>>: Digest for July 30, 2021

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इंदिरागांधी नहर में सिंचाई पानी का रेगुलेशन जारी करने की मांग
-गरमा-गरम बहस के बावजूद पानी के मुद्दे पर नहीं बनी बात
-अनूपगढ़ विधायक के नेतृत्व में मुख्य अभियंता से मिले किसान
हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में सिंचाई का रेगुलेशन जारी करने की मांग को लेकर किसानों का दल गुरुवार को अनूपगढ़ विधायक संतोष बावरी के नेतृत्व में मुख्य अभियंता से मिला। पानी के मुद्दे पर कई देर तक गरमा-गरम बहस हुई। विधायक ने आरोप लगाया कि मुख्य अभियंता सरकार की भाषा बोल रहे हैं। जबकि उन्हें किसान हित में निर्णय लेकर नहरों में सिंचाई पानी चलाना चाहिए। विधायक संतोष बावरी ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना की मार्च माह से साठ दिन की नहरबंदी के उपरांत लगभग साढ़े चार माह से अधिक का समय हो चुका है लेकिन अभी तक क्षेत्र के किसानों को सिंचाई पानी उपलब्ध करवाने के लिए रेगुलेशन निर्धारित नहीं किया गया है। इसके कारण पूरे क्षेत्र में किसान खरीफ फसल की बिजाई से भी वंचित रह गया है। जिन क्षेत्रों में ट्यूबवैल का पानी उपलब्ध था वहां बुवाई की गई जो नगण्य के बराबर है। उन्होंने बताया कि खरीफ फसल में ग्वार, मूंग, तिल व बाजरा आदि फसलों की बिजाई का भी अंतिम समय चल रहा है। इंदिरा गांधी नहर में सिंचाई पानी को लेकर जनप्रतिनिधियों व किसान संगठनों ने भी लगातार मांग उठाई लेकिन इसका कोई भी समाधान नहीं हुआ। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक भी नहरबंदी के बाद कई बार हो चुकी है लेकिन किसानों को सिंचाई पानी देने के लिए रेगुलेशन तय नहीं हुआ है। जबकि वर्तमान में पौंग डेम जल संग्रहण क्षेत्र में अच्छी बरसात होने के कारण पौंग डेम का लेवल 1320 फीट हो गया है। बावजूद इंदिरागांधी नहर में किसानों के लिए सिंचाई पानी का रेगुलेशन तय नहीं करना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अतिशीघ्र सिंचाई पानी का रेगुलेशन तय नहीं किया गया तो जनप्रतिनिधियों व किसानों को मजबूर होकर आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरना होगा। अनूपगढ़ विधायक ने मुख्य अभियंता से कहा कि अतिशीघ्र जल परामर्शदात्री समिति की बैठक बुलाकर किसानों के लिए सिंचाई पानी का रेगुलेशन तय किया जाए ताकि किसान सिंचाई व बिजाई कर सकें। इस मौके पर अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र के किसानों ने अनूपगढ़ शाखा से निकलने वाली जीडी माइनर के 13 जीडी व 20 जीडी के मोघों का साइज सही करने की भी रखी मांग रखी।

