>>: Digest for July 09, 2021

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राजसमंद. भीम के पूर्व भाजपा विधायक हरि सिंह पर प्रधान बनाने के नाम पर 27 लाख रुपए वसूलने के आरोपों से बीरम सिंह ने यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने भीम पंचायत समिति के विकास अधिकारी डॉ. रमेशचन्द्र मीणा पर विधायक से मिलवाने ब्यावर ले जाकर बेहोश कर देने का नया आरोप जड़ दिया है। इसके लिए बीडीओ पर कानूनी कार्यवाही करने की बात भी कही। नाटकीय घटनाक्रम के तहत प्रधान बीरम सिंह अपने कुछ साथियों के साथ मंगलवार शाम छह बजे राजसमंद की नौचौकी पाल पहुंचे। यहां कुछ देर बाद पूर्व विधायक हरि सिंह रावत व उनके साथ इस मामले में भाजपा की ओर से नियुक्त जांच अधिकारी करण सिंह रावत समेत कुछ और लोग भी आ गए।

तीसरे दिन आकर बोले- मुझे टॉर्चर किया
प्रधान बीरम सिंह ने राजसमंद में पत्रकारों से कहा- मुझे बीडीओ मीणा पिछले 7 महीन में तीन बार भीम विधायक के ब्यावर स्थित घर ले गए। बार-बार टॉर्चर किया। मैंने अपनी पीड़ा उन्हें बताई। कहा कि न तो बिल उठ रहे, न मेरे हस्ताक्षर हो रहे। मनरेगा में कैसे मेट-मजदूर लगा रहे यह भी मुझे नहीं पता। बीडीओ ने मुझसे कहा था, आप तो साहब से मिल लो, सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। अबकी बार भी उन्होंने मुझे बुलाया। मैं मेरे घर से मेरी बाइक से गया। मेरे बच्चे के ससुराल में मैंने बाइक रख दी। वहां से बीडीओ की निजी गाड़ी में मुझे बैठाकर विधायक से मिलने के लिए ले गए। एक होटल पर ले जाकर मुझे नाश्ता करवाया। मैंने चाय-बिस्किट का नाश्ता किया, उसके बाद दो दिन तक क्या हुआ मुझे कुछ पता नहीं। वहां तीन लोग थे, जिनको मैं जानता नहीं था। प्रधान ने कहा, बीडीओ ने दो दिन के लिए उनके घर की तरफ चलने की बात भी कही थी, होश में आया तो मैं जयपुर में था। वहां से ऑटो लेकर भागकर भाजपा मुख्यालय पहुंचा, लेकिन अन्दर नहीं गया। वहां से डर के मारे सीधे घर आने की कोशिश की। इधर, इस मामले को लेकर पत्रिका ने भीम विधायक सुदर्शन सिंह से सम्पर्क करने का प्रयास किया तो उनका फोन आउट ऑफ कवरेज मिला।

मैं पांच दिन से भीम में हूं, तमाम आरोप झूठे- बीडीओ
प्रधान द्वारा लगाए आरोपों के जवाब में बीडीओ डॉ. मीणा ने कहा कि वह नशे जैसी चीज खिलाने-पिलाने की बात तो दूर है, वह प्रधान से मिले भी नहीं हैं इन दिनों में। मीणा बोले, पांच दिन से मेरी लोकेशन भीम की है। इसकी जांच की जा सकती है। मैं मुख्यालय छोड़कर कहीं नहीं गया हूं। मुझे तो प्रधान मिले ही नहीं। अखबारों में जरूर पढ़ा तो पता चला कि क्या चल रहा है। प्रधान के आरोप सही हैं तो वह साबित करें। इस तरह के झूठे आरोप क्यों लगा रहे, वे ही जानें। अगर डिजिटल सिग्नेचर काम में लिए हैं लैब में जांच करवाएं। इस पूरे मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है।

'प्रधान पर कार्रवाई के लिए पार्टी स्वतंत्रÓ
पूरे मामले से भाजपा की भद्द पिटने के सवाल पर पूर्व विधायक ने कहा कि पार्टी प्रधान पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। जो भी उचित लगे, करना चाहिए। जो भी करेगा संगठन करेगा। मेरे हाथ में कुछ नहीं है। प्रधान को अगवा करने की सच्चाई को सामने लाने के लिए कानूनी कार्रवाई के सवाल पर पूर्व विधायक ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है, तो निश्चित तौर पर कानून की मदद लेंगे।

