>>: Digest for August 06, 2021

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Table of Contents

सीकर. राजस्थान में मूसलाधार बरसात का सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहेगा। जो पश्चिमी जिलों के मुकाबले पूर्वी जिलों में ही ज्यादा देखने को मिलेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार निम्न दबाव का क्षेत्र अब कमजोर होकर उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बना हुआ है। इसी जगह पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक बना हुआ है। मानसून की रेखा अब अनूपगढ़ से होती हुई उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बने हुए नंदगांव के क्षेत्र के मध्य से गुजर रही है तथा वाराणसी पटना और मालदा होते हुए त्रिपुरा की तरफ जा रही है। वहीं, देश में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के उत्तर में बना हुआ है और यह समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक है। इस तंत्र से पूर्वी राजस्थान में हल्की से मध्यम बरसात के साथ कुछ स्थानों पर भारी बरसात हो सकती है। जबकि पश्चिमी राजस्थान में भी कुछ इलाकों में हल्की बरसात होने की संभावना है।

आज यहां भारी बरसात का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार गुरुवार को जयपुर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा व अजमेर संभागों में बरसात होने की संभावना है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर व जोधपुर संभागों में कुछेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बरसात हो सकती है। केंद्र के अनुसर गुरुवार को करौली, बूंदी, बारां, कोटा, सवाई माधोपुर में एक- दो स्थानों पर भारी से अति भारी बरसात हो सकती है। जबकि अजमेर, जयपुर, करौली, प्रतापगढ़, दौसा, चित्तोडगढ़़ व राजसमन्द जिलों में एक दो स्थानों पर भारी बरसात हो सकती है।

शेखावाटी में हो सकती है बरसात
मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को शेखावाटी इलाके में भी बरसात की संभावना है। सीकर व झुंझुनूं में कहीं कहीं हल्की से मध्यम जबकि चूरू में हल्की बरसात देखने को मिल सकती है।

स्काईमेट वेदर रिपोर्ट का अनुमान
इधर, स्काईमेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को पूर्वी राजस्थान तथा उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश तथा उससे सटे हुए क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। उत्तराखंड, बिहार के कुछ भागों, पश्चिम बंगाल, झारखंड के एक-दो स्थानों सहित तटीय कर्नाटक, कोकण तथा गोवा, सिक्किम के कुछ भागों, असम, मेघालय तथा अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक दो स्थानों पर कुछ देर के लिए तेज वर्षा संभव है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब के कुछ भागों, उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में, बचे हुए मध्यप्रदेश में, विदर्भ, केरल, दक्षिणी गुजरात और उड़ीसा के कुछ भागों में हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। हल्के से बहुत हल्की बारिश पश्चिमी राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, कर्नाटका के आंतरिक भागों, तमिलनाडु में, बचे हुए उत्तर पूर्वी भारत, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और लक्षदीप में संभव है।

सीकर. शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही शिक्षा विभाग में 60 हजार भर्ती पूरी करने की घोषणा की है। जबकि स्कूल खोलने को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ही फैसला लेने की बात कही है। मंत्री डोटासरा बुधवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नाडी दुर्गापुरा के लोकार्पण समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रीट के जरिए 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती होनी है। इसके अलावा 10 हजार नियमित कम्प्यूटर शिक्षकों की विज्ञप्ति भी जल्द जारी होगी। इसके अलावा अन्य श्रेणी के 19 हजार रिक्त पदों को भी भरकर बेरोजगारों का बड़ी सौगात दी जाएगी।

मुख्यमंत्री साफ कर चुके हैं स्थित
प्रदेश में स्कूल खोलने को लेकर डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्कूल खोलने के मामले में ट्वीट के जरिए पूरी स्थिति स्पष्ट कर चुके है। आगामी दिनों में केंद्र सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन के हिसाब से ही फैसला लिया जाएगा। डोटासरा ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के साथ सेहत भी जरूरी है। इसलिए किसी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रबंधन के क्षेत्र में सरकार बेहतरीन काम कर चुकी है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि किसी भी तरह के दाग उनके प्रबंधन पर लगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री ही अंतिम निर्णय लेंगे।

