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टाइगर रिजर्व में बनेंगे कई चौकियां और नाका भवन
अधिकारियों ने मांगी रिपोर्ट : क्षेत्र के मापचौक में जुटा विभाग
बूंदी. रामगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रस्तावित क्षेत्र के माप चौक में वन विभाग जुट गया है। पूरे क्षेत्र की रिपोर्ट अधिकारियों ने मांगी है। ऐसे में क्षेत्रीय वन अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में पडऩे वाले वनखंडों और बूंदी डिवीजन के टाइगर रिजर्व में आने वाले क्षेत्र की रिपोर्ट तैयार करने में लग गए हैं।
गौरतलब है कि टाइगर रिजर्व में 1050.12 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र प्रस्तावित किया है। इसमें रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के साथ ही बूंदी डिवीजन के डाबी, हिण्डोली, नैनवां क्षेत्र को भी शामिल किया है। बुधवार को इन क्षेत्रों की रिपोर्ट बनाई गई।
यह रहेगा क्षेत्रफल
रामगढ़ टाइगर रिजर्व में रामगढ़ अभयारण्य का 30920.51 हैक्टेयर का कोर जोन, बफर में बूंदी टेरिटोरियल नैनवां रेंज का 1621.57, बूंदी रेंज का 21427.91 हैक्टेयर, हिण्डोली रेंज का 6791.95 हैक्टेयर, डाबी रेंज का 37773.5 हैक्टेयर मिलाकर कुल 67614.93 हैक्टेयर क्षेत्र और भीलवाड़ा टेरिटोरियल का 6477 हैक्टेयर क्षेत्र शामिल किया है। इस तरह
से रिजर्व फोरेस्ट 70342.25 हैक्टेयर, प्रोटेक्टेड फोरेस्ट 26138.78, अनक्लासड फोरेस्ट 180 और रेवेन्यू एरिया 351.41 हैक्टेयर का रहेगा।
67 नाके व चौकियां है प्रस्तावित
टाइगर रिजर्व के लिए यहां कुल 67 नाके व चौकियां भी नए प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें रामगढ़ रेंज में भैरुपुरा, दलेलपुरा,विषधारी में नाके, जैतसागर, केशोपुरा, गुलखेड़ी, जावरा, खटियाड़ी-रजवास, विषधारी, बांसखोल में वनरक्षक चौकियांरहेगी।
इसी तरह बूंदी रेंज में फूलसागर, कांटी अस्तोली, गुढ़ा नीम का खेड़ा, भीमलत वनरक्षक चौकियां रहेगी। डाबी में गुढा़ व गवार नाका, जाखमूंड, रामपुरिया, खड़ीपुर, अम्बारानी, धनेश्वर, गुढ़़ा राजपुरा, डाबी पलका, धोरेला गरड़दा, गोलपुर, मराड़ी गवार, अमलात अनार, कछालिया में वनरक्षक चौकी रहेगी।
हिण्डोली में उमर पगारां व रामपुरा नाका बनेंगे। भीलवाड़ा में जलिन्द्री चौकी, बांका वनपाल नाका, बांका और जलिन्द्र में ही वनरक्षक चौकी भी रहेगी। इसमें से कुछ स्थानों पर भवन काम लेने लायक हैं तो कुछ क्षतिग्रस्त हैं। इसके अलावा नए निर्माण भी कराए जाने हैं।
नोटिफिकेशन जल्द जारी होने की उम्मीद बंधी
विभागीय सूत्रों के अनुसार रामगढ़ टाइगर रिजर्व का नोटिफिकेशन जल्द जारी हो सकता है। रणथम्भौर में बढ़ते बाघों के संघर्ष को देखते हुए केन्द्र सरकार भी इसके नोटिफिकेशन को लेकर तेज गति से कार्य कर रही है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि एक-दो सप्ताह में ही इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो जाएगा। इसके चलते विभाग अपनी तैयारियों को भी तेजी से कर रहा है। ताकि नोटिफिकेशन के बाद रिजर्व को लेकर अन्य कार्य भी समय पर पूरे हो जाएं।
यह गांव है अभयारण्य में
रामगढ़ अभयारण्य में कुल 8 गांव बसे हुए हैं। इसमें भैरुपुरा, केशवपुरा, भीमगंज, जावरा, हरिपुरा, गुलखेड़ी, गुढ़ामकदू और धंूधलाजी का बड़ा शामिल है। इसकी कुल भूमि 8083.56 हैक्टेयर और खातेदारी जमीन 636.28 हैक्टेयर है।
आने-जाने वालों की हो रही लिस्टिंग लिख रहे नाम-पते
बूंदी. रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में टाइगर रिजर्व के नोटिफिकेशन से पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर दी है। अभयारण्य में आने-जाने वाले ग्रामीणों के वाहनों को रोककर उनके आने -जाने का कारण और नाम पते पूछे जा रहे हैं। यह काम रामगढ़ रेंज के दलेलपुरा नाके पर बने वॉच टावर पर किया जा रहा है। टाइगर रिजर्व बनने के बाद यहां से सिर्फ गांव के लोगों को ही आने जाने की इजाजत होगी। ऐसे में पहले से ही इस कार्य को कर लोगों को इसके अनुरूप ढाला जा रहा है।
फिलहाल एंट्री प्वांइट तय नहीं
विभाग ने फिलहाल एंट्री प्वांइट तय नहीं किए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि रामगढ़ में प्रवेश के लिए दो एंट्री प्वाइंट बनाए जाएंगे। इसमें एक दलेलपुरा से और दूसरा जैतपुर से रहने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इसपर विभागीय विचार विमर्श के बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा।
7 राजस्व गांव है यहां
अभयारण्य में सात राजस्व गांव मोतीपुरा, लुहारपुरा, माणकचौक, सबलपुरा, फूटतालाब, डूण्डया का झोपड़ा, लीलदां भी बसे हुए हैं। यहां के लोगों का नियमित रूप से बाहर आना-जाना रहता है। दलेलपुरा से इनके आने जाने की भी मॉनिटरिंग रहने के साथ अन्य लोगों के आने जाने की भी निगरानी की जा रही है।
कम हो जाएगा बूंदी डिवीजन का क्षेत्रफल
रामगढ़ अभयारण्य के टाइगर रिजर्व नोटिफिकेशन जारी होने के बाद बूंदी डिवीजन का क्षेत्रफल भी कम हो जाएगा। टाइगर रिजर्व में नैनवां, हिण्डोली, डाबी का काफी बड़ा क्षेत्र शामिल हो जाएगा। ऐसे में इनके शेष बचे क्षेत्र के साथ केशवरायपाटन और बूंदी का कुछ भाग ही बूंदी डिवीजन में रहेगा।
तीन वॉच टावर
रामगढ़ में वन्यजीवों व अन्य कोई गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तीन वॉच टावर भी तैयार किए गए हैं। इसमें से एक दलेलपुरा वॉच टावर लम्बे समय पहले ही बनाया जा चुका है। वहीं दूसरा मांडू और तीसरा बजालिया में बनाया गया है। दलेलपुरा वॉच टावर पर ही नाका भी संचालित हो रहा है। वहीं अन्य दोनों पर निगरानी रखने के काम में लिया जा रहा है।
दलेलपुरा नाके पर स्थित वॉच टावर पर गांवों से आने जाने वालों के नाम पते लिखे जा रहे हैं। इससे कर्मचारियों के साथ ही ग्रामीणों को भी इसकी आदत पड़ जाएगी। वॉच टावर पर अन्य सुविधाएं भी शुरू करने के प्रयास हैं।
- रामप्रसाद बोयत, क्षेत्रीय वन अधिकारी, रामगढ़ रेंज

