>>: Digest for June 10, 2023

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Table of Contents

राजसमंद. सांसद दीया कुमारी ने केंद्र सरकार की कृष्णा सर्किट योजना (Krishna Circuit ) के अंर्तगत नाथद्वारा में चल रहे विकास कार्यों का अवलोकन किया। सांसद ने श्रीनाथजी की नगरी 'नाथद्वारा' में 28.50 करोड़ की राशि से निर्मित किए जा रहे पर्यटक व्याख्या सह सांस्कृतिक केंद्र, कृष्णा सर्किल एवं सौन्दर्यीकरण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्य में अनियमितता पर स्वत: संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा की भ्रष्टाचार और नियम विरूद्ध कार्य करने वाले ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए सरकार से अनुशंसा की जाएगी।

जिले में 56 महंगाई राहत शिविरों में 3804 ने कराया पंजीकरण
- 42 स्थाई और 14 अस्थाई शिविर संचालित, 17489 कार्ड किए वितरित
राजसमंद. जिले में महंगाई से राहत देने के लिए आयोजित किए जा रहे महंगाई राहत कैंपों में आमजन अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। महंगाई राहत कैम्पों के अन्तर्गत गुरूवार को जिले में 3804 लाभार्थियों ने पंजीयन करवाया। जिले में 56 राहत कैम्पों में से 42 स्थाई एवं 14 अस्थाई कैम्प शामिल है। जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंधित 17489 कार्डों का वितरण किया गया।
यहां हुए प्रशासन गावों के संग अभियान
राजसमन्द में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुन्दरचा व महासतियों की मादड़ी, आमेट में राजीव गांधी सेवा केन्द्र झोर, कुम्भलगढ़ में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आंतरी तथा पीपाणा, नाथद्वारा में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुंजोल तथा बिलोता, रेलमगरा में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोटडी, भीम में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय टोगी, देवगढ़ में राजीव गांधी सेवा केन्द्र विजयपुरा।

राजसमंद. किरण माहेश्वरी स्मृति मंच के तत्वावधान में जिले के उदीयमान सितारे, राइजिंग स्टार्स ऑफ राजसमंद समारोह में 93 विद्यालयों के 640 विद्यार्थियों के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर सम्मानित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय विधि आयोग के सदस्य प्रो. आनन्द पालीवाल ने कहा कि बच्चों को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे उसके माता-पिता लज्जित होना पड़े। प्राथमिक शिक्षा में आइंस्टीन औसत से कमजोर विद्यार्थी थे, किन्तु मां के प्रोत्साहन से वे महान वैज्ञानिक बने। बच्चे केवल शिक्षित ही नहीं बने, वे ज्ञानवान और संस्कारवान बने। हमें परवशता में नहीं, आत्मनिर्भर बन कर, सक्षम बन कर रहना है। अपने कर्म के प्रति, कर्तव्यों के प्रति निष्ठा सबसे बड़ी देश सेवा है।
किरण माहेश्वरी स्मृति मंच की संयोजिका विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रतिभा सम्मान समारोह विद्यार्थियों को ओर अच्छा करने, स्वयं की क्षमता में विश्वास रखने और अन्य विद्यार्थियों को आगे बढऩे की प्रेरणा देने के भाव से आयोजित किया जा रहा है। स्व.किरण माहेश्वरी शिक्षा स्वास्थ्य और स्वालम्बन के लिए आजीवन समर्पित रही थी। बच्चे स्वयं की इच्छाओं पर करियर को प्राथमिकता दे। अपने करियर के ऊपर परिवार को प्राथमिकता दे। प्रभु हनुमान को आदर्श मान कर बल, बुद्धि और विवेक में अग्रणी बने।

