>>: Digest for July 10, 2021

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Table of Contents


गंगनहर में 2400 क्यूसेक सिंचाई पानी का शेयर---सिंचाई पानी पर नहीं बनी बात,किसानों को सात दिन बाद पानी की बारी नहीं मिलने पर 13 को फिर से महापड़ाव

-45 आरडी पर 2258 क्यूसेक पानी,जबकि खखां हैड पर मिल रहा 1628,कहां जा रहा 630 क्यूसेक सिंचाई पानी

श्रीगंगानगर. गंगनहर में जुलाई माह का तय हुआ 2400 क्यूसेक सिंचाई पानी देने व नहरों में हो रही पानी चोरी पर अकुंश लगाने की मांग को लेकर किसानों ने गुरुवार सुबह10 बजे गंगासिंह चौक पर महापड़ाव डाल दिया। पड़ाव में काफी संख्या में किसान शामिल हुए। हालांकि पुलिस ने पदमपुर,सूरतगढ़,मिर्जेवाला सहित अन्य सडक़ों बैरीकेट्ड लगाकर किसानों के वाहनों को अंदर आने से रोकने की कोशिश की। इसको लेकर पुलिस प्रशासन व किसानों के बीच कहासुनी भी हुई। किसानों की तल्खी के बीच पुलिस ने बीच का रास्ता निकालते हुए कुछ दूरी तक ट्रैक्टर अंदर लेकर आने की अनुमति तक दी गई। गंगासिंह चौका पर पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल की अध्यक्षता में महापड़ाव स्थल पर सभा चलती रही। हालांकि गर्मी बहुत ज्यादा थी लेकिन किसान पड़ाव स्थल पर डटे रहे। डेढ़ बजे पूर्व विधायक बेनीवाल ने जिला प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि आधा घंटा में किसानों को कलक्टर ने वार्ता के लिए नहीं बुलाए,तो फिर किसान बैरीकेट्ड तोडकऱ प्रशासन का घेराव करेगाा। पौने दो बजे तहसीलदार संजय अग्रवाल व सीओ सिटी अरविंद बैरड़ वार्ता में बुलाने के लिए किसानों के बीच पहुंच गए।

प्रशासन के साथ हुई वार्ता
इसके किसानों का एक शिष्टमंडल पूर्व विधायक के नेतृत्व में जिला प्रशासन के साथ वार्ता के लिए कलक्ट्रेट सभा कक्ष में पहुंचा। करीब डेढ़ घंटा से अधिक समय तक जिला कलक्टर जाकिर हुसैन,पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत,एडीएम प्रशासन भवानी सिंह पंवार,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहीराम,एसडीएम उम्मेद सिंह रतनू व जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला के बीच किसानों की वार्ता होती रही। वार्ता में किसानों की तरफ से पूर्व विधायक बेनीवाल,कांग्रेस नेता पृथीपाल सिंह संधू, किसान नेता रणजीत सिंह राजू,संतवीर सिंह,राजा हेयर,मनिंद्र सिंह मान,श्योपत राम,गुरबलपाल सिंह संधू,अमर सिंह बिश्नोई,गंगनहर परियोजना के चेयरमैन शमीर सिंह सहित अन्य किसान प्रतिनिधियों ने गंगनहर में सिंचाई पानी से जुड़े मुद्दों पर प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखी।

वार्ता बीच में छोडकऱ किसान नेता बाहर आए

आखिर में किसान नेता वार्ता बीच में ही छोडकऱ चले गए तथा बाहर आकर पूर्व विधायक ने घोषणा की कि किसानों की सात दिन बाद पानी की एक बारी लानी चाहिए यदि सिंचाई पानी पूरा किसानों को नहीं मिलता है तो किसानों का गंगासिंह चौक पर धरना जारी रहेगा तथा 13 जुलाई को गंगासिंह चौक पर फिर से महापड़ाव डाल कर प्रशासन को ठप्प किया जाएगा।