'बीडीओ ने मेरे लैटरपेड, डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल कियाÓ
प्रधान ने विकास अधिकारी पर यह भी आरोप जड़ा कि कुछ दिनों पहले उनसे लैटरपेड ले लिया था। यह कहकर कि टेण्डर जारी करने में है, जिसमें उसकी जरूरत है। प्रधान का दावा है कि उन्होंने खाली लैटरपेड बीडीओ को दिए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नाम जारी चिट्टी के बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है। उनके डिजिटल हस्ताक्षर भी बनवाकर पहले ले लिए गए थे। प्रधान ने कहा, मैं होश में होता तो ऐसा कभी नहीं करता, जो हुआ है।

ऐसे चला घटनाक्रम...
गत 3 जुलाई को शाम 5 बजे प्रधान के मोबाइल नम्बर से वॉट्सएप पर एक पत्र भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नाम जारी हुआ, जिसमें पूर्व विधायक हरि सिंह पर 27 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया गया।
उसके कुछ देर बाद प्रधान का मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो जाता है। इससे हड़कम्प मच जाता है।
4 जुलाई को भाजपा जिला उपाध्यक्ष करण सिंह राव को पार्टी पूरे घटनाक्रम की जांच सौंपती है।
5 जुलाई की शाम पूर्व विधायक हरि सिंह रावत राजसमंद जिला भाजपा कार्यालय पहुंचकर अपनी सफाई देकर इसे विरोधियों की एक साजिश बताते हैं।
5 जुलाई की ही शाम जयपुर से बीरम सिंह खुद फोन कर लोगों को जल्द मामले का खुलासा करने की सूचना देते हैं।
6 जुलाई की शाम 6 बजे प्रधान राजसमंद पहुंचते हैं और भीम बीडीओ पर नशीला पदार्थ नाश्ते में मिलाकर खिला देने का आरोप लगाते हैं। इस दौरान आरोपों से घिरे पूर्व विधायक खुद उनके साथ नजर आते हैं।

इन सवालों के जवाब देने में टालमटोल
ब्यावर से जयपुर कैसे पहुंचे, जहां से खुद लोगों को फोन कर बताया कि मैं जयपुर हूं, दो दिन में राजसमंद आऊंगा?
अगर किसी ने धोखे से बेहोश किया, तो जयपुर भाजपा मुख्यालय पहुंचकर वहां पूरा घटनाक्रम क्यों नहीं बताया?
भीम या सम्बंधित थाने में पहुंचने की बजाय राजसमंद आकर मीडिया के सामने क्यों सफाई दी?
जिन पूर्व विधायक पर आरोप लगाया, वह भी साथ-साथ एक ही समय राजसमंद क्यों पहुंचे?
अगर कोई धोखेबाजी हुई तो प्रधान को हरि सिंह भाजपा जिला कार्यालय क्यों नहीं, जबकि एक दिन पहले ही वहां खुद ने सफाई दी थी

भीम. पंचायत समिति, भीम में प्रधान और विकास अधिकारी के बीच विवाद थमता नहीं दिख रहा है। अब भीम के विकास अधिकारी डॉ. रमेशचन्द्र मीणा ने प्रधान बीरम सिंह के खिलाफ 200 करोड़ रुपए की मानहानि का मामला दर्ज करने के लिए भीम थाने में रिपोर्ट दी है।
रिपोर्ट में विकास अधिकारी मीणा ने बताया कि गत 4 जुलाई को प्रधान बीरम सिंह ने पूर्व विधायक हरि सिंह रावत पर सत्ताइस लाख रुपए लेकर प्रधान बनाने का आरोप लगाया गया था। 6 जुलाई को प्रधान बीरम सिंह ने इससे पलटते हुए यह बयान दिया कि इस कार्य के लिए बीडीओ ने उन्हें धमकाया है। बीडीओ ने कहा कि उनके विरुद्ध गलत बयानबाजी कर लगातार प्रताडि़त किया जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया कि इससे पूर्व भी कार्यालय समय में प्रधान बीरम सिंह निरंतर फोन पर धमकियां दे रहे थे। इससे उनकी मनोदशा पर गंभीर विपरीत प्रभाव पड़ा है। बीडीओ ने इन हालात में सरकारी कामकाज करने की क्षमता में कमी आने की बात भी लिखी है। बताया कि प्रधान बीरम सिंह द्वारा कार्यग्रहण करने के कुछ समय बाद से ही उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। प्रधान पद की गरिमा का ध्यान रखते अब तक इस प्रताडऩा को सहा गया। बीडीओ डॉ. मीणा ने कहा कि अब स्थिति असहनीय हो चुकी है। प्रधान बीरम सिंह द्वारा खुले रूप से जो गलत बयान उनके खिलाफ दिए गए, उससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है। विकास अधिकारी ने 200 करोड़ रुपए की मानहानि का मामला दर्ज करने तथा प्रधान के सहयोगी कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।
- यह है पूरा मामला
प्रधान बीरम सिंह ने गत 3 जुलाई को एक चिट्ठी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नाम जारी कर अपनी ही पार्टी के पूर्व भाजपा विधायक हरि सिंह पर 27 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया था। उसके बाद दो दिन प्रधान भूमिगत हो गए। बाद में 6 जुलाई को मीडिया के सामने आकर भीम प्रधान अपने आरोपों से मुकर गए। यही नहीं, उन्होंने बीडीओ पर नाश्ते में नशीला पदार्थ खिला-पिलाकर यह सब करवाने और खुद के होशो-हवास में नहीं होने की बात कह दी, जिस पर किसी को यकीन नहीं हुआ। खुद पर आरोप लगने के बाद अब बीडीओ ने प्रधान के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है।
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हमारे पास विकास अधिकारी की भीम प्रधान के विरुद्ध रिपोर्ट आई है। इस मामले की हम जांच कर रहे हैं। जांच के बाद अग्रिम कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज करेंगे।
गजेन्द्र सिंह, पुलिस वृत्त निरीक्षक, भीम