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश के लिए विधायकों के पास सिफारिश
शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा ने इस दौरान राज्य सरकार की उपब्धियंा गिनाते हुए महात्मा गांधी स्कूलों की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। विधायकों तक के पास प्रवेश दिलाने की सिफारिश आ रही है। एक-एक सीट पर प्रवेश के लिए 15 से अधिक विद्यार्थियों में दाखिले की दौड़ देखने को मिली। उन्होंने बताया कि 201 स्कूलों में लगभग 91 हजार बच्चों को शिक्षा मिलेगी। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की सरकारी स्कूलों में नामांकन बढऩे की बात भी कही। कहा कि प्रदेश में चार लाख से ज्यादा का ऐतिहासिक नामांकन बढ़ा है।

सीकर. प्रदेश में मंत्रिमण्डल पुनर्गठन में भले ही समय लग रहा हो लेकिन शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा की ओर से लगातार मंत्रिमण्डल में बदलाव के संकेत दिए जा रहे हैं। पिछले दिनों राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा व बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली के बीच हुई इस तरह की बातचीत का वीडियो वायरल हुआ था। बुधवार को अब डोटासरा ने दुर्गापुरा पिपराली स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के भाषण में इस तरह की बात का जिक्र किया। नाड़ी दुर्गापुरा पिपराली स्कूल में आयोजित भामाशाह सम्मान समारोह में शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा ने ग्रामीणों से कहा कि जो मांगना है मांग लो, कब क्या हो जाए पता नहीं। उन्होंने कहा कि समय बदलता रहता है। मंत्री डोटासरा ने कहा कि सीकर विधायक पारीक को ही देख लो। पहले इनके पास कितने बड़े विभाग थे...। दरअसल, उनके भाषण से पहले ग्रामीणों की ओर से स्कूल में नए कक्षा-कक्ष, खेल मैदान सहित अन्य मांगें की जा रही थी। इस पर उन्होंने भाषण में यह जिक्र किया। हालांकि मीडिया से बातचीत में उन्होंने मंत्रिमण्डल के सवाल को हंसकर टाल दिया।

एक मंच पर दिखे पारीक व डोटासरा
नाड़ी दुर्गापुरा में आयोजित समारोह में शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा व सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक का एक मंच पर आना भी चर्चा का विषय रहा। पीसीसी चीफ व शिक्षा राज्य मंत्री बनने के बाद डोटासरा व पारीक सार्वजनिक कार्यक्रमों में साथ नहीं दिखे। जिसकी वजह विधायक पारीक को वरिष्ठ होने पर भी मंत्रीमंडल में स्थान नहीं मिलने की नाराजगी माना जाता रहा।

ग्रामीणों की सहभागिता से बदलेगी सरकारी स्कूलों की सूरत
कार्यक्रम में शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि ग्रामीणों की सहभागिता के बिना सरकारी स्कूलों की सूरत नहीं बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि नाड़ी स्कूल में नामांकन पहले जीरो हो गया था। इसलिए सरकार ने इस स्कूल को बंद कर दिया। इसके बाद गांव का हर व्यक्ति आगे आया तो अब नामांकन ३८० तक पहुंच गया।

निजी को टक्कर दे रहे सरकारी स्कूल
डोटासरा ने कहा कि पहले सरकारी स्कूलों में वार्षिकोत्सवों का आयोजन नहीं होता था। कांग्रेस सरकार ने सभी स्कूलों को वार्षिकोत्सव के लिए भी पैसा देना शुरू किया। इससे विद्यार्थियों के आत्मविश्वास में काफी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मेहनत के दम पर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता में इजाफा हुआ है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश के लिए होड़ मची हुई है।


सीकर. प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से जारी मानसूनी सीजन ने आपदा प्रबंधन की पोल खोलकर रख दी है। हर जिले में बारिश आपदा तंत्र की परीक्षा ले रहा है। ज्यादातर जिलों में इंतजाम फेल साबित हो रहे हैं। जर्जर भवनों के गिरने से लेकर जलभराव में लोगों के बहने जैसे मामले अब तक पांच जिलों में सामने आ चुके हैं। हालात यह है कि जुलाई के आखिर तक मानसून के कमजोर रहने की वजह से आपदा तंत्र इसे हल्के में लेता रहा। इसका परिणाम अब कोटा, बूंदी, करौली, सवाईमाधोपुर व धौलपुर सहित अन्य जिलों में देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार की ओर से पिछले दस सालों में आठ बार हर जिला मुख्यालय पर आपदा प्रबंधन के लिए विशेष टीमों के गठन का दावा किया गया। जबकि हकीकत यह है कि ज्यादातर जिलों में गोताखारों के भरोसे आपदा विंग की कमान है। इनके पास संसाधनों के नाम पर महज रस्सा, परात-फावडे ही है। सरकार ने प्रदेश के 23 जिलों में मानदेय पर सिविल डिफेन्स के जवानों को लगा रखा है। इनको आपदा होने पर बुलाया जाता है।