पहले स्थाई मान्यता, अब जूझ रहे अस्थाई के लिए
- अस्थाई मान्यता के लिए कॉलेज प्रबंधन ने भेजी रिपोर्ट, ऑनलाइन निरीक्षण के बाद होगा भौतिक सत्यापन
- विद्यार्थियों में मान्यता के फेर में एक साल खराब होने की चिंता
हनुमानगढ़. एनएम लॉ कॉलेज, कभी संभाग स्तर पर बड़ा नाम हुआ करता था। स्थाई मान्यता थी। अब हालात यह हैं कि अस्थाई मान्यता भी नहीं है। इसके लिए भी जूझना पड़ रहा है। वर्ष 2016 में एनएम लॉ कॉलेज ने स्थाई मान्यता खो दी थी। इसके बाद से मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है। शहर की बरसों पुरानी इस शिक्षण संस्था को आज जिन हालात का सामना करना पड़ रहा है, उसके लिए निश्चित तौर पर तत्कालीन प्रबंधन जिम्मेदार है।
इसके पीछे कारण चाहे जो रहे हों। मगर महत्वपूर्ण यह है कि इससे संस्थान की प्रतिष्ठा को धक्का लगा है। विद्यार्थियों के मन में भी मान्यता के फेर में एक साल खराब होने की चिंता बढ़ गई है। हालांकि कॉलेज प्रशासन का दावा है कि कॉलेज को अस्थाई मान्यता जारी हो जाएगी। किसी भी विद्यार्थी की पढ़ाई खराब नहीं होगी। वहीं दूसरी ओर कॉलेज को स्थाई मान्यता दिलाने सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर कॉलेज के विद्यार्थी करीब एक माह से आंदोलन कर रहे हैं।
आखिर क्या है मान्यता का मसला
जानकारी के अनुसार पहले एमजीएस बीकानेर विश्वविद्यालय से एनएम लॉ कॉलेज को स्थाई मान्यता प्राप्त थी। बाद में कई तरह की गड़बड़ी संबंधी शिकायतों के चलते विश्वविद्यालय ने वर्ष 2016 में ऑब्जेक्शन लगाकर एक साल के लिए स्थाई मान्यता निरस्त कर अस्थाई मान्यता जारी कर दी। इसके खिलाफ कॉलेज प्रबंधन कोर्ट में चला गया। वहां से स्थगन आदेश जारी हुआ। दोबारा निरीक्षण करवा कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी। यह प्रकरण अभी हाइकोर्ट में विचाराधीन है। इसी बीच राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी विधि महाविद्यालयों को डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के अधीन कर दिया। डॉ. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय ने सभी विश्वविद्यालयों से लॉ कॉलेज की मान्यता को लेकर रिपोर्ट मांगी। वर्ष 2019-20 में जिस विधि महाविद्यालय की मान्यता की जो स्थिति थी, उसी आधार पर मान्यता जारी की। एनएम लॉ कॉलेज के पास उस समय अस्थाई मान्यता थी। अत: उसको अस्थाई मान्यता ही जारी की गई।
इन मांगों पर आंदोलन
छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चाहर ने बताया कि वर्ष 2017 से स्थाई मान्यता आदि को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। उस समय प्राचार्य, उप प्राचार्य, अकाउंटेंट आदि रिटायरमेंट के बाद भी महाविद्यालय से मोटी तनख्वाह उठा रहे थे। एनएसएस कैम्प एवं स्टूडेंट वेलफेयर फंड में गड़बड़झाला किया जा रहा था। आंदोलन कर रहे छात्रों की पांच प्रमुख मांगें हैं। इसमें कॉलेज को स्थाई मान्यता दिलाने, स्थाई स्टाफ नियुक्त करने, नगरपरिषद से खेल मैदान का एक रुपए में पट्टा जारी कराने, संस्था के चुनाव करवाकर स्थाई कमेटी बनाने तथा स्थाई मान्यता के लिए कमेटी बनाकर उसमें वर्तमान एवं पूर्व छात्र नेताओं को शामिल करने की मांग शामिल है।
नहीं होगा साल खराब
एनएम लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीताराम कहते हैं कि किसी विद्यार्थी का साल खराब नहीं होगा। अस्थाई मान्यता के लिए रिपोर्ट भेज चुके हैं। पहले ऑनलाइन निरीक्षण होगा। फिर विश्वविद्यालय की टीम कॉलेज का भौतिक सत्यापन करेगी। अभी कई कॉलेज को सम्बद्धता जारी कर उनको दो अगस्त तक परीक्षा फार्म भरने का समय दिया गया है। कई और कॉलेज कतार में हैं। जैसे-जैसे उनको सम्बद्धता जारी होगी, परीक्षा फार्म भरने की तिथि तय की जाएगी। बाद में सबकी परीक्षा एक साथ ली जाएगी।

