>>: Digest for July 18, 2021

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Table of Contents

बाड़मेर.
भारत-पाक पश्चिमी सरहद पर सीमा पार से आ रही हेरोइन की खेप अफगानिस्तान से भारत पहुंच रही है। यह हेरोइन (मादक ड्रग) पाकिस्तान इंटेलीजेंस एजेंसी आइएसआइ की मदद से कारोबार चल रहा है। साथ ही पाक आइएसआइ तस्करी के साथ-साथ भारतीय सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियों की सामरिक महत्व सूचनाएं भी जुटा रही है। बाड़मेर जिले में वर्ष 1995 के बाद अब तक पश्चिमी सीमा पार से 131 किलोग्राम बरामद करने में पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां सफल हुई है। इसके बावजूद लगातार हेरोइन की खेप पहुंच रही है। दरअसल, वर्ष 2015 के बाद भी 40 किलोग्राम हेरोइन की बरामदगी हुई है।


यों तैयार होती है हेरोइन
सूत्रों से मिली जानकारी में सामने आया है कि अफगानिस्तान में अफीम की खेती बड़े स्तर पर होती है। यहां अफीम के 10 किलोग्राम दूध से एक किलोग्राम हेरोइन मादक पदार्थ तैयार किया जाता है। अफीम में 12 फीसदी मार्फीन पाई जाती है, जिसको प्रसंस्कृत (प्रोसेस) करने हेरोइन मादक द्रब्य (ड्रग) तैयार किया जाता है। उसके बाद इसे अन्य देशों में सप्लाई की जा रही है।


पाक के रास्ते पहुंचती है भारत
अफगानिस्तान हेरोइन की सप्लाई आइएसआइ के जरिए पाक पहुंचती है, जहां आइएसआई पाक कूरियर के माध्यम बनकर यह सप्लाई भारत पहुंचाने में कामयाब हो जाता है। सीमा पार से आई हेरोइन की खेप पंजाब के तस्करों तक पहुंचती है। पंजाब व पाकिस्तान तस्करों के बीच लंबे समय से गठजोड़ है। यह भी जानकारी में सामने आया है कि पाक आइएसआइ अफगानिस्तान में हेरोइन खुद भी तैयार करवाती है।
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बाड़मेर में अब तक बरामद हेरोइन
- वर्ष 2021 में दो सप्ताह पुलिस एटीएस ने कार्रवाई करते 23 किलोग्राम हेरोइन बरामद कर तस्करों को गिरफ्तार किया।
- वर्ष 2020 में अलग-अलग हुई दो कार्रवाई में पुलिस व एटीएस ने 9 किलो 740 ग्राम हेरोइन बरामद हुई।
- वर्ष 2017 में सदर पुलिस ने 4 किलो 440 हेरोइन बरामद की गई, लेकिन जांच में हेराइन नहीं पाई गई। इसी वर्ष बाखासर पुलिस ने 423 ग्राम हेरोइन बरामद की।
- वर्ष 2015 में बिजराड़ पुलिस ने अलग-अलग कार्रवाई में 2 किलो 800 ग्राम बरामद की।
- वर्ष 2009 में बाखासर पुलिस ने 15 किलोग्राम बरामद की।
- वर्ष 2005 में रामसर पुलिस ने 14 किलो 650 किलोग्राम बरामद की गई।
- वर्ष 2002 में बिजराड़ पुलिस थाना ने 27 किलोग्राम हेरोइन बरामद की।
- वर्ष 2000 में बाखासर पुलिस ने 17 किलो 700 ग्राम हेरोइन बरामद।
- वर्ष 1996 में गुड़ामलानी व गिराब पुलिस ने 9 किलोग्राम 840 ग्राम बरामद।
- वर्ष- 1995 में रामसर, गडरारोड व कोतवाली थाना पुलिस ने 7 किलो 120 ग्राम हेरोइन बरामद की। जांच में करीब 4 किलो हेरोइन की बजाय पाउडर निकला।
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बाड़मेर.
ग्रामीण थाना क्षेत्र के बिशाला-कनौड़ा सरहद पर शुक्रवार शाम जमीन विवाद के चलते दो पक्षों ने हथियारों से लेस होकर एक-दूसरे पर हमला बोल दिया। वारदात में दोनों पक्षों के दस जने घायल हो गए। गंभीर घायलों को राजकीय अस्पताल पहुंचाया। जहां उनका उपचार चल रहा है। सूचना मिलने पर ग्रामीण थाना पुलिस मौके पर पहुंची।


