>>: Digest for July 31, 2021

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Table of Contents

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. एमबी हॉस्पिटल में अब कैंसर के मरीजों के लिए रेडियोथैरेपी की सुविधा दोपहर बाद भी उपलब्ध रहेगी। पहले यहां रेडियोथैरेपी दोपहर बाद नहीं हो पाती थी। रात आठ बजे तक मरीजों को ये सुविधा मिल सकेगी। रेडियोथैरेपी विभाग को नए चिकित्सक मिले हैं, ऐसे में जल्द ही नए रेडियोग्राफर मिल सकेंगे। जिससे बेहद उपयोगी लीनियर एक्सीलेटर सेवाएं अब कैंसर मरीजों को मिल सकेंगी।

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पहले दो बजे तक ही थी सुविधा

दशकों से एमबी हॉस्पिटल में कैंसर मरीजों को रेडियोथैरेपी के सेवाएं दोपहर दो बजे तक ही उपलब्ध थी। ऐसे में दूर दराज के कई लोग, जो दो बजे या उसके बाद पहुंचते थे, उन्हें रेडियोथैरेपी की सेवा उसी दिन नहीं मिल पाती थी, ऐसे में वेटिंग बढ़ जाती थी। अब देर तक पहुंचने वाले लोगों को ये सेवा रात आठ बजे तक मिल सकेगी।
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रेडियोथैरेपी करवाने के लिए बाहर से आने वाले मरीजों की संख्या खूब है। ऐसे में अब उन्हें परेशानी नहीं हो, इसके लिए सुबह 8 से रात 8 बजे तक का समय रेडियोथैरेपी के लिए तय किया गया है। यह सेवा सोमवार से शुक्रवार तक मिलेगी, जबकि शनिवार को सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ही रहेगी।
डॉ. नरेंद्र राठौड़, प्रभारी, रेडियोथैरेपी कैंसर विभाग एमबी हॉस्पिटल

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. जिले में गुरुवार को 1105 लोगों की जांच में आठ लोग संक्रमित मिले हैं। अब तक पॉजिटिव की संख्या 56 हजार 302 हो गई है। सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि 55 हजार 495 संक्रमित ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। अब 53 मरीज एक्टिव होकर 52 मरीजों को होम आइसोलेशन किया गया है। विभाग के अनुसार कोरोना से अब तक 754 संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। कोविड-19 प्रभारी डॉ. शंकर एच. बामनिया ने बताया कि 8 पॉजिटिव मरीजों में से शहरी क्षेत्र से 4 मिले हैं, जिसमें 1 क्लॉज कांटेक्ट, 3 नए तथा ग्रामीण क्षेत्र 4 नए संक्रमित मिले हैं।
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शहर में संक्रमित क्षेत्र
गायत्री नगर सेक्टर 5, ब्रह्मपुरी कानोड़, पड़ावली गोगुन्दा, बांसी खुर्द भींडर, करमुडिय़ा कानोड़ चमनपुरा, मेनारिया गेस्ट हाउस के पास, सवीना खेड़ा से संक्रमित मिले। विभिन्न ब्लॉक में 2099 चिकित्सा दलों ने 102933 घरों का घर घर सर्वे कर लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। जिसमें 219 आई एल आई के मरीज मिले और मौके पर ही सभी को 190 को मेडिसिन के किट दिए गए।

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. सुखाडि़या विवि की परीक्षाएं शुक्रवार से शुरू होंगी। इसे लेकर सभी कॉलेजों में तैयारियां पूरी कर ली गई है। सोशियल डिस्टेंसिंग के साथ परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। बैठक व्यवस्था एेसी की गई है कि परीक्षार्थियों के बीच पूरी दूरी रहे। सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। परीक्षा नियंत्रक डॉ. आरसी कुमावत ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार सरकार के निर्देश पर केवल स्नातक तृतीय वर्ष व स्नातकोत्तर फाइनल की परीक्षाएं हो रही है।
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वेबसाइट पर प्रवेश पत्र
विश्वविद्यालय की कला, वाणिज्य, विज्ञान तृतीय वर्ष की परीक्षाओं को लेकर छात्रों के प्रवेश पत्र विश्वविद्यालय की वेबसाइट (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू.एमएलएसयू.एसी.इन) पर उपलब्ध करा दिए गए हैं। परीक्षा केन्द्रों की सूची एवं सभी समय सारणियां पहले से ही वेबसाइट पर उपलब्ध है।

