>>: Digest for June 10, 2023

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Table of Contents

उदयपुर। प्रतापनगर थाना क्षेत्र में गत चार दिन से वार्ड 45 के पार्षद और सुखाड़िया विश्व विद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष के बीच 'थप्पड़वार' चल रही है। तनातनी के दरम्यान बुधवार शाम को अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने आईटीआई चौराहे पर पार्षद संजय भगतानी की कार रोक उसके गालों पर 200 से अधिक थप्पड़ मारे। इस घटना के बाद कुलदीप सिंह ने कहा कि पार्षद ने उसे 20 थप्पड़ मारने की बात कही थी, सिंह ने कहा कि उसने 200 से अधिक थप्पड़ मारकर जवाब दे दिया। इस दौरान पार्षद की कार में भी तोड़फोड़ की गई। हमले के दौरान जान बचाने के लिए पार्षद भागकर प्रतापनगर थाने पहुंचा और मामला दर्ज कराया।


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आईटीआई चौराहे पर शाम करीब छह बजे पार्षद संजय भगतानी अपनी कार से पहुंचे, जहां पहले से ही साथियों के साथ मौजूद छात्रसंघ अध्यक्ष कुलदीप सिंह सुवावत ने उसे रोका। कार से बाहर निकालकर पार्षद के गालों पर एक के बाद एक 200 से अधिक चांटे जड़ दिए। वहीं उसकी कार में भी तोड़फोड़ की। अचानक हुए हमले के दौरान पार्षद अपनी जान बचाकर प्रतापनगर थाने की ओर भागा। यहां उसने कुलदीप सिंह, अक्षत गुर्जर, राज्यवर्धन सिंह आदि के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

उदयपुर. शहर की तंग गलियों में रेती के ट्रैक्टर ले जाने वाले व्यवसायियों पर कार्रवाई करके परेशान किया जा रहा है। उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं, जबकि वर्तमान में गुजरात से रेती लाई जा रही है।यह बात प्रतापनगर चौराहे पर रेती व्यापार से जुड़े उदयपुर ज़िले के व्यापारियों की बैठक में उठी। आल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर्स सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा, पूर्व अध्यक्ष उदयपुर जिला नथेखान, उदयपुर जिला ट्रांसपोर्ट नगर अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह राणावत एवं यूनियन के सभी पदाधिकारियों की उपस्थिति आमसभा हुई। प्रतापनगर चौराहा स्थित हृदय मिलन वाटिका में हुई आमसभा में रेती व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों की समस्याओं पर चर्चा की गई। इसमें रेती व्यवसायियों ने कहा कि उदयपुर जिले कि आस-पास के नदी नाले से रेती खनन बंद है। ऐसे में गुजरात राज्य से रॉयल्टी शुल्क देकर बड़े-बड़े ट्रेलर, डम्पर से रेती उदयपुर लाई जा रही है। इस रेती को ट्रैक्टर, डम्पर द्वारा शहर की तंग गलियों में सप्लाई किया जाता है। इसमें प्रसाशन एवं खनन विभाग द्वारा ट्रैक्टरों को जब्त कर रेती चोरी कि धारा में मुकदमा दर्ज करके, भारी भरकम जुर्माना वसूल किया जा रहा है। इस समस्या को लेकर पूर्व में विभाग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। उस पर अमल करने कि बजाय और अधिक दबाव बनाया जा रहा है। व्यवसायियों ने विभाग द्वारा ट्रैक्टर व डम्पर को नियमानुसार चलाने कि व्यवस्था करवाने की मांग की। यूनियन के उपाध्यक्ष प्रताप सिंह सोलंकी ने बताया कि इस संबंध में प्रशासन को ज्ञापन देने का निर्णय भी लिया गया।

उदयपुर. सेक्टर-4 स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे सम्यक ज्ञान शिविर में 37 बच्चों को बाल बोध और 50 श्रावक-श्राविकाओं को आचार्य द्वारा रचित इष्टोपदेश ग्रंथ का स्वाध्याय करवाया जा रहा है। यह शिविर 11 जून तक चलेगा।प्रवक्ता मुकेश पांड्या ने बताया कि श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर द्वारा चल रहे सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर में पं. यश जैन शास्त्री, पं. विपुल जैन शास्त्री एवं पं. प्रसून जैन शास्त्री जैन धर्म की शिक्षा एवं संस्कार दे रहे हैं।

शिविर संयोजक लाल चंद पाटनी ने बताया कि ज्ञान वर्धन के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार भी दिए जा रहे हैं।शिविर में कल्पना भुलावत, सुलोचना टूटारा, रोशन लाल लालावत, प्रकाश बोहरा, पारस कुणावत, ऋषभ रत्नावत, पारस भुलावत, हरीश नावडिया, अजीत कोडिया ने सहयोग किया।

पं. यश जैन शास्त्री ने कहा कि बुरा करने वाले पर क्रोध करके अपने मन को विलीन न करें। क्यों कि दूसरे ने जो किया उसका फल उसे अपने आप मिलेगा। जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है वह एक दिन स्वयं गड्ढ़े में गिर जाता हैं।

उदयपुर. वन विभाग की नर्सरियों में इस बार 23 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। इनमें से कई पौधे वन विभाग की भूमि पर लगाए जाने हैं। इसकी तैयारी दिसंबर से ही शुरू हो गई। विभाग ने कई जगह गड्ढे खोदकर छोड़ दिए हैं।इन गड्ढों का धूप से ट्रीटमेंट हो रहा है। ऐसे में भूमि में पौधों के लिए हानिकारक बैक्टेरिया और अन्य जीव मर जाए और बारिश के दौरान रोपे जाने वाले पौधों को बढ़ने में आसानी होगी।
जानकारी के अनुसार उदयपुर जिले के उपवन संरक्षक उत्तर, दक्षिण और वन्यजीव कार्यालय के अधीन आने वाले नर्सरियों में 23 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। इन पौधों को फार्म वन विद्या के साथ ही अन्य योजनाओं के तहत वितरण और रोपण किया जाएगा। इनमें उपवन संरक्षक उत्तर और दक्षिण की नर्सरियों में 11.25-11.25 लाख पौधे और वन्यजीव की नर्सरियों में 50 हजार पौधे तैयार किए गए हैं।

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45 से अधिक नर्सरियों में तैयार हुए पौधे

उपवन संरक्षक उत्तर के अधीन 24 नर्सरियां है। इनमें से 17 स्थाई और 7
वहीं दक्षिण के अधीन 18 नर्सरियां है। वन्यजीव के अधीन 3 नर्सरियां है। इनमें पौधे तैयार किए जा रहे हैं।