इन उदाहरणों से समझें आपदा प्रबंधन तंत्र की हकीकत
1. कुई में धंसा मजदूर, 12 दिन बाद शव निकाला पिछले दिनों सीकर जिले के कोलिड़ा गांव में गटर की कुई की खुदाई करते समय मजदूर दब गया। स्थानीय आपदा प्रबंधन की टीम पांच दिन तक जुटी रही लेकिन सफलता नहीं मिली। एनडीआरएफ को भी बुलाया गया। सेना की टीम ने मोर्चा संभाला तो दो दिन में ही शव बाहर निकाल लिया।

2. बांरा में स्थिति बेपटरी, अब सेना को बुलाया बांरा जिले में तेज बारिश से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। एनडीआरएफ के साथ एसडीआरएफ की टीम फिलहाल हाड़ोती संभाग के जिलों में मोर्चा संभाले हुए है। अजमेर जिले की टीमों को भी बुला लिया गया है। यहां अब तक दस लोगों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया है। अब सेना को बुलाया गया है। 3. लोग कॉल करते रहे, नहीं पहुंची टीमकरौली, धौलपुर व सवाईमाधोपुर जिले के कई क्षेत्र पिछले सात दिन से जलमग्न है। लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कई बार कन्ट्रोल रूम में फोन किए। जवाब मिला- हमारे पास संसाधनों का अभाव है इसलिए अभी नहीं आ सकते। कुछ परिवारों ने अपने दम पर दूसरे स्थानों पर शरण ली।

बड़ी चूक: जर्जर भवन मालिकों से नहीं कराए भवन खालीबारिश के सीजन से पहले शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय व ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों की ओर से जर्जर भवन मालिकों को नोटिस जारी किए जाते हैं, लेकिन इस साल प्रदेशभर में 169 नोटिस ही जारी किए गए। कई स्थानों पर नोटिस के बाद भौतिक सत्यापन नहीं किया गया। कई जगह तो सर्वे भी नहीं किया गया।

बड़ी बेपरवाही : उपखंड मुख्यालयों पर कोई टीम ही नहींराज्य सरकार की ओर से उपखंड मुख्यालयों पर भी नागरिक सुरक्षा विभाग के कर्मचारी नियुक्त करने का मामला लंबित है। पिछली सरकार के समय प्रदेश में 13 उपखंड मुख्यालयों पर सिविल डिफेन्स के कर्मचारी लगाने की घोषणा हुई थी। लेकिन आचार संहिता की वजह से वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हो सकी।

इनका कहना है
सीकर जिले में 58 सिविल डिफेन्स के कर्मचारियों का चयन किया हुआ है। इन्हें आवश्यकता के हिसाब से बुलाया जाता है।
मदन सिंह कुडी, उपनियंत्रक, नागरिक सुरक्षा विभाग, सीकर


सीकर.
एक तरफ सरकार की ओर से ओर कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और विद्यार्थियों के वैक्सीन की डोज नहीं लगने की वजह से स्कूल-कॉलेज व कोचिंग नहीं खोली जा रही हैं। दूसरी तरफ उच्च शिक्षा विभाग के फरमानों के बाद प्रदेश के सभी विवि ने परीक्षाए कराने की तैयारी कर ली है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि की स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं गुरुवार से शुरू हो गई। परीक्षा में शामिल होने वाले सैकड़ों विद्यार्थी ऐसे है जिनके वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं लगी है। विवि ने सभी विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने का ऐलान किया है। ऐसे में सवाल है कि बिना डोज वाले विद्यार्थियों को कोरोना से कैसे बचाएंगे। बिना डोज वाले विद्यार्थियों की भी परीक्षाएं होने से विद्यार्थियों में भी काफी आक्रोश है। विद्यार्थियों का कहना है कि वैक्सीन की डोज लेने के लिए पिछले दस दिनों में सेंटरों पर जाकर खूब धक्के खाए लेकिन डोज नहीं लग सकी। इससे पहले बिना वैक्सीनेशन वाले विद्यार्थियों ने परीक्षा में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी। इस मामले में छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों की वार्ता हुई। इस पर विद्यार्थियों ने परीक्षाओं के बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया है। दूसरी तरफ कई शिक्षक ऐसे है जिनको भी पहली डोज नहीं लगी है।

