>>: Digest for August 08, 2021

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself.

Table of Contents

उदयपुर. भूपालपुरा थाना पुलिस ने निजी हॉस्पिटल में एक करोड़ 22 लाख गबन के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
थानाधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि चन्द्रा कॉलोनी आरटीओ रोड निवासी मनीष पंवार पुत्र निर्भय सिंह पंवार, श्रीनाथ मार्ग किशनगढ़ हाउस घण्टाघर हाल हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी मीरानगर सुखेर निवासी पुष्पेन्द्र सिंह पुत्र ओम सिंह को गिरफ्तार किया। यहां के कार्मिकों की ओर से लम्बे समय से हिसाब में गड़बड़ी की जा रही थी।

उल्लेखनीय है कि श्रीराम मेडीकल सृजन हॉस्पीटल के प्रोपराइटर रौनक शर्मा ने रिपोर्ट दी थी। बताया कि श्रीराम मेडीकल स्टोर पर कार्य करने वाले मनीष पंवार, सुधा राजपूत व हॉस्पीटल के रिसेप्शन पर कार्य करने वाले पुष्पेन्द्रसिंह सौलंकी, माया पटेल व रीना पटवा ने वर्ष 2016 से 2021 तक ग्राहकों से राशि प्राप्तकर बिलों में परिवर्तन कर कम राशि के बिल बनाकर मालिक को कम राशि का भुगतान किया। लगभग डेढ़ करोड़ का गबन किया। जांच में 1 करोड़ 22 लाख 97 हजार 890 रुपए का गबन किया जाना पाया गया।

उदयपुर. राजस्थान में युवाओं का कौशल विकास ठप हो रखा है। यहां की आईटीआई में अनुदेशकों के पद ही लंबे समय से खाली पड़े हैं। एेसे में युवाओं का भविष्य केवल गेस्ट फैकल्टी के भरोसे ही है। जबकि सरकार ने इन पदों को भरने की घोषणा वर्ष 2019 के बजट में की थी और दो साल बाद भी ये पद भरे नहीं जा सके हैं। दरअसल, प्रदेश में करीब 220 से अधिक सरकारी आईटीआई हैं जिनमें अनुदेशकों के करीब 3500 से अधिक पद सरकार ने स्वीकृत कर रखे हैं। इनमें से 2614 पद रिक्त पड़े हैं। यानी 75 प्रतिशत पद रिक्त हैं। वहीं, पिछले दो साल से कोरोना की मार ने बेरोजगारी को और बढ़ा दिया है, एेसे में युवाओं को निकट भविष्य में भी ये आईटीआई आत्मनिर्भर बना पाएगी या नहीं, ये नहीं कहा जा सकता है।

अलवर में सबसे अधिक पद रिक्त, इसके बाद जयपुर व उदयपुर में

प्रदेश की आईटीआई की बात की जाए तो यहां समूह अनुदेशक व कनिष्ठ अनुदेशक के कुल 2614 पद रिक्त हैं। इनमें अलवर में सबसे अधिक 167 पद रिक्त हैं। इसके बाद जयपुर 166 और उदयपुर में 152 पद रिक्त हैं। इसके अलावा रा'य के अन्य जिलों में भी कई पद रिक्त हैं।

बजट 2019 में की थी 1500 पदों की घोषणा

राजस्थान में कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग में बजट 2019 में 1500 पदों पर भर्ती के लिए राजस्थान सरकार द्वारा घोषणा की गई थी जो 2 वर्ष बीत जाने पर भी पूरी नहीं हो पाई है। राजस्थान के आईटीआई में 3537 पद स्वीकृत हैं, इसमें से 2614 पद रिक्त हैं। कनिष्ठ अनुदेशक के 2071 स्वीकृत हैं। जिनमें से 1638 पद रिक्त हैं। जो स्वीकृत पदों का 80 प्रतिशत हैं। एेसे में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो स्किल इंडिया मिशन चलाया जा रहा है, वह राजस्थान में फेल होता नजर आ रहा है।