किसानों से हुई वार्ता में कलक्टर,एसपी व एसइ ने यह दिए आश्वासन

1.कलक्टर ने दो दिन में अधीक्षण अभियंता से मांगी रिपोर्ट

जिला कलक्टर जाकिर हुसैन के समक्ष किसानों ने मुद्दा उठाया कि गंगनहर पर 400 मोघे अतिरिक्त सिंचाई पानी ले रहे हैं और इन पर किसानों ने कोर्ट से स्टे ले रखा है। इस पर कलक्टर ने अधीक्षण अभियंता से एक रिपोर्ट बनाकर दो दिन में देने और इसकी पैरवी कर इनका स्टै तुड़वाकर इन पर सख्ती से कार्रवाई करने का विश्वास दिलवाया है। कलक्टर हुसैन ने कहा कि सिंचाई पानी के लिए मुख्य अभियंता,राजस्थान व पंजाब,प्रमुख शासन सचिव सहित उच्चाधिकारियों से निरंतर बातचीत की है।

2.पानी चोरी पर अंकुश के लिए पुलिस का 100 का अतिरक्त जाब्ता

पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता व किसानों से कहा कि खखां हैड से शिवपुर हैड तक सिंचाई पानी चोरी पर अकुंश लगाने के लिए 100 का अतिरिक्त पुलिस जाब्ता,पुलिस की गाडिय़ां सहित ली जा सकती है। वहां पर 24 घंटे पानी पकडऩे के लिए गश्त की जा सकती है। एसपी ने कहा कि 45 आरडी से खखां हैड तक बीकानेर कैनाल गंगनहर में पानी चोरी पर अकुंश लगाने के लिए पंजाब के फाजिल्का के एएसपी व कलक्टर से मीटिंग कर वहां पर पानी चोरी पर अकुंश लगाया जा सकता है। साथ ही विभाग के अधीक्षण अभियंता चावला से कहा कि 45आरडी से खखां हैड के बीच कहां-कहां पर पानी चोरी हो रहा है। किसानों की मौजूदगी में मौके पर जाकर इसकी वीडियोग्राफी करवाई जाए। वीडियोग्राफी मीटिंग में पेश कर पानी चोरी पर अकुंश लगाया जा सकता है। पुलिस की मीटिंग व जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट दो दिन में तैयार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

45 आरडी से खखां हैड तक 630 क्यूसेक पानी लॉसेज व चोरी में जा रहा है ?

krishan chauhan, [08.07.21 19:12]
3.जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला ने किसानों से वार्ता में कहा कि जुलाई माह का गंगनहर का शेयर 2400 क्यूसेक निर्धारत है। पंजाब की 45 आरडी से हमको 2213 क्यूसेक सिंचाई पानी मिल रहा है। वार्ता में किसानों से कहा कि इतना पानी तो मिलता रहेगा,जबकि 2400 क्यूसेक सिंचाई पानी पूरा दिलवाने की हर संभव कोशिश की जाएगी। जबकि गुरुवार शाम छह बजे खखा हैड पर 1628 क्यूसेक सिंचाई पानी मिल रहा था। जबकि 2213 में से 1628 क्यूसेक मिल रहा है और इस बीच 630 क्यूसेक सिंचाई पानी का लॉसेज व चोरी में जा रहा है।

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किसानों यह तय किया

एक सप्ताह बाद मिलना चाहिए सिंचाई पानी,नहीं तो फिर 13 से महापड़ाव

प्रशासन के साथ वार्ता के बाद किसान नेताओं ने आपस में विचार-विमर्श करने के बाद पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने कहा कि गंगनहर में जुलाई माह का 2400 क्यूसेक का शेयर है। किसानों की एक बारी छोड़ कर सिंचाई पानी मिलना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर किसानों का धरना जारी रहेगा और किसानों का फिर से 13 जुलाई को महापड़ाव व प्रशासन ठप्प करने का आह्वान किया।