गांव में रास्ते नहीं, पैदल आवागमन करने को विवश है सामरा गांव के ग्रामीण
बड़ाखेड़ा. सरकार विकास के कितने ही दावे करे, लेकिन आज भी कई क्षेत्र इतने पिछड़े है कि वहां लोगों का पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसा ही एक गांव पंचायत माखीदा का सामरा गांव है।
करीब 50 घरों की बस्ती के लिए कोई मार्ग नहीं है। यहां न तो रोजगार है और न ही कोई और सुविधा। सडक़ न होने के कारण ग्रामीण बदहाली का जीवन जीने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों के लिए आजीविका के लिए केवल मानसून आधारित कृषि भूमि है। अपने दैनिक जीवन की जरूरतों से लेकर चिकित्सा या अन्य कामों के लिए तीन किलोमीटर पैदल चलकर बड़ाखेड़ा जाना पड़ता है। आने जाने का मार्ग कच्ची पगडंडी है। ग्रामीणों के पास जॉबकार्ड है। जब मस्टरोल चलती है, तब मजदूरी करने का मौका मिल जाता है, वरना इंतजार ही करना पड़ता है।
ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों व उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन अब तक उनके पास सुविधाओं का अभाव है।
पलायन के लिए विवश हैं ग्रामीण
आवागमन जैसी बुनियादी जरूरत को न केवल प्रशासन बल्कि सरकार भी नजरअंदाज करती आ रही है। ऐसे में गांव के लोग अब पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं। रोजगार की तलाश में कई परिवार शहरों की तरफ अपना रुख कर चुके हैं।
बरसात में टापू बन जाता है गांव
बरसात में गांव टापू बन जाता है। बीमार अस्पताल तक नहीं
पहुंच पाते। ग्रामीण बताते हैं कि बरसात में गांव के मरीज, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक ले जाना भी बेहद मुश्किल होता है। चारपाई पर लेटाकर गांव से नहर के रास्ते माखीदा तक लाया जाता है ,जहां से लाखेरी या कोटा ले जाना पड़ता है।
सामरा से बड़ाखेड़ा तक सडक़ की समस्या समाधान के लिए किसानों ने अपने खेत में होकर रास्ता दे दिया है। अभी उस पर मनरेगा के अन्तर्गत कार्य शुरू कर दिया है। पक्की सडक़ के लिए विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल को भी अवगत करवाया जा चुका है।
रमेशचंद पालीवाल, सरपंच ग्राम पंचायत माखीदा