वर्ष 2022 का सत्र शुरू होने से पूर्व 70 प्रतिशत स्थायी फैकल्टी होना अनिवार्य

केंद्र सरकार के कौशल मंत्रालय ने रा'य सरकारों को पत्र भेजकर स्पष्ट कर दिया है कि वर्ष 2022 का सत्र शुरू होने से पहले 70 प्रतिशत स्थायी फैकल्टी होना अनिवार्य है अन्यथा आईटीआई में प्रवेश लेने योग्य सीटों की संख्या को कम किया जाएगा। जिसके बाद भी वर्तमान में राजस्थान में 20 प्रतिशत से भी कम स्थायी फैकल्टी आईटीआई कॉलेजों में कार्यरत हैं।

राजस्थान में आईटीआई में समूह अनुदेशक व कनिष्ठ अनुदेशक के इतने पद रिक्त

जिला - पद रिक्त

अलवर - 167

जयपुर - 166

उदयपुर - 152

भीलवाड़ा- 143

बाड़मेर - 136

जोधपुर - 128

बांसवाड़ा - 125

कोटा - 117

बीकानेर - 109

डूंगरपुर - 106

अजमेर - 95

चित्तौडग़ढ़ - 93

भरतपुर - 88

श्रीगंगानगर - 77

झालावाड़ - 71

जालौर - 69

पाली - 65

बारां- 64

सिरोही - 60

सवाई माधोपुर - 59

नागौर - 56

झुंझुनूं - 54

सीकर - 48

धौलपुर - 46

प्रतापगढ़ - 46

जैसलमेर - 40

बूंदी - 38

दौसा - 38

हनुमानगढ़ - 36

करौली - 35

चुरू - 33

राजसमंद - 31

टोंक - 23

कुल - 2614

उदयपुर. सुहागिनों के लिए इस माह आस्था के दो दिन खास होंगे। एक हरियाली तीज और दूसरी कजरी तीज। दोनों तीज सुहागिनों के लिए खास मानी गई है। हरियाली तीज श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाएगी, जो कि 11 अगस्त को है। इस दिन सुहागिनें सुहाग की दिर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत करेंगी। इसी तरह से 25 अगस्त को कजरी तीज है। इसे सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भी सुहागिनें व्रत उपवास कर अखंड सुहाग की कामना करेगी। इस दिन निर्जल व्रत रखकर शिव-पार्वती की आराधना भी की जाती है।

हरियाली अमावस्या 8 को

हरियाली अमावस्या इस बार 8 अगस्त को है। श्रावण मास के इस खास दिन को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इसको पितृ पूजा, पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए उत्तम माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार मानव का प्रकृति से जुड़ाव को लेकर इस दिन पौधरोपण के लिए भी खास दिन माना गया है। उदयपुर में फतहसागर पाल पर हरियाली अमावस्या पर दो दिवसीय मेले की परंपरा है। कोरोना काल के चलते बीते साल भी मेला नहीं लग पाया था और इस बार भी मेला नहीं भरेगा।


जन्माष्टमी 30 को

जन्माष्टमी इस बार 30 अगस्त को है। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। कोरोना गाइडलाइन के अनुसार जन्माष्टमी मनाई जाएगी। घरों में उल्लास के साथ कृष्ण जन्म का उल्लास रहेगा, वहीं व्रत उपवास के बाद मध्य रात्रि को कृष्ण जन्म के दर्शन कर व्रत खोला जाएगा।

प्रमोद सोनी / उदयपुर. रक्षा बंधन को लेकर बाजार में राखियों की स्टालें लग गई हैं। वहीं बाजार में इस बार रंग-बिरंगी राखियों की ढेर सारी वैरायटी है। अशोकनगर रोड स्थित रक्षासूत्र के जय दोशी ने बताया कि इस बार चाइनीज व लाइट वाली राखियां नहीं हैं। हैंड मेड राखियों की कई रेंज के साथ चंदन, रुद्राक्ष की राखियों का विशेष आकर्षण है। इसके अलावा भैया भाभी जोड़ा राखी, भाई भाभीसा राखी, चूड़ा राखी, कुंदन कड़ा राखी, कलकत्ता डिजाइन, कपल राखियां, लुम्बा, कड़े, फैंसी और आकर्षक डोरे, डायमंड, कुंदन, ग्रीटिंग कार्ड और पूजन थालियां आई है। ग्रीटिंग कार्ड राखियां विशेष बिक रही है, जो 20 रुपए दर्जन से 500 रुपए सिंगल पीस तक है।

