>>: Digest for August 04, 2021

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Table of Contents

कोटा. कोटा जंक्शन व डकनिया रेलवे स्टेशन का स्वरूप 150 करोड़ रुपए की लागत से निखरेगा। इसके लिए आईआरएसडीसी ने प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दिए हैं। जहां से उन्हें जल्द स्वीकृत कर दिया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को यह जानकारी सोमवार को संसद भवन परिसर में आयोजित बैठक के दौरान रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। रेल मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया कि कोटा से जुड़े सभी प्रोजेक्ट समय पर पूरे करने के लिए उनकी विशेष मॉनिटरिंग की जा रही है। डकनिया तालाब स्टेशन पर लूप लाइन बिछाने के लिए इलेक्ट्रिकल और इंजीनियरिंग विभाग से टेंडर जल्द ही फाइनल हो जाएंगे। शेष कार्यों के टेंडर अगस्त में ही लगा दिए जाएंगे। कोटा स्टेशन पर भी 22 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले विकास कार्य जल्द शुरू हो जाएंगे। रेलमंत्री ने बताया कि कोटा और डकनिया स्टेशन का स्वरूप निखारने का जिम्मा आईआरएसडीसी को सौंपा गया था। संस्था ने कोटा मंडल रेल प्रशासन से इसके लिए विस्तार से चर्चा करने तथा मौके का आकलन करने के बाद करीब 150 करोड़ रुपए के प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दिए हैं, जिनको जल्द निर्णित कर दिया जाएगा।

कोटा.
मध्यप्रदेश में तेज बरसात के बाद चम्बल के बांधों में पानी की भारी आवक के साथ ही कोटा प्रशासन की चिन्ता बढ़ गई हैं। चम्बल नदी की डाउन स्ट्रीम में रिवरफ्रंट योजना के तहत चल रहे करोड़ों के विकास कार्य बाधित होने एवं बहने का खतरा मंडरा गया है। कोटा का चम्बल रिवरफ्रंट इसलिए भी खास हैं, क्योंकि यह यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। वे खुद खड़े रहकर विकास कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। इसलिए प्रोजेक्ट से जुड़े अफसर भी किसी तरह की रिस्क लेना नहीं चाहते। माना जा रहा है कि चम्बल रिवरफ्रंंट के संकट को टालने के लिए बैराज के फुल क्षमता से भरने से पहले ही दो गेट खोलकर 5 हजार क्यूसेक पानी की निकासी शुरू कर दी गई है। ताकि बैराज में अचानक पानी बढऩे पर डाउन स्ट्रीम को ज्यादा संकट झेलना नहीं पड़े।
जानकारों का मानना है कि चम्बल नदी पर बने बांध गांधी सागर, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर में पानी की ज्यादा आवक होने तथा ऊपर के बांधों के गेट खोलने पर कोटा बैराज पर पानी का दबाव अधिक बढ़ सकता है और अधिक गेट भी खोलने पड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में चम्बल नदी की डाउन स्ट्रीम में पानी की गति तेज होगी और नदी का उफान भी बढ़ेगा। इससे रिवरफ्रंट का कार्य भी चपेट में आ सकता है। नगर सुधार न्यास एवं स्मार्ट सिटी योजना से जुड़े अफसरों को यह चिन्ता सताए जा रही है कि साल 2019 की तरह चम्बल में अथाह जल आ गया तो रिवरफ्रंट के कार्यों का क्या होगा। ज्ञात है कि 2019 में चम्बल में बाढ़ आ गई थी। तब कोटा बैराज के सभी गेट खोलकर पानी की निकासी की गई थी। चम्बल नदी का पानी किनारे की कई बस्तियों में घुस गया था और हाहाकार मच गया था। जिन बस्तियों व लोगों भी उस बाढ़ का कहर झेला, वो लोग उस कहर को आज तक भुला नहीं पाए हैं। उस समय प्रशासन व बचाव दलों के हाथ-पांव फूल गए थे। कई दिनों तक बचाव व राहत कार्य चलने के बाद बस्तियों को जलभराव की परेशानी से निजात मिली थी।
लगातार बरसात ने बढ़ाई चिन्ता-
चम्बल के बांधों के कैचमेंट एरिया एवं हाड़ौती में लगातार बरसात हो रही है। सोमवार देर रात भी तेज बरसात चल रही है। कभी तेज तो कभी मध्यम दर्जें की लगातार बरसात से इससे पूरे हाड़ौती में बाढ़ के हालात बन चुके हैं। बीते एक सप्ताह से चम्बल की सहायक नदियां भी उफान पर है। ऐसे में डाउन स्ट्रीम में चम्बल उफान पर चल रही है। अब चम्बल की अप स्ट्रीम में भी पानी की आवक बढ़ गई हैं। इससे चम्बल के बांधों में पानी लगातार बढ़ रहा है। कोटा, बारां, बूंदी एवं झालावाड़ के कई इलाके जलमग्न हो रहे हैं। बारां में कई गांव टापू जैसे हालात में आ चुके हैं। कई मकान ढह गए हैं। सरकारी भवनों में पानी ही पानी आ चुका है।

कोटा. मानसून की बारिश के कहर से अब हाड़ौती अंचल में बाढ़ के हालात बन गए हैं। पिछले चार-पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश से कई गांव टापू बन गए हैं। चम्बल व उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं। इससे मंगलवार सुबह तक कोटा बैराज के गेट दो गेट दो-दो फीट खोलकर पांच हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जारी थी।
इसके अलावा कोटा, बारां, झालावाड़ व बूंदी में लगातार हो रही बारिश से कई नदियां, तालाब व बांध लबालब हो चुके हैं। बारिश से शहरी व ग्रामीण इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हजारों बीघा खेतों में फसलें पानी में डूब गई हंै। कई कच्चे मकान ढह गए। कई जगह रास्ते अवरुद्ध होने से गांवों का जिला मुख्यालयों से सम्पर्क कट गया। कई गांवों की बिजली आपूर्ति ठप है। बूंदी जिले के कापरेन में पक्का मकान ढहने से दबकर एक बालिका की मौत हो गई।
कोटा जिले के खातौली के अठाहवां क्षेत्र में देहलोत, नयागांव, गोठड़ा, ठीकरदा समेत अन्य गांव पानी से घिर गए हैं। इन गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप है। इटावा क्षेत्र के धनवां गांव टापू बनने से नाव की मदद से प्रसूता को बाहर निकाला गया। इटावा व पीपल्दा क्षेत्र में दर्जनों कच्चे मकान ढह गए। सुल्तानपुर क्षेत्र में हाट बाजार में आठ फीट पानी हो गया। मारवाड़ चौकी का रेलवे नाला उफान पर आने से स्टेट हाइवे कोटा-श्योपुर मार्ग बंद है। मंडावरा-रोटेदा पुलिया पर पानी से मंडावरा-बूंदी मार्ग बंद हो गया। शहर में निचली बस्तियों में पानी भर गया।