महापड़ाव स्थल पर हुई सभा

किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी,बलजिंद्र सिंह चहल, राकेश ठोलिया,गुरलाल बराड़, रविन्द्र तरखान, मास्टर केवल सिंह,सरपंच इन्द्राज पूनिया,वकील सिंह,जसवीर सिंह पन्नु, हरबंश सिंह संगराणा,राकेश बिश्नोई,धर्मवीर डुडेजा, कुलदीप कासनियां,तारासिंह सिधु,रमन रंधावा,मनीराम पूनिया,शमशेर सिंह बराड़,अमित कल्याणा,अमतेंद्र सिंह क्रांति,विक्रम शेरगिल,तरसेम गुप्ता, कृष्ण मील,निशान सिंह, अनमोल मान,अरण संधु,बलजिंद्र उप्पल,इंद्रजीत बिश्नोई, विजय रेवाड़,हाकम सिंह जसवीर सिंह आदि ने कहा कि बीकानेर कैनाल में सिंचाई पानी चोरी हो रहा है और विभाग ने गस्त के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं की। शेयर के अनुसार सिंचाई पानी नहीं मिलने से नरमा-कपास,गन्ना,बागवानी व हरा चारा की फसलें बर्बाद हो रही है। जबकि मंगू व ग्वार की बुवाई प्रभावित हो रही है। खेल खाली पड़े हैं और किसान परेशान है।

पुलिस के साथ हुई किसानों की झड़प
किसान कलक्ट्रेट से वार्ता के लिए जा रहे थे। इस बीच एक थानेदार ने किसानों को गेट पर रोक लिया। इस बीच किसान नेता गुरबलपाल सिंह सहित कई अन्य किसान नेता गुस्ता में हो गए तथा बैरीकेटड्स तोड़ दिया। इस बीच पुलिस अधिकारियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत किया।

वहीं,वार्ता में अंदर जाने के लिए किसानों के बीच बहस हो गई। दस-पंद्रह मिनट तक किसान नेताओं में वार्ता में अंदर जाने को लेकर कलक्टर के पीए के कक्ष के बाहर बहस होती रही। फिर 15 किसान प्रतिनिधि वार्ता में शामिल हुए। वहीं,सुबह किसान पड़ाव स्थल तक ट्रैक्टर लेकर पहुंच गए।

किसानों के लिए की लंगर सेवा
अत्यधिक गर्मी में गुरुद्वारा सिंहसभा,शहीद बाबा दीप सिंह गुरुद्वारा व नई धानमंडी के व्यापारियों की तरफ से व 11 जी के किसानों की तरफ से जलजीरा,मीठे चावल व चाय पानी का प्रबंध किया गया। जलजीरा की सेवा में दी गंगानगर ट्रेडर्स के अध्यक्ष धर्मवीर जुड़ेजा भी लगे हुए थे।

कानून-व्यस्था को लेकर पुख्ता व्यवस्था

महापड़ाव में कानून व्यवस्था का लेकर जिला कलक्टर ने एसीइओ मुकेश बारठ,एसडीएम उम्मेद सिंह रतनू व तहसीलदार संजय अग्रवाल को मजिस्टे्रट लगाया गया। जबकि पुलिस प्रशासन की ओर से पुख्ता व्यवस्था की गई। प्रशासन ने जगह-जगह बैरीकेट्ड की गई। जिला चिकित्सालय प्रबंधन की ओर से डॉक्टर,नर्सिंग की टीम एंबुलेंस सहित तैनात की गई। किसान नेताओं ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष कहा कि बैरीकेट्स लगाकर किसानों को परेशान किया गया। एसपी ने कहा कि भविष्य में ध्यान रखा जाएगा।