गाइडलाइन खुद सरकार ने तोड़ी
सरकार की ओर से कॉलेज विद्यार्थियों की परीक्षाएं कराए जाने की घोषणा के साथ ही कहा गया कि सरकार परीक्षाओं तक सभी का वैक्सीनेशन करा लेगी। यदि वैक्सीनेशन नहीं हो पाता है तो अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा। लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया।

अगले महीने तक परीक्षाएं
शेखावाटी विश्वविद्यालय की स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं गुरुवार से शुरू होगी। स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 28 अगस्त तक होगी। वहीं स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं छह अगस्त से छह सितंबर तक होगी। शेखावाटी यूनिवर्सिटी ने कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार परीक्षा केन्द्रों की संख्या में बढ़ोतरी की है। जिन छात्र-छात्राओं के वैक्सीन एक भी डोज नहीं लगी है उन्हें भी परीक्षा में शामिल किया जाएगा।

विवि भी भूला ऑनलाइन का दावा
विवि की ओर से भी पूरे प्रदेश में नवाचार की सीख देते हुए ऑनलाइन पैटर्न पर परीक्षाएं कराने की बात कही थी। लेकिन अब विवि की ओर से ऑफलाइन ही परीक्षाएं कराई जा रही है। छात्र नेताओं का कहना है कि विवि के पास कई विकल्प थे। इधर, विवि परीक्षा सेल के अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने गाइडलाइन में इस तरह का प्रावधान नहीं किया था।
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विवि का दावा: सेंटर बढ़ाकर दी है राहत
परीक्षा आयोजन के पीछे विवि प्रशासन का तर्क है कि उच्च शिक्षा विभाग के निर्णय के हिसाब से परीक्षा कराई जा रही है। फिर भी इस बार 104 केन्द्रों पर परीक्षा होगी। जबकि पिछले साल 89 परीक्षा केन्द्र थे। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों पर आधा घंटे पहले बुलाया गया है जिससे कि सभी को सोशल डिस्टेंस के तहत बिठाया जा सके। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अरिंदम बासु ने बताया कि हर सेंटर पर सेनेटाइजर की व्यवस्था भी की गई है। परीक्षार्थियों को पानी की बोतल व सेनेटाइजर साथ लेकर आना होगा।

एक्सपर्ट व्यू: बिना प्लानिंग के परीक्षा नहीं बन जाए खतरा
एक तरफ मुख्यमंत्री की ओर से लगातार कोरोना की तीसरी लहर की आंशका जताई जा रही है। इस वजह से प्रदेश में अब तक स्कूल, कॉलेज व कोचिंग भी नहीं खुले है। दूसरी तरफ उच्च शिक्षा विभाग की ओर से बिना किसी योजना के परीक्षाएं कराई जा रही है। अब तक ज्यादातर विद्यार्थी व स्टाफ के वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। ऐसे में यह लापरवाही कही भविष्य में भारी नहीं पड़ जाए। सरकार को इस मामले में दखल देकर विद्यार्थियों को वैक्सीनेशनल में प्राथमिकता दिलानी होगी।
डॉ. कमल सिखवाल, सीकर

इधर, एनएसयूआई ने कलक्टर को बताई पीड़ा
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नागा ने इस मामले में सीकर जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी को भी पीड़ा बताई है। उन्होंने कलक्टर को बताया कि युवाओं को वैक्सीन का पहला डोज भी नहीं लगा है। जिला प्रशासन को सभी गांव-ढाणियों के साथ कस्बे व जिला मुख्यालय पर विद्यार्थियों के लिए विशेष शिविर लगाए जाने चाहिए। इस पर कलक्टर ने जल्द विशेष शिविर लगवाने का आश्वासन दिया।

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में गुरुवार देर शाम भूकंप के झटकों ने आमजन को दहशत में ला दिया। रात 8 बजकर 23 मिनट पर आए 3.6 रिएक्टर स्केल के भूकंप का केंद्र श्रीमाधोपुर व खंडेला के बीच बागरियावास में जमीन से पांच किमी नीचे रहा। जिसका असर श्रीमाधोपुर व खंडेला के अलावा नीमकाथाना व दांतारामगढ़ के इलाकों तक रहा। धरती हिलने से एकबारगी लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। हालांकि भूकंप से अब तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूंकप का अक्षांस उत्तरी दिशा में 27.428928 व और देशांतर पूर्व दिशा में 75.653533 मापा गया है।

