>>: राजयोग में आया रक्षाबंधन का त्योहार, शुभ संयोगों की बयार

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बारां. भाई-बहन के अटूट स्नेह के पर्व रक्षाबंधन पर इस वर्ष विशेष शुभ संयोग बन रहा है। राखी का त्योहार राजयोग में आएगा तथा भद्रा नहीं रहने से पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी। श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि शनिवार को शाम सात बजे प्रारंभ हो रही है, जो कि 22 अगस्त शाम 5.32 बजे तक रहेगी। रविवार के दिन धनिष्ठा नक्षत्र का पडऩा विशेष फलदायी माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार रक्षाबंधन पर पडऩे वाले विशेष शुभ संयोग में से पहला संयोग धनिष्ठ नक्षत्र के साथ शोभन, गज केसरी व राजयोग रहेगा। जो इस दिन की शुभता में वृद्धिकारक रहेंगे। इन योगों के चलते राखी बंधवाना भाई की सुख समृद्धि की वृद्धि करता है दूसरा इसी दिन हर कार्य के लिए शुभ माने जाने वाला शोभन योग का संयोग बन रहा है। ये दोनों ही संयोग शुभ फलदायी है। हर साल रक्षाबंधन पर अशुभ माने जाने वाली भद्रा का प्रभाव रहता है। लेकिन इस बार भद्रा नहीं है। सुबह से शाम तक शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। बहनें रविवार को दिनभर किसी भी मुहूर्त में रक्षा सूत्र बांध सकतीं हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रावण की बहन ने भद्रा काल मे ही उसे रक्षा सूत्र बांध दी थी। जिससे रावण का सर्वनाश हो गया था। लेकिन इस वर्ष खास बात यह है कि अशुभ माना जाने वाला भद्रा योग का भी साया रक्षाबंधन के दिन नही पड़ेगा। यह अशुभ योग भी इस बर्ष बहनों को भाइयों के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने में बाधक नहीं रहेगा।


शुभता की होगी वृद्धि
ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रंग-बिरंगी राखियां बांध अपना स्नेह, आशीर्वाद और रक्षा की कामना करती हैं। ऐसे तो रक्षासूत्र के सभी रंग अच्छे होते हैं। यदि राशि के अनुसार रंग की राखी बांधी जाए तो वह भाई के लिए विशेष लाभदायी होता है। राशि के अनुरूप रंग की बांधी जाए तो इससे भाई और बहन के लिए शुभ रहता है। इसलिए बहनों को राशि के हिसाब से रंग का चयन कर भाइयों की कलाई पर राखी बांधनी चाहिए। राखी के रंगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जब भी कोई कार्य शुभ समय में किया जाता हैए तो उस कार्य की शुभता में वृद्धि होती है और निश्चिततौर पर फल मिलता है।


राखी बांधने के मुहूर्त
सुबह 7.41 से सुबह 12.30 बजे तक चर, लाभ व अमृत का चौघडिय़ा, साथ ही अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.4 से 12.55 बजे तक भी रक्षासूत्र बाधे जा सकते हैं।दोपहर 2 से 3.42 बजे शुभ का चौघडिय़ा। इसके अलावा प्रदोष काल मे साय 7 से 9 बजे राखी बांधी जा सकती है।

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