>>: Digest for July 30, 2021

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Table of Contents

बूंदी के रामगढ़ में बाघ है, बाघिन की जरूरत
टाइगर-डे विशेष: हाड़ौती के दो टाइगर रिजर्व में एक-एक बाघ, एक साल से रामगढ़ विषधारी में घूम रहा टी-115
बूंदी. रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या और बाहर निकलते बाघों को नया आवास देने के लिए केन्द्र सरकार और वन विभाग नए टाइगर रिजर्व तो बना रही है, लेकिन इनमें बाघों की स्थिति को लेकर फिलहाल कोई प्रयास शुरू नहीं हुए। हाड़ौती की दो बाघ परियोजना में एक-एक बाघ हैं। हालांकि रामगढ़ टाइगर रिजर्व हाल ही में घोषित किया है। ऐसे में यहां काफी कुछ काम करना शेष है। मुकुंदरा अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। यहां बसाए गए बाघ-बाघिनों में से अब मात्र एक ही बाघिन शेष बची है। रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में पहले से ही एक बाघ मौजूद है, जिसे बाघिन की आवश्यकता है।
बाघिन मिले तो बसे रामगढ़
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों का बसेरा शुरू से ही रहा है। रणथम्भौर से निकलकर आने वाले बाघों ने इसे कभी खाली नहीं छोड़ा। यहां कमी हमेशा बाघिन की ही रही। बाघिन नहीं होने से यहां आने वाले बाघ एक-दो साल ठहरकर फिर से रणथम्भौर पहुंच जाते हैं और वहां बाघों का संघर्ष बढ़ जाता है। यहां आए टी-62 ने करीब दो साल यहां गुजारे, लेकिन बाघिन नहीं होने के कारण वह वापस रणथम्भौर चला गया। टी-91 को कोटा शिफ्ट किया गया था। इसके बाद टी-115 करीब एक साल से यहां रह रहा है, लेकिन बाघिन नहीं होने के कारण इसके भी वापस जाने की संभावना बनी हुई है। यदि मुकुंदरा में शेष बची एक मात्र बाघिन को रामगढ़ में छोड़ दिया जाए तो विभाग को यहां शुरुआती तौर पर बाघ-बाघिन को जोड़ा बसाने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।
कम स्टाफ, फिर भी ट्रेकिंग माकूल
रामगढ़ में टाइगर रिजर्व तो दूर अभयारण्य स्तर तक के लिए भी स्टाफ पर्याप्त नहीं है। कम स्टाफ में ही रामगढ़ की मॉनिटरिंग करनी पड़ रही है। इसके बाद भी यहां आए बाघों की मॉनिटरिंग अच्छी तरह से की जा रही है। रणथम्भौर में जोन वाइज स्टाफ लगाकर एक निर्धारित सीमा तक बाघ की ट्रेकिंग की जाती है, लेकिन रामगढ़ में 307 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में गिने चुने कर्मचारी ही बाघ की ट्रेकिंग कर रहे हैं।
एनटीसीए ने दी टाइगर रिजर्व बनाने की स्वीकृति
5 जुलाई 2021 को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने बूंदी के रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व बनाए जाने की सहमति दे दी। एनटीसीए ने इस बाबत प्रदेश के वन सचिव को पत्र भेज दिया।
इस संबंध में गत 27 मई को राजस्थान के वन सचिव ने एनटीसीए को पत्र लिखकर इस क्षेत्र को टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किए जाने की सहमति के लिए आग्रह किया था। एनटीसीए की तकनीकी समिति की 21 जून को बैठक हुई थी।
क्षेत्र में पर्यटन को लगेंगे पंख
रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभ्यारण्य में बाघ की दहाड़ गूंजने के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन को पंख लग जाएंगे। बूंदी का पर्यटन क्षेत्र में अपना एक नाम है। देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां के गौरवशाली इतिहास की झलक देखने को आते हैं। बाघ आने पर इस क्षेत्र में एक और आकर्षण जुड़ जाएगा।
35 वर्ष पहले यहां थे 9 बाघ
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में वर्ष 1985 में 9 बाघ थे। 1996 में इनकी संख्या घटकर 4 और 1997 में 3 रह गई।
बाहर से भी सहायता की जरूरत
यहां टाइगर रिजर्व के लिए कई कामों की फेहरिस्त है। जिसे पूरा करने के लिए बजट की भी काफी आवश्यकता पड़ेगी, लेकिन कोरोना के चलते सरकार के पास नए टाइगर रिजर्व के लिए बजट उपलब्ध कराना भी एक चुनौती रहेगा। ऐसे में विभाग को बड़ी फैक्ट्रियों व दानदाताओं से राशि मिलने पर काफी राहत मिलेगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार यदि राशि मिलने लगे तो टाइगर रिजर्व को मूर्तरूप देने में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा और स्थानीय लोगों को इसका लाभ भी शीघ्र मिलने लगेगा।
रामगढ़ टाइगर रिजर्व में फिलहाल काफी कुछ होना है। विभागीय स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। बाघ यहां लगातार आते रहे हैं, लेकिन बाघिन नहीं होने से वापस चले जाते हैं।
धर्मराज गुर्जर, क्षेत्रीय वन अधिकारी रामगढ़, जैतपुर रेंज, बूंदी