मोतीपुरा बांध पर 9 इंच की चादर
बारां जिले में पार्वती नदी उफान पर होने से नारेड़ा ग्राम पंचायत के तीन गांव हनोतिया, गुगलहेड़ी, सींघी का टापरा टापू बने हुए हैं। बूंदी जिले के नैनवां क्षेत्र में कासपुरिया के पास नाला अवरुद्ध होने से गांव में पानी भर गया। इससे बाढ़ जिसे हालात पैदा हो गए। मोतीपुरा बांध पर 9 इंच की चादर चलना शुरू हो गई। इसकी भराव क्षमता 17 फ ीट है। गेण्डोली-झालीजी का बराना सडक़मार्ग के मध्य बाबड़दा के खाळ की पुलिया दूसरे दिन भी पानी बहने से आवागमन बाधित रहा। पच्चीपला मेज नदी की पुलिया भी दो दिन से जलमग्न है।

बहते शिक्षक को बचाया
झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क्षेत्र में मांडवी नदी की पुलिया पार करते वक्त एक शिक्षक के बहने से ग्रामीणों ने रस्सी के सहारे उसे निकाला। गागरीन बांध से पानी छोडऩे के चलते पिड़ावा से खेजडिय़ा और डेडेंरा गांव का रास्ता बंद रहा। आहू नदी उफ ान पर होने से आवर-पगारिया मार्ग बंद रहा।

हाड़ौती में कहां-कितनी बारिश
बारां जिला
शाहबाद : 264

छीपाबड़ौद : 102
छबड़ा : 82

कोटा जिला
खातौली : 142
पीपल्दा : 65
कोटा शहर : 55

झालावाड़ जिला
बकानी : 88

असनावर : 80
रायपुर : 79

पचपहाड़ : 75
डग : 68

बूंदी जिला

इन्द्रगढ़ : 96
केशवरायपाटन : 70

नैनवां : 72
हिण्डोली : 50

बूंदी शहर : 35
तालेड़ा : 38

(बारिश एमएम में)

कोटा. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए ऑक्सीजन Oxygen संयंत्र स्थापित करने के कार्य में तेजी लानी होगी। दूसरी लहर में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन का भारी संकट झेला। अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्र पर्याप्त नहीं होने के कारण इस्पात कारखानों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति करके लोगों की जान बचाई, लेकिन शुरुआत में आपूर्ति मांग के अनुपात में करने में बड़ी दिक्कत आई। कोटा में ऑक्सीजन एक्सप्रेस और सडक़ मार्ग से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। अब कोटा जिले के अस्पतालों में 19 नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का कार्य चल रहा है। महामारी की दूसरी लहर के दौरान सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के इस्पात संयंत्रों ने 1 अप्रेल से 25 जुलाई 2021 के बीच 230262 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। दूसरी लहर के चरम के दौरान इस्पात क्षेत्र ने तरल चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन में काफी बढ़ोतरी की थी। 1 अप्रेल 2021 को 538 मीट्रिक टन एलएमओ की आपूर्ति की तुलना में 13 मई 2021 को 4749 मीट्रिक टन तक आपूर्ति पहुंच गई। गैसीय ऑक्सीजन के उपयोग को कम करने से एलएमओ का उत्पादन बढ़ा। इस कारण अप्रेल-जून 2021 की अवधि के दौरान स्टील के उत्पादन में लगभग 500,000 टन की कमी आई। इस्पात संयंत्रों में उत्पादन की गई एलएमओ की आपूर्ति सडक़ के परिवहन साधनों, ऑक्सीजन एक्सप्रेस (रेलवे) और वायु सेना के परिवहन विमानों का उपयोग करते हुए 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपूर्ति की गई।

संयंत्र का नाम एलएमओ उत्पादन क्षमता आपूति (टन में)