ग्रामीण थाना पुलिस के अनुसार बिशाला-कनौड़ा सरहद पर जमीन विवाद के चलते दो पक्षों में विवाद हो गया। उसके बाद दोनों पक्षों के लोगों ने लाठियों व कुल्हाडिय़ों से एक-दूसरे पर हमला कर दिया। हमलें में हकीमाराम पुत्र जोधाराम, मदन पुत्र जोधाराम, चनणाराम पुत्र आम्बाराम, पाऊदेवी पत्नी भैराराम, प्रभुराम पुत्र जोधाराम, जामताराम पुत्र रिखबाराम निवासी कनौड़ा घायल हो गए। दूसरे पक्ष के मिसरसिंह पुत्र भैरसिंह निवासी भालीखाळ, सवाईसिंह पुत्र मोड़सिंह, कुम्पसिंह पुत्र बिजराजसिंह, राणसिंह पुत्र मोडसिंह निवासी कनौड़ा घायल हो गए। सभी घायलों को निजी वाहनों से राजकीय अस्पताल पहुंचाया। जहां उनका उपचार चल रहा है। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जमीन विवाद के चलते दो पक्ष भिड़े है। पुलिस ने बताया कि अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, रिपोर्ट मिलने पर नियमानुसार मामला दर्ज कर कार्यवाही करेंगे।


इधर, रॉयल्टीकर्मियों ने डंपर चालक को पीटा
बाड़मेर. सदर थाना क्षेत्र के कुड़ला गांव के पास डंपर को रुकवाकर चालक के साथ मारपीट करने का मामला लंगेरा स्थित खनन रॉयल्टी कार्मिकों के खिलाफ दर्ज हुआ है। सदर थानाधिकारी रामनिवास विश्रोई ने बताया कि आटी निवासी अलसिंह पुत्र सबलसिंह ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि डंपर चालक वीरसिंह मुंगिया भरकर सिणधरी की तरफ जा रहा था, इस दौरान लंगेरा रॉयल्टीकर्मियों ने पीछा कर उसे रुकवाया। उसके बाद जमकर मारपीट की वारदात को अंजाम दिया।पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर आरोपी उम्मेदसिंह, लालसिंह, विक्रमसिंह, रतनसिंह, जोगसिंह, दिलीपसिंह सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

बाड़मेर. पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को बाड़मेर शहर जामा मस्जिद के आगे पौधरोपण किया गया।

पेशइमाम लालमोहम्मद सिद्दीकी ने कहा कि आज के समय में कोविड के चलते हम सभी को शुद्ध प्राकृतिक ऑक्सीजन के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण कर उनकी देखभाल करनी चाहिए।

पौधरोपण कार्यक्रम में शिरकत करने पर मुस्लिम इंतजामिया कमेटी ने नगर परिषद सभापति दिलीप माली,प्रवीण सेठिया, पार्षद जयमलसिंह, पार्षद हाजी दीनमोहम्मद का स्वागत किया।

कमेटी सदर मोहम्मद मंजूर कुरेशी, नायब सदर यूसुफ हाले पोतरा,सचिव आदिल भाई,नायब सचिव मोहम्मद हारून कोटवाल,हाजी हकीम खिलजी, एलियास खिलजी, अलादीन कोटवाल, सिकंदर लोहार, रोशन खिलजी, दिलबर खिलजी, कारी निजाम,अफजल भाई मौजूद रहे।

बाड़मेर.रामावि लंगेरा में संगम पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित हुआ।

ग्राम पंचायत लंगेरा सरपंच बब्बू देवी ने कहा कि हम सबको इस वसंत ऋतु में अपने घरों में कम से कम 2 पौधे लगा इनको बड़ा करने का संकल्प लेना चाहिए।

विद्यालय प्राचार्य गजेंद्रपुरी ने बताया कि सघन पौधरोपण कार्यक्रम नरपत सिंह राजपुरोहित के सानिध्य में चलाया जा रहा है।