चोरों ने मकान से पार किए नकदी- आभूषण, सुधबुध खो बैठी प्रसूता
कोतवाली थाना क्षेत्र के बालचंद पाड़ा में दो घरों में की वारदात
सूने मकानों को बनाया निशाना, आभूषण व नकदी निकाल ले गए
बूंदी. शहर के बालचंद पाड़ा क्षेत्र में रात को चोर दो सूने मकानों के ताले तोडकऱ लाखों रुपये के आभूषण चुरा ले गए। वारदात के समय दोनों घरों में कोई नहीं था। सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जानकारी में जुटाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बालचंद पाड़ा भूत्याखाल की गली में राकेश कुमार पत्नी के प्रसव को लेकर जिला अस्पताल में था, पीछे से मकान सूना था। सुबह जब घर आया तो मकान के मुख्य द्वार का ताला टूटा हुआ मिला। अंदर जाकर देखा तो सामान बिखरा दिखा। आलमारी का ताला तोड़ चोर उसमें रखे 57 सौ रुपये नकद, दो जोड़ी सोने के टॉप्स, तीन जोड़ी चांदी के पायल, सोने का मंगलसूत्र, 2 सोने और दो चांदी की अंगूठियां, कणकती, चांदी का बे्रसलेट चुरा कर ले गए। पीडि़त राकेश मंडी में मजदूरी करता बताया। उसने मेहनत कर एक-एक पाई से पत्नी के प्रसव के लिए पैसे जोड़े थे, जिस पर भी चोर हाथ साफ कर गए। जैसे ही अस्पताल में भर्ती पत्नी को घर में चोरी की सूचना लगी तो वो अपना सुधबुध खो बैठी। रो-रोकर बुरा हाल हो गया। तब परिजनों ने उसे संभाला। बाद में राकेश ने कोतवाली थाने में पहुंचकर रिपोर्ट सौंपी।
इधर, चोरों ने एक ओर सूने मकान को निशाना बनाया। घर मालिक पायल शर्मा अपने परिजनों के साथ 27 जुलाई को अजमेर गई हुई थी, सुबह आने के बाद घर पर चोरी का पता चला। यहां भी चोर मुख्य द्वार का ताला तोडकऱ अंदर घुसे और अलमारी में रखा सामान बिखेरकर उसमें से एक लेपटॉप, सोने की अंगूठी, ब्रेसलेट, 3 जोड़ी चांदी की पायल चुरा ले गए। यहां पीडि़त का कहना था कि आलमारी में पांच लाख रुपये भी रखे हुए थे, जिसे भी चोर चुरा ले गए। पुलिस ने दोनों रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग
बालचंद पाड़ा के बाशिंदों ने बताया कि बीते दो-तीन माह में यह पांचवीं बड़ी चोरी हो गई। लगातार यहां चोर सूने मकानों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में पुलिस को गश्त बढ़ानी चाहिए। बालचंद पाड़ा क्षेत्र के बाशिंदों ने बताया कि यहां की पुलिस चौकी पर स्थाई कर्मचारी लगें, जिससे कि वारदातों पर अंकुश लगाया जा सके।
मंदिर की दानपेटी के तोड़े ताले
सदर थाना क्षेत्र के नैनवां रोड पर भी चोरों ने एक मंदिर की दानपेटी के ताले तोड़ दिए। यहां गेट संख्या- 6 तेजाजी के मंदिर में रखी दानपेटी का चोर ताला तोडकऱ उसमें रखी दान की राशि को चुरा ले गए। चौकीदार को जैसे दानपेटी के ताले टूटने का पता चला तो उसने मंदिर समिति के लोगों को सूचना दी। समिति ने सदर थाने में पहुंचकर चोरी की रिपोर्ट सौंपी।