सरपंच संघ उतरा पूर्व विधायक के खिलाफ, जांच की मांग
भीम. सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष विश्म्भरकृष्ण सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर प्रधान बीरम सिंह द्वारा पूर्व विधायक हरि सिंह पर प्रधान पद देने के लिए 30 लाख रुपए मांगने एवं 27 लाख रुपए देने के आरोपों की जांच कराने की मांग की है। पत्र में बताया कि राजनीति में ऐसे लेन-देन के आरोपों से क्षेत्र की छवि को आघात पहुंचा है। गरीब व कर्मठ कार्यकर्ता की उपेक्षा व रुपयों के लेन-देन से पद लेने की परिपाटी उचित नहीं है।
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विकास अधिकारी ने अपने बचाव के लिए मेरे खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दी है। बाकी मैंने मीडिया के सामने जो कहा है, वह बिल्कुल सत्य है।
बीरम सिंह, प्रधान, पंचायत समिति, भीम

खमनोर. विधानसभाध्यक्ष एवं नाथद्वारा विधायक डॉ. सीपी जोशी लंबे वक्त के बाद बुधवार को अपने गृहक्षेत्र की खमनोर पंचायत के शाहीबाग में जनप्रतिनिधियों और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। नेता और कार्यकर्ताओं के बीच कांग्रेस की 'पुरानी टीमÓ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने शिकायतों का पिटारा खोल दिया। वरिष्ठों ने खुद के हाशिए पर और 'घरÓ में ही घुटन होने का दर्द बयां किया। 10 साल नाथद्वारा की राजनीति से दूर रहे सीपी जोशी की गैर मौजूदगी में कार्यकर्ताओं के कमजोर होने आज नींव हिल जाने तक बातें कही गई। कांग्रेस जिलाध्यक्ष को पार्टी के लिए दौड़-धूप करने का श्रेय तो दिया, मगर पार्टी में ही समानांतर टीम खड़ी करने के गंभीर आरोप लगा दिए। जिलाध्यक्ष स्वास्थ्य कारणों के चलते मौजूद नहीं थे। कांग्रेस के वरिष्ठों ने विकास के काम अपने नेता सीपी जोशी द्वारा कराने और वाहवाही विपक्षियों द्वारा लूटने की भी बात कही। नाराज कार्यकर्ताओं को सीपी जोशी ने जवाब में कहा कि मैं आप में से किसी को डिप्टी, एसडीएम, तहसीलदार तो नहीं बना सकता। उनका काम उनको करने दो। विधानसभाध्यक्ष ने इससे पूर्व गुंजोल, सायों का खेड़ा सहित पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया।

10 साल में कार्यकर्ता कमजोर हो गए
वरिष्ठ कार्यकर्ता मांगीलाल पालीवाल ने कहा, यह बताते हुए अच्छा नहीं लग रहा है। जो कार्यकर्ता 80 के दशक से साथ चल रहे थे और उत्साह से काम हो रहा था। 10 साल 'साहबÓ गए उसके बाद कार्यकर्ता कमजोर पड़ गए। काका साहब बहुत दौड़े, मगर उनके दौडऩे में फर्क था। उन्होंने नई टीम चालू की, लेकिन पुरानों को साथ नहीं रखा। उन्होंने कहा कि घर में घुटन हो रही है। उन्होंने कहा कि टीम आए तो कहां-क्या जरूरत है सबको पूछकर, पता लगाकर किसी काम को करवाएं। क्यों कि काम करने के लिए सिर्फ एक साल बचा है। फिर चुनावी साल है। साहब काम खूब करा रहे हैं, लेकिन पब्लिक नहीं जुड़े और यदि हार हो जाए कार्यकर्ता जिम्मेदार होगा।

