>>: 75th independence day: अजमेर की इसी खिड़की से भारत बना था अंग्रेजों का गुलाम.....

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रक्तिम तिवारी/अजमेर.

मुगल सम्राट अकबर ने 15 वीं शताब्दी में नया बाजार में अकबरी किला बनवाया था। 1616 में उसके पुत्र जहांगीर के अजमेर प्रवास के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी का प्रतिनिधि सर टॉमस रो उपस्थित हुआ। उसने भारत में व्यापार की अनुमति देने का आग्रह किया। बादशाह जहांगीर ने किले के प्रवेश द्वार के ऊपर बनी खिड़की से बैठकर टॉमस को व्यापार करने की मंजूरी दी। इसके बाद कम्पनी और अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा जमाते हुए शासन हाथ में ले लिया। इसके बाद ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया यहां की शासनाध्यक्ष बन गईं। उनके हुक्म से भारत में वायसराय की नियुक्यिां हुई।

300 साल लगे आजादी पाने में
अंग्रेजों ने अजमेर से भारत को गुलाम बनाना शुरू किया तो यह सिलसिला बढ़ता चला गया। आखिर करीब 300 साल बाद भारत को 1947 में आजादी मिली। आजादी पाने के लिए हजारों सपूतों ने अपनी प्राण न्यौछावर कर दिए। सैकड़ों लोग जेलों में रहे। 15 अगस्त को भारत ने स्वाधीनता का सूरज देखा। 1950 में यह गणतंत्र बना।

यूं मशहूर भी है अजमेर
-11 वीं शताब्दी में सूफी संत गरीब नवाज आए भारत
-1875 में राजा-महाराजाओं के लिए मेयो कॉलेज स्थापित
-1904 में राजस्थान के प्रथम मिशनरी स्कूल की स्थापना
-1836 में बना उत्तर भारत का पहला सरकारी कॉलेज
-1883 में ऋषि दयानंद का हुआ निर्वाण
-अजमेर के दक्षिणी पाड़ा से हुई गणेशोत्सव की शुरुआत

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