मेज नदी का तेज उफान नहीं रोक पाया गेण्डोली-झालीजी का बराना मार्ग
झालीजी का बराना. तेज बारिश के बाद क्षेत्र में मेज नदी उफान पर बहनी शुरू हो गई। यहां छोटी पुलिया जलमग्न हो गई। हालांकि अब नई पुलिया बनने से ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली।यह पहला अवसर होगा जब बारिश के दिनों में मेज नदी के उफान पर रहने के बाद भी गेण्डोली-झालीजी का बराना मार्ग बंद नहीं हुआ। यहां ग्रामीण लंबे समय से नदी पर ब्रिज निर्माण की मांग करते आ रहे थे। अब जब ब्रिज निर्माण के बाद आवागमन शुरू हुआ तो एक दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली। प्राप्त जानकारी के अनुसार मेज नदी पर प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में 28 करोड़ रुपये की लागत से 266 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण हो गया।
इसके बीते माह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के लोकार्पण करने के बाद आवाजाही शुरू हो गई। ब्रिज 12 स्पान पर खड़ा हुआ। इस ब्रिज की कुल ऊंचाई 15 मीटर है। इससे पहले यहां वर्ष 1979 में नदी पर रपट बनी थी जो बारिश के दिनों में जलमग्न रहने से कई दिनों तक रास्ता बंद रहता था।

बूंदी में छेड़ा 'आओ हम भी करें कन्यादान' अभियान
कोविड महामारी में पिता का साया उठने से नन्ही आयु में बेसहारा हुई बेटियों के लिए जनसहयोग से करेंगे मदद
जन्म से पहले पिता को खोने वाली 32 दिन की नन्हीं जागृति की मदद को आए सोनी दंपती, विधवा मां की भर आई आंखें
बूंदी. कोविड महामारी में नन्हीं उम्र में अपने पिता का साया उठने से बेसहारा हुई बेटियों की सहायता के लिए बूंदी में बुधवार को 'आओ हम भी करें कन्यादान' अभियान छेड़ा गया। शहर के सिद्धिविनायक खोजागेट गणेश मंदिर पर मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा-अर्चना व कन्यापूजन के साथ कोविड से बेसहारा हुई बेटियों की मदद के लिए आमजन के सहयोग से इस अभियान की शुरुआत की गई।
बूंदी के 40 वर्षीय महेश सोनी व पत्नी सुनीता सोनी ने कोविड में अपने पिता के असामयिक निधन से बेसहारा हुई 32 दिन की नन्हीं जागृति की मां सुनिता रैगर को बेटी के नाम एफडी के लिए 25 हजार रुपये की राशि का चैक व दो सौ रुपये इस माह की आरडी की राशि सौंपी। इस मदद को देख दु:खी मां की आंखें भर आई। गणेश मंदिर में विधिवत मंत्रोच्चार के साथ सोनी दम्पती ने बेसहारा बेटी की मदद का संकल्प लिया, खिलौने तथा नए कपड़े भी भेंट किये। इस अवसर पर बेसहारा बेटियों की मदद का बीड़ा उठाने वाले कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा, पार्षद अंकित बूलीवाल, मोहनीश नायक, सादिक खान मौजूद रहे।
मां के गर्भ में ही बेसहारा हो गयी थी जागृति
महामारी से इससे बड़ी क्षति क्या होगी कि मां के गर्भ में ही एक संतान के सिर से पिता का साया उठ गया। धरती पर कदम रखने से पहले ही नवजात बेसहारा हो गई। तालेड़ा निवासी 31 वर्षीय धर्मराज रैगर की गत 28 अप्रेल को बूंदी जिला अस्पताल में कोविड से मृत्यु हो गई। उस समय पत्नी सुनीता 7 माह की गर्भवती थी। विधि की विडंबना देखिये कि 26 जून 2021 को जागृति का जन्म हुआ उससे दो माह पहले ही उसके पिता चल बसे।
प्रत्येक बेसहारा बेटी की सहायता का लक्ष्य
अभियान की शुरुआत के बाद शर्मा ने बताया कि अल्पायु में ही अपने पिता का साया उठने से बेसहारा हुई बेटियों की यह जिम्मेदारी सभी को मिलकर उठानी होगी। उन्होंने कहा कि बूंदी जिले की हर बेसहारा बेटी की सहायता हमारा लक्ष्य रहेगा।
इस तरह होगा बेटियों का कल्याण
'आओ हम भी करे कन्यादान' अभियान में ऐसी सरल योजना तैयार की गयी जिसमें कोई भी व्यक्ति बेसहारा बेटी के लिये अपना योगदान देकर भागीदारी निभा सकेगा। अभियान में बेसहारा बेटी के नाम पर ही दानदाता की ओर से 25 हजार रुपये की एफडी करवाई जाएगी और सुकन्या समृद्धि योजना में 200 रुपये प्रतिमाह अपनी धर्म की बेटी के खाते में बेटी के 20 वर्ष की होने तक जमा करवाए जाएंगे। विवाह के समय यह राशि बेसहारा बेटी का सहारा बनेगी और कन्यादान के समय दानदाता भी उपस्थित रहकर अपनी धर्मबेटी को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। मानवसेवा का भाव रखने वाले लोगों से अपने पिता को खो चुकी बेसहारा बच्चियों की मदद करवाने के अभियान की जिम्मेदारी सामाजिक सरोकारों से जुड़े बूंदी के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने ली।