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अलग-अलग सत्रों में परीक्षा

विवि की परीक्षाएं अलग-अलग सत्रों में आयोजित होंगी। इसमें तीन सत्रों में कॉमर्स- सुबह ८ से ९.३०, कला वर्ग का १२ से १.३० और विज्ञान वर्ग के पेपर ४ से ५.३० बजे तक होंगे।
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आज ये होंगे पेपर
वाणिज्य- नॉन कॉलेजियट स्टूडेंट्स के लिए तृतीय वर्ष मैनेजमेंट अकाउंटींग ८ से ९.३० बजे

कला- नॉन कॉलेजियट स्टूडेंट्स के लिए तृतीय वर्ष कला, १२ से १.३० बजे तक हिन्दी साहित्य द्वितीय
विज्ञान- रेगुलर व एक्स स्टूडेंट्स के लिए, तृतीय वर्ष विज्ञान एन्वायरमेंटल साइंस-थर्ड, जियोलॉजी-थर्ड

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- राज्य सरकार के निर्देशानुसार वार्षिक परीक्षा (स्नातक द्वितीय व तृतीय वर्ष, स्नातकोत्तर पुर्वाद्र्ध/उत्तराद्र्ध), डिप्लोमा पाठ्यक्रम तथा सभी सेमेस्टर (सम संख्यक व विषम संख्यक) पाठ्यक्रमों का परीक्षा समय 3 घण्टे के स्थान पर डेढ़ घण्टे का ही रखा गया।

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प्रश्नपत्रों का प्रारूप 50 प्रतिशत ही हल करने का विकल्प

1. खण्ड अ - सभी प्रश्न अनिवार्य रूप से हल करने होंगे।
2. खण्ड ब - निर्देशानुसार युनिट/ईकाई पद्धति विलुप्त करते हुए 10 प्रश्नों में से कोई दो प्रश्न हल करने होंगे।

3. खण्ड स - विलोपित कर दिया गया है। सत्र 2020-21 में प्रवेश लेने वाले छात्रों की परीक्षाओं के आयोजन के लिए सभी वार्षिक परीक्षा (स्नातक द्वितीय व तृतीय वर्ष, स्नातकोत्तर पुर्वाद्र्ध/उत्तराद्र्ध), डिप्लोमा तथा सभी सेमेस्टर के सभी प्रश्नपत्रों के पाठ्यक्रमों में से ईकाई-ट को विलोपित कर दिया गया है।

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. खेलगांव से अब हम हॉकी की राज्य की पहली बालक व बालिका एकेडमी में एक से बढकऱ एक हीरे तराशेंगे, जो देश दुनिया में नाम रोशन करेंगे। दोनों एकेडमी की शुरुआत 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअली करेंगे। इसके लिए गुरुवार को खेलगांव के एस्ट्रोटर्फ मैदान पर 30 बालिका खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इसके अलावा दस स्टेन बॉय यानी अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में चयन किया गया है। इससे पूर्व 14 जुलाई को बालक वर्ग में 40 व 5 स्टेन बॉय खिलाड़ी चयनित किए जा चुके हैं।
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चयन प्रक्रिया पूरी
टीएडी आयुक्त प्रज्ञा केवलरामानी ने बताया कि अकादमी का प्रमुख शासन सचिव शेखर अग्रवाल के निर्देशानुसार संभाग स्तर पर बालक और बालिकाओं की चयन अशोक ध्यानचंद अर्जुन अवॉर्डी ओलंपियन, मुख्य प्रशिक्षक द्वारा गठित चयन समिति ने किया। समिति में विभाग के खेल अधिकारी शकील हुसैन, कुलदीप सिंह झाला हॉकी प्रशिक्षक, मोहम्मद हनीफ राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी एवं निर्णायक द्वारा 40 बालक एवं 30 बालिकाओं का चयन किया गया। सभी खिलाडिय़ों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के साथ उच्च स्तरीय खेल उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। आवास, शिक्षा और भोजन व्यवस्था की जाएगी।