ऑनलाइन शिक्षण के अभ्यस्त हुए शिक्षक-विद्यार्थी,घर-घर पहुंची स्माइल

-पिछले साल की तुलना में मिल रहे बेहतर परिणाम,गांव-ढाणियों में जा रहे गुरुजी


-कृष्ण चौहान

श्रीगंगानगर.कोरोना वायरस की चपेट में आए पिछले दोनों सत्रों की भरपाई के लिए शिक्षा विभाग लगातार नवाचार कर रहा है। तकनीक और ऑनलाइन संसाधनों के इस युग में मौजूदा समय तक शिक्षा विभाग ने शिक्षा का एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया है। हालांकि जो कार्यक्रम पिछले सत्र में चलाए गए थे। करीबन उन्हीं योजनाओं जैसे स्माइल-3,आओ घर से सीखें-2 शिक्षा दर्शन,शिक्षा वाणी,हवामहल आदि को नए सिरे से इस सत्र में फिर से लागू किया गया है। फिर भी इस साल परिणाम पहले से बेहतर हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण है कि बच्चे और अभिभावक ऑनलाइन पढ़ाई, मोबाइल,कम्प्युटर और इंटरनेट के अभ्यस्त हो चुके हैं। पिछले साल जिन बच्चों के पास में संसाधन नहीं थे।उन्होंने कोरोना के कारण बढ़ती ऑनलाइन शिक्षा की जरूरतों को देखते हुए मोबाइल व रेडियो आदि संसाधन जुटा लिए हैं।

-हर शनिवार मिल रही क्विज

विभाग प्रत्येक शनिवार को इ-कंटेंट के दौरान क्विज भेजी जा रही है। जिसमें हिस्सा लेने के लिए व्हाट्सएप नंबर 8599524493 पर हेलो लिख कर मैसेज करना होता है। इसके बाद जिला,ब्लॉक,एनआइसी कोड से स्कूल का चयन कर विद्यार्थी को कक्षा व नाम से पंजीकरण करना है। इस प्रश्नोत्तरी में विद्यार्थियों की ओर से दिए गए जवाब प्रथम परख के मूल्यांकन का आधार बनेंगे।

-मॉनिटरिंग कर रहें हैं 36 अधिकारी

विभाग ने जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के अलावा राज्य स्तर से 36 अधिकारियों को आओ घर से सीखें-2 कार्यक्रम की गतिविधियों का निरीक्षण करने के लिए नियुक्त किया हुआ है। जिसमें प्रत्येक अधिकारी को 15 स्कूलों का निरीक्षण कर जांचना है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा संबंधी कार्यों का संचालन किस स्तर पर किया जा रहा है।

-धरातल पर रही है कुछ समस्याएं
1. ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शत प्रतिशत विद्यार्थियों तक पहुंच संभव नहीं है।

2. ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सबसे बड़ी बाधा है।
3. सभी विद्यार्थियों के पास मोबाइल और फोन भी नहीं है।

4. प्रत्येक कक्षा और विषय का कंटेंट रोज नहीं आता है।
5. रिकॉर्ड संधारण के लिए कागजी कार्यवाही बढ़ गई है।

फैक्ट फाइल

प्रदेश में लाभान्वित होने वाले माध्यमिक स्कूल- 14793

प्रदेश में लाभान्वित होने वाले प्रारम्भिक स्कूल - 49301
प्रदेश में लाभान्वित होने वाले सरकारी स्कूल - 1927

राज्य के कुल सरकारी विद्यार्थी - 8583572
जिले में लाभान्वित होने वाले विद्यार्थी - 205813

जिले में कुल दिव्यांग विद्यार्थी - 2814

विभाग के डिजिटल मंच पर सामान्य शिक्षा के साथ-2 समावेशी शिक्षण की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। मिशन समर्थ के तहत बच्चों का फंक्शनल असेसमेंट कर इ-कंटेट प्रतिदिन पहुंचाया जा रहा है।

-भूपेश शर्मा,समन्वयक,जिला दिव्यांग्ता प्रकोष्ठ,शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर

स्माइल-3 के तहत ऑनलाइन कंटेंट के अलावा सभी शिक्षकों को गृह कार्य वह पोर्टफोलियो के लिए पाबंद किया गया है। इसके साथ ही अनामांकित विद्यार्थियों को स्कूल से जोडऩे का अभियान चलाया गया है।

-हंसराज यादव,मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर

श्रीगंगानगर. एक ओर नहरों में सिंचाई पानी की कम उपलब्धता को लेकर किसान संगठन कलक्ट्रेट पर महापड़ाव तक कर रहे है। वहीं शहरी क्षेत्र में बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने पिछले एक सप्ताह से शहर की अधिकांश कॉलोनियों में पानी की सप्लाई एकाएक कम कर दी है। इससे पेयजल संकट गहराया हुआ है।