ऐसे होगा पौधरोपण
योजना के तहत 60 प्रतिशत पौधे वन और काश्तकारी क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। 20 प्रतिशत पौधे नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषद के साथ ही शहरी राजकीय भूमि पर लगाए जाएंगे। 20 प्रतिशत पौधे ग्रामीण क्षेत्रों और ग्रामीण राजकीय भूमि पर लगाए जाएंगे।- मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक दक्षिण।
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दिसंबर से मार्च तक खोदे जाते हैं गड्ढ़े
दिसंबर से मार्च तक अधिकतर गड्ढ़े खोद दिए गए थे। इससे तीनों दीमक, बैक्टीरिया, फफुंद आदि खत्म हो जाते हैं। आने वाले समय में जब पौधे लगाए जाएंगे तो वे जल्द पनपेंगे।

- नरपतसिंह राठौड़, सहायक उपवन संरक्षक, उत्तर।

कानोड़.(उदयपुर). नगर में एक युवक ने पत्नी के रूठ कर पीहर चले जाने पर वियोग में आत्मदाह का प्रयास किया। घटना वार्ड 19 प्रजापत मोहल्ले की है। वहां के निवासी 30 वर्षीय दीपक तंबोली पुत्र हीरालाल तंबोली ने गुरुवार को अपने ही मकान के बाहर खुद के शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी । आनन-फानन में घायल युवक को चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में उदयपुर रेफर कर दिया । युवक ने अपने आप को आग के हवाले उस समय किया जब पत्नी के पीहर जाने की चर्चा स्थानीय पार्षद भवानी सिंह चौहान सहित परिजन कर रहे थे। वहां मौजूद युवक एकाएक उठा और घर के बाहर निकल कर शरीर पर पेट्रोल उड़ेल कर आग लगा दी। पार्षद सहित परिजनों ने युवक के शरीर पर कंबल डालकर आग बुझाई और चिकित्सालय पहुंचाया ।

युवा कुछ दिन पूर्व ही विदेश से लौटा

युवक तीन साल से विदेश में नौकरी कर रहा था, जो दो माह पूर्व ही कानोड़ लौटा और पत्नी के साथ रह रहा था, लेकिन 10-15 दिन पूर्व पति-पत्नी में कहासुनी हो गई, जिस पर पत्नी अपने पीहर निकुंभ चली गई। पत्नी ने पति द्वारा परेशान करने की बात कहते हुए पति सहित ससुराल पक्ष के खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने में मामला भी दर्ज करवा दिया। थानाधिकारी मनीष खोईवाल ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला पति- पत्नी के झगड़े का सामने आया है ।

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मंदबुद्धि युवती से बलात्कार का मामला दर्ज
उदयपुर. जिले के एक ग्रामीण थाने में मंदबुद्धि युवती से बलात्कार का मामला दर्ज किया गया। पुलिस के अनुसार पिता ने अपनी 21 वर्षीय मंदबुद्धि पुत्री से 50 वर्षीय पड़ोसी द्वारा बलात्कार करने का मामला दर्ज करवाया। रिपोर्ट में बताया कि पुत्री घर पर अकेली थी, पड़ोसी ने पास के मकान में बुलाकर घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने रात को पीड़िता का मेडिकल करवाते हुए पॉक्सो एकट में मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी।

उदयपुर. कश्ती फाउंडेशन एवं टीम एन एफर्ट की ओर से एक होटल में 'सुनो ना प्रीत के गीत...' एकल प्रस्तुति का आयोजन हुआ। गीतकार एवं शायर कपिल पालीवाल ने कविताओं-शायरियों से समा बांधा। पालीवाल ने नई विधा सनातनी में प्रेम से अध्यात्म तक के सफर को शायरियों के माध्यम से प्रस्तुत किया।

इसके अलावा विभिन्न समसामयिक विषयों पर भी अपनी गजलें प्रस्तुत की। प्रमुख रूप से आज फिर एक सड़क एक खेत खा गई..., दंगे नहीं देखते मजहब..., मां तो बस मां होती है..., कोई गरीब बीमार न हो दुआ मेरी ये कहती है..., थाम रखा है उसने अपना हाथ मेरे हाथ में..., मुश्किलों रहना अब अपनी औकात में..., जब से सुना है तुम भोले हो, राख हो जाता हूं मैं... पेश की। संचालन दामिनी ने किया। डॉ. चित्रसेन ने मेवाड़ के भित्ति चित्रों पर नवीन प्रयोग करते हुए चित्र प्रदर्शित किए। शिल्पकार हेमंत जोशी ने स्टोन स्कल्पचर प्रस्तुत किए। चित्रकार नीलोफर मुनीर ने भी कलाकृतियों प्रस्तुत की। कश्ती फाउंडेशन की श्रद्धा मुर्डिया, प्रो. डॉ. विजयलक्ष्मी चौहान, आर्किटेक्ट सुनील लड्ढा व संयुक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा ने विचार रखे। गीतकार डॉ. जयप्रकाश पण्ड्या, रिटायर्ड सीसीएफ राहुल भटनागर, महेन्द्रसिंह लालस, डॉ. अनिंदिता, नितीज मुर्डिया, नित्या सिंघल आदि मौजूद थे।

नयागांव. .(उदयपुर).नयागांव उपखण्ड की ग्राम पंचायत असारीवाडा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राणावाडा में स्कूल भवन निर्माण कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का मामला पत्रिका में प्रकाशित खबर में उजागर होने के बाद विधायक डॉ दयाराम परमार मौके पर पर पहुंचे व निर्माणाधीन भवन का बारीकी से निरीक्षण किया तथा उपस्थित लोगों एवं ठेकेदार के व्यक्ति से रूबरू होकर जानकारी प्राप्त की। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के 6 जून के अंक में "भवन की नींव ही कमजोर,बच्चों की सत्ता रही है चिंता" शीर्षक से खबर प्रकाशित कर विभाग व प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया। परमार ने उपस्थित नागरिकों को बताया कि उन्होंने जिला परियोजना समन्वयक समसा उदयपुर के अधिकारियों एवं सहायक अभियन्ता से बात कर ली है। वे 9 जून को मौके पर आ कर देखेंगे। सभी लोग उपस्थित रहकर भवन निर्माण में जो भी कमी है उन्हें बताएं, वे सुधार देंगे। इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी खेरवाडा प्रवक्ता गणेश मीणा, ग्राम पंचायत थाणा सरपंच देवी सिंह गरासिया, तन्मय परमार, लक्ष्मण सिंह, प्रतापसिंह, लालसिंह, नाथू सिंह, रामसिंह, किशन सिंह, जसवन्त सिंह, किशनसिंह आदि उपस्थित थे।

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महंगाई राहत शिविर खुशियों भरा साबित
11 वर्ष बाद मंजू को मिला सरकार की योजनाओं का लाभ

