>>: Digest for July 31, 2021

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Table of Contents

श्रीगंगानगर. नगर परिषद में सियासत फिर एकाएक गर्म हो गई है। शहर हित में विकास कार्य कराने के लिए सत्तारुढ़ कांग्रेस और निर्दलियों के साथ साथ अब १६ भाजपाई पार्षदों ने भी समर्थन देने की घोषणा कर दी।

नगर परिषद सभागार में संयुक्त रूप से आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेसी और निर्दलीय पार्षदों ने पूर्व पार्षद पवन गौड़ और पार्षद विजेन्द्र स्वामी की ओर से लगातार शिकायतों का अंबार लगाकर निर्माण कार्य अटकाने का आरोप लगाए है।

वहीं ऑटो टीपर की खरीद सहित अनेक प्रकरणों की जांच खुलवाने के नाम पर नगर परिषद की छवि धूमिल करने का आरोप जड़ा है। इन पार्षदों ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि डीएलबी सभापति और सत्तारुढ़ पार्षदों की सुनवाई नहीं कर रही है जबकि पूर्व पार्षद गौड़ के कहने पर जांच पर जांच कर रही है।

पार्षदों का कहना था कि सभापति के चुनाव में करुणा चांडक के समक्ष पूर्व पार्षद पवन गौड़ की पत्नी बबीता गौड़ चुनाव लड़ी थी लेकिन वह हार गई।

इस हार का बदला देने के लिए पिछले 18 माह से शिकायतों की झड़ी लगा दी है। इस कारण नगर परिषद में शिकायतों का माहौल बन गया और अफसर निर्माण कराने से कतराने लगे है।

चांडक खेमे के पार्षदों ने गौड़ और स्वामी को आदतन शिकायतकर्ता बता कर डीएलबी से एक्शन लेने की बात कही।

विधायक जैसी शक्तियां नगर परिषद बोर्ड के खिलाफ इस प्रेस वार्ता में श्रमिक नेता और वार्ड 15 से वार्ड प्रतिनिधि महेन्द्र बागड़ी का आरोप था कि गौड़ और स्वामी शिकायतों कर रहे है, उनके पीछे विधायक जैसी शक्तियां है। जिनका काम नगर परिषद बोर्ड की ओर से होने वाले शहरहित के कामकाज को रोकना है। राजनीतिक द्वेषता यह ठीक नहीं।

ऑटो टीपर खरीद में एडीएम प्रशासन की ओर से नगर परिषद को दोषी मानने के सवाल पर बागड़ी का कहना था कि तत्कालीन एडीएम और तत्कालीन आयुक्त के बीच मतभेद थे, इस रंजिश के कारण नगर परिषद को दोषी माना।

इस दौरान पार्षद कमला बिश्नोई ने विधायक का नाम घसीटने पर एतराज जताया और कहा कि विधायक अपना काम करते है और सभापति अपना काम। शिकायतें वहीं हो जिसमें सच्चाई हो। इस दौरान पार्षद बंटी वाल्मीकि, पार्षद रीतू धवन, धर्मेन्द्र मौर्य, ओमी मित्तल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस दौरान वार्ड 23 से पार्षद प्रियंका स्वामी की अेार से उनके प्रतिनिधि और भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष मनीराम स्वामी ने कहा कि भाजपा पार्षद दल की नेता बबीता गौड़ है। लेकिन शहर हित में काम कराने के लिए सभापति को समर्थन कर रहे है। उन्होंने बताया कि भाजपा के २4 में से 16 पार्षद इस प्रेस वार्ता में आए है।

शहर का विकास कार्य कराने के लिए किसी भी स्तर पर बातचीत करने को तैयार है। पिछले 18 माह के बाद पहली बार भाजपाई पार्षदों ने सत्तारुढ के साथ बैठकर शहर में विकास कार्य कराने पर चर्चा की। इसमें प्रेम घोड़ेला, जगदीश घोड़ेला, रामगोपाल यादव, कमल नारंग, डा.़भरतपाल मय्यर, नंदलाल मिडढा, लक्ष्मी, अमरजीत सिंह गिल, प्रियंक भाटी, हरविन्द्र सिंह पांडे, अमित यादव, सरिता गेरा, किशन लाल चौहान, रमेश डागला, अमित चलाना, प्रहलाद सोनी मौजूद थे।

