>>: Digest for July 18, 2021

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Table of Contents

-अब प्रत्येक विद्यार्थी पर रहेगा बोर्ड का फोकस...सीबीएसई: पोर्टफोलियो, प्रोजेक्ट और प्रायोगिक कार्य से पूरे साल होगा मूल्याकंन

कृष्ण चौहान
श्रीगंगानगर. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस साल मूल्यांकन योजना में बदलाव करते हुए एक-एक विद्यार्थी पर फोकस शुरू कर दिया है। जिसके तहत विद्यालय स्तर पर प्रत्येक विद्यार्थी की अलग प्रोफाइल बनाई जा रही है। इसके साथ ही टेस्ट,प्रोजेक्ट वर्क, पोर्टफोलियो,सहशैक्षणिक गतिविधियां,ऑनलाइन-ऑफलाइन कक्षाएं व प्रायोगिक कार्यों के आधार पर पूरे सत्र के दौरान विद्यार्थियों का मूल्यांकन होता रहेगा। उल्लेखनीय है कि अभी कोरोना काल खत्म नहीं हुआ है और अगर यही परिस्थितियां आगे भी रही तो छात्रों का परिणाम तैयार करने में बोर्ड को बहुत मदद मिलेगी।

-आरबीएसई स्कूलों में चल रही है ये व्यवस्था

राज्य स्तर पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है। जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों के मूल्यांकन का आधार आओ घर से सीखें-2, पोर्टफोलियो,क्विज आधारित प्रश्नोत्तरी,गृह कार्य तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भागीदारी को रखा गया है।

-सुरक्षित रहेगा डिजिटल रेकॉर्ड

इस सत्र में विद्यालय स्तर पर किए गए सभी मूल्यांकन के लिए छात्र का एक प्रोफाइल तैयार होगा जिसके सबूतों को डिजिटल प्रारूप में सुरक्षित रखा जाएगा। सीबीएसइ द्वारा स्कूलों को बोर्ड के आइटी प्लेटफॉर्म पर आंतरिक मूल्यांकन के अंक अपलोड करने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

-चार तरह से की है बोर्ड ने तैयारी

स्थिति-1 :यदि दोनों टर्म परीक्षाओं के लिए स्कूल खुल सकें तो— टर्म-1 और टर्म-2 दोनों ही परीक्षाएं स्कूल या परीक्षा केंद्र पर आयोजित होंगी। जिसमें दोनों टर्म के अंकों का 50:50 योगदान माना जाएगा

स्थिति-2 :यदि टर्म-1 में स्कूल बंद और टर्म-2 में खुलें तो —- टर्म-1 की परीक्षा ऑफलाइन या ऑनलाइन माध्यम से जबकि टर्म-2 परीक्षाएं पारंपरिक तरीके से होगी जिसमें टर्म-1 के अंकों का प्रतिशत कम कर दिया जाएगा।

स्थिति-3 : यदि टर्म-1 में स्कूल खुले और टर्म-2 में बंद हों तो--- टर्म-1 की परीक्षा और आंतरिक मूल्याकंन परिणाम के आधार रहेंगे।

स्थिति-4: यदि टर्म-1 और टर्म-2 दोनों में ही स्कूल बंद हों तो--- दोनों ही परीक्षाएं छात्र घर से देंगे जिसमें टर्म के अंकों के साथ आंतरिक मूल्यांकन के अंक जोडकऱ रिजल्ट तैयार होगा।

इस वर्ष सीबीएसइ की ओर से जारी मूल्यांकन प्रणाली के अनुसार स्कूल स्तर पर पूरे साल मूल्यांकन चलेगा। जबकि टर्म-एक में एमसीक्यू तथा टर्म-दो में विस्तृत व लघुत्तर आधारित परीक्षा होगी। दोनों टर्म के लिए क्रमश: 90 व 120 मिनट का समय रखा गया है।

-भूपेश शर्मा,समन्वयक,विद्यार्थी परामर्श केंद्र, शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर।