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55 बालिकाओं ने लिया हिस्सा

महाराणा प्रताप खेल गांव स्थित हॉकी एस्ट्रोटर्फ पर जिलेभर से 55 बालिकाओं ने गुरुवार को चयन स्पर्धा में भाग लिया। इस अवसर पर एमएलएसयू के क्रीड़ा सचिव डॉ. गिरिराज सिंह चौहान, खेल छात्रावास अधीक्षक रमेश मीणा मौजूद थे। बालिका हॉकी एकेडमी के लिए टेलेन्ट सर्च कार्यक्रम के तहत यह चयन ट्रायल रखी गई थी। जिले की काया, ढीमड़ी, झाड़ोल, आम्बाफ ला, परसाद, बारापाल, राजकीय बालिका विद्यालय बम्बोरा एवं विद्या भवन स्कूल की 50 से अधिक जनजाति छात्राओं ने हिस्सा लिया। चयन ट्रायल के आधार पर चयनित होने वाले खिलाडिय़ों को महाराणा प्रताप खेलगांव में नवनिर्मित हॉकी एस्ट्रो टर्फ मैदान पर मुख्य प्रशिक्षक अशोक कुमार ध्यानचंद प्रशिक्षण देंगे।

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. जिले में गुरुवार को विभिन्न सत्रों में 24443 लोगों को टीके लगाए गए। आरसीएचओ डॉ अशोक आदित्य ने बताया कि इसमें बडग़ांव 1202, भींडर 3093, गिर्वा 2196, गोगुन्दा 620, झाड़ोल 655, खेरवाड़ा 0, कोटड़ा 56, लसाडिय़ा 252, मावली 3453, ऋषभदेव 1139, सलूम्बर 2189, सराड़ा 1681, उदयपुर शहर 7707 और प्राइवेट में 200 टीके लगाए गए।

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आज यहां लगेंगे टीके:

- आरएनटी मेडिकल कॉलेज साइट 1 केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- आरएनटी मेडिकल कॉलेज साइट 2 केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- आरएनटी मेडिकल कॉलेज साइट 3 केवल फस्र्ट डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- सैटेलाइट से. 6 हिरण मगरी, केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- जिला अस्पताल अम्बामाता, केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- यूपीएचसी माँछला मगरा, केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- सिटी डिस्पेंसरी सूरजपोल केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- यूपीएचसी जगदीश चौक केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- यूपीएचसी धानमण्डी केवल फस्र्ट डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- यूपीएचसी चित्रकूट नगर, केवल फस्र्ट डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- यूपीएचसी प्रतापनगर केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- यूपीएचसी हाउसिंग बोर्ड से 14 केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- यूपीएचसी कृषि मंडी केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- यूपीएचसी आयड केवल सैकंड डोज, ऑनलाइन बुकिंग

- गुरु पुष्कर साधना केंद्र से 3 केवल सैकंड डोज, ऑन द स्पॉट पंजीयन

- बाल शिक्षा सदन स्कूल सज्जन नगर, केवल सैकंड डोज, ऑन द स्पॉट पंजीयन

- रेड क्रॉस सोसाइटी से 5 केवल सैकंड डोज, ऑन द स्पॉट पंजीयन

- राजस्थान पेंटेकोस्टल चर्च, संजय गांधी रोड के पास केवल सैकंड डोज, ऑन द स्पॉट पंजीयन

- आश्रय स्थल हनुमान मंदिर के पास केवल सैकंड डोज, ऑन द स्पॉट पंजीयन

- नंदिनी वाटिका कोडियात रोड केवल सैकंड डोज, ऑन द स्पॉट पंजीयन

- चित्तोड़ा भवन, आयड़, केवल सैकंड डोज, ऑन द स्पॉट पंजीयन

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश होने वाली मौतों पर लगाम लगाने के लिए केन्द्र सरकार अब नेशनल स्नेकबाइट मैनजमेंट प्रोटोकॉल लेकर आई है। दुनियाभर में भारत में सर्पदंश से सर्वाधिक मौते होती हैं। इस पर नियंत्रण के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सकों को खास तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वह ऐसे लोगों की जान बचा सके।

