>>: Digest for August 08, 2021

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बाजारों में जलमग्न के हालात बन गए। आधे से ज्यादा हिस्सा पानी में डूबने से दो पहिया व चार पहिया वाहन बंद होकर खड़े हो गए। वहीं प्रशासन की शहर में दुरुस्त ड्रेनेज व्यवस्था के दावों की पोल खुल गई। बारिश से ज्यादातर नाले उफान पर आ गए तथा सफाई के अभाव में अवरूद्ध होने से पानी सडक़ों पर जमा होने से जलमग्न की स्थिति बन गई। यह बारिश भी छितराई हुई, जिससे कलक्ट्रेट क्षेत्र में 51 मिमी तथा मिनी सचिवालय क्षेत्र में 9 मिमी बारिश दर्ज की गई। तेज बारिश से होने से उमस व गर्मी से राहत मिली और तापमान में 6 डिग्री की कमी आई। जिले में कई अन्य स्थानों पर भी बारिश हुई।

शहर में दोपहर के समय तेज बारिश शुरू हुई। बारिश का यह दौर कुछ देर चला और कम हो गया, बाद में फिर से तेज बारिश आई। करीब एक घंटे से भी कम ही तेज बारिश हुई, लेकिन इतने से समय में ही शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में सडक़ों पर पानी ही पानी नजर आया। इस कारण कुछ समय के लिए शहर का जनजीवन थम सा गया। सडक़ों व बाजारों में पानी जमा होने से लोगों का वाहनों एवं पैदल चल पाना मुश्किल हो गया और लोगों ने जहां थे वहीं खड़े होकर पानी उतरने का इंतजार किया। शहर के यह हो गए थे हालात बारिश के चलते शहर में जेल चौराहे से अम्बेडकर सर्किल तक रोड पर पानी जमा होने से वाहनों का लंबा जाम लग गया। यहां रोड पर पानी ज्यादा होने से वाहन रास्ते में ही बंद हो गए, जिन्हें लोग धक्का लगा किनारे करते दिखे।

अम्बेडकर सर्किल से भगतसिंह चौराह पर सडक़ पर पानी होने से जाम की स्थिति बन गई। सामान्य अस्पताल के बाहर भी भारी मात्रा में पानी जमा हो गया, जिससे वाहन व दुकानों के बाहर रखा सामान भी पानी में डूब गया। वहीं साइकिल आदि हल्के वाहन पानी में तैरने लगे। राजर्षि कॉलेज चौराहा, एसएमडी चौराहा, कालीमोरी सहित अन्य मार्गों पर पानी जमा हो गया, स्वर्ग रोड, गोपाल टाकीज रोड, । बाजारों में हुआ पानी-पानीबारिश से चूड़ी मार्केट में घुटनों से ऊपर पानी बहने लगा, दुकानदारों ने मुश्किल से सामान को दुकानों के अंदर किया। यहां सडक़ पर पानी इतना ज्यादा था कि बाइक भी ऊपर तक डूबी दिखाई दी। घंटाघर पर भी बड़ी मात्रा में पानी भरने से जाम के हालात बन गए। अशोका टाकीज, बस स्टैण्ड रोड, बजाजा बाजार सहित अन्य क्षेत्रों में भी पानी ही पानी तथा लोग परेशान दिखाई दिए। वहीं ऐतिहासक तरणताल सागर में किशनकुंड की तरफ से खूब पानी आया। पुराना कटला स्थित जगन्नाथ मंदिर के आगे से पानी नीचे आया जिसका बहाव बहुत तेज था।

यहां आई इतनी बरसात

-अलवर कलक्ट्रेट में 51 मिमी, मिनी सचिवालय स्थित तहसील कार्यालय में 9, बहादरपुर में 12, बानसूर में 16, कठूमर में 16, किशनगढ़बास में एक, मुंडावर में 71, नीमराणा में 8, राजगढ़ में 2, रामगढ़ में 20, टपूकड़ा में 2, थानागाजी में 2, तिजारा में एक, सोड़ावास में 21, जयसमंद में 3 और सिलीसेढ़ में 15 मिमी बरसात हुई।

उमस से मिली राहत-

अलवर शहर में दोपहर एक बजे अधिकतम तापमान 34 डिग्री पर पहुंच गया था, जो बरसात के बाद घटकर 28 डिग्री पर आ गया। बरसात के कारण उमस से राहत मिली और गर्मी कम हो गई। इस बारे में भूगोल विषय के व्याख्याता मौसमविद् महेश कुमार मीणा कहते हैं अलवर में इस बार औसत से अधिक बरसात होने की संभावना है। इसी प्रकार एक बार में 50 मिमी से अधिक बरसात कई बार आएगी, जिससे बरसात की औसत पूर्ति हो जाएगी।

यह है तथ्य:

अलवर जिले में अब तक औसत बारिश-395 मिमी।

जयसमंद में पानी गेज से नीचे, सिलीसेढ़ में 20 फीट 8 इंच, मंगलसर में 11 फीट 7 इंच, मानसरोवर में 11 फीट 2 इंच, बघेरी खुद में 7 फीट 1 इंच, जैतपुर में 7 फीट 9 इंच, बावरिया में 8 फीट 1 इंच तथा सिलीबेरी में 1 फीट 1 इंच पानी है।

शहर के विकास के दावों की खुली पोल

शहर में प्रशासन की ओर से विकास के लंबे चौड़े दावे किए जा रहे हैं। जबकि स्थिति यह है कि शहर की ड्रेनेज व्यवस्था एक घंटे की बारिश झेलने की स्थिति में नहीं है। शनिवार को एक घंटे से कम समय हुई बारिश में शहर के ड्रेनेज व्यवस्था के दावों की पोल खुल गई। बारिश से पहले नगर परिषद की ओर से शहर के नालों की सफाई कराने के दावे किए थे, लेकिन थोड़ी देर की बारिश में शहर के ज्यादातर नाले उफान पर दिखे।

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