पत्रिका की मुहिम ने दिखाया रंग,पंजाब में बीकानेर कैनाल पर पानी चोरी पर 15 वर्ष में पहली बार हुई ठोस कार्रवाई

-गंगनहर में सिंचाई पानी में भी हुआ इजाफा,पानी चोरी पर अकुंश लगाने के लिए नियमित गश्त भी जारी

पत्रिका की मुहिम का असर

श्रीगंगानगर.गंगानगर की लाइफलाइन गंगनहर में सिंचाई पानी में इजाफा हुआ है। शुक्रवार को 45 आरडी पर 2258 क्यूसेक तथा खखां हैड पर 1748 क्यूसेक सिंचाई पानी मिल रहा था। हालांकि जुलाई माह का गंगनहर का शेयर 2400 क्यूसेक है। बीकानेर कैनाल पर फाजिल्का क्षेत्र में चार दर्जन जगह अवैध रूप से मोटर,पंप व पाइप लाइनें लगाकर पानी चोरी किया जा रहा था। इस पर पंजाब व राजस्थान की संयुक्त टीम ने दो दिन तक कार्रवाई करते हुए इन पाइपों आदि को उखाड़ा गया है। विभाग के अधीक्षण अभियंता का कहना है कि अब बीकानेर कैनाल पर फिरोजपुर क्षेत्र में पानी चोरी पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद वहां की पुलिस व टीम और एक्सकेवेटर मशीन से पूरी नहर पर संयुक्त रूप से पानी चेारी पर कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका का अभियान ' धरतीपुत्रों को चाहिए पूरा सिंचाई पानी ' शीर्षक से नियमित रूप से सिंचाई पानी को लेकर एक-एक मुद्दा को प्रमुखता से उठाया गया। इसको लेकर विभिन्न किसान संगठन पहले अलग-अलग धरना-प्रदर्शन कर सिंचाई पानी बढ़ाने की मांग करते रहे। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले सभी किसान संगठित होकर महापड़ाव डाला। जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन व जल संसाधन विभाग के आलाधिकारियों पर इसका दबाव पड़ा। इस कारण विभाग ने बीबीएमबी में तय शेयर के अनुसार सिंचाई पानी बढ़ाने के लिए पंजाब के अधिकारियों से बातचीत कर दबाव बनाया गया। इस बीच पानी की स्थिति में पहले की तुलना में अपेक्षाकृत सुधार हुआ। पत्रिका ने सिंचाई पानी चोरी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। इस पर जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक सक्रिय हुए और फाजिल्का के कलक्टर व एसपी और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मिलकर संयुक्त रूप से गश्त कर चार दर्जन से अधिक मोटर,पाइप लाइन आदि को उखाडऩे का कार्य किया। वहीं,किसानों का कहना है कि अब पानी पाकिस्तान जाना भी शुरू हो चुका है।

क्या पड़ा प्रभाव

1 गंगनहर में सिंचाई पानी बढकऱ 45 आरडी पर 2258 और खखां हैड पर 1748 क्यूसेक तक पहुंचा।

-गंगनहर में तीन-चार दिन से सिंचाई पानी इतना ही मिल रहा है।
2.-पंजाब व राजस्थान के जल संसाधन विभाग की संयुक्त टीम ने फाजिल्का क्षेत्र में पानी चोरी पर कार्रवाई करते हुए चार दर्जन से अधिक मोटर,पाइप लाइन आदि पकड़ी।

3.-खखां हैड से शिवपुर हैड पर 24 घंटे पुलिस व जल संसाधन विभाग की टीम की संयुक्त गश्त जारी।

पत्रिका साधुवाद की पात्र है

किसान नेता अमर सिंह बिश्नोई ने कहा कि पंजाब में कुछ माह बाद विधानसभा के चुनाव होने है। इसके बावजूद और 15 साल में पहली बार पत्रिका की मुहिम के बाद किसानों की एकता की बदौलत पंजाब में बीकानेर कैनाल पर पानी चोरी पर कार्रवाई की गई है। विभाग ने जगह-जगह कार्रवाई की गई। इसके लिए पत्रिका साधुवाद की पात्र है।