सेल भिलाई 40 1661.41

सेल भिलाई 350 21255.04

सेल बोकारो 20 1399.23

सेल बोकारो 170 10827.94

सेल दुर्गापुर 43 2449.41

सेल दुर्गापुर 85 6350.9

सेल राउरकेला 48 3424.42

सेल राउरकेला 310 18817.36

सेल बर्नपुर 70 2334.24

आरआईएनएल विशाखापत्तनम 130 9947.47

टाटा स्टील जमशेदपुर 453 21285.961

टाटा स्टील जमशेदपुर 150 11258.26

टाटा स्टील कलिंगनगर 219 10641.03

टाटा स्टील बीएसएल 244 8126.35

जिंदल स्टेनलेस हिसार 9.5 778.337

जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड, जयपुर 52 3105.88

एएमएनएस हजीरा 240 11865.09

जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड विजयनगर 106 8253.03

जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड विजयनगर 537 28023.6

जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड विजय नगर 100 5891.945

जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड विजयनगर 130 7184.74

जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड डॉल्वी 180 13512.3

जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड डॉल्वी 124 9414.23

जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड सालेम 17 1696.57

जिंदल स्टील एंड पावर, अंगुल 100 2963.37

वेदांता ईएसएल बोकारो 20 474.44

जेएसडब्ल्यू -बीपीएसएल झारसुगुडा 25 718.90

कल्याणी स्टील हॉस्पेट 130 6600.3

कुल 4102 230262

कोटा. मानसून की बारिश के कहर से अब हाड़ौती अंचल में बाढ़ के हालात बन गए हैं। पिछले चार-पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश से कई गांव टापू बन गए हैं। चम्बल व उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं। इससे मंगलवार सुबह तक कोटा बैराज के गेट दो गेट दो-दो फीट खोलकर पांच हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी, लेकिन सुबह दस बजे बाद पानी की आवक बढऩे के बाद तीसरा गेट भी खोल दिया गया। अब कोटा बैराज ने 9 हजार 970 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। कोटा सिटी में तालाब गांव व बरड़ा बस्ती सहित कई कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। तलवंडी, बोरखेड़ा व नयापुरा की कई कालोनियों के घरों में पानी भर गया है। बूंदी जिले के कापरने में पानी भरने पर लोगों ने जाम लगा दिया। पालिका व पुलिस प्रशासन की समझाश के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया। झालावाड़ में भीमसागर बांध और उजाड़ नदी में आवक तेज हो गई है। शाहाबाद कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश के चलते लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। हाड़ौती और मध्यप्रदेश के बारिश का दौर लगातार जारी है। इस करण चम्बल के बांधों में पानी आवक और बढ़ सकती है। ऐसे में कोटा में चम्बल नदी पर बन रहे रिवरफ्रंट को लेकर नगर विकास न्यास के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। प्रशासन ने एतियात के तौर पर सोमवार को ही कोटा बैराज के दो गेट खोल दिया, ताकि एक साथ ज्यादा पानी छोडऩा नहीं पड़े। यदि बारिश दौर इस तरह जारी रहा तो कोटा बैराज में भी पानी की आवक बढ़ेगी। चम्बल नदी पर बने बांध गांधी सागर, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर में पानी की ज्यादा आवक होने तथा ऊपर के बांधों के गेट खोलने पर कोटा बैराज पर पानी का दबाव अधिक बढ़ सकता है और अधिक गेट भी खोलने पड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में चम्बल नदी की डाउन स्ट्रीम में पानी की गति तेज होगी और नदी का उफान भी बढ़ेगा। इससे रिवरफ्रंट का कार्य भी चपेट में आ सकता है। नगर विकास न्यास के अफसरों को यह चिंता सताए जा रही है कि साल 2019 की तरह चम्बल में अथाह जल आ गया तो रिवरफ्रंट के कार्यों का क्या होगा।

कोटा.
राजस्थान में भारी बरसात का कहर लगातार जारी है। हाड़ौती अंचल में चम्बल व उसकी सहायक नदियां उफान पर चल रही है। कोटा संभाग के बांध छलक रहे हैं। हाड़ौती क्षेत्र में लगातार भारी बरसात (heavy rain in kota) का दौर जारी है। बारां जिले में 100 से अधिक गांव जलमग्न होकर टापू बने हुए हैं। कोटा शहर की कई बस्तियां पानी से घिर चुकी है। लोग घरों में कैद (Heavy Rain's lockdown) हो चुके हैं।
कोटा शहर में सोमवार रात से लगातार भारी बरसात चल रही है। बारां जिले के हालात बिगड़ रहे हैं। आपदा दलों की ओर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल हालात पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। जल भराव से घिरे लोग खुद को बचाने की गुहार कर रहे हैं। हजारों बीघा खेतों में फसलें पानी में डूब गई हैं। कई कच्चे मकान ढह गए। कई जगह रास्ते अवरुद्ध होने से गांवों का जिला मुख्यालयों से सम्पर्क कट गया। सैकड़ों गांवों की बिजली आपूर्ति ठप है। लेकिन टापू बने गांवों से लोगों को बाहर निकालने में जनप्रतिनिधि भी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
चम्बल के बांधों में भी पानी की भारी आवक हो रही है। चम्बल नदी पर बने बांध कोटा बैराज के तीन गेट खोलकर 9 हजार क्यूसेक पानी निकासी की जा रही है। जवाहर सागर से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। भारी बरसात के चलते कोटा बैराज के अधिक गेट भी खोले जा सकते हैं। चम्बल का प्रवाह बढऩे की संभावना के चलते कोटा से धौलपुर तक अलर्ट कर रखा है। चम्बल में पानी बढऩे के साथ ही चम्बल से सटे कस्बे व शहरों की चिन्ता लगातार बढ़़ रही है। किसी भी बड़ी आपदा की संभावना के चलते कोटा जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बिना अनुमति मुख्यालय छोडऩे पर रोक लगा दी है।

Heavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न

बारां : शाहाबाद में 10 इंच बरसात, सौ से अधिक गांव बने टापू
बारां जिले में पिछले करीब एक सप्ताह से सक्रिय मानसून से अब हालात बिगडऩे लगे हैं। जिले के सौ से अधिक गांव टापू बन गए है तो शाहाबाद उपखंड क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए है। मंगलवार सुबह 8 बजे बीते 24 घंटों में शाहाबाद उपखंड मुख्यालय पर 10 इंच (255 मिमी) अन्ता में 3 इंच (74 मिमी) बारां में 5 इंच (124 मिमी) मांगरोल में 7 इंच (172 मिमी) छबड़ा में 6 इंच (140 मिमी) किशनगंज में 7 इंच (175 मिमी) छीपाबड़ौद में 81 मिमी व अटरू में 6.5 इंच (166 मिमी) बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं बारां जिले में गत 1 जून से 3 अगस्त सुबह 8 बजे तक 646 मिमी 25.84 इंच बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है।

Heavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न

कोटा संभाग में बारिश का कहर : एक नजर
-सोमवार को चम्बल नदी पर बने बांध कोटा बैराज के दो गेट खोले गए थे। पानी बढऩे पर मंगलवार सुबह तीसरा गेट भी खोल दिया गया। अब 9 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
-कोटा संभाग की आहू, पार्वती, परवन, कालीसिंध, मेज नदी उफान पर चल रही है।
-बारां शहर के बाजारों में जलभराव होने से लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं। दुकानों व घरों में पानी घुस रहा है।
-बूंदी जिले के कापरेन में पक्का मकान ढहने से दबकर एक बालिका की मौत हो गई।
-कोटा जिले के खातौली के अठाहवां क्षेत्र में देहलोत, नयागांव, गोठड़ा, ठीकरदा समेत अन्य गांव पानी से घिर गए हैं। इन गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप है।
-इटावा क्षेत्र के धनवां गांव टापू बनने से नाव की मदद से प्रसूता को बाहर निकाला गया। इटावा व पीपल्दा क्षेत्र में दर्जनों कच्चे मकान ढह गए।
-सुल्तानपुर क्षेत्र में हाट बाजार में आठ फीट पानी हो गया।
-मारवाड़ चौकी का रेलवे नाला उफान पर आने से स्टेट हाइवे कोटा-श्योपुर मार्ग बंद है।
-मंडावरा-रोटेदा पुलिया पर पानी से मंडावरा-बूंदी मार्ग बंद हो गया। शहर में निचली बस्तियों में पानी भर गया।
-कोटा शहर में तालाब गांव व बरड़ा बस्ती सहित कई कॉलोनियों हुई जलमग्न
-कोटा शहर में तलवंडी, बोरखेड़ा व नयापुरा की कई कालोनियों के घरों में आया पानी।
-बूंदी जिले के कापरेन में पानी भरने पर लोगों ने लगाया जाम, पालिका व पुलिस प्रशासन की समझाइस के बाद ग्रामीणों ने हटाया हाइवे से जाम। बीते पांच दिनों से हो रही बरसात से भावपुरा बस्ती में भर गया बरसाती पानी।
-झालावाड़ में भीमसागर बांध और उजाड़ नदी में आवक तेज, भीमसागर क्षेत्र में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए हैं।
-बारां जिले के शाहाबाद में बारिश और बाढ़ के हालात, शाहाबाद कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में 10 इंच से अधिक भारी बारिश के चलते लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।

Heavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्नHeavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न

बारां : मुख्य मार्गो समेत कई बस्तियों में पानी का भराव

शहर में लगातार हो रही बरसात से मुख्य मार्गो समेत कई बस्तियों में पानी का भराव हो गया। प्रताप चौक धर्मादा चौराहा स्टेशन रोड पर डेढ़ से 3 फीट तक पानी का भराव हो गया। जिसके चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वही शहर में जिला कलेक्टर राजेंद्र विजय तथा एसपी विनीत बंसल ने जायजा लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। वही सभी थानों को अलर्ट मोड पर कर दिया गया है।

Kota : जलमग्न बस्तियां-
कोटा : कोटा में पिछले चार-पांच दिनों से लगातार बारिश के चलते निचली बस्तियों में पानी भर गया । कोटा में बोरखेड़ा थाना क्षेत्र के कौटिल्य नगर बालाजी नगर फर्स्ट सेकंड थर्ड कॉलोनियों में करीब 5 फीट तक पानी भर गया . लोग घरों में कैद हो गए । वही देवली अरब रोड स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय में भी 3-3 फिट पानी भरा हुआ है। पानी भरने से सवेरे से स्कूल के ताले लगे हुए हैं

इटावा : चम्बल, पार्वती व कालीसिंध में उफान
-खातोली में पार्वती की पुलिया पर 30 फीट पानी
-चम्बल की झरेल पुलिया पर 22 फीट पानी
-इटावा क्षेत्र के 50 गांव टापू बने
- कच्चे मकान गिरे, टीमें तैनात, अलट जारी

मोतीपुरा बांध पर 9 इंच की चादर-
बारां जिले में पार्वती नदी उफान पर होने से नारेड़ा ग्राम पंचायत के तीन गांव हनोतिया, गुगलहेड़ी, सींघी का टापरा टापू बने हुए हैं। बूंदी जिले के नैनवां क्षेत्र में कासपुरिया के पास नाला अवरुद्ध होने से गांव में पानी भर गया। इससे बाढ़ जिसे हालात पैदा हो गए। मोतीपुरा बांध पर 9 इंच की चादर चलना शुरू हो गई। इसकी भराव क्षमता 17 फीट है। गेण्डोली-झालीजी का बराना सडक़मार्ग के मध्य बाबड़दा के खाळ की पुलिया दूसरे दिन भी पानी बहने से आवागमन बाधित रहा। पच्चीपला मेज नदी की पुलिया भी दो दिन से जलमग्न है।

बहते शिक्षक को ग्रामीणों ने बचाया-

झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क्षेत्र में मांडवी नदी की पुलिया पार करते वक्त एक शिक्षक के बहने से ग्रामीणों ने रस्सी के सहारे उसे निकाला। गागरीन बांध से पानी छोडऩे के चलते पिड़ावा से खेजडिय़ा और डेडेंरा गांव का रास्ता बंद रहा। आहू नदी उफान पर होने से आवर-पगारिया मार्ग बंद रहा।

Heavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्नHeavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्नHeavy Rain's lockdown : बारां में 100 से अधिक गांव टापू बने, कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न

कोटा. सावन में कोटा शहर में लगातार मानसून की झमाझम बारिश हो रही है। पठारी क्षेत्र की बारिश से प्रथम पूज्य खड़े गणेशजी मंदिर की चौखट पर पहुंच गया है। खडे गणेश मंदिर में शाम को लोग दर्शन के लिए पहुंचे तो वे पानी से होकर निकले। सेवादार चैन सिंह व स्थानीय निवासी प्रहलाद कुमार ने बताया कि पठारी क्षेत्र में बारिश का पानी यहां तालाब में आता है। तालाब लबालब हो गया है। उसका पानी खडे गणेश मंदिर की चौखट तक पहुंच गया है। पानी के कारण शिव मंदिर के पास 100 मीटर की दीवार है। वह ढह गई है। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है।
कोटा की कई कॉलोनियां जलमग्न हो गई। लोग घरों में कैद हो गए। कई मकान लोग खाली कर सुरक्षित जगहों पर चले गए है। कोटा में औसत बारिश का आधा कोटा पूरा हो गया है। डायवर्जन चैनल में भी पानी आ गया है। इसके नहीं होने पर आधा कोटा में बाढ़ के हालात बन जाते थे।
कोटा में लगातार हो रही बारिश के कारण बजरंग नगर, रायपुरा क्षेत्र के नाले उफान पर आ गए। इससे जुड़ी बोरखेड़ा क्षेत्र में देवली अरब रोड पर कौटिल्य नगर, गणेश नगर, बालाजी तृतीय, काशी धाम कॉलोनियां कॉलोनियों के करीब 200 मकान पानी से घिरे हुए है। नाले के समीप बसे करीब दस मकान मालिक मकान खाली कर सुरक्षित जगहों पर चले गए है। गोपाल विहार के पास तिरुपति विस्तार कॉलोनी में भी पानी भर गया है। इससे कई घर डूब गए है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां कॉलोनी में मगरमच्छों का भी खतरा रहता है। पानी की आवक लगातार बढ़ रही है।