प्रकृति को हरा-भरा करने का लिया संकल्प
बूंदी. रोटरी क्लब की ओर से पर्यावरण संरक्षण के तहत बुधवार को गुरुनानक कॉलोनी स्थित सरकारी स्कूल में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रोटरी क्लब के असिस्टेंट गवर्नर लक्ष्मीचंद गुुप्ता रहे। क्लब की ओर से पौधा संरक्षण के लिए ट्री गार्ड भी लगाए गए। क्षेत्र के विद्यालय परिवार और आमजन ने पौधों में प्रतिदिन पानी देने का संकल्प लिया। इस दौरान रोटरी क्लब अध्यक्ष परमेश्वर झंवर, सचिव संजय नामा, महेश पाटौदी, रितेश कुमावत, श्यामलता शर्मा, वार्ड पार्षद भावना गौतम, मनोज गौतम आदि मौजूद रहे।
इधर, रोडवेज कार्यशाला में अधिकारियों व कर्मचारियों ने 30 पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य प्रबंधक रीनू देवड़ा ने पौधा लगाकर की। इस दौरान प्रबंधक संचालन महेंद्र मीना, कर्मचारी भंवरलाल मीना, रघुवीर सिंह, प्रकाश, राजेश, शंकरलाल मौजूद रहे।
झालीजी का बराना. देवनारायण मंदिर परिसर में बुधवार को ग्राम पंचायत की ओर से एक सौ एक पौधे रोपे गए। पौध रोपण की शुरुआत सरपंच राजीबाई मीणा ने की। वार्ड पंच एवं मंदिर समिति सदस्यों ने पौधे रोपे। शिवराज भालोट, भोजराज लटाला ने पौधों की सार संभाल की जिम्मेदारी ली। मंदिर परिसर में छायादार, फलदार व औषधीय पौधें रोपे गए। इस मौके पर महावीर मीणा, पंचायत सचिव हरिओम कांगस, पंचायत सहायक रमेश चंद मीणा, उपसरपंच अरविंद प्रजापत, मेट हेमराज सैनी, अर्जुन मीणा आदि सहित कई जने मौजूद थे।
तलवास. क्षेत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हरियाळो राजस्थान के अन्तर्गत बुधवार को विद्यालय परिसर में प्राचार्य शान्तिलाल नागर के सानिध्य में स्टाफ ने पौधारोपण किया। इस दौरान 150 पौधे लगाए गए। सभी अध्यापकों ने पौधों को सुरक्षित रखने का भी संकल्प लिया।
जजावर. क्षेत्र के सीसोला पंचायत के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हरित पाठशाला कार्यक्रम के तहत बुधवार को पौधारोपण किया गया। मुख्य अतिथि एसबीआई बैंक मैनेजर महादेव मीणा थे। अध्यक्षता प्रधानाचार्य बजरंग लाल मीणा ने की। विशिष्ट अतिथि पंचायत समिति सदस्य शंकर लाल गुर्जर व सरपंच धर्मराज मीणा रहे। इस दौरान विद्यालय में 200 पौधे रोपे गए। जन सहयोग से मैनेजर महादेव मीणा ने 10 ट्री गार्ड व सरपंच धर्मराज मीणा ने घोषणा की। कार्यक्रम में पौधारोपण प्रभारी राम नारायण मीणा, राजेश चौधरी, हरजी लाल बैरवा, मुरलीधर नागर आदि मौजूद रहे।
पशु चिकित्सालय में लगाए पौधे
भण्डेड़ा. दुगारी के पशु चिकित्सालय परिसर में बुधवार को कर्मचारियों एवं ग्रामीणों ने पौधारोपण किया। इस दौरान ग्राम विकास अधिकारी रमेश कुमार जैन, पशु चिकित्सा प्रभारी रामप्रसाद मीना, बजरंग दल प्रखण्ड गो रक्षा प्रमुख महेंद्र खींची आदि ने 10 पौधे लगाए।
सारसंभाल की जिम्मेदारी ली
लाखेरी. क्षेत्र के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भांडगवार में बुधवार को पौधारोपण किया गया। सुबह 11 बजे विद्यालय परिसर में प्रधानाध्यापक भवानीशंकर मेघवाल ने चंपा का पौधा लगाकर शुरूआत की। बाद में स्टाफ ने भी आधा दर्जन पौधे लगाकर उनकी सार संभाल की जिम्मेदारी ली। इस दौरान श्रवण लाल मीणा, नितेश शर्मा, हेमलता कुमारी, अंकुश कुमार सहित अनेक शिक्षक उपस्थित थे।
नैनवां. हरित पाठशाला कार्यक्रम के तहत बुधवार को सुवानिया ग्राम पंचायत के सुंथली के बंजारों की ढाणी उच्च प्राथमिक विद्यालय में पौधारोपण कार्यक्रम के तहत पीइइओ कमलकुमार मरमिट एवं विद्यालय स्टाफ ने पौधे रोपे। बुधवार को ही दुगारी के पशु चिकित्सालय में भी पौधारोपण किया। ग्राम विकास अधिकारी रमेशकुमार जैन, चिकित्सालय प्रभारी रामप्रसाद मीना, रामकुंवार सैनी, महेंद्र खींची, जगदीश योगी आदि ने पौधारोपण किया।
कापरेन. क्षेत्र के कोडक्या राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में छात्रों व शिक्षकों ने पौधारोपण किया। समाज सेवी राम लक्ष्मण मीणा ने बताया कि छात्रों ने 35 पौधे लगाए। इस दौरान सरपंच अनिता मीणा, प्रधानाचार्य गोपाल लाल मेहरा, हेमराज मीना, राम लक्ष्मण मीना मौजूद थे।