नेशनल हाइवे पर दौड़ रहे बिना नंबरों के वाहन
बसोली. हिण्डोली. बसोली थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी पर इन दिनों बिना नंबर के वाहन सडक़ पर दौड़ रहे हैं। बूंदी से शक्करगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है,लेकिन यहां से गुजरने वाले अधिकांश वाहनों के नंबर प्लेट गायब मिलती है।
जानकार सूत्रों ने बताया कि यहां पर वाहन बजरी व अन्य परिवहन में लगे हुए हैं। ऐसे में पकड़े जाने के डर से वाहनों में नंबर प्लेट हटा लेते हैं, लेकिन उन पर परिवहन व पुलिस विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ग्राम पंचायत रामी की झोपडिय़ां के लोगों का कहना है कि कई बार सडक़ दुर्घटना होने पर वाहन के नंबर नहीं होने से वाहन की शिनाख्त में परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि यहां से आवाजाही करने वाले सभी वाहनों की नंबर प्लेट होना आवश्यक है। उधर, बसोली पुलिस सूत्रों की माने तो इस मार्ग पर कई वाहन बिना नंबरों के दौड़ रहे हैं। उन वाहनों के खिलाफ चालान बनाए जाते हैं। इसके बाद भी चालक उनकी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
करते हैं कार्रवाई
बिना नंबर प्लेट के वाहनों के कई बार चालान बनाए हैं। समय-समय पर पुलिस कार्रवाई करती है।
ओमप्रकाश, हेड कांस्टेबल, बसोली

एसडीएम कार्यालय के बाहर मटकियां फोड़ी, किया प्रदर्शन
नैनवां. नैनवां शहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने कस्बे की बिगड़ रही जलापूर्ति, विद्युत आपूर्ति व सफाई व्यवस्था के विरोध में बुधवार को उपखंड अधिकारी कार्यालय पर मटकियां फोड़ कर प्रदर्शन किया। जलदाय, विद्युत व नगरपालिका के अधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। विभागों के अधिकारियों के आने तक कार्यकर्ता हंगामा करते रहे। उपखंड अधिकारी द्वारा तीनों विभागों के अधिकारियों से वार्ता कराने के बाद ही धरना समाप्त किया। भाजपा कार्यकर्ताओ के साथ महिलाएं खाली मटकियां लेकर उपखंड अधिकारी के बाहर एकत्रित होकर उपखंड अधिकारी कार्यालय पर पहुंचे, जहां पर प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उपखंड अधिकारी को दिया। उपखंड अधिकारी ने पहले अपने चेम्बर में अधिकारियों से बात की। उसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओ से वार्ता करवाई। वार्ता में बिजली, पानी व नगरपालिका सम्बंधित समस्याओं को लेकर विभागों के अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई। प्रदर्शन में भाजपा के शहर अध्यक्ष राजेन्द्रसिंह सोलंकी, पार्षद प्रमोद जैन, दिलखुश पोटर, पुखराज ओसवाल, कपिल जैन, रामबाबू वर्मा, राजू चौधरी, उम्मेद नागर, भाजपा शहर उपाध्यक्ष मोनू सैनी, कोषाध्यक्ष महेन्द्रसिंह सिसोदिया आदि शामिल थे।
यह दिया ज्ञापन
ज्ञापन में लिखा कि नलकूपों में पर्याप्त पानी होने के बाद कस्बे में 72 घंटों में भी जलापूर्ति नहीं हो पा रही। व्यवस्था में सुधार कर कस्बे में 48 घंटों में जलापूर्ति करने की व्यवस्था की जाए। विद्युत निगम को लगातार बिजली कटौैती बंद करने, लाइनों के झूलते तारों को ठीक करने की मांग की। नगरपालिका से सफाई व्यवस्था सही कराने सहित अन्य मांग की।
प्रदर्शन के बाद उपखंड अधिकारी श्योराम द्वारा जलदाय विभाग के पम्पहाउस भरने के लिए पचास टैंकर और बढ़ा दिए। जिससे जलदाय विभाग को प्रतिदिन दो लाख लीटर पानी अतिरिक्त मिलने लग जाएगा।
जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता डीपी चौधरी ने जलापूर्ति में सुधार करवाकर 48 घंटों में जलापूर्ति करने का आश्वासन दिया। जेवीवीएनएल के सहायक अभियंता ने सात दिन में विद्युत आपूर्ति में सुधार करवाने का आश्वासन दिया। नगरपालिका की अधिशासी अधिकारी महिमा डांगी ने सफाई व्यवस्था में सुधार कराने सहित अन्य समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन देने के बाद भाजपा ने धरना समाप्त कर दिया।