टीकाकरण के लिए बढ़ती जागरुकता व पर्याप्त सप्लाई का अभाव बढ़ा रहा क्लेश
- कोविड वैक्सीन की नियमित एवं पर्याप्त सप्लाई नहीं होने से वैक्सीनेशन केन्द्रों पर बढ़ रही कलह
- प्रति केन्द्र मुश्किल से मिल पा रही 100 से 200 डोज, वैक्सीनेशन वास्ते पहुंच रहे टीकों की तुलना में कई गुना लोग
हनुमानगढ़. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के भय और कोविड-19 वैक्सीनेशन के प्रति बढ़ती जागरुकता के बीच वैक्सीन की पर्याप्त व नियमित सप्लाई नहीं होना क्लेश बढ़ा रहा है। जिले में आए दिन वैक्सीनेशन केन्द्रों पर लोगों का कर्मचारियों-सहयोगी संस्थाओं के सदस्यों से विवाद हो रहा है। कई तरह आरोप-प्रत्यारोप होते हैं। मगर असल बात यह है कि लोगों में टीकाकरण को लेकर बढ़ी जागरुकता के हिसाब से केन्द्र सरकार से वैक्सीन की सप्लाई ही नहीं मिल रही है।
यदि नियमित रूप से पर्याप्त संख्या में वैक्सीन डोज मिल तो शायद टीकाकरण केन्द्रों पर क्लेश नहीं देखने को मिले। फिलहाल तो स्थिति यह है कि रोजाना होने वाली खपत की तुलना में आधी भी वैक्सीन डोज नहीं मिल रही है। जंक्शन स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में बुधवार को लगाए टीकाकरण शिविर के दौरान भी विवाद हुआ। क्योंकि टोकन सुबह बहुत जल्दी बंट गए। सैकड़ों लोगों को बिना टीका लगाए बैरंग लौटना पड़ा।
तो बने बात
जिले में चिकित्सा विभाग के जो साधन-संसाधन एवं तैयारी है तथा लोगों में जो जागरुकता है, उसके हिसाब से 30 हजार डोज आसानी से रोजाना खप सकती है। मतलब कि जिले को हर सप्ताह दो लाख से अधिक डोज की सप्लाई मिले तो बात बने। फिर शायद टीकाकरण केन्द्रों पर विवाद की स्थिति भी ना बने।
आधे पर ही टीकाकरण
जिले में चिकित्सा विभाग ने टीकाकरण के लिए 230 से अधिक टीकाकरण केन्द्र बना रखे हैं। मगर पर्याप्त वैक्सीन डोज की सप्लाई के अभाव में आधे ही केन्द्रों पर वैक्सीनेशन हो पाता है। जिले में गुरुवार को 152 केन्द्रों पर टीकाकरण किया जाएगा। जबकि बुधवार को 107 केन्द्रों पर ही टीकाकरण किया गया।
आज 19800 डोज से टीकाकरण
जिले में गुरुवार को 152 टीकाकरण केन्द्रों पर 19800 डोज से कोविड-19 वैक्सीनेशन किया जाएगा। जिले को निदेशालय से कोविशील्ड की 10300 एवं कोवैक्सीन की 9500 डोज मिली है जो बुधवार शाम खण्ड स्तर पर भिजवा दी गई। गुरुवार को भी मुख्य रूप सेे द्वितीय डोज ही लगाई जाएगी। कोवैक्सीन की केवल द्वितीय डोज लगेगी। जबकि कोविशील्ड की 10300 डोज में से 20 प्रतिशत प्रथम डोज एवं 80 प्रतिशत द्वितीय डोज लगाई जाएगी।
14707 ने लगवाए टीके
जिले में बुधवार को 18 से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों का प्रथम व द्वितीय डोज का कोविड-19 वैक्सीनेशन किया गया। जिले को कोविशील्ड की 13000 हजार डोज प्राप्त हुई थी। इससे 107 टीकाकरण केन्द्रों पर 14707 नागरिकों का वैक्सीनेशन किया गया।
धैर्य रखें, सबका होगा टीकाकरण
नागरिक धैय रखें। निदेशालय से लगातार वैक्सीन डोज मिल रही है। चिकित्सा विभाग की टीम निरंतर वैक्सीनेशन में जुटी हुई है। सबका टीकाकरण होगा। इस कार्य में सहयोग करें ताकि जल्दी जिले को संक्रमण से सुरक्षित बनाया जा सके। - डॉ. विक्रम सिंह, आरसीएचओ, हनुमानगढ़।

यह हनुमानगढ़ की धरती है, बड़े-बड़े अधिकारियों को ठीक करके भेजा है
-बयान पर बवाल, विरोध में सीटू ने निकाली रैली, किया प्रदर्शन