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ये बड़ी बात: यहां पर पश्चिमी किताबी ज्ञान काम का नहीं

- सर्प दंश वाले व्यक्ति की जान बचाने में समस्या इसलिए आती है क्योंकि चिकित्सक उस पश्चिमी सभ्यता के किताबी ज्ञान का सहारा लेते हैं, तो इस संकट वाली घड़ी में भारतीय परिप्रेक्ष्य में खरी नहीं उतरती।

- सर्प दंश वाले व्यक्ति को एंटी स्नेक वेनम यानी एएसवी तब दिया जाता है, जब इसकी जरूरत नहीं होती। ये इसलिए भी खतरनाक हो जाता है, क्योंकि जरूरत से अधिक मात्रा में खुराक देने पर भी समस्या रहती है।

- केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग ने डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर चिकित्सकों व स्टाफ को प्रशिक्षित करने के लिए यह नेशनल स्नेक बाइट मैनेजमेंट प्रोटोकॉल बनाया है।

- प्राथमिक चिकित्सा विधियों में जैसे टूर्निकेट्स, कटिंग, सक्शन व हर्बल उपचार अप्रभावी व खतरनाक है।

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बच्चों में सर्प दंश केस ज्यादा - एमबी अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने बताया कि सर्प दंश के मामले बच्चों में ज्यादा सामने आ रहे है। नए प्रोटोकॉल का असर बेहतर होगा, इससे लोगों का जीवन बचेगा, खास तौर पर सर्प दंश का शिकार होने वाले बच्चे बच पाएंगे।

बाल चिकित्सालय- 4 माह में 46 केस आए सामने

अप्रेल- 1

मई- 5

जून-17

जुलाई-23

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जनरल ओपीडी में 11 मामले आए सामने

- अप्रेल- 0

- मई- 0

- जून- 4

- जुलाई- 7

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ड्रग नोडल ऑफिसर डॉ दीपक सेठी ने बताया कि जनवरी से जुलाई तक सात माह में आरएनटी के पास 5 हजार एंटी स्नेक इंजेक्शन आए थे, जो अभी पर्याप्त मात्रा में यानी 4150 उपलब्ध हैं।

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गांवों में बड़ी संख्या में स्नेक बाइट के केस सामने आते हैं, यदि इसका विशेष प्रोटाकॉल ही आ गया है तो सभी चिकित्सक बेहतर कर पाएंगे, साथ ही गांवों में सर्प दंश का बड़ी संख्या में शिकार होने वाले बच्चे सुरक्षित हो सकेंगे।