यह होती औसत बारिश
कोटा में औसत बारिश का आंकड़ा 746 एमएम है।
अब तक 382.4 एमएम बारिश हो चुकी है।
1 जून से 16 जुलाई तक 88 एमएम बारिश दर्ज हुई थी।
18 जुलाई बारिश ने रफ्तार पकड़ी

कोटा. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा हाल ही में जारी किए गए 12वीं बोर्ड के परीक्षा परिणामों के बाद अब असंतुष्ट विद्यार्थियों के लिए इम्प्रवूमेंट का अवसर देने की घोषणा की है। सीबीएसई द्वारा इस संबंध में सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।
सीबीएसई 12वीं के परिणाम आने के बाद बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स अपने परिणामों से संतुष्ट नहीं थे। इन विद्यार्थियों के लिए सीबीएसई द्वारा अपने प्राप्तांकों को इम्प्रूव करने का एक अवसर दिया गया है। इसकी परीक्षा 16 अगस्त से 15 सितम्बर तक होगी। परीक्षाओं का तिथिवार शेड्युल जल्द जारी किया जाएगा। आवेदन करने की तिथि भी सीबीएसई वेबसाइट पर जारी होगी। सीबीएसई ने नोटिफिकेशन में यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा में शामिल होने के बाद हासिल किए गए प्राप्तांक ही फाइनल माने जाएंगे। इससे पूर्व आईसीएसई बोर्ड द्वारा भी 1 से 4 अगस्त के मध्य विद्यार्थियों इम्प्रूवमेंट के लिए आवेदन करने का अवसर दिया गया था।
सीबीएसई द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार विद्यार्थी एक या एक से अधिक विषय में इम्प्रूवमेंट के लिए परीक्षा दे सकेंगे। विद्यार्थियों को इंग्लिश कोर, फिजिकल एजुकेशन, कैमेस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स, बॉयलोजी, हिन्दी कोर, कम्प्यूटर साइंस, बिजनस स्टडीज, अकाउंटेंसी, पॉलिटिकल साइंस, इकोनोम्क्सि, सोश्योलॉजी, इनफोर्मेटिक प्रेक्टिस, हिन्दी इलेक्टिव, ज्योग्राफी, साइकोलॉजी, होमसाइंस, हिस्ट्री विषय में परीक्षा देने का मौका दिया गया है। इसके साथ ही कम्पार्टमेंट, प्राइवेट, पत्राचार वाले स्टूडेंट्स की भी दिए गए समय में परीक्षाएं करवाई जाएंगी।

सिर्फ ये विद्यार्थी देंगे फीस
सीबीएसई द्वारा ली जा रही इस परीक्षा में सिर्फ चुनिंदा विद्यार्थियों से ही परीक्षा शुल्क लिया जाएगा। इसमें वे शामिल हैं जिन्होंने पहली बार परीक्षा दी है और रिजल्ट कम्पार्टमेंट रहा है। अन्य सभी आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क से मुक्त रखा गया है।

अन्ता (बारां). गैस विद्युत परियोजना के एक कर्मचारी से मंगलवार को साइबर ठग ने झांसा देकर 6.76 लाख ठग लिए।
एनटीपीसी कर्मी नरेन्द्र कुमार राठौर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि पिछले दिनों उसने बेटे ऋषभ का हवाई टिकट ऑनलाइन बुक कराया था। इसे बाद में रद्द कराना पड़ा। इसी रिफंड राशि को लेकर उसके पास मंगलवार सुबह फोन आया। साइबर ठग ने खुद को हवाई यात्रा कम्पनी का कर्मचारी बताकर रिफंड राशि भेजने के लिए एक एप डाउनलोड कराने के बाद उनके बैंक खाते को लॉगिन कराया। इसके तुरंत बाद 99 हजार रुपए कटने का संदेश मिला तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। बैंक खाते को लॉक कराया, लेकिन तब तक ठग ने सात बार में खाते से 6.76 लाख की राशि स्वयं के खाते में डाल ली।

ठग का मुम्बई शाखा में है खाता
ठगी गई राशि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की मुम्बई शाखा में ट्रांसफर होने की सूचना के बाद स्थानीय शाखा प्रबंधक ने मुम्बई शाखा के खाते को सीज करवा दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी सूचना जयपुर स्थित साइबर सेल थाने को भेजी है।

Heavy Rain Live Update :  कोटा-बारां में बाढ़ के हालात, अजमेर से SDRF बुलाई

कोटा.

हाड़ौती में पिछले करीब एक सप्ताह से सक्रिय मानसून से अब हालात बिगडऩे लगे है। बारां जिले में सौ से अधिक गांव टापू बन गए। बारां के शाहबाद में 10 इंच बारिश हुई है। कोटा में बीते 24 घंटे में 4 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है। जिले के इटावा व सुल्तानपुर उपखंड में बाढ़ के हालात बन गए हैं। छह दर्जन से अधिक गांव टापू बने हुए हैं। सैकड़ों कच्चे मकान ढह गए हैं। इटावा में चम्बल, पार्वती व सुल्तानपुर में कालीसिंध खतरे के निशान पर बह रही है। इटावा व सुल्तानपुर उपखण्ड में एसडीआरएफ ने कमान संभाल ली है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। अयाना क्षेत्र के अयानी में 800 बीघा का तालाब पर पांच फीट की चादर चल गई है। यह तालाब कोटा जिले का सबसे बड़ा तालाब है। नदी-नालों में उफान के चलते चार दिन से रेलगांव, सीमलिया, भांडाहेड़ा के तीनों मार्ग बंद हैं।


बरधा बांध पर चली चादर, कई मार्ग अवरुद्ध-

बूंदी जिले में झमाझम बारिश का दौर जारी रहा। तेज बारिश होने से नदी-नाले उफ ने रहे। जिससे कई मार्ग अवरुद्ध हो गए। मकानों में सीलन आने से कई कच्चे व पक्के मकान धराशायी हो गए। बरधा बांध, भैरू बांध, इन्द्राणी बांध पर चादर चलना शुरू हो गई है।