जयपुर से आई टीम,चिकित्सालय का किया निरीक्षण---अब दिल्ली से आएगी टीम,श्रीगंगानगर की नजर नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट पर

-नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के लिए राज्य स्तर पर श्रीगंगानगर व सीकर का हो रखा है चयन
-जिला चिकित्सालय श्रीगंगानगर को पहले मिल चुका है राज्य स्तर पर कायाकल्प में प्रथम अवार्ड

श्रीगंगानगर.नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के लिए राज्य की टीम ने दस अस्पतालों में इस बार श्रीगंगानगर और सीकर के जिला चिकित्सालय का चयन किया है। अब इसके लिए दिल्ली से नेशनल स्तर की टीम आएगी। इस टीम से पूर्व गुरुवार को राजकीय जिला चिकित्सालय में राज्य स्तरीय सलाकार खुशबू जैन व डॉ.हरीश कौशिक की टीम आई। टीम ने चिकित्सालय के एक-एक वार्ड का बारीकी से निरीक्षण किया। गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम (एनक्यूएएस)के निर्धारित मापदंडों के अनुसार जहां-जहां चिकित्सालय में कमियां पाई गई,इसके बारे में चिकित्सालय प्रबंधन को अवगत करवाया गया।

टीम ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.बलदेव सिंह चौहान,उप नियंत्रक डॉ.प्रेम बजाज,अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिवार कल्याण डॉ.मुकेश मेहता,हेल्थ मैनेजर सविंद्र सिंह,डॉ.देवेंद्र ग्रोवर,चंद्रकला गर्ग,नर्सिंग अधीक्षक सतपाल लकेशर व जैतकंवर गोयल,डॉ.राजेश शर्मा,डॉ.मुकेश स्वामी सहित अन्य डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ से नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के मापदंडों पर विस्तृत चर्चा की गई।
गौरतलब है कि अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण सेवाएं,सुविधाएं और साफ-सफाई मुहैया करवाई जानी है। इन तमाम प्रयासों की बदौलत राजकीय जिला चिकित्सालय को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट (एनक्यूएएस)मिलने की उम्मीद की जा सकती है। जिसके बाद चिकित्सालय को स्पेशल फंड मिलेगा। इसका इस्तेमाल मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने पर खर्च किया जाएगा। वहीं,जनवरी 2021 में कायाकल्प की जयपुर से टीम आई थी। हालांकि राजकीय जिला चिकित्सालय श्रीगंगानगर कायाकल्प में प्रथम आवार्ड जीत चुका है।

अच्छी व्यवस्था की वजह से हुआ राज्य स्तर पर चयन

टीम ने चिकित्सालय के एमसीएच यूनिट,एसएनसीयू,लेबर रूम,ऑपरेशन थियेटर,ब्लड बैंक,फायर फाइटिंग सिस्टम,जीरियट्रिक वार्ड,रिकॉर्ड रूम सहित अन्य वार्डों आदि में व्यवस्था की बारीकी से जांच की थी। विभागीय मापदंडों पर जिला अस्पताल खरा उतरा। इस पर टीम ने अस्पताल को 80 प्रतिशत अंक दिए। अब नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट मिलने की अब उम्मीद जगी है।

प्राइवेट अस्पताल की तर्ज पर किया सुधार

आई वार्ड में सप्ताह में दो शिविर लगाकर बेहतर सर्जरी करना,प्राइवेट अस्पताल की तर्ज पर सरकारी अस्पताल में पहले की तुलना में काफी सुधार किया गया है। साफ-सफाई,सर्विस,ब्लड बैंक,दवा व उपचार आदि में बहुत सुधार हुआ है और चिकित्सालय में शौचालयों की नियमित साफ-सफाई,मेडिकल बायोवेस्ट का एक-एक वार्ड में विभाग की गाइड लाइन के अनुसार निस्तारण किया गया है।