मावली. क्षेत्र की मोरठ ग्राम पंचायत में प्रशासन गांवों के संग अभियान एवं महंगाई राहत शिविर मोरठ की मंजू के लिए खुशियों से भरा साबित हुआ। दरअसल, शिविर में मंजू पत्नी लेहरु भील निवासी मोरठ ने शिविर प्रभारी एवं मावली उपखंड अधिकारी श्रीकांत व्यास के समक्ष उपस्थित होकर बताया कि उसका पति विगत 11 वर्षो से लापता है। परंतु, उसे राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। शिविर प्रभारी ने मंजू की वेदना सुनकर उसके प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए तत्काल संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। शिविर में मौके पर ही मंजू को परित्यक्ता प्रमाण पत्र जारी करवाकर पेंशन का पीपीओ एवं प्रार्थी के बच्चों को तत्काल पालनहार के लाभ की प्रक्रिया में शामिल किया गया। शिविर में योजनाओं का लाभ मिलने पर मंजू के चेहरे पर प्रसन्नता की मुस्कान नजर आई।

गोगुंदा (उदयपुर) .ईसवाल- लोसिंग मार्ग पर कड़िया के समीप गुरुवार रात तेज़ रफ़्तार से आ रही कार ने सामने से आ रहे बाइक सवार दंपती को चपेट मे लें लिया। दुर्घटना में दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, वही कार भी अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे कार चालक घायल हो गया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त करते हुए परिजनों को सूचना दी।

थानाधिकारी कमलेंद्र सिंह ने बताया कि गुरुवार रात को सेमल निवासी नारू लाल पुत्र नाथूलाल मेघवाल पत्नी रतनी के साथ कड़िया से अपने गांव सेमल की ओर जा रहा था तभी सामने से आ रही तेज रफ्तार कार ने अनियंत्रित होकर बाइक सवार को चपेट में ले लिया और कार भी पलटी खा गई। हादसे में दंपती की मौत हो गई।

सूचना पर मृतकों के परिजन व आस पास के ग्रामीण एकत्र हो गए, वहीं कार चालक के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए रात तक शव नहीं लिया और मुआवजे की मांग करते रहे।

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टीन शेड उड़े, हादसा टला


बिजली लाइन फाल्ट होने से रात-भर अंधेरे में रहें ग्रामीण
जयसमंद . पिलादर सहित आस-पास के क्षेत्र में बुधवार देर शाम तेज हवा से कई जगह पेड़ गिर गए। वहीं पिलादर गांव में मोतीलाल औदिच्य के घर और बाड़े से टीन शेड हवा में उड़ कर करीब 200-300 मीटर दूर सड़क किनारे गिर गए। गनीमत रही कि इस दौरान मार्ग पर किसी प्रकार के वाहनों का आवागमन और ग्रामीणों की आवाजाही नहीं हुई। अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। हादसे के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। लेकिन सूचना के बाद भी किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा मौका मुआयना नहीं करने की बात सामने आई। दूसरी और बिजली लाइन पर पेड़ गिरने से चंदाजी का गुड़ा सहित आसपास के क्षेत्र में रात-भर बिजली बंद रही। जिससे ग्रामीणों को परेशानी हुई, वहीं सड़क किनारे गिरे छोटे पेड़ और झाड़ियों को पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों ने नहीं उठाया। हालांकि ग्रामीणों ने झाड़ियों को साइड में कर समाधान किया।

उदयपुर। शहर की होटलों मेें अब तीन हजार या उससे ऊपर कमरा लेने वाले यात्रियों को यात्रीकर देना होगा। इससे कम का कमरा लेने वाले लोगों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा। होटल संचालकों को यात्रियों को डेटा रखते हुए नगर निगम में प्रति कमरे की बुकिंग पर कर चुकाना होगा। इसमें गड़बड़ी करने पर पहली बार 10 हजार रुपए जुर्माना देना होगा, दूसरी बार पकड़ में आने पर निगम कुछ समय के लिए होटल का लाइसेंस निलंबित कर सकेगा। नगर निगम की राजस्व समिति के प्रस्ताव व प्रशासनिक समिति व निगम बोर्ड के यात्रीकर लेने के फैसले के बाद सरकार ने भी इसका गजट नोटिफिकेशन जारी करते हुए इस पर मुहर लगा दी है। अब निगम के पास यात्रीकर के रूप में उदयपुर की होटलों से लाखों रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। यह राजस्व सफाई व मूलभूत सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। ताकि आने वाले पर्यटकों व शहरवासियों को इसका लाभ मिल सके। नगर निगम यात्रीकर की राशि में प्रति तीन वर्ष में संशोधन/ नवीनीकरण/ पुनर्समीक्षा कर सकेगा।


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निगम को होंगे ये अधिकार
● होटल संचालक निर्धारित प्रारूप-1 में सम्पूर्ण सूचनाओं की पूर्ति कर, यात्रीकर का स्वयं निर्धारण कर यात्रीकर की राशि निगम में जमा करवाएगा। जमा यात्रीकर के सत्यापन या रेकॉर्ड से मिलान का अधिकार निगम के प्राधिकृत अधिकारी को होगा।
● यात्रीकर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में एक अप्रेल से देय होगा तथा वार्षिक रूप से निगम कोष में जमा करवाना होगा। जिसके संबंधी रेकॉर्ड होटल संचालक द्वारा प्रमाणित होकर जमा करवा जाएगा।
● वार्षिक यात्रीकर जमा करवाने का दायित्व होटल संलाचक का होगा। निर्धारित समयावधि में जमा नहीं करवाने पर 12 प्रतिशत ब्याज की वसूली की जाएगी।
● होटल संचालक द्वारा गलतीवश यदि अधिक यात्रीकर जमा करवाया जाना पाया जाता है तो आयुक्त नगर निगम उसे आगामी वर्ष के कर में समायोजित करने या लौटाने को अधिकृत होगा।

कमरा किराया यात्रीकर की राशि
● 10 हजार या इससे अधिक किराया राशि पर 500 रुपए
● 5000 से 10 हजार के मध्य किराया पर 300 रुपए
● 3000 से 5000 के मध्य किराए पर 200 रुपए
● 3000 हजार से कम का कमरा किराए पर वाले यात्रियों का यात्रीकर नहीं लगेगा।
● यह राशि कमरा बुक होने की स्थिति में वसूल की जाएगी।
● होटल संचालक को बुकिंग का समस्त रेकॉर्ड रखना होगा।

यात्रीकर वसूली के लिए अधिकार
निगम की स्वास्थ्य शाखा से इसका रेकॉर्ड संधारित किया जाएगा तथा प्रत्येक होटल की जमा राशि का रेकॉर्ड अलग-अलग रखा जाएगा।
होटल संचालक द्वारा जमा करवाए गए स्व निर्धारण विवरणी के सत्यापन या रेकॉर्ड से मिलान करने पर यदि जमा करवाई गई राशि सही नहीं पाई जाती तो आयुक्त नगर निगम होटल संचालक को बकाया राशि जमा कराने के लिए मांग पत्र/ सूचना पत्र जारी कर सकेगा।