गंगनहर में खखां हैड पर शुक्रवार को 1748 क्यूसेक सिंचाई पानी चल रहा है। खखां हैड से शिवपुर के बीच गश्त चल रही है और फाज्लिका क्षेत्र में पानी चोरी पर दो दिन सयुंक्त रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई की गई। अब पंजाब के फिरोजपुर जिले की 45 आरडी से 180 आरडी तक पानी चोरी पर संयुक्त कार्रवाई जल्दी की जाएगी।

सुधीर चावला,अधीक्षण अभियंता,जल संसाधन विभाग,श्रीगंगानगर।

श्रीगंगानगर. जिले में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अब जिला प्रशासन ने आकर्षक प्लान की तैयारी शुरू कर दी है। भारत-पाक बॉर्डर से सटे हिन्दुमलकोट, शिवपुर हैड और क्यू हैड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। वहां देशी-विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए निर्माण भी करवाए जाएंगे।

वहीं उनके ठहरने के लिए गेस्ट हाउस को विकसित किया जा सकेगा। इस संबंध में पर्यटन अफसरों की टीम ने हिन्दुमलकोट के पुराने रेलवे स्टेशन और शिवपुर हैड का जायजा भी लिया।

इससे पहले कलक्ट्रेट में जिला कलक्टर जाकिर हुसैन की अगुवाई में हुई जिला पर्यटन विकास स्थायी समिति की बैठक में हिन्दुमलकोट चेक पोस्ट, हिन्दुमलकोट रेलवे स्टेशन, शिवपुर हैड और क्यू हैड को पर्यटन क्षेत्रों में शामिल करने की योजना पर गहन चर्चा हुई।

कलक्टर का कहना था कि एग्रो एण्ड ईको टूरिज्म की भी काफी संभावनाएं है। जनवरी माह में किन्नू के बागान देखने लायक होते है, ऐसे में देशी व विदेशी पर्यटकों को इस जिले का भ्रमण करवाया जाएं।

वहीं सूरतगढ़ क्षेत्र में एक शाम धोरो के नाम कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है। बीकानेर में होने वाले ऊंट उत्सव के दौरान आने वाले पर्यटकों को भी श्रीगंगानगर से जोडऩे से यहां पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।

इस बीच बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि हिन्दुमलकोट चौकी में औसतन चार सौ सैलानी प्रतिदिन आते है। चौकी की गैलरी के साथ-साथ पार्क और पर्यटकों के लिए बैठने की व्यवस्था भी की गई है।

यहां तक कि पार्क में बच्चों के लिए झूले भी लगे है। रेल के अधिकारियों का कहना था कि हिन्दुमलकोट रेलवे स्टेशन आजादी से पहले का बना हुआ है। भारत पाकिस्तान के बीच यह रेलवे स्टेशन पर अधिक चहल पहल रहती थी। इस पुराने हो चुके स्टेशन को पर्यटन के लिए विकसित किया जा सकता है।

कलक्टर का कहना था कि अतिथि गृह योजना में जिले के किले, हवेलियां तथा अन्य निजी स्थानों को भी शामिल किया जा सकता है। शिवपुर हैड पर रेस्ट हाउस भी है, जिसे विकसित किया जा सकता है।

इसी प्रकार अनूपगढ़ किला भी है, जिसे पर्यटन विभाग वहां जाकर जायजा लेकर इसे पर्यटन के लिए काम में लिय जा सकता है। जिले में राजकीय अतिथि गृह योजना 2021 के तहत राजकीय गेस्ट हाउसों में देशी विदेशी सैलानियों को ठहराने के लिये व्यवस्थाएं करनी होगी।
इधर, तहसीलदार संजय अग्रवाल ने पर्यटन अधिकारी पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह और सहायक पर्यटन अधिकारी पवन कुमार शर्मा को शिवपुर हैड, क्यू हैड और हिन्दुमलकोट रेलवे स्टेशन का दौरा करवाया।