--

बच्चों के लिए भी वैरायटी
रक्षाबंधन के नितेश जैन ने बताया कि इस बार बहुत सारी डिजाइनों की राखियां आई हैं। इसमें डोरेमोन, पबजी, वड़ापाव, पानी पूड़ी, डोसा, छोटा भीम, शिनचेन, लिटिल सिंघम आदि की राखियां है। बड़ों के लिए स्टोन व कुंदन में, कलकत्ता पैटर्न में पिकॉक डिजाइन, रेशम के धागे, अमरीकन डायमंड आदि राखियों की बिक्री हो रही है।

प्रमोद सोनी / उदयपुर. रक्षा बंधन को लेकर बाजार में राखियों की स्टालें लग गई हैं। वहीं बाजार में इस बार रंग-बिरंगी राखियों की ढेर सारी वैरायटी है। अशोकनगर रोड स्थित रक्षासूत्र के जय दोशी ने बताया कि इस बार चाइनीज व लाइट वाली राखियां नहीं हैं। हैंड मेड राखियों की कई रेंज के साथ चंदन, रुद्राक्ष की राखियों का विशेष आकर्षण है। इसके अलावा भैया भाभी जोड़ा राखी, भाई भाभीसा राखी, चूड़ा राखी, कुंदन कड़ा राखी, कलकत्ता डिजाइन, कपल राखियां, लुम्बा, कड़े, फैंसी और आकर्षक डोरे, डायमंड, कुंदन, ग्रीटिंग कार्ड और पूजन थालियां आई है। ग्रीटिंग कार्ड राखियां विशेष बिक रही है, जो 20 रुपए दर्जन से 500 रुपए सिंगल पीस तक है।

--

बच्चों के लिए भी वैरायटी
रक्षाबंधन के नितेश जैन ने बताया कि इस बार बहुत सारी डिजाइनों की राखियां आई हैं। इसमें डोरेमोन, पबजी, वड़ापाव, पानी पूड़ी, डोसा, छोटा भीम, शिनचेन, लिटिल सिंघम आदि की राखियां है। बड़ों के लिए स्टोन व कुंदन में, कलकत्ता पैटर्न में पिकॉक डिजाइन, रेशम के धागे, अमरीकन डायमंड आदि राखियों की बिक्री हो रही है।

उदयपुर. जिले की खेरवाड़ा-ऋषभदेव पंचायत समितियों के ग्राम पंचायतों में अलग-अलग ग्राम पंचायतों में मनरेगा में बनाए गए केटलशेड में अनियमितताओं के मामले में हुई जांच में कई गड़बडिय़ां मिली। इन मामलों में जिला परिषद ने 34 लाख रुपए की वसूली भी कर दी है।

पूर्व में उस क्षेत्र से विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर इस प्रकार की गड़बडिय़ों की शिकायत की जिस पर जिला परिषद ने जांच के आदेश दिए थे। जांच में सामने आया कि कई स्थानों पर इन कार्यों में गड़बडिय़ां मिली, इसमें ठेकेदार से लेकर राजीविका एवं ग्राम पंचायतों के जेटीए की लापरवाहियां भी सामने आई है। सभी से अलग-अलग वसूली की गई और राशि सरकारी कोष में जमा की गई।

जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू ने बताया कि इस संबंध में जागरूक युवा संगठन और भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष समिति द्वारा शिकायत मिलने पर जॉच दल गठित करते हुए क्षेत्र में 2500 से अधिक केटल शेड की की जॉंच कराई गई, जिसमें कई कार्यों पर अनियमितता पाई गई। तत्कालीन नरेगा के अधिशाषी अभियंता राजेश बंसल के नेतृत्व में जिले में कार्यरत समस्त सहायक अभियंता एवं तकनीकी सहायकों के माध्यम से मौके पर जाकर जॉच कराई, जिसमें जॉच दल के अधिकारियों/कर्मचारियों ने अपने कार्यक्षेत्र के अतिरिक्त इन कार्यो की जॉच की। दल ने पंचायत समिति खेरवाडा, ऋषभदेव की विभिन्न ग्राम पंचायतों के गांवों में लाभार्थियों के घर जाकर जांच की। उन्होंने बताया कि जांच में दोषियों से 34 लाख रुपये की रिकवरी करवाई गई है। सीइओ ने बताया इस मामले में जिन स्थानों की शिकायतेें थी उनमेें से कई जगह अभी भी जांच की जा रही है।