डॉ अशोक आदित्य, आरसीएचओ उदयपुर

मोहम्मद इलियास/उदयपुर

नगर निगम की निर्माण शाखा में लम्बे समय से जमे बैठे पांच अधिकारियों के कामों में लगातार शिकायतें व अनियमितता सामने आने पर उन पर गाज गिर गई। महापौर के निर्देश पर आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने एक आदेश जारी कर अधिशासी अभियंता(निर्माण) शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी के पद के अनुरूप उनके कामों को छीन लिया वहीं सहायक अभियंता यशवंतसिंह व कनिष्ठ अभियंता तौकीर अहमद को एपीओ करते हुए उनका मुख्यालय जयपुर कर दिया गया। इसके साथ ही अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी को समस्त कार्यो के लिए जिम्मेदार मानते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस थमाया गया। सभी पर आरोप है कि उन्होंने जनता के कामों को अटकाते हुए पार्षदों को भी अनसुना कर रहे थे।
निगम में पहली बार अधिकारियों पर हुई इस तरह की कार्रवाई पर पूरे महकमें में हडक़ंप मच गया। पार्षदों से लेकर कई परिवादियों ने इस कार्रवाई की सराहना की। गौरतलब है कि अधिकांश अधिकारी नगर निगम में ही नौकरी लगने के बाद से यहीं पर तैनात थे।
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पार्षदों के कामों को लगातार टाल रहे थे
जानकारों का कहना है कि निर्माण शाखा में तैनात यह अधिकारी लगातार पार्षदों के कामों को टाल रहे थे। अलग-अलग वार्ड की समस्या बताने पर भी अधिकारी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे थे। जहां काम चल रहा था वहां पर ये अधिकारी मौका निरीक्षण भी नहीं कर रहे थे। इन अधिकारियों पर पाषदों ने मिलीभगत के आरोपों से भी इनकार नहीं किया। कई बार पार्षदों ने इसकी शिकायत महापौर, उपमहापौर पारस सिंघवी व आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ से भी की। महापौर ने पूर्व में इन्हें 16 सीसी के नोटिस भी थमाते हुए इनकी प्रतियों जयपुर स्वायत्त शासन विभाग को भेजी थी लेकिन कोई वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
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मोहम्मद इलियास/उदयपुर
महापौर गोविंद सिंह टांक ने निर्माण कार्यो में अनियमितता से इतने नाराज हुए कि उन्होंने इंजीनियरों पर कारवाई के साथ ही निर्माण शाखा में लगे समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को बदलने के आदेश दिए साथ ही उन्होंने अधिशासी अभियंता (निर्माण) शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी से उनके प्रभार के साथ ही सरकारी वाहन भी छीन लिए। आयुक्त ने दिए इस आदेश में एसी को नए सिरे से निर्माण शाखा के समस्त तकनीकी अधिकारियों तथा सहायक व कनिष्ठ अभियंताओं के कार्यभार, क्षेत्र में बदलाव करने के लिए कहा है।
आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने एक आदेश जारी कर अधिशासी अभियंता शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी के पद के अनुरूप उनके कामों को छीन लिया वहीं सहायक अभियंता यशवंतसिंह व कनिष्ठ अभियंता तौकीर अहमद को एपीओ करते हुए उनका मुख्यालय जयपुर कर दिया गया। आयुक्त ने आदेश में अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया वे उपरोक्त अधिशासी अभियंता शशिबाला सिंह के कार्यभार अधिशासी अभियंता महेन्द्र समदानी को हस्तांतरित करेंगे।
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गड़बडिय़ां पकड़ी तो कामों में ढिलाई कर दी
निर्माण कार्यो में तकनीकी रूप से सक्षम महापौर की पहली बार नगर निगम में एन्ट्री अधिकारियोंं का भारी पड़ गई। लगातार शिकायतों व कमियों पर उन्होंने हर काम को बारीकी से देखा तो उन्हें निर्माण कार्याे में अधिकारियों कर्मचारियों की कारगुजारियां पकड़ में आ गई। निर्माण कार्याे में गुणवत्ता, कार्यो में टालमटोल, मौका निरीक्षण के अभाव कई काम अटका दिए गए। महापौर गोविंद सिंह टांक ने कामों पर जवाब तलब करना शुरू किया तो कामों ढि़लाई कर दी। लगतार शिकायतों व कमियों पर भी पहले उन्होंने नोटिस देकर सुधारने का भी प्रयास किया, नहीं मानने पर सख्ती दिखाते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दे दिए। इस निर्देश पर एक साथ पांच अधिकारियों पर गाज गिरते ही पूरे निगम में अधिकारियों व कर्मचारियों के होश उड़ गए।
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कामों की गुणवत्ता से समझौता नहीं
कार्रवाई के बाद महापौर ने कहा कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं होगा, काम नहीं करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने निर्माण समिति व पार्षदों को भी कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में चल रहे कार्यो को देख,गड़बड़ी होने पर तुरंत बताए।
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गेराज समिति को लिखा, आज से गाड़ी बंद
महापौर के निर्देश पर आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ ने आदेश की एक प्रति गेराज अधीक्षक को भिजवाई है। अधीक्षक को उन्होंने अधिशासी अभियंता शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी को आवंटित राजकीय वाहन आज से बंद करने के आदेश दिए। पार्षदों को कहना था कि सरकारी वाहन होने के बावजूद यह अधिकारी अपनी सीट पर बैठे रहते थे, फील्ड में नहीं जाते थे। निर्माण समिति अध्यक्ष, समिति सदस्य व पार्षद कोई भी काम बताते तो वे टालमटोल कर परेशान कर रहे थे। अधिकारियों पर यह भी आरोप है कि वे चुनिंदा राजनीतिक पहुंच वाले पार्षदों के लिए काम तुरंत करवाते थे।
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इन अधिकारियों पर शिकायतों के साथ ही यह थे आरोप
1- अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी
आरोप- सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी को अधिशासी अभियंता का प्रभार दिया। इससे महापौर व अन्य खफा, मोक्ष मार्ग पर सडक़ निर्माण के आदेश के बाजवूद निर्माण नहीं
2- अधिशासी अभियंता शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी
आरोप-फील्ड में गैरमौजूदगी व अनियमिता के साथ ही निर्माण समिति अध्यक्ष, सदस्य व पार्षद के कामों में टालमटोल। उन पर चुनिंदा राजनीतिक पहुंच वाले लोगों व पार्षदों के ही काम करने के भी आरोप।
3- सहायक अभियंता- यशंवत सिंह
आरोप- किसी भी तरह को कार्य नहीं करना। कुछ दिन पहले काइन हाउस में लगाया तो वहां भी नहीं गए। वीआरएस के लिए आवेदन किया तो सरकार ने नहीं स्वीकारा, एक माह बाद आवेदन वापस ले लिया। स्वयं को मेडिकल अनफिट बताया तो सभी निगम के अधिकारियों व कार्मिकों के साथ ही वह भी फीट मिला।
4- तौकीर हुसैन- 3-4 बजे तक कार्यालय में नहीं आना, काम नहीं करना आदतों में शुमार। हर बार इस जेईएन के लिए पार्षद व समिति की अध्यक्षों ने शिकायत की।
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देर आए पर दुरस्त...