Kota City : बोरखेड़ा देवली अरब रोड में कौटिल्य नगर, बालाजी आवास में नावे चली

-शहर के देवली अरब इलाके की कई कॉलोनियां जलमग्न

-निगम की टीमें घरों में फंसे लोगों को निकालने के लिए शुरू किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन

-नावों की मदद से पानी में फंसे लोगों को निकाला जा रहा घरों से

-करीब 50 कर्मचारी जुटे कार्य में, बारिश डाल रही खलल

कहां कितना बरसा (मिमी में )

- कोटा 108.3

- बूंदी 79
-तालेड़ा में 61

- केशवरायपाटन में 118
- इन्द्रगढ़ में 177

- नैनवां में 158
- हिण्डोली में 99
- शाहाबाद 255 मिमी,

- अन्ता में 74 मिमी,
- बारां में 124 मिमी

- मांगरोल में 172 मिमी
- छबड़ा में 140 मिमी

- किशनगंज में 175 मिमी
- छीपाबड़ौद में 81 मिमी

- अटरू में 166 मिमी

कोटा जिले में अब तक खातौली में सर्वाधिक बारिश

कोटा जिले में इस सीजन में अब तक कुल 5357 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मंगलवार शाम पांच बजे तक खातौली में सबसे ज्यादा 973 एमएम बारिश दर्ज की गई है।


अब तक कहां कितनी बारिश

लाडपुरा 540
दीगोद 582
पीपल्दा 903
सांगोद 690
रामगंजमंडी 365
मंडाना 376
कनवास 488
चेचट 440
खातौली 973
कुल 5357

Heavy Rain Live Update :  कोटा-बारां में बाढ़ के हालात, अजमेर से SDRF बुलाई

कोटा. कोटा जिले में लगातार हो रही बारिश से फसलों व लोगों के घरों में हुए नुकसान को देखते हुए लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने जिला कलक्टर से फोन पर बात कर प्रभावित लोगों का सर्वे करवाकर शीघ्र मुआवजा दिलवाने की मांग की है। उधर, हाड़ौती किसान यूनियन की ओर से लगातार बारिश से खेतों में पानी भरने से किसानों को हुए नुकसान का सर्वे करवाकर मुआवजा देने की मांग की है।
यूनियन के जगदीश कुमार ने बताया कि पहले समय पर बारिश नहीं होने व अब पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश से हाड़ौती में करीब 50 हजार हैक्टेयर से अधिक खेतों में पानी भरने से फसलें नष्ट होने के कगार पर है। लगभग 500 से 700 करोड़ रुपए की कृषि उत्पादन की हानि होगी और 50 हजार से अधिक किसान परिवारों को फसल खराबे का नुकसान उठाना पड़ेगा।

यूनियन की ओर से नहरी तंत्र का ड्रेनेज सिस्टम खराब होने से खेतों में बारिश का पानी भरने की समस्या उत्पन्न हुई। ऐसे में जलप्लावन वाले खेतों का सर्वे करवाकर किसानों को शीघ्र मुआवजा राशि दी जाए। घघटाना निवासी किसान मुकेश कुमार सैनी व मेहराना के कृष्ण कुमार नागर ने बताया कि खेतों में पानी भरने से सोयाबीन व उड़द की फसल खराब होने के कगार पर है।

उधर, भाजयुमो के गिर्राज गौतम ने अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का शीघ्र सर्वे करवाकर लागत के आधार पर सम्पूर्ण फसल का मुआवजा देने की राज्य सरकार से मांग की है। गौतम ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने चम्बल सिंचित क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम के लिए 1275 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे, लेकिन उसका सदुपयोग नहीं किया गया।

कोटा. भामाशाह मंडी में मंगलवार को विभिन्न कृषि जिंसों की 20 हजार बोरी आवक हुई। सरसों 250, सोयाबीन 200 रुपए प्रति क्विंटल भाव मंदे रहे। लहसुन की आवक करीब 4,000 कट्टे की रही। लहसुन 200 रुपए मंदा रहा। लहसुन 1600 से 7800 रुपए प्रति क्विंटल बिका। किराना बाजार में भाव स्थिर रहे।

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भाव : गेहूं मील 1600 से 1761, गेहूं टुकड़ी एवरेज 1760 से 1860, गेहूं बेस्ट टुकड़ी 1850 से 1931, सोयाबीन 7500 से 9500, सरसों 6200 से 6751, धान सुंगधा 1800 से 2200, धान (1509) 1800 से 2300, धान पूसा वन 2300 से 2530, धान (1121) 2100 से 2601, मक्का 1600 से 1750, अलसी 6800 से 7300, तिल्ली 6500 से 7850, ग्वार 3000 से 3900, मैथी 5500 से 6500, कलौंजी 16000 से 19500, जौ 1500 से 1800, ज्वार 1300 से 3000, मसूर 5000 से 5400, चना 4400 से 4661, चना गुलाबी 4200 से 4600, चना मौसमी 4200 से 4550, चना कांटा 4000 से 4450, उड़द 3000 से 6500, धनिया पुराना 4500 से 5800, धनिया नया बादामी 5800 से 6100, धनिया ईगल 6100 से 6400, धनिया रंगदार नया 6500 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल रहे।

खाद्य तेल (भाव 15 किलो प्रति टिन): सोया रिफाइंड: फॉच्र्यून 2430, चम्बल 2410, सदाबहार 2345, किचन लाइट 2220, दीपज्योति 2360, सरसों स्वास्तिक 2660, अलसी 2540 रुपए प्रति टिन।
मूंगफली: ट्रक 2830, स्वास्तिक निवाई 2600, कोटा स्वास्तिक 2510, सोना सिक्का 2670 रुपए प्रति टिन।

देसी घी: मिल्क फूड 5900, कोटा फ्रेश 5750, पारस 5850, नोवा 5900, अमूल 6300, सरस 6550, मधुसूदन 6400 रुपए प्रतिटिन।
वनस्पति घी: स्कूटर 1710, अशोका 1710 रुपए प्रतिटिन।
चीनी: 3520-3550 प्रति क्विंटल।