कार्यक्रम का प्रारम्भ हनुमान चालीसा के संगीतमय पाठ से हुआ। समारोह में किरण स्मृति मंच के संरक्षक डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी, मंच के सचिव गोविन्द दीक्षित, प्रधान अरविन्द सिंह राठौड़, भाजपा मण्डल अध्यक्ष सुभाष पालीवाल, मुकेश जोशी, दिग्विजय सिंह भाटी, उदयलाल अहीर, पूर्व जिला महामंत्री सत्यनारायण पूर्बिया, महिला मोर्चा अध्यक्ष सविता शर्मा, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष मोहन कुमावत, समाज सेवी राजकुमार दक, गिरिजा शंकर पालीवाल, उपप्रमुख सोहनी देवी गुर्जर सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
समारोह में 3 भाग्यशाली विद्यार्थियों को कूपन निकाल कर विशेष पुरस्कार दिए गए। देवनारायण खटीक को एलईडी टी.वी, फैजान हुसैन को स्मार्ट फोन एवं हिमांशु खण्डेलवाल को स्मार्टवॉच भेंट कर सम्मानित किया गया। संचालन दिनेश श्रीमाली, हितेश पालीवाल चारभुजा एवं उमा जोशी ने किया। मंच के संरक्षक डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी एवं निदेशक रेखा उंठवाल ने आभार व्यक्त किया।

जितेन्द्र पालीवाल/राजसमंद. वैष्णव सम्प्रदाय की तृतीय पीठ कांकरोली के श्री द्वारकाधीश मंदिर के नए पीठाधीश का गादी समारोह गोस्वामी परिवार के अंदरूनी विवादों व अदालती पेंच में उलझ गया है। एक पक्ष की ओर से रखी गई संयुक्त पीठाधीश की शर्त मनवाने की कोशिशों के बीच मंदिर ट्रस्ट के नए अध्यक्ष व गादी समारोह पर असमंजस के बादल मण्डरा रहे हैं। वैष्णव सम्प्रदाय और मंदिर सेवादारों में भी इसकी चर्चाएं हैं।
मंदिर सूत्रों के मुताबिक 83 वर्ष की उम्र में गोस्वामी बृजेश कुमार के निधन के तीन माह बाद भी नए पीठाधीश का गादी समारोह इसलिए तय नहीं हो पाया है, चूंकि गोस्वामी परिवार के एक पक्ष के वरिष्ठ सदस्यों ने तीन लोगों को संयुक्त पीठाधीश बनाने की शर्त रख दी है। कानूनी तौर पर ऐसा मुमकिन नहीं है। हालांकि एक पक्ष ने गत 23 अप्रेल को 'आचार्य तिलकोत्सवÓ के नाम से गादी तिलक कार्यक्रम भी तय करते हुए इसका फौरी प्रचार कर दिया था, लेकिन बाद में कदम खींच लिए।
जानकार बताते हैं कि गादी समारोह मंदिर ट्रस्ट को तय करना होता है। चूंकि दूसरा पक्ष संयुक्त पीठाधीश की व्यवस्था चाहता है और ट्रस्ट का मामला हाईकोर्ट में भी है, लिहाजा गोस्वामी परिवार का कोई भी पक्ष अब गादी समारोह को लेकर ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। ट्रस्ट नियमानुसार संयुक्त तिलकायत या पीठाधीश नहीं हो सकता है। जानकारी बताते हैं कि बृजेश कुमार करीब 42 साल पहले तत्कालीन तृतीय गृहस्वामी बृजभूषणलाल का देवलोकगमन होने पर 14वें पीठाधीश बने थे। इधर, इस सम्बंध में पत्रिका ने ट्रस्टी मुकेश भाई मेहता, गोस्वामी परिवार के पराग कुमार सम्पर्क किया तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मंदिर प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है।

यह है गोस्वामी परिवार
स्वर्गीय बृजेश कुमार सबसे बड़े, पराग कुमार और शिशिर कुमार छोटे भाई हैं। पूर्व पीठाधीश बृजेश कुमार के बड़े पुत्र वागीश बावा हैं, जो गादी परम्परा के उत्तराधिकारी समझे जाते हैं। परिवार में और भी कई सदस्य हैं। वर्ष 1980 में बनी ट्रस्ट डीड के अनुसार कि पीठाधीश के ज्येष्ठ पुत्र ही ट्रस्ट अध्यक्ष हो सकते हैं।