Friday 30 July 2021 06:00 PM UTC+00

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
पत्रिका व्यू...
शाबाश महापौर! आपने निर्माण कार्याे में अनियमितताओं पर अधिकारियों पर तो कार्रवाई कर दी लेकिन अब आपके सामने अच्छे व सक्षम अधिकारियों को ढूंढकऱ लाने व उनको सही जगह लगाने की बहुत बड़ी चुनौती होगी। आपने इस काम में देरी की लेकिन फिर भी कोई बात नहीं, देर आए पर दुरस्त आए। शहर में चल रहे समस्त निर्माण कार्याे में गुणवत्ता व समयबद्धता का समस्त जिम्मा सक्षम अधिकारी का होता है लेकिन आपने स्वयं जनता की पीड़ा को जानकार अधिकारियों की कारगुजारी व शिथिलता को पकड़ा। उन पर जिस तरह से गाज गिराई यह कार्रवाई इन अधिकारियों को नहीं बल्कि निगम के काम करने वाले समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा सबक होगी। निश्चित रूप से अब निगम में जनता व पार्षदों की सुनवाई होगी और हर काम समय पर होगा। अधिकारियों का सिर पर हाथ नहीं होने पर ठेकेदार भी अब निर्माण कार्यो में गुणवत्ता से समझौता भी कम कर पाएंगें। निगम में महापौर की इस कार्रवाई से अब प्रशासन में बैठे आला अधिकारियों को भी आइना दिखाने की जरुरत है। उन्हें झील में अतिक्रमण व लोगों के पीने के पानी से वास्ता नहीं है। प्रशासनिक व सरकारी अधिकारियों को चाहिए कि वे शहर में जहां भी निर्माण कार्य, अतिक्रमण हो रहा है उस पर विशेष नजर रखे। हाथोंहाथ कार्रवाई करे। वार्ड वाइज अधीनस्थों की ड्यूटी तय करे। निर्माण कार्यो की गुणवत्ता व अतिक्रमण पर किसी तरह का समझौता होता है तो सबसे पहले जिम्मेदार अधिकारी पर ही कार्रवाई करे। निश्चित रूप से ऐसे बेपरवाह अधिकारियों पर निश्चित रूप से गाज गिरेंगी तभी शहर व झीलों को स्वच्छ, सुन्दर बना पाएंगें।

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