व्यक्तिगत काम करोड़ों के विकास पर भारी
सगरूण के पूर्व सरपंच तेजसिंह सोलंकी ने डॉ. सीपी जोशी के विकास कार्यों को गिनाते हुए कहा कि उनका व्यक्तिगत मत है कि भले ही करोड़ों रुपए के विकास के कार्य करवा दें, लेकिन यदि किसी का व्यक्तिगत कार्य नहीं होता है और वह निराश लौटता है तो वह चुनाव आने पर व्यक्तिगत कार्य के लिए लोग संपर्क करते हैं और यदि वह काम नहीं हो पाते हैं तो एक नाराजगी लाखों रुपए के काम पर पानी फेर देती है। जिस दिन किसी बंदे का व्यक्तिगत काम नहीं हुआ तो वह चुनाव के दिन कहेगा कि मैं फलां नेता के पास गया और छाती पीटकर वापस आया। उन्होंने इसके लिए ब्लॉक स्तर पर व्यवस्था बनाने की जरूरत बताई।

'मुझसे करवाई सांसद की जयकारÓ
शिशोदा के पूर्व उपसरपंच श्यामलाल जोशी ने कहा कि उनकी पंचायत में 10-12 करोड़ के काम हुए हैं। सरपंच ने मुझे बात करा दी, मैं भोला रहा और कह दिया कि इन्हें नर्सरी दे दो। अब वो दीया कुमारी की जय बोल रहे हैं। सतलेवा स्कूल खोलने के लिए आपने कहा था और खुल भी गया। सरपंच कह रहे हैं कि दीया कुमारी ने हमारा काम कर दिया। पुरानी टीम में से किसी एक को खमनोर ग्रामीण का और एक को नाथद्वारा का काम सौंपने की गुजारिश की। मोलेला के पूर्व सरपंच सुधीर बोहरा ने कि काम हम कर रहे हैं, सामने वाले बता रहे हैं कि दीया कुमारी ने किया। उपप्रधान वैभवराजसिंह चौहान ने अगले विधानसभा चुनाव में अपने इलाके की पंचायतों से कांग्रेस को जिताने का संकल्प जताया। सेमा सरपंच संदीप श्रीमाली ने कहा कि हम नए हैं, राजनीति की कलाकारी नहीं जानते हैं कि कैसे की जाती है, इसलिए आप हमारा मार्गदर्शन करें।

...फिर सीपी ने लगाई सीनियर्स की क्लास
पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेताओं की बात सुनने के बाद डॉ. सीपी जोशी ने अपने ही अंदाज में सीनियरों की क्लास ले ली। उन्होंने अपनी टीम के पुराने नेताओं से कहा कि आप अपनी पंचायत के वार्डों से दो-दो 12वीं पास युवाओं के मोबाइल नंबर की सूची मेरे पास भेज दो। बाकि काम मैं कर दूंगा। उन्होंने पुराने सभी नेताओं का नाम लेकर कहा कि वे पहले उदाहरण बनें। खुद की पंचायत से यह शुरुआत करें और अगली मीटिंग में ऐसे कार्यकर्ताओं को लेकर आएं। उन्होंने कहा कि जमाना बदल गया है, मगर हम अपने आप को नहीं बदल रहे हैं। सीनियर कह रहे हैं कि एक आदमी को अधिकार दे दो, ये मैं कैसे कर सकता हूं। उन्होंने कहा- मैं तो आपको नया डिप्टी, एसडीएम, तहसीलदार नहीं बना सकता। ये सरकार के हैं और ये उनके काम है। उनको अपना काम करने दो। कोई तकलीफ हो तो मेरे नंबर पर बात करो। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टी के नेताओं से अपने मुद्दों पर आप सवाल करें। मैं विधायक तो कांग्रेस से चुना गया, मगर विधानसभा में जिम्मेदार पद पर हूं, जहां पद की मर्यादा है और मेरे लिए सभी बराबर हैं। मैं जिस जगह पर हूं, वहां पर मैं ये काम नहीं कर सकता। वो प्रचार करे तो आप भी करो, आपको रोक कौन रहा है। जितनी चीजें बदल रही है, उतना आपको बदलना जरूरी है। बदल रहे तरीकों को सीनियर लोग नहीं समझना चाह रहे हैं। उन्होंने कोरोना महामारी में चिकित्सा सुविधाओं की जरूरतों को समझने और उस पर काम करने का अनुभव बताया।

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