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नोटिफिकेशन जारी
होटल में आने वाले पर्यटकों के यात्रीकर को लेकर सरकार की ओर से गजट नोटिफिेकेशन जारी कर दिया गया है। इससे पूर्व राजस्व समिति के प्रस्ताव पर इसे प्रशासनिक समिति व बोर्ड में सर्वसम्मति से पास किया गया था।-वासुदेव मालावत, नगर निगम आयुक्त

अभिषेक श्रीवास्तव

मेवाड़-वागड़ में जनजातीय समाज को लेकर सियासत गरमाने लगी है। धर्मांतरण समेत तमाम मुद्दों को आधार बनाकर उदयपुर में डी-लिस्टिंग महारैली का आयोजन किया जा रहा है। इस रैली में जनजाति समाज के जिस व्यक्ति ने अपना धर्म बदल लिया है, उसे एसटी के नाते मिलने वाली प्रदत्त सुविधाओं को रोकने के लिए हुंकार भरी जाएगी। महारैली में जनजाति समाज के लोगों को ज्यादा से जोड़ने के लिए संभाग में आदिवासी बहुल इलाकों में घर-घर पत्रक बांटा जा रहा है। बताया जा रहा है कि रैली की व्यवस्थाओं में भाजपा के कई बड़े पदाधिकारी भी जुड़े हैं। भोजन से लेकर लोगों को लाने और ले जाने की जिम्मेदारी इन्हीं को सौंपी गई है।
उधर, उदयपुर की जिला प्रमुख ममता कुंवर भी वैवाहिक बंधन में बंध गईं। उनके विवाह मंच पर राजनीतिक दिग्गजों का जमावड़ा लगा रहा। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत कई नेता आयोजन में शिरकत करने पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 9 वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने के लिए भाजपा ने मंडल स्तर पर लाभार्थी, प्रबुद्धजन व व्यापारियों के सम्मेलन की तैयारियां पूरी कर ली हैं। उधर, कांग्रेस ने उदयपुर संभाग में चेहरों को तलाशने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। पार्टी की टीम विधानसभा क्षेत्रों में भ्रमण कर फीडबैक ले रही है, जिसे केंद्रीय कार्यालय पर जमा किया जाएगा।
राजसमंद में चुनावी रंगत और गहरा रही है। इधर, गहलोत सरकार के राहत शिविरों के बीच शहर में लाभार्थी संवाद हुआ, वहीं भाजपा ने भी राज्य प्रभारी अरूण सिंह की मौजूदगी में केन्द्र की योजनाओं के लाभार्थी कार्यक्रमों का आगाज कर दिया। नाथद्वारा में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने ताबड़तोड़ उद्घाटन-शिलान्यास किए। ब्राह्मण वोटों को साधने के लिए शहर में परशुराम वाटिका की नींव रख दी, वहीं किसान वर्ग को खुश करने के लिए जिला दुग्ध उत्पादक संघ के 41 करोड़ की लागत से प्रस्तावित संयंत्र का शिलान्यास भी कर दिया। इधर, जिला परिषद की साधारण सभा में दोनों दलों भाजपा-कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने अफसरों पर काम नहीं करने के करारे आरोप जड़े और तीन साल में मंजूर हुए कामों का हिसाब मांगा।
प्रतापगढ़ की बात करें तो यहां 1 जून को भाजपा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा। कहा, राज्य की कांग्रेस सरकार के प्रति लोगों की पूरी आस्था है।

उदयपुर. जिले के ग्रामीणों की आमदनी बढ़ाने और वन क्षेत्र बढ़ाने के उद्देश्य से कालका माता नर्सरी में एग्रो-फाॅरेस्ट्री रिसर्च सेंटर खोला जाना था। ढाई वर्ष पूर्व एरिड फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट (आफरी) जोधपुर ने उदयपुर की कालका माता नर्सरी का इसके लिए चयन किया था। लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में उदयपुर के ग्रामीणों की जोधपुर में ट्रेनिंग करवाई जा रही है।
एग्रो फॉरेस्ट्री रिसर्च सेंटर के लिए उदयपुर की कालका माता नर्सरी को चुना गया था। क्योंकि यह नर्सरी काफी बड़ी होने के साथ ही इसमें सरकार की गाइड-लाइन के अनुसार सेंटर बनाने के लिए उचित जगह थी। पूरे देश में ऐसे 20 सेंटर बनाने की योजना थी। कालका माता नर्सरी संभाग में सबसे बड़ी है। इसमें एक साथ 4 लाख पौधे तैयार किए जा सकते हैं।

सितंबर-2021 में आफरी के निदेशक ने इस नर्सरी का दौरा कर इसे इस योजना के लिए उपर्युक्त बताया था।
यह होना था नर्सरी में

नर्सरी को हाईटेक किया जाना है। जिसमें नई तकनीक से ग्रामीणों को बीज और प्लांट तैयार करना सिखाने की योजना है। लोगों को ट्रेनिंग के साथ एग्रो- फॉरेस्ट्री के फायदा बताए जाएंगे। किसानों को नई किस्म के पेड़ देने के साथ उनकी देखभाल के तरीके बताए जाएंगे। इस योजना के तहत स्थानीय पेड़ों की प्रजातियों पर अधिक फोकस किया जाएगा। किसान पेड़ों को घर के आसपास, खेत की मेड़ और खुले में लगा सकेंगे।
इन पेड़ों पर की जाएगी रिसर्च

सीताफल, आंवला, महुआ, बहेड़ा, अरीठा आदि पेड़ों की वैरायटी पर रिसर्च की जाएगी। यह प्रजाति मेवाड़ अंचल के सभी जिलों में बहुतायत में पाई जाती है। गुजरात में भी ये पेड़ आसानी से मिल जाते हैं।
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क्या है एग्रो-फॉरेस्ट्री

एग्रो-फॉरेस्ट्री भू-उपयोग की एक व्यवस्था (लैंड यूज सिस्टम) है, इसमें कृषि उपज, वन उपज और पशुधन का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन किया जाता है। यानी एक ही भूमि पर कृषि व वन उत्पाद की उपज और उसका संरक्षण होता है।

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इंफ्रा डवलप किया जाना है

आफरी वाले ही नर्सरी को हाईटेक कर रहे हैं। गत वर्ष हमें एक लाख रुपए दिए गए थे। इससे कच्ची जगह को पक्का किया गया था। दो बार जोधपुर में ही ट्रेनिंग हुई। वहां ग्रामीणों को भेजा गया था। वर्तमान में नर्सरी डवलप की है। इंफ्रा डवलप किया जाना है।
- मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक, दक्षिण।

उदयपुर. शहर के 24 जैन मंदिरों में एक साथ आठ दिवसीय सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर चल रहा है। इसमें सभी वर्गाें के जैन समाज के लोग शामिल होकर धार्मिक ज्ञान ले रहे हैं।