चावल व दाल: बासमती चावल 5600-7200, पौना 4500-5200, डबल टुकड़ी 3800-4300, टुकड़ी 2400-3000, गोल्डन बासमती साबुत 5200-7000, पौना 3000-3800, डबल टुकड़ी 2500- 3000, कणी 2000-2500, तुअर 8500-9800, मूंग 7000-7400, मूंग मोगर 7500-8500, उड़द 7500-8300, उड़द मोगर 7500-9500, मसूर मलका 7400-8000, चना दाल 6000-6200, पोहा 2700-3700 रुपए प्रति क्विंटल।

सोने-चांदी में मंदी
कोटा. स्थानीय सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने-चांदी के भावों में मंदी रही। चांदी 300 रुपए मंदी के साथ 68,700 रुपए प्रति किलो बोली गई, जबकि जेवराती सोना 50 रुपए मंदी के साथ भाव 49,400 रुपए प्रति दस ग्राम रहे।
भाव: चांदी 68,700 रुपए प्रति किलोग्राम, कैडबरी सोना प्रति 10 ग्राम 49,400 रुपए, शुद्ध सोना प्रति 10 ग्राम 49,650 रुपए बिका। टैक्स व अन्य खर्चे अलग।

अंडा बाजार
कोटा. अंडा कारोबार में फार्मी अंडा 460 रुपए प्रति सैकड़ा, 150 रुपए प्रति प्लेट, 70 रुपए दर्जन।

कोटा.
कोटा संभाग के शाहबाद व इटावा-सुल्तानपुर में भारी बरसात के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। बारां के शाहबाद उपखण्ड में कई गांव टापू बने हुए हैं। कई गांव जलप्लावन जैसे हालात में आ गए हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए अब हैलीकाप्टर की मदद ली जाएगी। बुधवार सुबह हेलीकॉप्टर बारां पहुंचेगा। सुबह से ही हवाई रेस्क्यू शुरू किया जाएगा। जिससे बाढ़ मेंं फंसे लोगों को जल्द राहत मिल सके। आपको बता दें कि बारां के शाहबाद उपखण्ड में लगातार बरसात जारी रहने से बचाव-आपदा में जुटे एसडीआरएफ के दलों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। फिर भी एसडीआरएफ दल बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर रहे हैं। मंगलवार सुबह से शुरू हुआ रेस्क्यू देर रात तक जारी है।


इधर कोटा जिले में पार्वती नदी में पानी की भारी आवक ने इस साल पिछले सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इससे खातौली क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए। यहां पार्वती नदी में 201 मीटर तक पानी आने पर चेतावनी जारी कर दी जाती है और 202 मीटर के स्तर पर पानी आते ही खतरे के हालात बन जाते हैं। पार्वती नदी में वर्ष 1996 में सबसे ज्यादा 207.55 मीटर अधिकतम जल स्तर मापा गया। इसके बाद मंगलवार को शाम 6 बजे नदी का स्तर खतरे का निशान पार करते हुए 207 मीटर तक पहुंच गया। इसके कुछ घंटों बाद यह स्तर 208 मीटर तक पहुंच गया जो इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा है। जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने फील्ड में जाकर हालत देखे तो उन्हें जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पार्वती नदी में जल प्रवाह के स्तर ने अब तक के सारे रेकॉड तोड़ दिए।

Flood Rescue :  हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू होंगे बारां बाढ़ में फंसे लोग

रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन, 27 जनों को सुरक्षित निकाला--
खातौली क्षेत्र में पानी भरने के कारण काफी लोग फंस गए। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि खतौली क्षेत्र में एसडीआरएफ की मदद से रात 10 बजे तक 27 लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। आपदा दलों का रेस्क्यू लगातार जारी है। जिले का भारी पुलिस बल भी क्षेत्र में मुस्तैद रहकर लोगों को बचाने में जुटा है। इटावा क्षेत्र में बुधवार को एक और एसडीआरएफ की टीम पहुंचेगी।


बिरला ने बाढ़ पर जताई चिन्ता, भाया आए आगे--
कोटा. हाड़ौती में पानी से घिरे गांवों के हालात पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चिंता जताई है। उन्होंने इटावा क्षेत्र को लेकर कोटा जिला कलक्टर से बात करके भोजन और आश्रय स्थल का बेहतर प्रबंधन करने के निर्देश दिए। इसी तरह से राज्य सरकार के गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बारां में बाढ़ के हालातों से अवगत कराया। भाया के आग्रह पर ही सरकार की ओर से बारां में बाढ़ में फंसेे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर भेजा जाएगा।


यूडीएच मंत्री ने लिया फीडबैक-
हाड़ौती में नदियों में उफान के बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अधिकारियों से फीडबैक लिया। उन्होंने कहा, ग्रामीण इलाकों सहित शहरी क्षेत्र में जलभराव वाले स्थानों पर रेस्क्यू ऑपरेशन तत्काल किया जाए। उन्होंने रेस्क्यू दलों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।


लगातार जारी है बरसात-
हाड़ौती में भारी बरसात का कहर लगातार जारी है। मंगलवार रात तक भी बरसात थमी नहीं है। मंगलवार रात में कोटा शहर समेत कई क्षेत्रों में तेज बरसात का दौर चल रहा है। कभी तेज तो हल्की बरसात हो रही है। लगातार बरसात से सरकारी भवनों एवं कई इमारतों में पानी टपकने लगा है।

कोटा.
हाड़ौती में भारी बरसात के साथ ही अब चम्बल नदी भी परवान पर आ रही है। मध्यप्रदेश एवं चम्बल के कैचमेंट एरिया में भारी बरसात के चलते मंगलवार रात से चम्बल के बांधों में पानी की भारी आवक हो रही है। पानी की आवक बढऩे के साथ ही मंगलवार रात कोटा बैराज के पांच गेट खोलकर पानी की निकासी बढ़ा दी गई हैं। पांच गेट खोलने के साथ ही कोटा से धौलपुर तक हड़कम्प का माहौल बन चुका है। कोटा बैराज के पांच गेट सेे 31 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। धौलपुर के निकट चम्बल पहले से ही खतरे के निशान पर चल रही है। अब बांधों के गेट खोलने की संख्या बढऩे के साथ ही चम्बल का खतरा बढ़ सकता है। किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए कोटा से लेकर धौलपुर तक आपदा तंत्र एवं सरकारी अमला पूरी तरह अलर्ट हो गया है।


