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176 साल बाद भी गंगा मंदिर को भागीरथ का इंतजार Thursday 05 August 2021 08:51 AM UTC+00 भरतपुर. ऐतिहासिक गंगा मंदिर परिसर में मंदिर की छत टपक रही है। बीते दो साल से मंदिर की छत में बरसात के मौसम में सीलन आ जाती है और पूरे परिसर में पानी टपकता रहता है। इससे श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वैदिक काल से ही माना जाता है कि गंगा माता सभी कष्टों को हर लेती हैं, लेकिन भरतपुर का ऐतिहासिक गंगा मंदिर इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है। इस ऐतिहासिक मंदिर को आज खुद के उद्धार के लिए भागीरथ का इंतजार है। आकाशीय बिजली का भी खतरा ऐतिहासिक गंगा मंदिर को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए निर्माण के समय ही मंदिर के शिखर पर तडि़त चालक लगाया गया था, लेकिन अब मंदिर के शिखर का तडि़त चालक मुड़ा हुआ है और उसका करीब आधा भाग गायब है। गंगा मंदिर आज की तारीख में आकाशीय बिजली से भी सुरक्षित नहीं है। रात के वक्त मंदिर के भवन पर सजावटी रोशनी फेंकने के लिए सालों पहले पर्यटन विभाग ने चारों तरफ की छतरियों में बिजली की बड़ी-बड़ी लाइटें लगवाई, लेकिन देखभाल और रखरखाव के अभाव में ये कीमती लाइटें भी टूट कर बर्बाद हो चुकी हैं। चोरी हुई पीतल की क्लिप मंदिर भवन के निर्माण के समय कारीगरों ने मंदिर के पत्थरों और दीवारों को मजबूती प्रदान करने के लिए पीतल की मजबूत क्लिपों से जोड़ा था। इससे दीवारों के पत्थर आपस में जुड़े रहते थे, लेकिन असमाजिक तत्व इन क्लिपों को तोड़कर ले गए हैं इससे अब पत्थरों के बीच में गैप आने लगा है। 90 साल में पूरा हुआ था मंदिर का निर्माण पुत्र प्राप्ति के बाद भरतपुर के महाराजा बलवंत सिंह ने वर्ष 1845 में गंगा मंदिर की नींव रखी, इसका निर्माण करीब 90 साल में पूरा हुआ। सन 1937 में महाराज सवाई बृजेंद्र सिंह ने मां गंगा की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराई। तभी से ये ऐतिहासिक मंदिर अपनी भव्यता और आस्था के लिए खासी पहचान रखता है। हकीकत ये...काम से ज्यादा कमीशन जरूरी भले ही देवस्थान विभाग ने मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य पुरातत्व विभाग के माध्यम से कराया, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या दोनों ही विभागों ने लाखों रुपए से हुए जीर्णोद्धार कार्य में पारदर्शिता को लेकर ध्यान रखा। चूंकि अक्सर पुरातत्व विभाग हो या देवस्थान विभाग, दोनों के ही ऐसे कार्यों में कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में अधिकारी भी कार्यकारी एजेंसी व ठेकेदारों पर महरबानी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। पुरातत्व विभाग की कारनामों की सूची ही इतनी लंबी है कि किसी भी स्थान पर काम कराने के बाद आंखू मूंद ली जाती है। नतीजा यह होता है कि कुछ दिन में वह स्थान पूर्व की स्थिति से भी बदतर हो जाता है। |
यूपी के मंत्री की चोरी हुई कार हाइवे पर क्षतिग्रस्त मिली Thursday 05 August 2021 04:55 PM UTC+00 भरतपुर. यूपी सरकार में पशुपालन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी की लग्जरी गाड़ी को गुरुवार तड़के उनके मथुरा स्थित आवास से अज्ञात जने चोरी कर ले गए। गाड़ी को लेकर चोर भरतपुर की तरफ भाग निकले। गाड़ी सवार लोगों का आगरा-जयपुर हाइवे स्थित एक होटल के पास हादसा हो गया जिसमें गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। जिस पर अज्ञात जने गाड़ी को हाइवे किनारे खड़ा फरार हो गए। उधर, पीछा कर रही यूपी पुलिस ने स्थानीय चिकसाना पुलिस को इलाके में चोरी की गाड़ी आने की सूचना दी। जिस पर गाड़ी हाइवे किनारे क्षतिग्रस्त हाल में मिली। बाद में गाड़ी को यूपी पुलिस के सुपुर्द कर दिया। गाड़ी में जीपीएस होने से यूपी पुलिस उसका पीछा कर रही थी।
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बातों में लगाकर उलझाया, दो जनों के खाते से 1.72 लाख रुपए पार Thursday 05 August 2021 04:58 PM UTC+00 भरतपुर. बयाना थाना क्षेत्र निवासी दो जनों को अज्ञात जनों ने झांसा देकर बैंक खाते से 1.72 लाख रुपए पार कर लिए। पीडि़तों ने बुधवार को थाने पहुंचकर अज्ञात जनों के खिलाफ रिपोर्ट दी है। कस्बा निवासी उमेश चंद ने बताया कि उसने मोबाइल से ऑनलाइन बिजली का बिल जमा किया था। लेकिन गलती से बिल दो बार जमा हो गया। उसने एक बिल के पैसे रिफंड कराने के लिए गूगल पर बिजली डिस्कॉम का कस्टमर केयर का नंबर ढूंढ कर डायल किया। लेकिन वह नंबर साइबर ठगों को जा लगा। उन्होंने कस्टमर केयर कर्मचारी बताकर जाल में फंसा लिया और पैसे रिफंड करने के लिए उसके डेबिट कार्ड को स्कैन करा कर अपने पास मंगा लिया। एनीडेस्क एप डाउनलोड करा कर उसके मोबाइल को हैक कर लिया। उमेश ने बताया कि इसके बाद लगातार पांच बार में उसके एचडीएफसी बैंक खाते से 1.17 हजार रुपए निकल गए। ठगी का आभास होने पर वह बैंक गया और अपना कार्ड ब्लॉक कराया। इसी तरह आने पर आए गांव चकबीछी निवासी अमित कुमार धाकड़ ने बताया कि उसका खाता वीरमपुरा गांव की क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में है बैंक में सर्विस चार्ज के नाम पर उसके खाते से कुछ पैसे काट लिए थे। गत शनिवार को उसके मोबाइल पर अनजान व्यक्ति का फोन आया जिसमें अपने आप को बैंक कर्मी बताते हुए सर्विस चार्ज के नाम पर काट लिए। पैसे रिफंड कराने का भरोसा दिलाया और बातों में उलझा कर एप डाउनलोड करवा लिया। जिसके बाद उसका फोन हैक हो गया और ठगों ने तीन बार में उसके खाते से 55 हजार 235 रुपए निकाल लिए। पीडि़त सोमवार को बैंक खुलने पर बैंक पहुंचा और अपना कार्ड ब्लॉक कराया। ट्रक से 25 गोवंश कराए मुक्त, तस्कर भाग निकले
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