बाड़मेर. भाजपा बाड़मेर की जिला कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक शनिवार को हुई। बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकारों को संवेदनशील होना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने १९९८ में पोकरण में परमाणु विस्फोट कर भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाया। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है। 2014 में रक्षा बजट 233000 करोड़ रुपए का था जो 2020-21 में 4.7 1 हजार करोड़ किया। कटारिया ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए फिर भी विपक्षी पार्टियां इस पर राजनीति करती हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भारत सरकार बेहद संकल्पित है। कश्मीर में धारा 370 तथा 3५ ए हटाकर राष्ट्रीय हित का कार्य किया। भाजपा जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल ने कार्यक्रम संबंधी जानकारी दी।

मंच संचालन ई प्रशिक्षण जिला संयोजक तथा जिला महामंत्री स्वरूप सिंह खारा ने किया। जिला महामंत्री बालाराम मूंढ ने कार्यकर्ताओं का स्वागत किया।

जिला प्रवक्ता ललित बोथरा ने बताया कि केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व मंत्री अमराराम चौधरी, सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल, प्रियंका चौधरी, संपतराज बोथरा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिलीप पालीवाल एवं एडवोकेट स्वरूपसिंह राठौड़ आदि ने भाग लिया।

बाड़मेर. कृषि विज्ञान केन्द्र दांता के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने निकरा परियोजना के अंतर्गत गरल सुजानसिंह क्षेत्र का भ्रमण किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में पशुओं की संख्या पूरे राजस्थान के जिलो से अधिक है, गोबर भी उसी अनुरूप अधिक होता है, लेकिन किसानों के सही तरीके से प्रयोग नहीं करने से इसमें उपस्थित पौषक तत्व समाप्त हो जाते हैं।

किसान सदियों से चली आ रही परम्परा अनुसार गोबर उनके बाड़े से सीधे ही खेत में डाल देते हैं जो कि किसी काम का नहीं रहता है। किसान जब पशुओं के बाड़े से गोबर उठता है तब वो सीधे खेत में ना डाल कर एक गड्डा बना कर उसमे डाले और 6 माह बाद इसे खेत में डाले तो फायदा होता है। उन्होंने कहा कि अब जमाना बदल चुका है इसलिए जलवायु के अनुसार किसान भी खेती के तरीकों को बदलना होगा, जिससे किसान अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सके।

केन्द्र के पशुपालन विशेषज्ञ बीएल डांगी ने बताया कि गरल ग्राम पंचायत में निकरा परियोजना का संचालन पिछले पांच वर्षों से हो रहा है जिसमें किसानों को प्रशिक्षण के दौरान और प्रदर्शन लगा कर बताया जा रहा है कि गोबर का प्रयोग सही कैसे किया जाए। किसानों को वर्मी कम्पोस्ट बनाकर बताया गया।

समदड़ी. रेल पटरी में क्रेक आने के बाद रेलवे कीमैन की सूझबूझ से शनिवार की बड़ा हादसा टल गया।

इस दौरान करीब आधे घण्टे तक गुवाहाटी एक्सप्रेस पटरी पर खड़ी रही।

हुआ यंू की समदड़ी जंक्शन से अजीत की तरफ स्टेशन से करीब आठ सौ मीटर दूर रेल पटरी में करीब 6 इंच का क्रेक आ गया।

इससे पटरी का कुछ भाग टूटकर अलग हो गया।

सुबह करीब साढ़े 6 बजे पटरी के पास से गुजर रहे एक दूधवाले की नजर पटरी क्रेकपर पड़ी। इसी बीच ड्यूटी कर रहा कीमैन बाबूलाल भी यहां पहुंच गया। पटरी पर क्रेक देखते ही उसने बिना कोई समय गवाए क्रेक वाले स्थान से कुछ दूरी पर पटरी पर रेल रोकने के लिए काम आने वाले पटाखे लगा दिए।

इसी दौरान जोधपुर की तरफ से गुवाहाटी एक्सप्रेस आ रही थी। जैसे ही ट्रेन पटाखे के ऊपर से निकली धमाके की आवाज सुनते ही रेल चालक ने क्रेक से पूर्व ही रेल रोक दी।