इस दौरान तहसीलदार ने शिवपुर हैड पर गंगनहर का अवलोकन कराया। यह नहर महाराजा गंगासिंह ने बनवाई थी।

पंजाब से यहां तक पानी लाने के लिए महाराजा गंगासिंह के प्रयासों और इतिहास के बारे में भी अवगत कराया। हिन्दुमल्कोट का पुराना स्टेशन का भी जायजा लिया गया। यह स्टेशन आजादी से पूर्व का बना हुआ है।

श्रीगंगानगर. जिले के शहरी क्षेत्रों में दूध के बूथ खोलने की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। हालांकि जिला प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में खुल रहे इन बूथों की अनुमति से पहले नगर परिषद और नगर पालिकाओं के अधिकारियों से अनापत्ति रिपोटज़् मांगी है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने अपनी आपत्ति भी दजज़् करा दी है।

पुलिस का कहना है कि कई ऐसे चौराहे और व्यस्तम रोड है जहां दूध के बूथ खुलने से यातायात में अड़चन आ सकती है या दुघज़्टना होने का अंदेशा रह सकता है। इस कारण जिला प्रशासन ने स्थानीय निकायों से दुबारा सवेज़् कर रिपोटज़् मांगी है।

मुख्यमंत्री के बजट घोषणा के अनुरुप शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं को दूध उपलब्ध कराने के लिए दूध के बूथ खोलने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसके लिए हनुमानगढ़ की सरस दूध कंपनी से बूथ खोलने का अनुबंध भी किया गया है।

इस कंपनी ने हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर दोनों जिलों में पांच सौ से अधिक बूध खोलने के लिए अनुमति भी दे दी है।

श्रीगंगानगर जिले में 338 बूथ बनाए जाऐंगे। इस संबंध में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन भवानी सिंह पंवार ने जिले के स्थानीय निकायों से सवेज़् रिपोटज़् और ट्रैफिक पुलिस से अनापत्ति रिपोटज़् भी मांगी है।

जिले में सबसे ज्यादा दूध के बूथ जिला मुख्यालय पर खोले जाने है। इसके लिए नगर परिषद और नगर विकास न्यास से फीडबैक लिया है।

इस सूची के अनुसार श्रीगंगानगर शहर में 89, श्रीविजयनगर नगर पालिका क्षेत्र में 11, अनूपगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में 10, घड़साना क्षेत्र में 52, श्रीकरणपुर नगर पालिका क्षेत्र में 05, सूरतगढ़ क्षेत्र में 33, रायसिंहनगर क्षेत्र में 67, केसरीसिंहपुर में 08, पदमपुर क्षेत्र में 07, सादुलशहर में 14 और गजसिंहपुर क्षेत्र में महज तीन बूथ खोले जाएंगे।

इस बीच, करीब चालीस फीसदी बूथों पर ट्रैफिक पुलिस ने अपनी आपत्ति दजज़् कराई है। पुलिस का मानना है कि बूथ खोलने की सूची जारी की गई है, इसमें कई बूथ तो सड़क मागज़् में बाधक बन जाएंगे।

कई बूथ तो मुख्य चौराहों के आसपास खोलने के बारे में कहा गया है, यदि वहां ये बूथ खुले तो दुघज़्टना होने का अंदेशा अधिक हो जाएगा।

श्रीगंगानगर. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2018 के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग के समक्ष पेश की गई परिवेदनाओं पर एक्शन नहीं होने पर अब दो माह के भीतर रिक्त हुए पदों को फिर से रिक्त पद घोषित कर नई प्रतीक्षा सूची बनाकर पात्रता रखने वाले अभ्यार्थियों को नियुक्तियां करने का आदेश किया है।

दरअसल आरपीएससी ने व्याख्याता स्कूल और वरिष्ठ अध्यापक भर्ती के परिणाम दस दिन के अंतराल में जारी किए थे। एेसे में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती में चयनित कई लोगों ने अपने पद से त्यागपत्र देकर व्याख्याता भर्ती में ज्वाइनिंग कर ली थी।