उदयपुर. नवगठित पंचायत समितियों में कोरोना के चलते लम्बे समय बाद स्थाई समितियों के चुनाव होने की प्रक्रिया शुरू हुई। गुरुवार को जिले भर मेें सदस्यों के चुनाव हुए इनमें कई जगह सदस्य निर्विरोध निर्वाचत हुए। सबसे चर्चा वाले चुनाव वल्लभनगर विधानसभा के राजनीति के प्रमुख केन्द्र भींडर में हुए जहां जनता सेना का बोर्ड होते हुए उसे मात मिली। वहां ऐसा इसलिए हुआ कि भाजपा व कांग्रेस एक हो गए।

प.स. गिर्वा में भी चुनाव को लेकर दिन भर रेलमपेल रही। ऋषभदेव पंस. में सभी सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए। भींडर में 6 समितियों में 5-5 सदस्य निर्वाचन के लिए चुनाव हुए जिसमें प्रत्येक समिति में 10 पंचायत समिति सदस्यों ने नामांकन किया।

वहां कुल 19 सदस्य हैं, जिसमें जनता सेना के 9, भाजपा के 3, कांग्रेस के 3, निर्दलीय 4 सदस्य है। ऐसा माना जा रहा है कि स्थाई समितियों के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य एक होकर अपने उतारे उम्मीदवारों को मतदान किया। जिससे प्रत्येक समिति में 10 मत प्राप्त करने वाले सदस्य जीत गये और जनता सेना के सदस्य हार गये। हालांकि भाजपा-कांग्रेस के सदस्यों ने एक होने की बात को नकारा, लेकिन मतगणना में जिन समितियों में भाजपा के उम्मीदवार थे उनको भी 10 मत मिले, जिन समितियों में कांग्रेस व निर्दलियों के उम्मीदवार थे उनको भी 10 मिले। वहीं जनता सेना के उम्मीदवारों को 9 मत ही मिले। जो बड़ी समितियां है उसमें जनता सेना की भागीदारी नहीं रहेगी। वल्लभनगर विस में ऐसा पहले भी कई बार हुआ।

कानोड़. (उदयपुर).राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन (एनआरएचएम) के निर्देशन में नगर के सामुदायिक चिकित्सालय में निर्माणाधिन ऑक्सीजन प्लांट की अनियमितता की शिकायत की जांच विभाग के अधीक्षण अभियंता बाबूलाल माली द्वारा किए जाने व आवश्यक सुधार के निर्देश के बावजूद शुक्रवार को दिन भर ऑक्सीजन प्लांट का कार्य बंद रहा। दिन भर प्लांट पर न तो विभाग का कोई कर्मचारी पहुंचा न ही ठेकेदार ने कार्य किया। जिससे ऑक्सीजन प्लांट तय समय पर शुरू होने के सरकारी दावे फेल नजर आए। नगरवासियों का कहना है कि जल्द ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ किया जाए जिससे आगामी तीसरी लहर की आंशका से जीता जा सके । गौरतलब है कि करीब एक माह पूर्व शुरू हुए ऑक्सीजन प्लांट भवन में एनआरएचएम अधिकारियों की अनदेखी के चलते ठेकेदार द्वारा निर्माण सामग्री सहित कार्य में लापरवाही बरती जा रही थी जिसको लेकर शिकायत मिलने के बाद कांग्रेस वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधान करण सिंह कोठारी, पालिका उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह बाबेल, नेता प्रतिपक्ष व एमआरएस सदस्य दिलिप सिंह सोलंकी सहित जनप्रतिनिधियों ने भवन के हालात को देखकर अधिकारियों को सुधारने को कहा था।

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. यहां महाराणा प्रताप खेल गांव में बनी स्केटिंग रिंक उधडऩे लगी है। ये खस्ताहाल होने से अब यहां स्केटर्स की प्रेक्टिस बंद हो चुकी है। पहले जहां स्केटर्स नियमित प्रेक्टिस करते थे, वह अब बंद होने से 70 स्केटर्स की जगह अब प्रवेश कम होते होते केवल 4 ही रह गए हैं। सरकारी काम की बानगी का जीता जागता उदाहरण यह है कि इन स्केटर्स के लिए इस रिंक पर कोटा स्टोन लगाने के लिए महाराणा प्रताप खेल गांव सोसायटी के निर्णय के बाद नगर विकास न्यास ने 12 लाख का टेंडर कर दिया था, लेकिन अब तक न तो यहां कोटा स्टोन लगे और ना ही इस पर आगे कुछ काम हो पाया। हालात ये है कि अब गिने चुने स्केटर्स यहां आते हैं तो केवल एक्सरसाइज कर घर लौट जाते हैं। उनकी प्रेक्टिस पूरी तरह बंद है।