सर्टिफिकेट पर मिलेगी प्रति वर्ष 40 लाख रुपए की राशि

नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट मिलने पर जिला चिकित्सालय को प्रति वर्ष 40-40 लाख रुपए की राशि मिलेगी। यह राशि चिकित्सालय में सुविधाएं बढ़ाने पर खर्च की जाएगी। चिकित्सालय में 400 बैड है और प्रति बैड दस हजार रुपए की राशि का प्रावधान है। तीन वर्ष तक यह राशि दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट प्रदेश में 2017 में राजसमंद,2018 में झुंझनू व चितौडगढ़़ व 2019 में हनुमानगढ़ जिले को मिल चुका है।

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नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड सर्टिफिकेट के लिए राज्य स्तर पर श्रीगंगानगर व सीकर का चयन हो रखा है। अब इस सर्टिफिकेट के लिए नेशनल स्तर से जल्द टीम आएगी। इस टीम के आने से पहले आज राज्य स्तर से टीम आई है। चिकित्सालय का बारीकी से निरीक्षण किया है और जहां कहीं पर कमियां मिली है। इससे सुधार करने और कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया है।

डॉ.बलदेव सिंह चौहान,पीएमओ,राजकीय जिला चिकित्सालय,श्रीगंगानगर।

भाजपा एससी मार्चा के प्रदेशाध्यक्ष मेघवाल के किसानों ने कपड़े फाड़े
-संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा के कार्यक्रम का जबरदस्त किया विरोध
-किसानों पर पुलिस ने की लाठीचार्ज,कई किसान हुए चोटिल

श्रीगंगानगर.कलक्ट्रेट पर भाजपा के विरोध कार्यक्रम का संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं की अगुवाई में किसान,मजदूर व व्यापारियों ने जबरदस्त विरोध किया। इस दौरान भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल गंगासिंह चौक पर भाजपा का पटका पहन कर आ गए। इस कारण वहां पर किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे और किसान पहले से ही आक्रोश थे और मेघवाल के गले में भाजपा का पटका देखकर किसान भडक़ गए। इस बीच कुछ किसानों ने मेघवाल व भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस बीच मेघवाल के साथ धक्का-मुक्की भी हुई और कपड़े तक फाड़ दिए गए। कुछ किसानों ने और पुलिस ने बीच-बचाव कर मेघवाल को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला गया।

जबकि भाजपा की कलक्ट्रेट से आगे जेल की तरफ आगे सभा चल रही थी। मेघवाल वहां पर नहीं आकर शायद भूल से इस रास्ते से आ गए । इस कारण मेघवाल को किसानों के विरोध का सामान करना पड़ा। गंगासिंह चौक पर किसानों ने पहले सभा की और फिर कोतवाली रोड होकर भाजपा की सभा की तरफ विरोध करने के लिए आगे बढ़े। इस बीच किसानों को पुलिस ने तीन जगह बैरीकेट्स तोडकऱ आगे बढऩे से रोकने की कोशिश की गई। कोतीवाल थाना से आगे पेट्रोल पंप से कुछ दूरी पर पुलिस और किसानों की झड़प हो गई। इस पर पुलिस ने किसानों पर लाठी चार्ज किया। चार-पांच किसान चोटिल हो गए लेकिन बड़ी संख्या में किसान होने की वजह से वहां पर किसानों ने पुलिस-प्रशासन व भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए डटे रहे। माहौल सुबह से लेकर दोपहर तक तनावपूर्ण बना रहा। संयुक्त किसान मोर्चा की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल,किसान नेता पृथीपाल संधू,मनिंदर सिंह मान,संतवीर सिंह,श्योपतराम मेघवाल,गुरबलपाल सिंह,अमर सिंह बिश्नोई,रमन रंधवा,कालू थोरी सहित काफी किसान नेताओं ने किसानों से समझाइश कर वहीं पर रोक लिया। किसानों ने भाजपा व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वहीं पर एक बार धरना लगाकर बैठ गए। आखिर दो बजे पूर्व विधायक बेनीवाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य भाजपा के कार्यक्रम का विरोध करना था और विरोध किया और अब भाजपा का गांव-गांव में विरोध करने का आह्वान किया गया। वहीं,दूसरी तरफ भाजपा का विरोध-प्रदर्शन के तौर पर सभा का कार्यक्रम चलता रहा।