ये हैं ट्रस्ट सदस्य
अध्यक्ष : बृजेश कुमार (निधन होने से पद खाली)
सदस्य : ज्येष्ठ पुत्र वागीश कुमार, मुकेश भाई मेहता (बड़ौदा), कमल सिंह वर्मा (कांकरोली), नगीनदास पारीख (उदयपुर) व शरतचन्द्र शाह (बड़ौदा)। कुल सदस्य : 7 होते हैं, जिनमें से दो पद खाली हैं। एक पीठाधीश के निधन से और दूसरा वागीश कुमार के पुत्र वेदंात कुमार के सदस्य प्रस्ताव पर हाईकोर्ट का स्टे होने से। नियमानुसार ट्रस्ट में गोस्वामी परिवार के अधिकतम तीन ही सदस्य हो सकते हैं।

कानूनी पचड़ों में उलझा ट्रस्ट विवाद
- वर्ष 1980 में बना ट्रस्ट उस वक्त विवादों में आया, जब वर्ष 2018 में गोस्वामी परिवार के दूसरे पक्ष ने ओसरा पद्धति (गोस्वामी परिवार के सभी सदस्यों को बारी-बारी से पूजा का अवसर) के लिए अदालत में वाद लगाया। ट्रस्ट डीड के आधार पर यह खारिज हुआ।
- वर्ष 2021 में देवस्थान सहायक आयुक्त ने एक वाद में सुनवाई करते हुए दूसरे पक्ष के पराग कुमार व शिशिर कुमार के बनाए ट्रस्ट को मान्यता देते हुए बृजेश कुमार के ट्रस्ट को अवैध घोषित कर दिया।
- इस फैसले के विरुद्ध देवस्थान आयुक्त के समक्ष की गई अपील पर 21 जून, 2022 को आए फैसले में ट्रस्ट डीड की नियमावली को परिभाषित करते हुए बृजेश कुमार को ही अध्यक्ष व पीठाधीश माना।
- गत वर्ष 21 जून के देवस्थान आयुक्त के फैसले के खिलाफ दूसरा पक्ष जोधपुर हाईकोर्ट चला गया था। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका 25 अगस्त, 2022 को स्वीकारते हुए सम्बंधित पक्षों को नोटिस जारी किए तथा यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। मंदिर व्यवस्थाओं का संचालन वर्तमान में वागीश कुमार की सदस्यता वाला ट्रस्ट ही देख रहा है।
- ट्रस्ट अध्यक्ष गोस्वामी बृजेश कुमार ने गत 27 फरवरी को निधन से पहले 14 नवम्बर, 2022 को राजसमंद उप पंजीयक कार्यालय में प्रन्यास का 15वां तिलकायत ज्येष्ठ पुत्र वागीश बावा को घोषित करते हुए इसका नोटिस 16 फरवरी को सार्वजनिक किया।

तृतीय पीठ क्यों है खास?
पुष्टिमार्गीय पराम्परा की तीसरी पीठ कांकरोली में है। इसके अधीन राजस्थान, गुजरात व अन्य राज्यों में करीब डेढ़ सौ से अधिक मंदिर संचालित हैं। हालांकि सभी मंदिरों के ट्रस्ट अलग-अलग हैं, लेकिन ठाकुरजी की सेवा परम्पराएं उसी अनुरूप संचालित होती हैं। तृतीय गृह से जुड़े वैष्णव देश व दुनियाभर में फैले हुए हैं। श्रीनाथजी मंदिर के बाद वैष्णव सम्प्रदाय का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है।