------
राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में फेल

खेलगांव में स्केटिंग रिंक के नाम पर करीब 160 मीटर का ट्रेक यानी सड़क बना रखी है। इस पर स्केटर्स भले ही स्केटिंग करते थे, लेकिन ये ट्रेक आगे की प्रतियोगिताओं के लिए किसी काम की नहीं है। राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए कोटा स्टोन या समकक्ष स्टोन से तैयार ट्रेक बने रहते हैं। ऐसे में यहां जो स्केटर्स प्रेक्टिस कर रहे हैं, वह आगे चलकर इतनी कारगर साबित नहीं होती, जितनी कोटा स्टोन वाली होती है।
-----

बच्चे गिरकर घायल होने लगे तो छोड़ दिया ट्रेक
खेलगांव में शुरुआत में करीब 70 स्केटर्स नियमित स्केटिंग के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब केवल चार ही रह गए है। इस संबंध में प्रशिक्षक जितेन्द्रसिंह भाटी ने बताया कि बच्चे इस ट्रेक पर गिरकर घायल होने लगे थे। कई बच्चों को घाव हो गए। धीरे-धीरे अधिकांश ने ट्रेक ही छोड़ दिया। अब जो बच्चे आ रहे हैं, वह भी केवल एक्सरसाइज कर चले जाते हैं।

------
ऐसा है टे्रक

- फिलहाल ट्रेक के नाम पर बनी हुई सड़क की गिट्टी बाहर आने लगी है, जैसे ही बच्चे इस पर स्केट करने के लिए आगे बढ़ते हैं वे गिरकर घायल होने लगते हैं। वाली बना रखी है, कुछ प्रतियोगिताएं जैसे रोड इवेंट के लिए ये ट्रेक काम आ सकता है, लेकिन इसे बेहतर होना चाहिए।
- ज्यादातर बच्चे सीबीएसई की प्रतियोगिताओं में आगे जाते हैं, स्टेट व नेशनल तक, यहां अधिकांश ट्रेक कोटा स्टोन के हैं।

- टे्रक करीब तीन सौ मीटर होना चाहिए, जबकि ये इससे आधा है, ऐसे में भी सही तरीके से प्रेक्टिस नहीं हो पाती।
-----

स्केटिंग के लिए ये जरूरी...
स्केट सामान्य- 1 हजार से 1500 के बीच

क्वाट्र्स स्केट, जूते वाले होते है- 2 हजार
इनलाइन स्केटिंग- सिंगल दो पहिए एक जूते में होते हैं- 2 से 4 हजार

बच्चों की सेफ्टी पेड के लिए हेलमेट, एल्बो, नी पेड्स, हैंडसेट- पूरा सेट 7 सौ से करीब तीन हजार
----

बच्चे छोड़ते जा रहे हैं ट्रेक
स्केटिंग रिंक उधड़ चुकी है। ऐसे में यहां कोई स्केटर्स अब आने के लिए तैयार नहीं है। पहले जहां 70 का रोल था, अब केवल चार ही रह गए है, जो प्रेक्टिस नहीं कर पाते हैं। इस टे्रक पर कई बच्चे स्केटिंग करने के दौरान गिरकर घायल हो चुके हैं। प्रेक्टिस के लिए टे्रक तो बेहतर होना ही चाहिए।

जितेन्द्रसिंह भाटी, प्रशिक्षक रॉल बॉल स्केटिंग कोच, खेलगांव
----

करीब 12 लाख के टेंडर किए गए हैं। पहले जिसके टेंडर थे वह ठेकेदार नहीं आने से काम आगे नहीं बढ़ पाया। कोशिश कर रहे हैं कि जल्द ही कोटा स्टोन लगे ताकि खिलाडिय़ों को सहूलियत मिले।
शकील हुसैन, जिला खेल अधिकारी