श्रीगंगानगर. राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा की ओर से यहां गंगासिंह चौक पर धरना-प्रदर्शन किया गया। इस सभा में गंगासिंह के पास किसान संगठन से जुड़े युवकों ने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल को घेर लिया और उनसे मारपीट की।

इस दौरान उनके कपड़े फाड़ दिए गए। वहां पुलिस दल ने मेघवाल को किसी तरह इन युवकों से बचाया। एकाएक हुए इस घटनाक्रम के बाद भाजपाइयों में भी गुस्सा आया लेकिन आयोजकों ने किसी भी कार्यकर्ता को पंडाल से बाहर नहीं जाने का संकल्प कराया। इधर, मेघवाल के समर्थक उनको कंधो पर बिठाकर सभा स्थल पर लेकर आए। इस दौरान मेघवाल ने पूरे घटनाक्रम को बताया।

उन्होंने बताया कि वे भाजपा के धरने पर आ रहे थे तो कार को खड़ा करने के लिए मुख्य डाकघर के पास ले गए। वहां से वापस पैदल ही अपने दस बारह समर्थकों के साथ कलक्टे्रट में आने लगे तेा एक थानेदार जिसका नाम महावीर था उसने इशारा किया कि कलक्ट्रेट अंदर से जाने की जरुरत नहीं है।

आप तो गंगासिंह चौक से सभा स्थल आसानी से जा सकते है। उसके कहने पर वह जैसे ही गंगासिंह चौक पहुंचा तो वहां किसान संगठन से जुड़े युवकों ने उसे घेर लिया और मारपीट करते हुए कपड़े फाड़ दिए।

इसके बाद वह सभा स्थल पर पहुंचा। इस संबंध में विधानसभा में नेप्रतिपक्ष उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़, जिलाध्यक्ष आत्माराम तरड़, सांसद निहालचंद, नोखा के विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, सूरतगढ़ विधायक रामप्रताप कासनियां, रायसिंहनगर विधायक बलवीर लूथरा, अनूपगढ़ विधायक संतोष बावरी, बीकानेर संभाग के संगठन प्रभारी माधोराम चौधरी, जुगल डूमरा आदि ने निंदा करते हुए जिला कलक्टर को ज्ञापन भी दिया है।

भाजपा पदाधिकारियों और मेघवाल ने इस घटनाक्रम के संबंध में एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस अधिकारियेां को अवगत कराया है। भाजपा के इस धरने के खिलाफ किसान संगठनों ने भी गंगासिंह चौक पर धरना लगाया था।

यहां तक कई बार नारेबाजी की गई। इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने किसानों और भाजपा के धरने स्थलों को अलग अलग जगह देकर बीच में बैरीकेट्स लगा दिए ताकि कोई इधर से उधर नहीं जा पाए। लेकिन मेघवाल इस बैरीकेट्स को लांघकर किसानों के विरोध स्थल के अंदर प्रवेश कर गए।

उनके जाने को लेकर कई सवाल भी किए गए लेकिन उन्होंने इसे गलतफहमी में जाने की बात कही।

श्रीगंगागर. भाजपा की ओर से गहलोत सरकार के खिलाफ गंगासिंह चौक पर धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरने पर आयोजित सभा में राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता और पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार के ढाई साल में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है।