हनुमानगढ़. मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को ज्ञापन सौंपने के लिए कलक्टर की ओर से काफी देर तक चैंबर के बाहर इंतजार करवाने व वहां तैनात स्टॉफ की ओर से महिलाओं के प्रति कथित दुव्र्यवहार करने के खिलाफ भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र से जुड़े संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। कलक्टर का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। इससे पहले सीटू के बैनर तले मजदूर व मिड-डे मील कर्मचारी जंक्शन में धानमंडी में एकत्रित हुए। इनमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल रही। इसके बाद सभी कलक्ट्रेट पहुंचे और विरोध-प्रदर्शन कर पुतला दहन किया। यहां हुई सभा में सीटू राज्य उपाध्यक्ष रामेश्वर वर्मा ने कहा कि हनुमानगढ़ जिला कलक्टर ने अपना राजशाही तरीका अपना रखा है। आए दिन आम जनता के साथ दुव्र्यवहार कर रहे हैं। और तो और महिलाओं के साथ भी इसी तरह का व्यवहार उन्होंने किया। उन्होंने कलक्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हनुमानगढ़ जिला कलक्टर ने अपना व्यवहार नहीं सुधारा व आम जनता की आवाज को नहीं सुना तो कलक्टर का विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह हनुमानगढ़ की धरती है, जिन्होंने बड़े बड़े अधिकारियों को ठीक करके भेजा है। कलक्टर को संबोधित करते हुए कहा कि वह जनता की आवाज सुनें और जनता के लिए काम करें। राजा बनकर यहां कोई नहीं रह सकता है। आत्मा सिंह ने कहा कि महिला मजदूरों के साथ इस तरह का व्यवहार निंदनीय है। केंद्र व राज्य सरकार लगातार महिलाओं के सम्मान की बात करती है दूसरी तरफ कलक्टर महिलाओं को अपमानित करने का काम कर रहे। महिला समिति की प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकला वर्मा ने कहा कि एक तरफ तो केंद्र व राज्य सरकार प्रचार कर रही है की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लेकिन हमारे अधिकारियों के पास जब कोई बहन बेटी जाती है तो उनकी बात सुनने के लिए समय नहीं होता है। हमारी मांग है कि राज्य की गहलोत सरकार जिला कलक्टर पर कार्रवाई करें। रघुवीर सिंह वर्मा ने कहा कि जिला कलक्टर को क्रिकेट मैच खेलने का तो समय है लेकिन जनता की आवाज सुनने का समय नहीं है। वह सुविधा की बात करते हैं। तंज कसते हुए कहा कि कोरोना काल में जब सब कुछ बंद है तो कलक्टर आईपीएल की तैयारी के लिए मैच खेलने जाते हैं क्या। सीटू जिला महासचिव शेर सिंह शाक्य ने कहा की हनुमानगढ़ जिले की परंपरा ठीक रही है लेकिन जब से जिला कलक्टर जिले में आए हैं, आए दिन आम जनता के साथ जो व्यवहार हो रहा है और जिस तरह के बयान मीडिया में जिला केक्टर दे रहे हंै उससे ऐसा लगता है कि वह खुद ही मुख्यमंत्री हैं या हनुमानगढ़ के राजा हंै। मलकीत सिंह, बहादुर सिंह चौहान, जगजीत सिंह जग्गी, मोहन लोहरा, अमीर खान, सरपंच बलदेव सिंह, सुरेंद्र शर्मा,कमला मेघवाल, मनीराम मेघवाल, सरबजीत कौर, बलवीर सिंह, गुरदेव सिंह, हरिराम, महेंद्र सिंह, जसविंदर सिंह, मुंशा सिंह, रामचंद्र, राजेश कुमार, संगीता वर्मा, नायब सिंह, बीएस पेंटर ,बसंत सिंह, फिरोज खान,मुकद्दर अली, राज कुमार ,कृष्ण लाल, श्याम लाल, मुख्त्यार सिंह, मंटू मंडल, जगदीश यादव, संदीप, अमरजीत सिंह, रिछपाल सिंह, सुखप्रीत सिंह, सुरेंद्र दहिया मौजूद थे।

महिलाओं को रोकने का प्रयास
कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान जब सीटू कार्यकर्ता गेट की तरफ जाने लगे तो वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। प्रदर्शन के बाद एसडीएम कपिल यादव ने गेट पर आकर ज्ञापन लिया। ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की गई कि हनुमानगढ़ जिला कलक्टर के पद पर किसी अन्य योग्य एवं कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति की नियुक्ति की जाए। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए। माकपा नेता रघुवीर वर्मा ने कहा कि कलक्टर ने गत दिनों महिलाओं के साथ जो व्यवहार किया था, उसके लिए उन्हें खेद प्रकट करना चाहिए।

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