-----
तीन बार टेंडर किए हैं, जो ठेकेदार आता है वह इसका काम नहीं कर पाता। ऐसे में हम एक बार फिर कोशिश कर रहे हंै कि इसका टेंडर कर इसे अच्छा करें, वैसे तो ये काम क्रीड़ा परिषद व खेल विभाग का है, लेकिन यूआईटी जनहित में ये काम कर रही है।

अरुणकुमार हसीजा, सचिव, नगर विकास प्रन्यास व उपाध्यक्ष, महाराणा प्रताप खेल गांव सोसायटी

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. उदयपुर में फिलहाल कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां लगातार संक्रमित सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को यहां 4 संक्रमित मिले। चार पॉजिटिव मिले, जयपुर में 6 संक्रमित के बाद हम दूसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा नागौर व सवाई माधोपुर में 2-2, अलवर, दौसा, धौलपुर, जैसलमेर, पाली व राजसमन्द में 1-1 संक्रमित मिले, जबकि अन्य सभी जिलों में एक भी रोगी सामने नहीं आया है। प्रदेश में कुल 20 संक्रमित सामने आए।
---------------
सीएमएचओ डॉ. खराड़ी ने बताया कि शहरी क्षेत्र में तीन नए व ग्रामीण क्षेत्र में एक नया मामला मिला। हाथीपोल थाना, कोफी कल्चर शोभागपुरा, पडूणा गिर्वा व सेक्टर 13 हिरणमगरी में रोगी मिले। अब तक कुल 56341 पॉजिटिव हो चुके हैं, इनमें से 55530 डिस्चार्ज किए गए हैं, जबकि 57-57 रोगी होम आइसोलेशन व एक्टिव हैं। सीएमएचओ डॉ. खराड़ी ने बताया कि विभागानुसार अब तक कोरोना से 754 लोगों की मौत हुई है।संक्रमण के मामले में जयपुर के बाद उदयपुर दूसरे स्थान पर हैं।

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि को राजसमन्द के डाबियो का गुड़ा, तहसील देलवाड़ा में सरकार ने 15 एकड़ भूमि आवंटित की है। राजसमन्द जिला कलक्टर अरविन्दकुमार पोसवाल ने विवि के कुलपति प्रो. अमेरिकासिंह को शुक्रवार को भूमि का पट्टा सौंप दिया। प्रो सिंह ने बताया कि उपखंड अधिकारी नाथद्वारा के प्रस्ताव के अनुसार राजस्व गांव डाबियों का गुड़ा, तहसील देलवाड़ा में यह भूमि आवंटित की गई है। विश्वविद्यालय की ओर से इस पर एक्सीलेंसी सेंटर स्थापित किया जाएगा। प्रो. सिंह लम्बे समय से इस भूमि के लिए प्रयासरत थे। उन्होंने बताया कि आराजी नम्बर 515 रकबा, 8.06 बीघा व आराजी नम्बर 539 रकबा 19.6 बीघा में से प्रस्तावित 15.14 बीघा कुल किता 2, रकबा 27.12 बीघा भूमि में से प्रस्तावित 24 बीघा यानी 15 एकड भूमि का पट्टा दिया गया है। सरकार भू राजस्व के माध्यम से स्कूलों, कॉलेजों, चिकित्सालयों, धर्मशालाओं व सार्वजनिक उपयोग के अन्य भवन निर्माण के लिए अनाधिवासित राजकीय कृषि भूमि का आवंटन करती है। नियम 1963 व भू राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के तहत यह भूमि दी गई है।
-------
श्रीनाथ जी सेंटर फॉर एक्सीलेंसी के लिए इस भूमि पर 23 अगस्त को शिलान्यास होगा। कुलपति सिंह ने बताया कि शिलान्यास कार्यक्रम ऑनलाइन ऑफ लाइन दोनों मोड पर होगा। इसमें देश परदेश की कई हस्तियां शिरकत करेगी। साथ ही देश के विभिन्न प्रतिष्ठित मंदिर मंदिरों के ट्रस्टी, श्रीनाथ मंदिर के मुख्य ट्रस्टी व संभाग के कई भामाशाह, जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम से जुड़ेंगे।