श्रीगंगानगर इलाके में तो मामा भांजा की सरकार चल रही है। इलाके के विधायक और उनके भांजे पर व्यंग्स कसते हुए कहा कि मामा भांजे का रिश्ता बदनाम भी है। जेल में बैठे गैंगस्टर के फोन से लोगों को धमकाया जा रहा है।

रंगदारी के इस खेल में पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। गुरुवार रात पेट्रोल पंप संचालक पर फायर की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने इलाके में बढ़ते अपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसने की बजाय पुलिस प्रशासन नाकाम हो रहा है।

भाजपा के एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल पर हुए हमले को शर्मनाक बताया। उन्होंने किसान आंदोलन के नाम पर नौटंकी करने वालों को कांगे्रस की बी टीम बताते हुए कांग्रेस से अब धर्मयुद्धा लड़ा जाएगा। राठौड़ ने आरपीएससी की ओर से आरएएस भर्ती में शिक्षा मंत्री डोटासरा पर भी बाण चलाए।

उन्हेांने एक व्यंग्य पढ़कर सुनाया भी। उन्होंने कहा कि इन दिनों श्रावण माह चल रहा है, युवतियां शिवजी की अराधना करते हुए अब उम्मीद कर रही है कि वर चाहे कैसा भी मिले लेकिन ससुर डोटासरा जैसा हो।

यह सुनकर पूरे पंडाल ने तालिया बजाई। इस दौरान उन्होंने नगर परिषद में सभापति की ओर से भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने पर चुटकी ली। उनका कहना था कि इस राज में बिन पैसे कोई काम नहीं रहा है।
उन्होंने गहलोत और पायलट विवाद पर कहा कि कांग्रेस के अन्र्तविरोध का खमियाजा पूरे प्रदेश को भुगतना पड़ रहा है।

कांग्रेस हाइकमान के दो दूत अजय माकन और वेणु गोपालन बार बार दोनों खेमों से समझाइश करने के लिए कोई आ रहा है तो कोई जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार करने की हिम्मत नहीं हे।

यही वजह है कि सीएम के खुद के पास सौलह विभागों का चार्ज है। केन्द्र सरकार की ओर से किए जाने वाले भुगतान को खर्च नहीं किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में बिजली महंगी कर दी गई है। उन्होंने पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल के बयान को आड़े हाथों लिया।

बेनीवाल ने पदमपुर की घटना पर अभी तो टे्रलर है पिक्चर अभी बाकी है, पर राठौड़ का कहना था कि वामपंथी दल की पश्चिम बंगाल में ३४ साल तक सरकार रही लेकिन इस विधानसभा में जीरो पर आऊट हो गए जबकि भाजपा की तीन से 72 सीटें आई है।

इस दौरान नोखा के विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने कहा कि नहरी मंत्री कौन है यह तो कोई बताएं। उन्होंने बताया कि सिंचाई मंत्री का चार्ज खुद सीएम के पास है। ढाई साल में एक बार भी सीएम सिंचाई मंत्री के रूप में नहरों का निरीक्षण करने तक नहीं गए है।

यहां तक कि सिंचाई संबंधित योजनाओं के संबंध में एक भी मीटिंग नहीं की है। इलाके के किसान सिंचाई पानी के लिए तरस रहे है लेकिन सिंचाई मंत्री होने के नाम सीएम ने कभी भी प्रयास तक नहीं किया।

किसान आंदोलन करने वालों को उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा ने यह धरना आयोजित कर लिया है। कहां गए वे लोग जो कार्यक्रम आयोजित नहीं होने का दावा कर रहे थे।

पूर्व सिंचाई मंत्री डा. रामप्रताप ने कहा कि कांग्रेस के बीस साल में सिंचाई मंत्रियों ने क्या क्या काम किए है जबकि मेरे राज में पक्के खाळे और नहरों का सुदृढ़ीकरण का काम आज भी मुंह बोलता है।

उन्होंने फिरोजपुर फीडर के लिए बजट होने के बावजूद डीपीआर नहीं बनाने पर गहलोत सरकार को जमकर कोसा।

