>>: Digest for June 10, 2023

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झुंझुनूं. jhunjhunu news : मिड-डे-मील के तहत सरकारी स्कूलों में मिलने वाले दूध व भोजन परोसने से पहले अभिभावक व एसडीएमसी सदस्य उसकी जांच करेंगे। भोजन व दूध की गुणवत्ता व स्वाद सही होने के बाद ही परोसा जाएगा। यह कार्य संस्था प्रधानों को नियमित रूप से करना होगा। संस्था प्रधानों को उक्त प्रक्रिया का रजिस्टर भी संधारण करना होगा कि कौनसे दिन किस अभिभावक ने विद्यालय में भोजन का स्वाद चखा और गुणवत्ता देखी। यह प्रक्रिया नहीं अपनाने वाले संस्था प्रधानों के खिलाफ नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जाएगी।

छह दिन दूध और एक दिन मिलेंगे फल

शिक्षा अधिकारियों की मानें तो मिड-डे-मील में भोजन के अलावा छह दिन विद्यार्थियों को पौष्टिक दूध दिया जाएगा। वहीं, छह दिन के दौरान एक दिन फल दिए जाने जरूरी होंगे। एक जुलाई ने नई व्यवस्था का फायदा जिले के एक लाख से अधिक विद्यार्थियों को मिल सकेगा। जिले के 1574 राजकीय स्कूलों के कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को अभिभावक व एसडीएमसी के सदस्यों के दूध व भोजन की गुणवत्ता की जांच और चखने के बाद ही मिलेगा।


भोजन में इतनी कैलोरी होना जरूरी

-कक्षा एक से पांचवीं तक के प्रत्येक विद्यार्थी को दिए जाने वाले भोजन के लिए 450 कैलोरी और 12वीं प्रोटीन

-कक्षा छह से आठवीं तक के प्रत्येक विद्यार्थी को सात कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन


इनका कहना है...

आयुक्त मिड-डे-मील की ओर से आदेश जारी किया गया है। एक जुलाई से विद्यार्थियों को मिलने वाले भोजन व दूध की जांच और उसका स्वाद रोजाना एक अभिभावक व एसडीएमसी सदस्य के करने के बाद ही विद्यार्थियों को परोसना होगा। इसका रजिस्टर संधारण करना होगा।

मनोजकुमार ढाका, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.) झुंझुनूं


किस अधिकारी की शह पर रिश्वत मांगता था झुंझुनूं का सिपाही ?

Traffic police constable Vikram Jhunjhunu


झुंझुनूं@पत्रिका. राजस्थान के झुंझुनूं जिले में अवैध रूप से डम्पर क्या पुलिस की शह पर चल रहे हैं? एसीबी की चूरू टीम ने पूरी जांच के बाद इस संबंध में मामला दर्ज किया है। पुलिस उपाधीक्षक शब्बीर खान ने बताया कि एक डम्पर मालिक ने शिकायत दर्ज कराई कि इंटरसेप्टर वाहन पर झुंझुनूं में तैनात यातायात पुलिस का सिपाही विक्रम सिंह मोडा पहाड़ में जाने वाले डम्परों से बंधी मांगता है। नहीं देने पर ओवरलोड का भय दिखाकर जब्त करने की धमकी देता है। शिकायत की जांच की। इस दौरान सिपाही ने एक हजार रुपए भी लिए। रुपए मांगने की रेकॉडिंग भी एसीबी के पास मौजूद है। एसीबी ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया, लेकिन शक होने के कारण वह पकड़ में नहीं आया। एसीबी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। रिपोर्ट में लिखा है कि विक्रम सिंह छह चक्का डंपर के एक हज़ार तथा दस चक्का डम्पर के हर माह पन्द्रह सौ रुपए बंधी के रूप में मांगता है। यह इंटरसेप्टर वाहन पर लम्बे समय से तैनात है। सिपाही के खिलाफ मोडा पहाड़ क्षेत्र में चलने वाले डम्परों से अवैध वसूली करने का आरोप है।

उठे तीन सवाल

अब पहला सवाल यह उठ रहा है हर माह की बंधी सिपाही अकेला मांगता था या किसी अधिकारी की शह पर मांगता था ? उच्चाधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत है या नहीं? आखिर जिले में ओवरलोड डम्परों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नियमित क्यों नहीं हो रही?


एसपी ने किया निलम्बित
इधर एसपी श्याम सिंह ने सिपाही विक्रम सिंह को शुक्रवार शाम को निलम्बित कर दिया है। एसीबी में मामला दर्ज होने के बाद एसपी ने यह कार्रवाई की है। वहीं चर्चा है कि नए एसपी अब यातायात पुलिस की पूरी शाखा को बदल सकते हैं

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