इस कारण वरिष्ठ अध्यापक के खाली पदों की संख्या करीब १३०० तक पहुंच गई। वहीं मैरिट सूची में कम अंक लाने वाले अभ्यार्थियों ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में रिक्त पद को लेकर दुबारा रिक्त पद घोषित कर प्रतीक्षा सूची नए सिरे से बनाने के लिए राज्य सरकार और आरपीएससी के समक्ष परिवेदनाएं पेश की लेकिन वहां कोई कार्रवाई नही हुई तो इन अभ्यार्थियों ने राजस्थान हाईकोर्ट की शरण ली।

इस मामले में भादरा के गांव भोजासर निवासी कुलदीप सिंह महला, गोलूवाला निवासी प्रकाश सिहाग, चूरू, नागौर, बाड़मेर, राजसमंद, दौसा, जयपुर आदि जिलों के करीब एक दर्जन से अधिक अभ्यार्थियों की ओर से दायर याचिकाओं में बताया कि इस भती परीक्षा मेंं चयन होने के आधार पर त्यागपत्र देने से रिक्त हुए लगभग 1300 पदों को प्रतीक्षा सूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग को पेश की गई परिवेदनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

हाईकोर्ट ने दो माह के भीतर उच्च न्यायालय की खंडपीठ के पूर्व के जारी आदेश जिसमें अभ्यार्थियों द्वारा चयनित पद पर कार्यग्रहण नहीं करने, कार्यग्रहण के बाद त्याग पत्र देने और अन्य किसी कारण से रिक्त होने वाले पदों को उस संबंधित भर्ती के रिक्त पद घोषित करने के बाद ही प्रतीक्षा सूची जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश जारी किए है।

याचिकाकर्ताओं महला व सिहाग के अधिवक्ता इंद्रजीत यादव ने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से वर्ष 2018 में वरिष्ठ अध्यापक और व्याख्याता स्कूल शिक्षा के पदों के लिए अलग अलग विज्ञापन जारी किए गए थे।

याचिकाकर्ताओं ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2018 में आवेदन किया था। आरपीएससी की लिखित परीक्षा के बाद अंतिम चयन सूची जारी की थी। इसमें इन अभ्यार्थियों के कट ऑफ से कम अंक होने के आधार पर चयन नहीं हुआ। लेकिन आयोग द्वारा आरक्षित सूची में इन दोनों अभ्यार्थियों को शामिल किया।

अधिवक्ता यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार किसी भी भर्ती में नियुक्ति आदेश जारी किए जाने के बाद कार्यग्रहण नहीं किए जाने से रिक्त रहे पदों के भरने के लिए एक साल की समय अवधि में प्रतीक्षा सूची किया जाना अनिवार्य है।

इसके आधार पर खाली रहे पदों की मेरिट सूची के अनुसार भरा जाता है। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में भी कार्यग्रहण नहीं करने के आधार पर लगभग 600 पद रिक्त रह गए। लेकिन प्रतीक्षा सूची अब तक जारी नहीं हुई। लेकिन इस भर्ती के साथ साथ व्याख्याता भर्ती आने के कारण करीब 1300 अभ्यार्थियों ने चयन के छह माह के भीतर ही वरिष्ठ अध्यापक पदों से त्यागपत्र देकर व्याख्याता पदों पर कार्यग्रहण कर लिया है।

इस मामले को लेकर वंचित रहे अभ्यार्थियों ने राज्य सरकार, माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर के निदेशक और राजस्थान लोक सेवा आयोग से गुहार लगाई कि त्यागपत्र से खाली हुए पदों को भी प्रतीक्षा सूची में शामिल कर रिक्त पद घोषित कर नई प्रतीक्षा सूची जारी करें लेकिन राज्य सरकार ने मौखिक रूप से कह दिया कि इन पदों को निरस्त कर आगामी भर्ती में जोड़कर पदों को भरा जाएगा।

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