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. जिले में शुक्रवार को 4750 लोगों ने एंटीकोरोना टीके लगवाए। आरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य ने बताया कि बडग़ांव में 373, भींडर 323, गिर्वा 497, गोगुन्दा 11, झाड़ोल 72, खेरवाड़ा व झाड़ोल 0, लसाडिय़ा 21, मावली 1538, ऋषभदेव 99, सलूम्बर 277, सराड़ा 874 व उदयपुर शहर में 665 टीके लगे। कुल 4750 टीके लगाए गए।
---------

शहर में आज 11 स्थानों पर लगेगी कोविशील्ड
कोरोना से बचाव व सुरक्षा के लिए शहर में शनिवार को 11 वैक्सीनेशन केन्द्रों पर आयोजित सेशन में कोविशील्ड की डोज लगाई जाएगी। आरसीएचओ डॉ. आदित्य ने बताया कि आरएनटी मेडिकल कॉलेज साइट 1 पर केवल पहली डोज तथा आरएनटी साइट 2 व साइट 3 पर कोविशील्ड की केवल दूसरी डोज, जबकि सेटेलाइट हॉस्पिटल हिरणमगरी सेक्टर 6, जिला अस्पताल अम्बामाता, अटल सभागार हिरण मगरी सेक्टर 4, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बोहरा गणेश जी, सेक्टर 12 सवीना, राजा चौक अम्बावगढ़ कच्ची बस्ती अम्बामाता, बाल शिक्षा सदन स्कूल वार्ड नं 10, सज्जन नगर, चैम्बर भवन चैम्बर ऑफ कॉमर्स कलड़वास, राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय सेक्टर 9 विजय सिंह पथिक नगर में आयोजित सेशन में कोविशील्ड की दोनो डोज लगाई जाएगी। आरएनटी की तीनों साइट्स सहित सेटेलाइट सेक्टर 6, जिला अस्पताल अंबामाता व अटल सभागार में ऑनलाइन बुकिंग के आधार पर वेक्सीन लगेगी, जबकि शेष सभी केन्द्रों पर ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा।

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. कोरोना की दूसरी लहर में चिकित्सा विभाग के राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, नियमित टीकाकरण सहित कई योजनाएं प्रभावित हुई हैं। अब इन्हें गति देने के साथ ही राष्ट्रीय कार्यक्रमों के वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्यों को जल्द से जल्द अर्जित करना है। यह बात आज चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जुल्फि कार अली काजी ने मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण योजनाओं के लिए आयोजित समीक्षा बैठक में कही। बैठक में संयुक्त निदेशक काजी एवं उपनिदेशक डॉ. पंकज गौड़ ने जिले में कोविड की संभावित लहर की गई तैयारिया एवं नॉन कोविड गतिविधियां की समीक्षा की। कोरोना की तीसरी लहर आए इससे पहले हमें इन पैरामीटर को गती देकर इनमें सुधार लाना है।
सीएचसी स्तर पर कुल बैड क्षमता के अनुरूप ऑक्सीजन बेड, चिन्हित चिकित्सा संस्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना, डीजी सेट की उपलब्धता, ऑक्सीजन थैरेपी के लिए प्रोनिंग प्रशिक्षण, आईएलआई ओपीडी का संचालनए सर्वे प्लानिंग, आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता, रैपिड एंटीजन टेस्ट एवं एक्टिव व पैसिव सर्विलांस सहित विभिन्न पहलुओं की गहन समीक्षा की। सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने राष्ट्रीय योजनाओं पर बिंदुवार चर्चा की। बैठक में आरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य, डीपीएम डॉ. जीएस राव, यूपीएम वैभव सरोहा, डीएनओ प्रताप सिंह सहित सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।