कम दबाव से जलापूर्ति, नहीं पहुंच रहा पानी
देई . कस्बे में कई जोनों में कम दबाव से जलापूर्ति होने से अंतिम उपभोक्ताओं के नलों तक पानी नही पहुंच रहा है। जिससे 72 घंटे बाद जलापूर्ति होने के बाद भी लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। वहीं कस्बे में जलस्तर नीचे होने से कई नलकूप बंद हो गए हैं। जिससे लोगो के लिए पानी का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है। लोहड़ी चौहटी में लोगों ने बताया कि अंतिम छोर की बड़ के महादेवजी की गली में पानी नहीं पहुंच रहा है। लोगों ने जलदाय विभाग से टंकियों को पूरी भरने के बाद पूरे दबाव से जलापूर्ति करने की मांग की है।

मूलभूत सुविधाओं को लेकर पार्षदों का फूटा गुस्सा
नगरपालिका बोर्ड बैठक: सफाई, रोशनी सहित अन्य समस्याओं का भी नहीं हो रहा समाधान
लाखेरी. नगरपालिका बोर्ड की करीब 5 माह बाद बुधवार को आयोजित साधारण बैठक में पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने पालिकाध्यक्ष पर आमजन से जुड़ी सफाई, रोशनी व अन्य मूलभूत सुविधा को कई बार याद दिलाने के बाद भी समाधान नहीं करने का आरोप लगाया।
दोपहर 3.30 बजे पालिकाध्यक्ष आशा शर्मा की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक में कांगे्रस के पार्षद अफताब मोहम्मद ने पालिका प्रशासन पर कुछ गिने चुने पार्षदों की समस्याओं पर ध्यान देने का आरोप लगाया। सिंपी जैन ने तोरण की बावड़ी पर गेट नहीं लगाने, विकास की गति जीरों होने व पांच ऐसे ही निकल जाने, श्याम सुंदर सैनी ने ट्रांसपोर्ट नगर के शौचालय को तोड़ कर जनता का पैसा बर्बाद करने का आरोप लगाया। निशा जैन ने अलग से मीट मार्केट बनाने व रामधन चौराहे पर पेयजल की व्यवस्था करने की मांग की। राजेश राठौर ने आमजन की स्थिति पर चिंता जताई। नेता प्रतिपक्ष रवि कहार ने नयापुरा में गार्डन व मुक्तिधाम का निर्माण करवाने की बात कही। वहीं चेतनप्रकाश, शिवकुमार, कविता वर्मा, मनोनीत पार्षद सोहन मीणा ने भी समस्याएं बताई। इस दौरान बैठक में पार्षद निशा वर्मा, कृष्ण मुरारी शर्मा, महेश यादव, सत्यनारायण, मुकेश मीणा, मंजूलता सैनी, हरिशंकर मेहरा, अर्चना शर्मा सहित भाजपा कांगे्रस निर्दलीय पार्षद उपस्थित थे।
ठेका श्रमिकों की पीएफ का मुद्दा उठाया
भाजपा पार्षद रवि किरण ने पालिका के ठेका श्रमिकों की करीब 27 लाख रुपए की राशि पीएफ फंड में जमा नहीं करने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की राशि संवेदक द्वारा मजदूरी में से तो काट ली गई लेकिन पीएफ फंड में जमा नहीं करवाई गई।
पालिका उपाध्यक्ष ने संभाला मोर्चा
पालिका बोर्ड की दूसरी बैठक करीब 2.30 घंटे चली। पूरी बैठक के दौरान पालिकाध्यक्ष आशा शर्मा शांत रही। शुरुआत में अधिशासी अधिकारी जितेंद्र मीणा ही बैठक के प्रस्तावों व सदस्यों के सवाल जवाब देते रहे। जब मामला गंभीर होने लगा तो पालिका उपाध्यक्ष लटूर लाल ने मोर्चा संभाल लिया और बैठक को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाया।
समितियों का गठन
बैठक के दौरान पालिका की पांच समितियों का गठन किया गया। जिसमें भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष महेश यादव, स्वास्थय समिति के कृष्ण मुरारी शर्मा, सार्वजनिक मार्ग व प्रकाश व्यवस्था समिति के चेतन कुमार को मनोनीत किया गया। वित व कार्यपालन समिति सहित सभी सदस्यों के नामों की घोषणा की गई।
17 प्रस्ताव पारित
बैठक के अंत में प्रत्येक वार्ड में 10 लाख रुपए की राशि के विकास कार्य करवाने, खारी बावड़ी पर नाला व सडक निर्माण, सुखाडिय़ा पार्क से मेगा हाईवे तक बाइपास निर्माण, ब्राह्मण समाज में नोहरें की सीसी सडक़ का निर्माण, जेसीबी मशीन क्रय करने सहित सभी 17 प्रस्ताव पारित हुए।