वहीं विद्युत निगम की ओर से बिजली सप्लाई में बार बार व्यवधान आ रहा है। कई जगह बिजली के ट्रांसफार्मर जल रहे है तो कई जगह लाइनों में फाल्ट आने लगा है। गर्मी और उमस से निजात दिलाने के लिए बरसात नहीं होने के कारण बिजली का लोड एकाएक बढ़ा है। पूरे साल भर विद्युत निगम रख रखाव के नाम पर हर कॉलोनी में बिजली कटौती की। इस गर्मी के मौसम में आते ही निगम का तंत्र हांफने लगा है।

जवाहरनगर और हाउसिंग बोर्ड एरिया में पिछले दो सप्ताह से लगातार दिन और रात के समय में बार बार कट लगाए जा रहे है। इसका ऑन रेकार्ड नहीं है। जब भी निगम के एसई को कॉल करो तो यही जवाब मिलता है कि बिजली की खपत अधिक है, आपूर्ति प्रभावित हो रही है। अग्रसेननगर सहित कई इलाकों में पिछले दो दिनों से पानी की आपूर्ति नियमित नहीं हो रही है।

वहीं एसएसबी रोड पर चक ३ ई छोटी में स्थित रामलाल कॉलोनी गली नम्बर ९ के बांशिदों ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मोहल्लेवासियों का कहना था कि पिछले तीन दिन से जलापूर्ति कम हो रही थी, एक बंूद भी पानी नहीं आया।

प्यास बुझाने के लिए पानी टैंकरों से मुंहमांगे दाम चुकाने पड़ रहे है। प्रदर्शन करने वालों में शैलेन्द्र उपवेजा, सोनी पोपली, रामचन्द्र, वीरपाल, नरेन्द्र, किशन गेरा, रानी, शिमलादेवी, भारती, नरेश मदान आदि मौजूद थे।

श्रीगंगानगर. इलाके में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गुरुवार को महापड़ाव जैसे ही शुरू किया तो पंजाब से आने वाले सिंचाई पानी की मात्रा एकाएक बढ़ गई। किसानों की ताकत की आहट जैसे ही जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग को मिलती है तो पानी की मात्रा बढ़ा दी जाती है।

यह खेल नया नहीं है। पिछले दो दशक से लगातार एेसा ही चल रहा है। अपने हक के पानी को लेने के लिए किसानों को धरना प्रदर्शन तक करने पड़ते है। यह पूरा इलाका कृषि पर निर्भर है। लेकिन पंजाब से गंगनहर में पानी की मात्रा बिजाई के इस सीजन में एकाएक कम हो जाती है।

पंजाब में भी इन दिनों चावल की खेती के लिए बिजाई का दौर चलता है। एेसे में पानी की खपत वहां भी अधिक है। राजस्थान और पंजाब के बीच हुए समझौते के अनुरुप तय किए गए हिस्से का पानी भी पूरा नहीं मिलता। करीब पांच सौ क्यूसेक पानी की मात्रा को लासेस में दिखाया जाता है।

जबकि यह पानी राजस्थान नहर से चुराया जाता है। इस बारे में पंजाब के अधिकारियेां से मिन्नते निकालनी पड़ती है। इस सीजन में यही खेल चल रहा है।

दोनों प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार सत्तारूढ़ है लेकिन सिंचाई पानी के मामले में पंजाब का दबदबा अधिक है।

इधर, जल संसाधन के अधीक्षण अभियन्ता धीरज चावला ने बताया कि गंगनहर प्रणाली का माह जुलाई-2021 में 2400 क्यूसेक शेयर जल निर्धारित है। निर्धारित शेयर से कम पानी प्राप्त होने पर काश्तकारों की पानी की बारियां प्रभावित होती है। खरीफ की फसल के नुकसान होने का अंदेशा बना है।

इस नुकसान से बचाने के लिए राजस्थान और पंजाब के उच्चाधिकारियों से वार्ता की गई है। उम्मीद है कि राज्य सरकार के उच्चतम स्तर पर किए गए प्रयासों के कारण गंगनहर प्रणाली को बीकानेर कैनाल मे जल आवक की मात्रा में सुधार होगा।