इसके बाद रेलवे के अधिकारी मैकेनिकल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। करीब आधे घण्टे की मशक्कत के बाद पटरी को दुरुस्त किया गया इसके बाद रेल को बाड़मेर के लिए रवाना किया गया ।

बाड़मेर. कोरोना की दूसरी लहर के बाद थारवासी सजग नजर आने लगे हैं।

कोरोना टीकाकरण को लेकर उनकी सोच बदली है तो खुद और समाज की सुरक्षा लेकर वे जल्द से जल्द टीका लगाना चाह रह हैं, लेकिन वैक्सीनेशन के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है।

स्थित यह है कि टीके लगाने वालों की तादाद दिनोंदिन बढ़ रही है तो टीके की आवक कम हो रही है। इसके चलते कई जने तीन दिन से तो कई चार-पांच दिन से लाइनों में लग रहे, लेकिन वैक्सीन नहीं लग रही। जिले में कोरोना ने करीब तीन-साढ़े तीन माह तक कहर बरपाया। इस दौरान करीब १९ हजार लोग कोरोना की गिरफ्त में आए तो २४६ को जान गंवानी पड़ी। इस दौराना कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण को लेकर प्रचार-प्रसार हुआ तो जनजागरूकता आई।

थारवासियों ने भी जिंदगी का महत्व समझा और कोरोना टीकाकरण में रुचि ली, यहीं कारण है कि अब तक करीब दस लाख टीके लग चुके हैं और जिला प्रदेश के अव्वल दस जिलों में शामिल हो चुका है।

बावजूद इसके अभी भी जिले में टीकाकरण गति नहीं पकड़ रहा है, क्योंकि मांग के अनुरूप टीके मिल नहीं रहे। एेसे में लोग हर दिन कतार में लगते हैं और नम्बर नहीं आने पर बिना टीका लगाए ही कर चले जाते हैं। शहर में पिछले सप्ताह भर से यहीं स्थिति देखी जा रही है।

दो सौ की डोज और चार सौ की कतार- शहर में राय कॉलोनी, नगरपरिषद कार्यालय, माल गोदाम रोड, हाइस्कू  ल रोड आदि में शनिवार को टीकाकरण होना था। राय कॉलोनी, माल गोदाम रोड, हाइ स्कू  ल में दोपहर एक बजे तक लोग आ रहे थे, लेकिन यहां टीकाकरण नहीं हो रहा था जिस पर निराश होकर लौट रहे थे। वहीं, नगरपरिषद में टीकाकरण के दौरान लाइन लम्बी हो रही थी। सरकारी अस्पताल में भी लोग काफी आ रहे हैं, लेकिन टीके नहीं लग रहे।

बाड़मेर. स्माईल-३ और आओ घर से सीखे कार्यक्रम के चलते गुरुजी तो घर पहुंच रहे लेकिन विद्यार्थियों के पास किताबें ही नहीं है फिर होमवर्क दें भी तो कैसे और बच्चे गृहकार्य करें तो किससे?

हालांकि मोबाइल के मार्फत सोशल मीडिया ग्रुप पर शिक्षण का विकल्प तो है लेकिन गांवों में अधिकांश परिवारों में एंड्रोइड मोबाइल नहीं होने से बच्चों को घर जाकर ही गृहकार्य देना पड़ रहा है।

किताबों की कमी पढ़ाई में बाधा डाल रही है। इसके चलते करीब पौने पांच लाख विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है। सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का कोरोना के चलते शिक्षण कार्य प्रभावित न हो इसलिए सरकार ने शिक्षकों को बच्चों के घर जाकर पढ़ाने के निर्देश दे रखे हैं।

आदेशों की पालना में शिक्षक विद्याथर््िायों के घर तो पहुंच रहे हैं, लेकिन निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण नहीं होने से पढ़ाने में दिक्कत आ रही है।