नैनवां. गंभीरा ग्राम पंचायत के मीणा की झोपड़ा के प्राथमिक विद्यालय की भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने एनएच 148 डी पर कासपुरिया गांव पहुंचकर चक्काजाम कर दिया। जाम लगाने केे बाद ही प्रशासन हरकत में आया और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करनी पड़ी। ग्रामीण डेढ़ माह से अतिक्रमण हटाने की मांग करते आ रहे थे। अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने 12 जून से विद्यालय के ताला रखा था। सुबह नौ बजे से पौने ग्यारह बजे तक रहे चक्काजाम से हाइवे पर वाहनों की कतार लग गई। चक्काजाम की सूचना पर थानाधिकारी बृजभानसिंह मय पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचे। टै्रक्टर-ट्रॉलियों में बैठ ग्रामीण सुबह नौ बजे एनएच 148 डी पर पहुंच गए थे। साथ लाए टै्रक्टर-ट्रॉलियों को सडक़ पर आड़ा-तिरछा खड़ाकर सडक़ पर धरना लगाकर जाम कर दिया। रामप्रसाद मीणा, पप्पूलाल मीणा, बनवारीलाल, दुधीलाल, शोजीलाल, बुद्धिप्रकाश, हनुमान, प्रकाश सहित पूरा गांव शामिल रहा। एक घंटे बाद सवा दस बजे तहसीलदार अमितेश मीणा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की। तहसीलदार द्वारा अस्थाई अतिक्रमण को अभी हटाने व पक्के निर्माण को अतिक्रमियों को नोटिस देने की कार्रवाई के बाद हटाने का आश्वासन दिए जाने के बाद ग्रामीणों ने पौने ग्यारह बजे जाम हटा दिया। दोपहर एक बजे प्रशासन ने कानूनगो भरत शर्मा, पटवारी धर्मराज मीणा व पुलिस जाप्ता भेजकर जेसीबी से अस्थाई अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर विद्यालय की भूमि के डोलबंदी करवाना शुरू करवा दिया।

मार्ग किया परिवर्तित
ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होने के बाद ही जाम हटाने की घोषणा के बाद पुलिस ने हाइवे पर वाहनों आवागमन को एसएच-34 पर डायवर्ट कराया। उनियारा की ओर से आने वाले वाहनों को पलाई गांव के पास से नगरफोर्ट मार्ग से नैनवां की ओर व नैनवां की ओर से आने वाले वाहनों को सुवानियां, नगरफोर्ट होते हुए उनियारा की ओर निकाला।

तहसीलदार का कहना
तहसीलदार अमितेश मीणा ने बताया कि ग्रामीणों का समझाकर जाम को हटवा दिया है। ग्रामीणों की विद्यालय भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग थी। कानूनगो, पटवारी व पुलिस जाप्ता भेजकर विद्यालय भूमि पर हो रहे अस्थायी अतिक्रमणों को हटवाकर खाई फें सिंग का कार्य शुरू करवा दिया है। पक्के निर्माणों को हटाने के लिए अतिक्रमियों को नोटिस जारी कर दिए है। नोटिस के बाद की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पक्के अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

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