किसानों के महापड़ाव का असर महज चौबीस घंटे में देखने को मिला। जल संसाधन विभाग के अनुसार आरडी 45 (बालेवाला हैड) से बुधवार शाम को 2213 क्यूसेक की आपूर्ति हो रही थी जबकि किसानों के महापड़ाव से गुरुवार को इसमें परिवर्तन हो गया। यहां २२५२ क्यूसेक की पानी की आपूर्ति होने लगी।

इसी तरह बुधवार को खखां हैड पर 1598 क्यूसेक पानी मिल रहा था जो गुरुवार को बढ़कर १६२८ क्यूसेक तक पहुंच गया।
इधर, जिला कलक्टर जाकिर हुसैन ने भी स्वीकारा कि किसान जब आंदोलन के लिए जिला मुख्यालय आते है तो नहरों में सिंचाई पानी की मात्रा बढ़ती है।

जल संसाधन विभाग खुद बीमार है। इस कारण यह समस्या आ रही है। पंजाब से राजस्थान की नहरों में पानी कम आ रहा है। इस कारण किसानों में नाराजगी है।

लेकिन जल संसाधन विभाग और पुलिस के अधिकारियों के साथ किसान संगठनों की वार्ता हुई है। नहरों में सिंचाई पानी के संबंध में गहनता से चर्चा हुई है। पानी चोरी करने वालों की धरपकड़ कराई जाएगी। अब पानी की उपलब्धता के लिए सामूहिक प्रयास करेंगे।

श्रीगगानगर. किसान संगठनों के महापड़ाव के चौबीस घंटे में असर दिखाई देने लगा है। किसानों ने पंजाब में गंगनहर में व्यापक पानी चोरी के कारण सिंचाई पानी की कम उपलब्धता की शिकायत जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग से की थी।

किसान संगठनों की गुहार पर जिला प्रशासन शुक्रवार को एक्शन मूड में दिखा। खुद जिला कलक्टर जाकिर हुसैन और पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने शुक्रवार को एसडीएम उम्मेद सिंह रतनू और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ खखां हैड और शिवपुर हैड का दौरा कर सिंचाई पानी का अवलोकन किया।

इस दौरान कलक्टर ने जल संसाधन विभाग से उन प्वाइंटों को तकनीकी रूप से देखने के निर्देश दिए जहां अधिक पानी की चोरी होती है।
जिला कलक्टर ने पंजाब क्षेत्र में नहर की सीमा का माप माप करने के निर्देश भी दिए। कलक्टर का कहना था कि पंजाब क्षेत्र में जो हमारी नहरे है, उनकी दोनो ओर सीमा का डिमार्केशन होना चाहिए।

उन्होंने खखां हैड के गेज सिस्टम व पानी के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली और हैड का निरीक्षण किया। उन्होंने गेज पुस्तिका का भी अवलोकन किया।

जिला कलक्टर ने कहा कि मुख्य नहरों सहित नहर वितरिकाओं की सतत् निगरानी की जानी चाहिए। सिंचाई, पानी किसी भी हालत में चोरी न हो, इसके पुख्ता इंतजाम किए जाएं। कलक्टर हुसैन खखां हैड के उपरांत शिवपुर पहुंचे। इस हैड से निकलने वाली नहरों की जानकारी ली।

उन्होंने कहा कि सिंचाई अधिकारी उपलब्ध पानी और वितरण का पारदर्शिता के साथ पूरा लेखा-जोखा रखे।
जिला कलक्टर ने कहा कि अगर कोई नागरिक पानी चोरी करते पकड़े जाने पर संबंधित के विरूद्ध एफआईआर करवाते की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इसमें किसी तरह का कोई भेदभाव न हो।

अनकमांड भूमि के बावजूद फसल बिजाई नहरी पानी की चोरी होने का अधिक अंदेशा रहता है। एेसे खेत के पानी के नमूने लेकर जांच की जानी चाहिए। नहरी तंत्र के दौरे के दौरान रेगुलेशन के अधिशाषी अभियन्ता मलूराम सहित सिंचाई विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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