ये शिविर दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर, श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जिन मंदिर, उदासीन आश्रम अशोकनगर, धर्म प्रभावना समिति, दिगंबर जैन महासमिति की ओर से लगाए जा रहे हैं।उदासीन आश्रम अशोकनगर अध्यक्ष दिनेश डवारा ने बताया कि संपूर्ण उदयपुर में सम्यक ज्ञान की महति प्रभावना हो रही है। उन्होंने कहा कि समाज की सुरक्षा संस्कारों से ही संभव है। हमें अपने बच्चों को संस्कार शिविर के माध्यम से जैन धर्म की प्रभावना बढ़ानी है। आने वाले समय में धर्म संस्कार है जो नई पीढ़ी को भव पार करा सकती है। उन्होंने बताया कि शिविरों करीब 2500 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। इसका समापन 11 जून रविवार को नेमिनाथ कॉलोनी सेक्टर-3 में समारोह पूर्वक होगा। इसमें बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। पार्श्वनाथ महिला संघटन की मुख्य संयोजिका संगीता डवारा ने बताया कि उदासीन आश्रम में आयोजित शिविर में विनय शास्त्री की कक्षा में बड़ी संख्या में महिलाएं एवं बच्चें तत्वार्थसूत्र की कक्षा का लाभ ले रही है। शिविर में झमकलाल टाया, कुंथु कुमार गणपतोत, महेंद्र टाया, प्रकाश अखावत सहित अन्य प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

उदयपुर. शिव दल की ओर से गुरूवार को फतहसागर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में सवारियां सेठ, श्रीनाथजी, खाटू बाबा की प्रतिमा की धूमधाम के साथ की स्थापना की गई। नीलकंठ धाम में छाई कृष्ण भक्ति इस दौरान मंदिर में भक्तों की भीड़ रही। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भक्त भजनों पर झूमते रहे एवं प्रभु की एक झलक पाने को आतुर थे।

शिव दल प्रमुख मनीष मेहता ने बताया कि सुबह 8 बजे मंगला के दर्शन हुए। उसके बाद मंदिर में हवन प्रारंभ हुआ। जिसमें भक्तों ने आहुतियां दी। बाद में मूर्तियों में प्राण तत्व जाग्रत किए गए। विविध प्रकार के पदार्थ से मूर्तियों का स्नान कराया गया। उसके बाद मूर्तियों का स्थापन कर वेद मंत्रों के साथ सवा ग्यारह बजे विधिवत पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा के बाद भोग धराया गया। अभिजीत मुर्हत में पूर्णाहूति की गई। इसके बाद 2100 दीयों से महाआरती कर गगन भेदी जयकारे के साथ प्रभु का प्रथम दर्शन लाभ लिया।

उदयपुर. गायरियावास संतोष नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर के सभागार में शुक्रवार को प्रथमाचार्य शांतिसागर के 151वें अवतरण वर्ष पर प्रवचन और गुणानुवाद सभा हुई। इसमें आचार्य वर्धमान सागर ने उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।आचार्य वर्धमान सागर ने बताया कि जिस प्रकार एक उद्योगपति व्यापार में भौतिक संसाधनों का संचय करता है, उसी प्रकार आचार्य शांतिसागर ने भी आध्यात्मिक उद्यमी बन कर जीवन पर्यंत गृहस्थ अवस्था से मुनि अवस्था तक विषय भोगों के प्रति अनासक्त रह कर आत्मा की उन्नति का उद्यम किया। वर्तमान की साधु परंपरा उनकी ही देन है। मंच संचालन प्रकाश सिंघवी ने किया।

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जीवन का हर पल अनमोल है
उदयपुर. श्रमण संघीय उप प्रवर्तनी शांता कुंवर, मंगलप्रभा व नयन प्रभा शुक्रवार को अशोक नगर से विहार कर सौ फीट रोड पहुंची। वहां साध्वियों ने धर्मसभा को संबोधित किया।विहार के बाद धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन बहुत छोटा है, जीवन का हर पल अनमोल है। अतः सचैत हो कर कार्य के साथ आत्म साधक भी बने। इस अवसर पर विनोद राय सोनी, हेमंत भंडारी, राजेंद्र खोखावत, अनील सियाल, नरेंद्र सिंघवी, प्रमोद चपलोत आदि मौजूद थे।

उदयपुर. भगवान जगन्नाथ स्वामी अपने भक्तों को दर्शन देने आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितिया यानी 20 जून को रजत रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण को निकलेंगे। रथ यात्रा का शहरवासियों को खास इंतजार रहता है। यात्रा को लेकर शहरवासियों में काफी उत्साह है। विभिन्न संगठन इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं जगदीश मंदिर में रथ समिति के कार्यकर्ता एवं ठाकुरजी के रजत रथ के रंग-रोगन एवं सजावट की तैयारियों में जुट गए हैं। रथयात्रा मार्ग को केशरिया पताकाओं से सजाया जाएगा। वहीं मार्ग के दोनों ओर विद्युत सज्जा की जाएगी।

समाज सगठनों की बैठक 10 जून को

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा समिति संयोजक दिनेश मकवाना ने बताया कि रथ यात्रा को लेकर विभिन्न समाज संगठनों एवं धर्म बंधुओं की सार्वजनिक बैठक शनिवार शाम 5:30 आसींद की हवेली पार्किंग स्थल पर होगी।

रथयात्रा के संबंध में प्रशासन की बैठक 14 को

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट प्रभा गौतम ने बताया कि भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा के आयोजन के दौरान आवश्यक प्रबंधन यातायात व कानून व्यवस्था के संबंध में 14 जून को सुबह 11ः30 बजे जिला परिषद सभागार में बैठक आयोजित होगी।

