>>: मां ने कहा, मरने के बाद कौन देखता है मूति...र्बेटों ने जीवित मां की मूर्ति बनवाकर लगा दी

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सीकर/फतेहपुर. गीतों और भीतों की धरा शेखावाटी में मूर्तियां केवल अनगढ़ हाथों से गढ़ी हुई पत्थर की बेजान कृति ही नहीं है...बल्कि मूर्तियों के साथ यहां के लोग भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। यहां कहा जाता है, शहीदों की इस धरा पर जितने गांव हंै, उससे ज्यादा शहीदों की मूर्तियां लगी हैं...यह तो शहीद और शहादत की बानगी है। हम यहां चर्चा कर रहे हैं एक सामान्य जीवित व्यक्ति की मूर्ति की। जीवित व्यक्ति की मूर्ति! सुनने में कुछ अजीब सा लगे...लेकिन प्रदेश में संभवत: यह दूसरा मामला है जहां जीवित व्यक्ति की मूर्ति बनाकर लगा दी गई हो। पहला मामला जोधपुर जिले का है, जहां सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर की जीवित ही प्रतिमा लगाई गई है। प्रदेश के एक हजार से ज्यादा शहीद परिवारों से बाजौर ने लंबे समय तक यात्रा कर मुलाकात की थी। पूर्व सैनिकों के समूह ने इस उपलक्ष्य में बाजौर की मूर्ति लगवा दी। दूसरा मामला सीकर के फतेहपुर क्षेत्र के खुड़ी गांव का है। जहां, दो बेटों ने अपनी जीवित मां की मूर्ति बनाकर दिवंगत पिता की मूर्ति के पास स्थापित की है। खुड़ी गांव के रहने वाले सतपाल व उसके छोटे भाई महेन्द्र के पिता नत्थूराम थालौड़ का मई 2019 में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद जब बेटों ने उनकी मूर्ति बनवाकर लगाने का विचार किया, तो मां बोल उठी, निधन के बाद मूर्ति कौन देखने आएगा...। बात छोटी सी थी, लेकिन सतपाल व महेंद्र के दिल को छू गई। उन्होंने पिता की मूर्ति के साथ ही मां की मूर्ति बनवाई और पिता के बगल में स्थापित कर दी।

विधायक ने किया अनावरण, बताया पूण्य का काम
मूर्ति का अनावरण गुरुवार को फतेहपुर विधायक हाकम अली खान ने किया। इस दौरान उन्होंने माता- पिता की मूर्ति लगाने के कार्य को पूण्य कार्य बताते हुए थालौड़ परिवार की सराहना की। कार्यक्रम में ग्रामीणों ने विधायक का भी 21 किलो की माला पहनाकर सम्मान किया। कार्यक्रम में काफी लोग मौजूद रहे।


प्रतिमा स्थल पर विकसित किया गार्डन
सतपाल व महेंद्र ने दो-तीन बीघा जमीन पर मां-पिता की मूर्तियां स्थापित की है। बाकी जगह पर बगीचा विकसित करवाया है, ताकि बच्चे खेल सके। इसके अलावा पार्क में ग्रामीण सुबह घूम भी सकेंगे। बच्चों के झूले तथा पार्क के विस्तार की उनकी प्रस्तावित योजना है। मूर्तियों का गुरुवार को अनावरण होगा, अनावरण मां के हाथोंं करवाया जाएगा। इस मौके पर विकासनाथ महाराज, विधायक हाकम अली भी शामिल होंगे।

अचानक कह उठी मां
पिता की मूर्ति की बात चल रही थी। अचानक मां कह उठी कि मेरे मरने के बाद मेरी भी मूर्ति स्थापित करोगे...इससे तो अच्छा है मेरे जीवित रहते ही मेरी भी मूर्ति बनवा दो। मां का आदेश था, टाल नहीं सके। लिहाजा मां व पिता दोनों की मूर्ति बनवा दी। मां ही इसका अनावरण करेंगी।
सतपाल व महेंद्र, खुड़ी

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