेक्शन काट पहुंचाया टंकी में पानी- |
युवक घेरकर मारी गोली, सात किलोमीटर भागकर बचाई जान Wednesday 07 July 2021 06:51 PM UTC+00 हिण्डौनसिटी. समीप के भोपुर-बहादुरपुर गांव में बुधवार दोपहर रंजिश को लेकर कुछ लोगों ने एक युवक को घेरकर पैर में गोली मार दी। किसी प्रकार युवक वहां से भाग निकला और सात किलोमीटर दूर खेडीशीश गांव में बहन के घर पहुंच जान बचाई। रिश्तेदारों ने उसे राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे गंभीर हालत में जयपुर रैफर कर दिया। बालघाट थाना पुलिस ने चिकित्सालय पहुंच घायल की स्थिति देखी, लेकिन अचेतावस्था में होने की वजह से बयान दर्ज नहीं हो सके।
कैलाश मीणा बने जिलाध्यक्ष |
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