मोहम्मद इलियास/उदयपुर

भुवाणा-रूपनगर स्थित राजेन्द्र नगर में एक भू-व्यवसायी ने प्रस्तावित 60 फीट रोड में आ रही जमीन के कुछ हिस्से को बचाने के लिए यूआइटी के नाले को ही पाटने के लिए पास में गड्ढा खोद दिया। इस गड्ढे में नया नाला बनाने के लिए वहां दिन-रात काम चल रहा है और यूआइटी के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है। पत्रिका टीम मौके पर पहुंची तो हडक़ंप मच गया। राजस्थान पत्रिका ने अधिकारियों को बताया तो उन्होंने यूआइटी की ओर से मौके पर किसी भी तरह का काम करने से इनकार किया है।
भुवाणा-रूपनगर के राजेन्द्र नगर में यूआइटी ने पक्का नाला निकाल रखा है। इस नाले में चित्रकूट नगर व उसके आसपास के केचमेंट एरिया का पानी आता है। यह पानी नाले से राजेन्द्र नगर, डीपीएस स्कूल के पास से मनीष विहार होते हुए सीधा रूपसागर तालाब में गिरता है।
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सडक़ में जा रही जमीन को बचाने के लिए कारगुजारी
बताया जा रहा है कि राजेन्द्र नगर में भू-व्यवसायी की जमीन है, उस जमीन के आगे नाले के पास ही यूआइटी की करीब 60 फीट रोड प्रस्तावित है। वर्तमान में नाले के पास 20 फीट रोड जा रही है। भविष्य में 60 फीट रोड निकलती है तो भू-व्यवसायी की उस जमीन में 30 से 40 फीट जमीन जाती है। इस जमीन को बचाने के लिए उसने यूआइटी के नाले को ही शिफ्ट कर दिया। नाले के पास खाली पड़ी 20 फीट जमीन पर नया गड्ढा खोदकर वहां नाला निकाला जा रहा है जो वर्तमान नाले से करीब 5 से 7 फीट छोटा है। यहां नाला शिफ्ट होते ही भू-व्यवसायी वहां पुराने नाले को पाट देता है तो करीब 50 फीट मार्ग हो जाएगा और व्यवसायी की जमीन का 10 फीट हिस्सा ही जाएगा। अभी अगर नाले को नहीं पाटा जाता है व्यवसायी की 40 फीट जमीन जाती है। इसके अलावा जहां यह नाला शिफ्ट किया जा रहा है, वहां अन्य की जमीन मालिक को नुकसान है।
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मौके पर यूआइटी ऐसा कोई कार्य नहीं कर रही है। अगर वहां कुछ हो रहा है तो गलत है, इसे दिखवाते हैं।
विमलेन्द्र सिंह राणावत, तहसीलदार यूआइटी
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flood control: संभावित बाढ़ एवं अतिवृष्टि को लेकर तैयारी के मद्देनजर कलक्टर ताराचंद मीणा ने शुक्रवार सुबह जिला परिषद सभागार में बैठक ली। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि आगामी दिनों मानसून समय विभिन्न आपदाओं की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए बीते सालों से बेहतर तैयारी करें, पूर्व के अनुभवों से सीख लेकर आगे का प्लान बनाएं। बैठक में जिला परिषद सीईओ सलोनी खेमका, नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, डीएसओ नरेश बुनकर, डीइओ (माध्यमिक) आशा मांडावत सहित अन्य जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
ये तैयारियां करने के निर्देश
- आपदा की स्थिति उत्पन्न होने पर नावों एवं नाव चालकों की उपलबद्धता, गोताखोरों की व्यवस्था, डीजल पम्प सेट उपलब्ध कराए जाएं।
- बाढ़ की स्थिति में रस्से, बल्लियां, खाली कट्टे एवं अन्य बचाव उपकरणों को लेकर भी अधिकारियों से समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा।

- जिन गांवों में बीते सालों में लोगों के बाढ़ में बहने की घटनाएं हुई है, वहां अभी से दौरा करते हुए चेतावनी बोर्ड लगाने की कार्रवाई समय से पूरी करें, जिससे हादसों को रोका जा सके।
- बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना, जल भराव की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने, जल प्रवाह मार्गों की सफाई आदि समय पर की जाए।

- आपदा की स्थिति पैदा होने पर सभी अधिकारी और कर्मचारी अलर्ट मोड पर रहे। अपने मोबाइल चालू रखें, अगर कोई पीडि़त व्यक्ति की सूचना मिले तो गंभीरता से सुनवाई करते हुए त्वरित राहत कार्य शुरू करें।
- नगर निगम को बाढ़ बचाव के लिए मेन पावर, जैसे होम गार्ड, तैराक एवं गोताखोरों की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।

- नगर निगम, यूआईटी, जल संसाधन एवं पीडबल्यूडी को ट्रक, ट्रेक्टर ट्रॉली आदि की व्यवस्था रखने के लिए कहा गया।
- सीएमएचओ को वर्षाकाल के दौरान फैलने वाली मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए दवाइयों की उपलब्धता रखने, जीवन रक्षक दवाइयों एवं अतिवृष्टि के समय मोबाइल चिकित्सा व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।

- पशुपालन विभाग को पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के प्रति सतर्क रहने की बात कही।
- नगर निगम को सड़कों की मरम्मत, नाले और गटर की सफाई समय पर करने की बात कही।

- डीएसओ को पर्याप्त खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करने, बीएसएनएल को संचार तंत्र सुचारू रखने के निर्देश दिए।
- जल संसाधन विभाग को सायरन वार्निंग सिस्टम मानसून पूर्व स्थापित कर उसका परीक्षण करने एवं विद्युत विभाग को वर्षा काल में विद्युत आपूर्ति के संबंध में निर्देशित किया।

City crime: उदयपुर शहर में गोवर्धनविलास थाना क्षेत्र के सेक्टर-14 आश्रय सेवा संस्थान के बालिका गृह से चार बालिकाओं के भागने का मामला सामने आया है। घटनाक्रम के बाद से शुक्रवार को दिनभर प्रयास किया गया, लेकिन बालिकाओं का पता नहीं चल पाया।पुलिस ने बताया कि संस्थान अध्यक्ष प्रेमनगर तितरड़ी निवासी हेमंत कुमार कोरी ने रिपोर्ट दी। जिसमें बताया कि 12 से 17 साल के बीच की चार बालिकाएं गृह से भाग गई। घटना गुरुवार रात की है। बालिकाएं जहां सोती थी, उस गैलरी का कुंदा तोड़कर भागी। शुक्रवार सुबह 6 बजे बालिकाओं को उठाने गए तो वे नहीं मिली। आसपास तलाश की गई, लेकिन पता नहीं चला। इसकी जानकारी सीडब्ल्यूसी को भी दी गई। बताया गया कि बालिकाएं अपने घर जाना चाह रही थी। भागी बालिकाओं में से दो के परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया, जबकि दो अन्य बालिकाओं का कोई स्थाई पता नहीं है और उनके परिवार का भी कोई संपर्क नहीं है।

घटना को लेकर हर कोई दंग रह गया। संस्थान के कार्यकर्ताओं के साथ ही पुलिसकर्मियों ने भी काफी छानबीन की, लेकिन पता नहीं चल पाया। कयास लगाया जा रहा है कि चारों लड़कियां एक साथ ही होंगी। डर इस बात का है कि उनके साथ किसी तरह की घटना ना हो जाए। छोटी उम्र के चलते वे किसी के बहकावे में आकर अपराध का शिकार ना हो जाए। अगर वे उदयपुर शहर और आसपास में ही है तो पता लगाया जा सकेगा, अन्यथा वे कहीं दूर जा चुकी होंगी तो मिलना मुश्किल होगा। इस बात को लेकर पुलिस की ओर से भी काफी प्रयास किए जा रहे हैं। घटना को लेकर सीसीटीवी फुटेज जुटाते हुए जांच भी की जाएगी।