Rajsamand crime news देवगढ़. क्षेत्र से करीब डेढ़ साल पहले गुमशुदा बालक-बालिका को पुलिस ने इंदौर से दस्तयाब कर लिया है। बंदी प्रत्यक्षीकरण के इस मामले में देवगढ़ थाना पुलिस ने साइबर सेल की मदद से 300 मोबाइल नम्बर की कॉल डिटेल का विश्लेषण किया और संदिग्ध नम्बरों से दोनों को दस्तयाब करने में कामयाबी हासिल की। पुलिस अधीक्षक ने 10 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित कर रखा था। दोनों को राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में पेश किया जाएगा।
थानाधिकारी दिलीप सिंह ने बताया कि गत 3 फरवरी को एक व्यक्ति ने थाने में उपस्थित होकर दी रिपोर्ट में बताया कि 31 जनवरी, 2022 को उसकी नाबालिग पुत्री घर पर अकेली थी। शाम को पति-पत्नी घर आए तो वह नहीं मिली। आसपास तलाश करने पर भी कोई पता नहीं चला। पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो पता चला कि उसका पड़ोसी नाबालिग भी उसी दिन को गायब है। उनकी लोकेशन इन्दौर की तरफ आई। इस बीच प्रार्थी द्वारा ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। नाबालिग लड़के के परिजनों ने भी याचिका लगाई।
तीन राज्यों में तलाशी अभियान
पुलिस टीमों ने इन्दौर, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, सूरत, बड़ौदा, अहमदाबाद व राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर काफी तलाश की। अपहृर्ता के सूचनाकर्ताओं को जिला पुलिस अधीक्षक ने 10 हजार रुपए का ईनाम देने की घोषणा भी की। पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी व एएसपी शिवलाल बैरवा के निर्देशना में थानाधिकारी दिलीपसिंह व कांस्टेबल खींवराज ने करीब 300 मोबाइल नम्बरों की कॉल डिटेल का विश्लेषण किया। संदिग्ध का लिंक अपहृर्ता से होने पर इन्दौर पहुंचे पुलिस दल ने द्वारकापुरी थाना क्षेत्र में हवा बंगला, ऋषि पैलेस नगर, हनुमान मंदिर, परिवहन नगर, विदुर नगर, सिद्धपुर कॉलोनी में तलाश की तो ऋषि पैलेस नगर में दोनों एक किराए के कमरे में रहते मिले। पुलिस उन्हें दस्तयाब कर देवगढ़ ले आई। बालिका को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर सखी सेन्टर में छोड़ा। नाबालिग किशोर को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया, जहां से सम्प्रेषण एवं किशोर गृह में भेज दिया गया। दोनों को पुलिस हाईकोर्ट में पेश करेगी।

राजसमंद. देवगढ़ नगर में दिनदहाड़े एक व्यवसायी को दबंगों ने कामलीघाट रोड से फिल्मी अंदाज में धक्का- मुक्की कर गाड़ी में बैठा अपहरण कर लिया। उन्हें आगे जाकर आमेट के पास गाड़ी से पटककर अपह्रर्ता भाग गए। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। घटना को लेकर परिवार में दहशत का माहौल है।
पुलिस के अनुसार प्रार्थी सुनील कुमार श्रीमाल निवासी देवगढ़ ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि विनय कुमार उर्फ विनोद पुत्र बाबूलाल दक निवासी देवगढ़ ने उसे फोन कर मिलने बुलाया। नहीं जाने पर विनोद ने 2 घण्टे बाद फिर फोन किया। प्रार्थी कामलीघाट रोड स्थित सेनेट्री की दुकान से नल फिटिंग का सामान ले रहा था, जहां पहुंचे विनोद व पीछे से कार में बैठकर आए दो और युवकों ने उसे खींचकर गाड़ी में धकेल दिया। अंदर बैठाकर धमकी देने लगे। प्रार्थी को गाड़ी में बैठाकर आमेट की तरफ ले गए। पीछे दूसरी गाड़ी को विनय उर्फ विनोद कुमार चल रहा था। रास्ते में प्लम्बर का फोन आने पर उसने उसकी पत्नी तक यह सूचना पहुंचाने की बात कह दी। अपह्रर्ताओं को घिर जाने का अंदेशा हुआ तो वे उसे गाड़ी से पटक भाग छूटे।
प्रकरण दर्ज करवाया, सुरक्षा मांगी
दशहत के मारे प्रार्थी पुलिस थाने आने से भी घबराया, लेकिन परिचितों व परिवारजनों के कहने पर उन्होंने विनोद के खिलाफ अपहरण एवं स्वयं सहित पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी का प्रकरण दर्ज करवाया। पुलिस से सुरक्षा की गुहार भी लगाई। इधर, पता चला है कि आपसी लेन-देन का मामला हो सकता है।
भूमाफिया पर कई मामले दर्ज
प्रार्थी ने बताया कि इससे पूर्व भी घटना में शामिल लोग कई दिनों से फोन पर उसे धमकियां दे रहे थे। सूत्रों ने बताया कि उक्त व्यक्ति पर पूर्व में भी देवगढ़ थाने में धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। यह घटना पूरे देवगढ़ में चर्चा का विषय बन गई।
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प्रार्थी ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस जांच में जुट गई है।
दिलीपसिंह, थानाधिकारी, देवगढ़

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