वहीं पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपालसिंह टीटी ने श्रमिकों के कल्याण की योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाया। सांसद निहालचंद का कहना था कि दो लाख पन्द्रह हजार क्यूसेक पानी को पंजाब ने पाकिस्तान भेज दिया जबकि यह पानी स्टोरेज रखा जाना चाहिए था।

इस सभा में सूरतगढ़ विधायक रामप्रताप कासनियां, अनूपगढ़ विधायक संतोष बावरी, रायङ्क्षसंहनगर विधायक बलवीर लूथरा, जिलाध्यक्ष आत्माराम तरड़ के अलावा सूरतगढ़ से पूर्व विधायक राजेन्द्र भादू, रायसिंहनगर से पूर्व विधायक लालचंद, सादुलशहर से पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रदीप खीचड़, डा.़बृजमोहन सहारण, श्रीकरणपुर से जसकरण सरां, पूर्व जिला परिषद सदस्य बलराम मेघवाल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष चेष्ठा सरदाना, जुगल डूमरा, राजकुमार सोनी, रतन गणेशगढि़या, प्रदीप धेरड़, श्रीविजयनगर से सुनीता छाबड़ा, रमा दीक्षित, बबीता गौड़, सोनू पटीर, आदि मौजूद थे।

श्रीगंगानगर. सत्ता जाने के ढाई साल बाद इलाके में आखिरकार भाजपा ने शुक्रवार को यहां एक मंच पर इलाके के भाजपाईयों को एकत्र कर दिया। गत दस माह से केन्द्र सरकार की ओर से कृषि के तीन बिलों के खिलाफ किसान आंदोलन का असर इलाके पर एेसा रहा कि भाजपाईयों को कई गांवों में सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित करने पड़े।

किसान संगठनों के विरोध से बैकफुट पर आए भाजपाईयों ने इस चुनौती को स्वीकार कर गंगासिंह चौक पर धरना लगाया जहां अक्सर किसान संगठन महापड़ाव डालकर सीधे वोट बैंक पर असर डालते है।

जिले की आठ नगर पालिकाओं में हुए चुनाव में भाजपा को चार पालिकाओं में जीत मिली लेकिन चार पालिकाओं में करारी हार का सामना करना पड़ा। यह तब है जब कांग्रेस का संगठन पिछले सवा साल से गायब है।

कांग्रेस का नेतृत्व नहीं होने के बावजूद चार पालिकाओं में कब्जा कर भाजपा को यह संकेत दिया कि पंचायराज चुनाव में भी एेसी हालत होगी। अगले महीने पंचायराज चुनाव को देखते हुए भाजपा ने फिर से फील्ड में अपना झंडा उठाने के लिए कवायद शुरू की है।

अलग अलग गुटों में बंटी भाजपाईयों को एक साथ लेना इतना आसान नहीं था। लेकिन जिलाध्यक्ष और उनकी टीम शुक्रवार को इस धरने पर एकाएक आई भीड़ गदगद हो उठी। यहां तक पूरी टीम के चेहरे पर मुस्कान आ गई लेकिन एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल प्रकरण ने पूरे किए कराए पर पानी फेर दिया।

मेघवाल का कुर्ता फटा तो उन्होंने राजनीतिक स्टंट किया। वे इस घटनाक्रम के बाद वापस जाने की बजाय अपने समर्थकों के साथ सभा स्थल पर अपनी जोरदार एंट्री कराई। उन्होंने मंच से अपने संबोधन में हिंसा का बदला हिंसा की बजाय अहिंसा बताते हुए संयम बरतने की बात कही।

इधर, पुलिस अधिकारियों का कहना था कि मेघवाल को किसान आंदोलनकारियों के पंडाल में जाने से रोका भी था लेकिन वे जानबूझकर गए। उधर, पी ब्लॉक में भाजपा की प्रेस वार्ता में मेघवाल ने दावा किया कि वे आरोपियों ने उनको दबोचा और मारपीट की। उन्होंने राजनीतिक स्टंट नहीं किया।

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