City crime: अम्बामाता थाना क्षेत्र के बड़ी रोड पर उचक्कों ने चाकूवार करके एक होटल मैनेजर को घायल कर दिया। पुलिस ने बताया कि एक होटल में बतौर गार्ड काम कर रहे जालोन उत्तरप्रदेश निवासी आलोक पुत्र कृष्णगोपाल द्विवेदी ने रिपोर्ट दी। बताया कि वह और होटल मैनेजर आदित्यसिंह सोलंकी रात 9.30 बजे टहलने निकले थे। वहां एक होटल के बाहर खड़े थे तभी एक बाइक पर आए तीन लड़कों ने बदसलूकी करते हुए मारपीट कर दी। आरोपियों ने आदित्यसिंह पर चाकूवार कर दिया, वहीं पत्थर मारकर सिर फोड़ दिया, जिसे एमबी अस्पताल पहुंचाया गया।
रेस्टोरेंट के कार्मिक ने ऑनलाइन पेमेंट से की सेंधमारी
अम्बामाता थाना क्षेत्र में एक रेस्टोरेंट संचालक ने अपने ही कार्मिक के विरुद्ध केस दर्ज कराया। बताया कि कार्मिक ने रेस्टोरेंट पर ग्राहकों से अपने खाते में ऑनलाइन पेमेंट करवाकर लाखों रुपए की हेराफेरी कर दी। पुलिस ने बताया कि शाही बाग रेस्टोरेंट संचालक तितरड़ी निवासी भंवरसिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई। बताया कि रेस्टोरेंट के कैशियर सिंघाड़ा निवासी जयपालसिंह राणावत ने ग्राहकों से ऑनलाइन पेमेंट रेस्टोरेंट के खाते में नहीं करवाकर खुद के खाते में करवाते हुए लाखों रुपए की चपत लगा दी।
केमिकल का टैंकर पलटा, आग लगी
गोवर्धनविलास थाना क्षेत्र के काया पुल के पास गुरुवार देर रात केमिकल से भरा टैंकर पलट गया, जिससे उसमें आग लग गई। इस दौरान यातायात बाधित हो गया। दमकल वाहनों ने आग पर काबू पाया। आग पर काबू पाने के बाद पुलिस ने टैंकर को हटवाकर यातायात बहाल करवाया। बताया गया कि अहमदाबाद से उदयपुर की तरफ आ रहा टैंकर काया पुल के पास बेकाबू होकर पलट गया। टैंकर में केमिकल भरा था, जिससे आग लग गई। हाइवे के बीच आग लगने से यातायात बाधित हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने दमकल को सूचना दी। दो दमकल वाहनों ने पौन घंटे के अथक प्रयास के बाद आग पर काबू पाया। आग से केमिकल पूरी तरह नष्ट हो गया। हादसे के बाद टैंकर चालक भाग छूटा। स्थिति सामान्य होने पर पुलिस ने यातायात बहाल किया।
रंजिश के चलते चढ़ा दी जीप, गर्भवती घायल
प्रतापनगर थाना क्षेत्र में आपसी रंजिश में एक व्यक्ति ने स्कूटर सवार महिला पर जीप चढ़ा दी। हादसे में गर्भवती महिला बुरी तरह से घायल हो गई। बताया गया कि आरोपी ने पुराने केस की रंजिश में जानलेवा हमला किया। पुलिस ने बताया कि गायरियावास ढिकली निवासी प्रकाशपुरी पुत्र कमलपुरी गोस्वामी ने मामला दर्ज कराया। बताया कि पुराने केस में बयान दर्ज कराने को लेकर वह पिता को साथ लेकर प्रतापनगर थाने गया था। एक अन्य स्कूटर पर उसकी बहन जया और पत्नी खुश्बू गोस्वामी साथ थी। घर के रास्ते पर एक जीप खड़ी थी, जिसमें खेमली निवासी पवनपुरी पुत्र गोपालपुरी बैठा था। उसने स्कूटर पर जीप चढ़ा दी, जिससे जया व गर्भवती खुश्बू गंभीर रूप से घायल हो गई। दोनों को निजी अस्पताल पहुंचाया गया। बताया गया कि पवनपुरी के विरुद्ध जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करवा रखा था। इसी की रंजिश में हमला किया गया।

उदयपुर. उदयपुर में किन्नर समाज की गादीपति कल्लीबाई के निधन के बाद शुक्रवार को 12वें की रस्म का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान किन्नर परंपरा के अनुसार कल्ली बाई की गादी जोधपुर की सरोज को सौंपी गई, वहीं उदयपुर का कामकाज भंवरी बाई और पायल बाई संभालेंगी।

आयोजन में विभिन्न जगहों से किन्नर प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस आयोजन में जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने भी शिरकत की। मीणा ने किन्नर समाज से मुख्यधारा से जुड़ने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि सरकार थर्ड जेंडर को मुख्य धारा से जोडने के लिए कई योजनाएं चला रही है। ऐसे में सभी को योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ ही मतदान का अधिकार दिलाने के लिए वोटर आईडी कार्ड बनवाया जाएगा।आयोजन में किन्नर समाज द्वारा यह निर्णय लिया गया कि कल्लीबाई की जगह जोधपुर की गादीपति सरोज किन्नर गादी संभालेंगी। गादीपति किन्नर सरोज ने बताया कि जरूरत पडने पर किन्नर समाज सरकारी मदद भी ले सकता है। उन्होंने कहा कि उदयपुर में भंवरी बाई और पायल बाई कल्ली बाई कार्य संभालेगी। वे समय समय पर जोधपुर से यहां आकर देखरेख करेंगी।