तेज गर्जना के साथ पहला भूकंप
भूगोल विशेषज्ञ मुकेश निठारवाल ने बताया कि जमीन के नीचे प्लेट में हलचल की वजह से इस तरह की गतिविधियां होती है। जो अंचल में पहले भी हो चुकी है। लेकिन, इस बार तरंगे दस किलोमीटर गहराई से तेज गर्जना के साथ निकली है। जो पहली बार हुआ है। उन्होंनेे बताया कि ऐसी घटनाओं के कुछ दिन बाद तक सचेत रहने की जरुरत होती है। क्योंकि ऐसी घटनाओं का दोहराव होने की आशंका बनी रहती है।

घरों से बाहर निकले लोग, पक्षियों की गूंजी आवाजें
भूकंप से धरती हिलने की घटना के साथ ही मोर आदि पक्षियों की आवाज भी तेज हो गई। वहीं, घरों में बैठे लोग भी घबरा गए। अचानक पंखे व घरों की चीजें हिलने से दहशत के मारे लोग तुरंत आनन- फानन में चिल्लाते हुए घर से बाहर निकल गए। काफी देर तक बाहर रहने के बाद सब कुछ सही होना सुनिश्चित कर ही वे घरों में लौटे।

आठ महीने में दूसरा भूकंप
सीकर जिले में भूकंप आठ महीने में दूसरी बार आया है। इससे पहले पिछले साल 17 दिसंबर को सुबह 11.26 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3 नापी गई थी। भूकंप का असर सीकर के आसपास के कस्बों पलसाना, श्रीमाधोपुर, खाटूश्यामजी में रहा था।

सीकर/नेछवा. राजस्थान के सीकर जिले में एसीबी ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी की टीम ने रुल्याणी गांव के राजीव गांधी सेवा केन्द्र में 22 हजार 400 रुपए की रिश्वत राशि के साथ सरपंच, ग्राम सेवक व वरिष्ठ सहायक को रंगे हाथों पकड़ा है। जिन्होंने अपना खेत अपना काम योजना में मस्टरोल के रुपयों के भुगतान की एवज में रिश्वत मांगी थी। डीएसपी जाकिर अख्तर ने बताया कि आरोपी सरपंच मोहित कुमार, ग्राम विकास अधिकारी विरेंद्र सिंह और वरिष्ठ सहायक देवी सिंह को रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा गया है। जिन्हें शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। कार्रवाई में एसआई सुरेश चौहान, हेड कांस्टेबल रोहिताश कुमार, राजेन्द्र कुमार, मूलचंद, दिलीप, रामनिवास, कैलाश, सुरेन्द्र कुमार, सुशीला शामिल रहे।

10 से 15 प्रतिशत के लालच में फंसे आरोपी
एएसपी जाकिर अख्तर ने बताया कि पीडि़त सुल्तान पुत्र जेठूराम ने पंचायत में अपना-खेत अपना काम योजना के तहत आवेदन किया था। योजना के तहत सुल्तान के 64 हजार रूपये स्वीकृत हुए थे। इस राशि को देने के बदले ग्राम विकास अधिकारी वीरेन्द्र तंवर ने 15 तथा सरपंच मोहित पटवारी तथा वरिष्ठ सहायक देवीसिंह ने 10-10 फीसदी कमीशन मांगा था। इस पर पीडि़त ने 27 जुलाई को एसीबी में शिकायत की। जो सत्यापन में सही मिली। इस पर एसीबी ने गुरुवार को तीनों को मांगे गए कमीशन के मुताबिक 9600 तथा 6400-6400 रुपए दिया जाना तय किया। जिन्हें जैसे ही आरोपियों ने पीडि़त से लिया, वैसे ही एसीबी की टीम ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया। उन्होंने बताया कि तीनोंं आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा।

देर शाम तक चली कार्रवाई
राजीव गांधी सेवा केंद्र में एसीबी की कार्रवाई देर शाम तक जारी रही। जो दोपहर करीब एक बजे शुरू हुई थी। इस दौरान किसी को भनक तक नहीं लगी। दोपहर तीन बजे बाद धीरे धीरे घटना की जानकारी लोगों तक पहुंची। जिसके बाद सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई।

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