नोताडा. क्षेत्र में किसानों ने इस बार अच्छे मुनाफे की उम्मीद से फसलें बोई थी, लेकिन अतिवृष्टि ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। पहले की बारिश में ही किसानों ने खेतों में सोयाबीन, उड़द की बुवाई की थी।
अच्छी फसल होने की उम्मीद थी, लेकिन 18 व 19 जुलाई को हुई लगातार ग्यारह घंटे की बारिश में खेत जलमग्न हो गया। किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया। खेतों में भरे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं हुई। इसके बाद फिर 26 व 27 जुलाई को फिर तेज बारिश हुई, जिसने काश्तकारों के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया।
लाखेरी ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष रामसिंह चौधरी, किसान कमल मीणा, देईखेड़ा के ओमप्रकाश जुंडवाल, कोटडी के रमेश गुर्जर, रैबारपुरा के वार्डपंच देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि खेतों में ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से यह हालात पैदा हो गए। नोताडा देईखेडा के रास्ते व मालिकपुरा, रघुनाथपुरा के खेतों में ड्रेनेज सिस्टम के अभाव में खेत पानी से लबालब हो गए। देवनारायण बाग से ऊपर के खेतों में एक तरफ सडक़, ऊपर की तरफ रेलवे लाइन और साइड में नहरें बनी होने से खेतों ने तलाइयों का रूप ले लिया।