इस साल अप्रेल-मई से लेकर जून के पहले सप्ताह तक लगातार बदलते रहे मौसम का असर बिजली तंत्र पर भरपूर रहा है। जहां एक ओर तापमान में उतार-चढ़ाव होता रहा, वहीं बिजली भार में भी कमी और बढ़ोतरी होती रही। ऐसे में बिजली बंद की समस्याएं आम दिनों से काफी ज्यादा होती नजर आई है। बीते दिनों अंधड़ के कारण प्री-मानसून मेंटिनेंस का काम भी प्रभावित होता रहा है। वर्तमान में मेंटिनेंस के चलते 25-30 कॉलोनियों में हर दिन बिजली शटडाउन लिया जा रहा है। लिहाजा गर्मी से आहत शहरवासियों का मर्ज बिजली के बंद होने से बढ़ता जा रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद बढ़े तापमान के साथ ही बिजली खपत में भी फिर बढ़ोतरी हो गई। ऐसे में उदयपुर जिले का विद्युत तंत्र फिर पूर्ण क्षमता पर पहुंच गया है। सामान्य दिनों की तुलना में पावर लोड 30 मेगावाट तक बढ़ा है। जहां अप्रेल अंत तक 150 मेगावाट के करीब विद्युत भार था, वो 180 मेगावाट तक पहुंच गया है। ऐसे में बिजली संकट के बीच कटौती आमजन को परेशान करने लगी है। बढ़े विद्युत भार का नतीजा ये है कि विद्युत लाइनें फाल्ट होने की स्थिति बढ़ रही है। ओवरलोड लाइनों में वॉल्टेज कम मिलने और अंतिम छोर के क्षेत्र में ट्रिपिंग की समस्या सामने आने लगी है।
विद्युत भार की बदलती रही स्थिति
90 मेगावाट था शहर का विद्युत भार चार दिन पहले
110 मेगावाट विद्युत भार शहर का वर्तमान में पहुंचा
150 मेगावाट था जिले का विद्युत भार चार दिन पहले
180 मेगावाट विद्युत भार जिले का वर्तमान में हो गया
इंजीनियर्स को बनाने होंगे ट्रिपिंग लेस फीडर
अजमेर डिस्कॉम की ओर से ट्रिपिंग लेस फिडर बनाने को लेकर इंजीनियर्स को टारगेट दिए गए हैं। प्रत्येक जेइएन को दो-दो, एइएन और एक्सइएन को एक-एक फीडर की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे फीडर का चयन करने के बाद सर्वे करवाया जाएगा और फिर इसके बाद मेंटिनेंस इस तरह से किया जाएगा कि लाइन में ट्रिपिंग नहीं हो। डिस्कॉम एमडी ने यह आदेश 30 मई को निकाला था। हालांकि दस दिन बीतने तक ट्रिपिंग लेस फीडर की गतिविधियां शुरू नहीं हो पाई।
इनका कहना
प्री-मानसून मेंटिनेंस का काम चल रहा है, जो अब तक 70 प्रतिशत हो गया, जबकि 30 फीसदी काम बाकी है, जो अगले 10-15 दिन में पूरा किया जाएगा। तापमान के साथ बिजली की खपत बढ़ी है। ऐसे में वॉल्टेज और अंतिम छोर पर ट्रिपिंग की समस्या आती है।
गिरीश कुमार जोशी, एसइ, उदयपुर सर्कल
बीते दिनों बरसात से कुछ राहत थी, लेकिन फिर से अचानक गर्मी तेज होने से विद्युत भार भी तेजी से बढ़ा है। बीते 15 दिन के भीतर 30 मेगावाट विद्युत भार का उतार-चढ़ाव देखा गया है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, खपत में भी तेजी आती है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
श्याम प्रकाश माली, एइएन (एचटीएम) एवीवीएनएल

(पंकज वैष्णव) प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पुरा वैभव की संपत्ति बिखरी पड़ी है, जिसे सहेजने की जरुरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए काम करने वाली संस्था इंटैक से जुड़े उदयपुर के पुरातत्वविद खोजबीन कर रहे हैं। पिछले साल जहां भीलवाड़ा के बिजौलिया की गुफाओं में आदिमानव के बनाए चित्रों का पता लगाया था, वहीं अब बूंदी के अस्तोली गांव में पत्थरों के औजार खोजे गए हैं, जो करीब पौने दो लाख साल पुराने हैं।

पुरातत्वविद बताते हैं कि प्रदेश का हाड़ौती क्षेत्र प्रागैतिहासिक काल से मानव सभ्यता की मौजूदगी का साक्षी रहा है। यहां कई स्थानों पर आदिमानव की ओर से निर्मित पाषाण युग के पत्थरों के औजारों के साथ ही गुफाओं में शैल चित्र मिलते हैं। हाल ही में उदयपुर इन्टैक चेप्टर के अध्ययन दल को बूंदी जिले के अस्तोली गांव का दौरा किया, जहां स्थित एक नाले में पुरापाषाण युग के पत्थरों के औजार मिले। अध्ययन दल में पुरातत्वविद डॉ. ललित पाण्डेय, भूवैज्ञानिक डॉ.विनोद अग्रवाल एवं डॉ. हेमन्त सेन तथा स्थानीय पुरा अन्वेषक ओमप्रकाश शर्मा शामिल थे।

शिकार के लिए अहम थे हथियार

इन प्राप्त पत्थरों के औजारों को देखने से पता चलता है कि औजार एश्यूलियन उपकरण श्रेणी के हैं, जिनकी आयु लगभग 1 लाख 70 हजार वर्ष से भी पूर्व (पुरापाषाण युग) की मानी जाती है। पुरापाषाण काल में आदिमानव प्राय: गुफाओं में रहता था। उसके जीवन का आधार शिकार करके भोजन करना था। इन्ही पत्थरों के औजारों की सहायता से जंगली जानवरों का शिकार करता था।

ये रहे अध्ययन के बिन्दु

- अस्तोली के पास नाले में पुरापाषाण युग के 21 पाषाण औजार मिले हैं। ज्यादातर हस्त कुल्हाडिय़ां हैं, जो विभिन्न आकार की है।

- मुख्यत: त्रिभुजाकार, अण्डाकार, बादामाकार, बरछाकार, हृदयाकार औजार शामिल है।

- इसके साथ ही दुर्लभ क्रोड का नमूना भी मिला है, जिसके फलकों को हटाकर उनसे औजार बनाए जाते थे।

- पत्थरों के औजार स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले विन्ध्यन काल के बलुआ पत्थरों से ही तैयार किए गए हैं।

- अधिकांश पुरास्थलों पर पत्थर के औजार क्वार्टजाईट, चर्ट, फ्लिन्ट, ओब्सिडियन आदि के हैं, क्योंकि इन्हें बलुआ पत्थर के मुकाबले कठोर माना जाता है।

संरक्षण की सख्त जरुरत

प्रागैतिहासिक कालीन पत्थर के औजारों के बारे में स्थानीय प्रशासन तथा पुरातत्व विभाग को जानकारी है, लेकिन संरक्षण नहीं किया गया है। ऐसे में धरोहर नष्ट होती जा रही है। स्थानीय लोग इन पत्थरों को मकान चुनाई के काम में उपयोग कर रहे हैं, जो चिन्ता का विषय है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

प्रागैतिहासिक मानव का इतिहास जानने का स्त्रोत मात्र उस काल के मानव की ओर से बनाए पाषाण के औजार हैं। अस्तोली में मिले औजारों की निर्माण शैली एश्यूलियन श्रेणी की मानी जा सकती है, जो कि पुरापाषाण युग की है। इसकी कुल्हाडिय़ों में लकड़ी अथवा लोहे का उपयोग नहीं था। ये औजार पंजे में दबाकर इस्तेमाल किए जाते थे। देश के बहुत कम स्थानों पर इस काल के औजार मिले हैं।

डॉ. ललित पाण्डेय, पुरातत्वविद् एवं समन्वयक, इन्टैक

अस्तोली में मिले औजार स्थानीय स्तर पर मिलने वाले विन्ध्यन काल के बलुआ पत्थरों से तैयार किए गए थे। औजार नाले के कगार एवं तल से प्राप्त हुए हैं। हजारों वर्षों से वर्षाजल के प्रभाव एवं ढलान पर लुड़कने के कारण औजारों का प्रारम्भिक तीखापन कुछ हद तक प्रभावित हुआ है। पुरातत्व विज्ञान की दृष्टि से यह स्थल अत्यन्त महत्वपूर्ण है। सरकार को इसके संरक्षण के लिए कदम उठाने चाहिए।

डॉ. विनोद अग्रवाल, भूवैज्ञानिक एवं सदस्य इन्टैक

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