मानसून की बारिश के कहर से अब हाड़ौती अंचल में बाढ़ के हालात बन गए हैं। पिछले चार-पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश से कई गांव टापू बन गए हैं। चम्बल व उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं। कोटा सिटी में तालाब गांव व बरड़ा बस्ती सहित कई कॉलोनियां जलमग्न हैं। तलवंडी, बोरखेड़ा व नयापुरा की कई कालोनियों के घरों में पानी भर गया है। झालावाड़ में भीमसागर बांध और उजाड़ नदी में आवक तेज हो गई है। शाहाबाद कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश के चलते लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। हाड़ौती और मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर लगातार जारी है। इस करण चम्बल के बांधों में पानी आवक बढ़ती जा रही है।

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रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट की चिन्ता बढ़ी, अफसरों की नींद उड़ी--
इधर कोटा में चम्बल नदी पर बन रहे रिवरफ्रंट को लेकर नगर विकास न्यास के अफसरों की चिंता बढ़ गई है। प्रशासन ने एतियात के तौर पर सोमवार को ही कोटा बैराज के गेट खोल दिए, मंगलवार रात को पांच गेट खोल दिए। ताकि एक साथ ज्यादा पानी छोडऩा नहीं पड़े। यदि भारी बारिश दौर इस तरह जारी रहा तो कोटा बैराज में भी पानी की आवक बढ़ेगी। चम्बल नदी पर बने बांध गांधी सागर, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर में पानी की ज्यादा आवक होने तथा ऊपर के बांधों के गेट खोलने पर कोटा बैराज पर पानी का दबाव अधिक बढ़ सकता है और अधिक गेट भी खोलने पड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में चम्बल नदी की डाउन स्ट्रीम में पानी की गति तेज होगी और नदी का उफान भी बढ़ेगा। इससे रिवरफ्रंट का कार्य भी चपेट में आ सकता है। नगर विकास न्यास के अफसरों को यह चिंता सताए जा रही है कि साल 2019 की तरह चम्बल में अथाह जल आ गया तो रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट के कार्यों का क्या होगा। जैसे-जैसे चम्बल में पानी बढ़ रहा है, न्यास के अफसरों की नींद उड़ गई है। न्यास के अफसर व कर्मचारी रात को जाग कर चम्बल के पानी पर नजर बनाए हुए हैं।

कोटा. कोटा जिले में भारी बरसात का दौर जारी है। हालत ऐसे हो गए हैं जैसे यहां बादल फट गया हो। पार्वती नदी में पानी आवक ने इस साल पिछले सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इससे खातौली क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए। यहां पार्वती नदी में 201 मीटर तक पानी आने पर चेतावनी जारी कर दी जाती है और 202 मीटर के स्तर पर पानी आते ही खतरे के हालात बन जाते हैं। पार्वती नदी में वर्ष 1996 में सबसे ज्यादा 207.55 मीटर अधिकतम जल स्तर मापा गया। इसके बाद मंगलवार को शाम 6 बजे नदी का स्तर खतरे का निशान पार करते हुए 207 मीटर तक पहुंच गया। इसके कुछ घंटों बाद यह स्तर 208 मीटर तक पहुंच गया जो इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा है। देर रात नदी में पानी की आवक और ज्यादा बढ़ गई। जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने फील्ड में जाकर हालत देखे तो उन्हें जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पार्वती नदी में जल प्रवाह के स्तर ने अब तक के सारे रेकॉड तोड़ दिए। जिले में इस सीजन में अब तक कुल 5357 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मंगलवार शाम पांच बजे तक खातौली में सबसे ज्यादा 973 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा पीपल्दा 903 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके बाद पूरी रात पानी बरसता रहा। बुधवार तडक़े तक तेज पानी बरसा। इससे हालात विकट हो गए। खातौली क्षेत्र में पानी भरने के कारण काफी लोग फंस गए। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि खतौली क्षेत्र में एसडीआरफ की मदद से रात 10 बजे तक 27 लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। इटावा क्षेत्र में बुधवार को एक और एसडीआरएफ की टीम पहुंचेगी।

कोटा. मानसून की बारिश के कहर से अब हाड़ौती अंचल में हालात ज्यादा बिगड़ गए हैं। पिछले चार-पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश से कई गांव टापू बन गए हैं। वहीं देर रात कोटा शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। चम्बल व उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं। कोटा बैराज के पांच गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। बारां में मदद के लिए सेना का इंतजार हो रहा है। बुधवार तडक़े चार बजे कोटा शहर के तलवंडी और जवाहर नगर इलाके में पानी भर गया है। महापौर राजीव अग्रवाल ने बताया कि देर रात शहर के हालात जानने निकले तो यहां अचानक बहुत बड़ी मात्रा में पानी की आवक बढ़ गई। इससे पानी ही पानी हो गया। स्टेशन क्षेत्र में भी पानी भर गया। रंगपुर पुल से सोगरिया जाने वाली पूरी सडक़ पानी में डूब गई। इसके अलावा कोटा, बारां, झालावाड़ व बूंदी में लगातार हो रही बारिश से कई नदियां, तालाब व बांध लबालब हो चुके हैं। बारिश से शहरी व ग्रामीण इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हजारों बीघा खेतों में फसलें पानी में डूब गई हंै। कई कच्चे मकान ढह गए। कई जगह रास्ते अवरुद्ध होने से गांवों का जिला मुख्यालयों से सम्पर्क कट गया। कई गांवों की बिजली आपूर्ति ठप है। बूंदी जिले के कापरेन में पक्का मकान ढहने से दबकर एक बालिका की मौत हो गई। कोटा जिले के खातौली के अठाहवां क्षेत्र में देहलोत, नयागांव, गोठड़ा, ठीकरदा समेत अन्य गांव पानी से घिर गए हैं। इन गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप है। मारवाड़ चौकी का रेलवे नाला उफान पर आने से स्टेट हाइवे कोटा-श्योपुर मार्ग बंद है। मंडावरा-रोटेदा पुलिया पर पानी से मंडावरा-बूंदी मार्ग बंद हो गया। शहर में निचली बस्तियों में पानी भर गया।

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