2019 में विधायक ने भी देखे थे हाल
देवनारायण बाग के ऊपर के खेतों में वर्ष 2019 में भी पानी भरा था, तब क्षेत्रीय विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने हालात देखे थे। तब उन्होंने समाधान का भरोसा दिया था। लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला।

मुख्यमंत्री को पत्र लिखे
देईखेडा सरपंच राजकुमार मीणा, नोताडा सरपंच रामदेव पहाडिय़ा, गोहाटा सरपंच सुनिल मीणा, घाट का बराना सरपंच कृष्ण मुरारी मीणा ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को पत्र भेजा और किसानों की इस परेशानी को दूर करने की मांग की। इस मामले में केशवरायपाटन प्रधान वीरेन्द्र सिंह हाड़ा ने भी मुख्यमंत्री को
पत्र लिखा।

इन पंचायतों की फसलें जलमग्न
क्षेत्र में दो बार हुई बारिश से नोताड़ा, देईखेड़ा, रैबारपुरा, घाट का बराना, आजन्दा, गोहाटा गांवों की फसलें जलमग्न हो गई।

नैनवां. जिला कलक्टर आशीष गुप्ता के गुरुवार को नैनवां आने पर ग्रामीणों का अपनी-अपनी समस्याओं को बताने के लिए ज्ञापन देने वालों का तांता लग गया।
कलक्टर के तहसील कार्यालय में पहुंचतेे ही ज्ञापन देने वालों का मेला लग गया। अलग-अलग गांवों से आए ग्रामीण विद्यालयों, चरागाह, सिवायचक भूमियों, सार्वजनिक तलाइयों पर हो रहेे अतिक्रमण हटवाने की मांग को लेकर ज्ञापन देने तहसील कार्यालय पर पहुंचे। तहसीलदार व पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों से अन्दर जाकर ज्ञापन देने को कहा तो ग्रामीणों ने अधिकारियों से कह दिया कि कलक्टर के बाहर आने के बाद ही ज्ञापन दिया जाएगा। कलक्टर के बाहर आने के बाद ही ज्ञापन दिया जिसमें गंभीरा ग्राम पंचायत के मीणों का झोपड़ा विद्यालय की भूमि, गुढागोपालजी, गंभीरा, मीणों की झोंपडिय़ा, सुरली, जैतपुर, डोकून, देवरिया, चीता की झोपडिय़ा, कोरमा, धानुगांव व खानपुरा गांवों के चरागाह व सरकारी भूमियों से अतिक्रमण हटाने की मांग की।
खाद्य सुरक्षा पोर्टल चालू कराओ
भाजपा के पार्षदों ने जिला कलक्टर को खाद्य सुरक्षा पोर्टल का चालू करवाने की मांग की। उन्होंने बताया कि वचित पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा का योजना का लाभ दिलवाने, नगरपालिका क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत होकर पात्र लोगों का चयन होने के बाद भी आवास निर्माण का लाभ नहीं मिल रहा। चयनित परिवारों को योजना लाभ दिलाये जाने, कस्बे के परकोटे के बाहर के वार्डो में पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए जलप्रदाय योजना की पाइपलाइन डाले जाने, कस्बे की विद्युत आपूर्ति की बिगड़ रही व्यवस्था में सुधार कराये जाने तालाबों की सफाई में बिना निविदा के बुलडोजर चलाये गए जिनका भुगतान रोके जाने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में शहर अध्यक्ष राजेन्द्रसिंह सोलंकी, पार्षद प्रमोदकुमार जैन, रजनीश शर्मा, मोजीराम गुर्जर, राजू चौधरी, दिलखुश पोटर, उम्मेद नागर, मोनू सैनी शामिल थे।

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