गौरतलब है कि इस सत्र से कक्षा 10 व 12 में सम्पूर्ण पाठ्यक्रम परिवर्तन होने के कारण सभी विद्यार्थियों को मिलेगी नई पाठ्यपुस्तकें मिलनी है। वहीं, अन्य कक्षाओं में 50 फीसदी पुरानी तो 50 फीसदी नई किताबें मिलेगी। कक्षा 1 से 3 तक प्रतिवर्ष नई किताबें वितरित होती है। अमूमन सत्र शुरू होते ही स्कू  लों में किताबें पहुंच जाती है, लेकिन इस बार स्कू  ल संचालित नहीं हो रहे, इस पर अभी तक किताबें स्कू  लों में नहीं पहुंची है। इसके चलते विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण नहीं हुआ है जबकि स्माईल 3 व आओ घर से सीखें कार्यक्रम के तहत शिक्षक घर-घर जाकर विद्यार्थियों को गृहकार्य दे रहे हैं। किताबों से ही पढ़ाई- सरकार ने स्माईल-३ के तहत मोबाइल पर सोशल मीडिया ग्रुप बना शिक्षकों से विषयवार वीडियो अपलोड कर पढ़ाने के निर्देश दे रखे हैं, लेकिन गांवों में अधिकांश परिजन के पास एंड्रायड मोबाइल या लैपटॉप है ही नहीं, इस पर किताबों से ही पढ़ाई की जा सकती है। निशुल्क पाठ्यपुस्तकें अभी तक नहीं मिलने से दिक्कत आ रही है।

तीस लाख से अधिक पुस्तकों को होगा वितरण- जानकारी के अनुसार इस शिक्षा सत्र में ३०,१५, ८९९ निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण होना है। इसके लिए पुस्तकें ब्लॉक मुख्यालय तक पहुंच चुकी है, लेकिन आगे की प्रक्रिया अभी रुकी हुई है। इसके चलते अब तक पीईईओ तक किताबें नहीं पहुंची है। पीईईओ कार्यालय से पुस्तकें स्कू  ल स्तर तक पहुंचेगी जहां से बच्चों को वितरण होना है। हर सप्ताह मिलता होमवर्क- विद्यार्थियों के कक्षावार सोशल मीडिया गु्रप बने हुए हैं। जिसमें प्रतिदिन ऑनलाइन स्टडी के लिउ यूट्यूब लिंक आदि मेटेरियल उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अलावा शिक्षावाणी व शिक्षा दर्शन कार्यक्रम के तहत रेडियो व टीवी में भी पढ़ाई का कार्यक्रम चल रहा है।

उसके आधार पर साप्ताहिक होमवर्क दिया जाता है। कक्षा 1 से 5 तक सप्ताह में एक बार व कक्षा 6 से 12 तक सप्ताह में दो बार सभी विषयों का गृहकार्य दिया जा रहा है। जिन विद्यार्थियों के पास एंड्रॉयड फोन उपलब्ध नहीं है उनके घर शिक्षक विद्यालय से प्रिंट निकालकर ले जाकर गृहकार्य करवा रहे हैं। साथ सप्ताह में एक दिन शनिवार को साप्ताहिक क्विज भी ऑनलाइन आती है लेकिन बिना लैपटॉप या मोबाइल के उसको भी शिक्षक प्रिंट निकालकर विद्यालयों तक पहुंचा रहे हैं।

शीघ्र मिले पाठ्यपुस्तकें- शिक्षण सत्र शुरू हो गया है ऐसे में शीघ्र ही विद्यालयों तक नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें पहुंचे जिससे कि विद्यार्थियों को वितरण किया जा सके। इससे विद्यार्थियों को पढऩे के साथ होमवर्क करने में भी सहायता मिलेगी।- बसन्तकुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

एंड्रॉयड फोन का अभाव- ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर विद्यार्थियों के पास एंड्रॉयड फोन के अभाव में होमवर्क का एकमात्र सहारा पाठ्यपुस्तकें ही है। ऐसे में अभी तक पाठ्यपुस्तकें नहीं मिलने से समस्या हो रही है। - ईश्वरसिंह गंगासरा, जिला उपाध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

टेंडर कर रहे, जल्द होगी वितरित- हमने निशुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण को लेकर टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। जल्द ही पाठ्यपुस्तकों का वितरण होगा। इस बार पाठ्यपुस्तकें समय पर आ चुकी है।- नरसिंग जांगिड़, सहायक निदेशक मुख्य जिा शिक्षा अधिकारी कार्यालय बाड़मेर

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