उदयपुर. जिला परिषद की स्थायी समितियों के सदस्यों के चुनाव शुक्रवार को हो गए। समिति सदस्यों के चुनाव बिना विवाद हो जाए इसके लिए भाजपा व कांग्रेस के कुछ नेताओं व जिला परिषद सदस्यों ने जब से बैठक का एजेंडा निकला तब से सम्न्वय के लिए होमवर्क किया जिसका परिणाम यह रहा कि चुनाव में सभी सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए।
असल में पिछली बार जब आयोजना समिति की बैठक में हुए विवाद और चुनाव स्थगित होने से सबक लेते हुए पहले ही दोनों ही दलों के बीच संवाद के साथ समझाइश हो गई। पिछले दिनों से चल रहे समझाइश के दौर में इसी बात पर जोर था कि किसी भी स्थिति में जिले में विकास पर अड़चन नहीं आए। ये चुनाव आराम से सर्वसम्मति से हो जाए ताकि आगे कार्य अच्छे से चलते रहे। बैठकों में आयोजना समिति के चुनाव को लेकर बिगड़े माहौल की तस्वीरें और आज तक वापस चुनाव नहीं होने की बात भी बीच-बीच में रखी गई। भाजपा की तरफ जिला प्रमुख ममता कुंवर, उप जिला प्रमुख पुष्करलाल तेली, भाजपा देहात अध्यक्ष भंवर सिंह पंवार, गिर्वा के पूर्व प्रधान तख्तसिंह शक्तावत और कुछ विधायक तो कांग्रेस से देहात अध्यक्ष लालसिंह झाला, जिला परिषद सदस्य ख्यालीलाल सुहालका, कामिनी गुर्जर ने भागीदारी निभाई।
निर्वाचन अधिकारी अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी शैलेष सुराणा ने चुनाव प्रक्रिया शुरू कराई। इसके साथ सर्वसम्मति होने से निर्विरोध चुनाव हुए। समितियों में मुख्य समिति प्रशासन एवं स्थापना समिति है।

हंगामे से बचने भाजपा—कांग्रेस साथ ​बैठे और चुन लिए निर्विरोध सदस्य

ये चुने गए समितियों में सदस्य
1. प्रशासन व स्थापना : पुष्कर तेली, कामिनी गुर्जर, कुरीलाल, पुष्पा शर्मा व रीनादेवी
2. वित्त एवं कराधान : चुन्नीलाल, रणजीत कुमार, मनोहरलाल मीणा, संतोषी मीणा व शंकरलाल पटेल
3. विकास एवं उत्पादन कार्यक्रम : ख्यालीलाल, सुनीता मांडावत, धर्मेन्द्र कुमार, मदन सिंह कृष्णावत व सविता देवी
4. शिक्षा : विशल्या कोठारी, रोड़ीलाल, खुशबु, केशवलाल व दौलत सिंह
5. ग्रामीण जलप्रदाय, स्वास्थ्य व स्वच्छता : अरुणा, फेफाबाई, कालुराम मीणा, मंगलीदेवी व चुन्नीलाल भील
6. ग्रामीण विकास : ललित कुमार शर्मा, दूदाराम डांगी, खूबीलाल, इन्दिरा व लक्ष्मणलाल

आज अध्यक्ष चुनेंगे
समितियों में चुने गए सदस्य शनिवार को अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। इसके लिए भी सर्वसम्मति पर संवाद हुआ है और पूरा प्रयास है कि शुक्रवार की तरह ही चुनाव हो जाए।

हंगामे से बचने भाजपा—कांग्रेस साथ ​बैठे और चुन लिए निर्विरोध सदस्य

गिर्वा प.स. में भी निर्विरोध चुने
इधर, जिले भर में पंचायत समितियों में भी समितियों के अध्यक्ष के चुनाव हुए। प.स. गिर्वा में विभिन्न समिति अध्यक्षो के चुनाव निर्विरोध हुए। प्रशासन एवम स्थापना समिति में अध्यक्ष अनिता मीणा, वित्त एवम कराधान में पदमराज डामोर, शिक्षा समिति में बिंदु देवी गुर्जर, विकास और उत्पादन समिति में लोकेश मेघवाल, ग्रामीण जलप्रदाय एवम स्वास्थ्य समिति में बिंदु देवी, ग्रामीण विकास समिति में नारायणी देवी को अध्यक्ष निर्वाचित हुई।

ऋषभदेव में भी निर्विरोध चुने
ऋषभदेव पं.स. में प्रशासन व स्थाई समिति में प्रधान केशरदेवी, वित्त में शांतिलाल, शिक्षा में सालिगराम, विकास व उत्पादन में उप प्रधान शंकरलाल, ग्रामीण, जलप्रदाय में राजेन्द्र कुमार व ग्रामीण विकास में प्रधान केशरदेवी अध्यक्ष चुनी गई।

उदयपुर. भाई-बहन के स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को यह पर्व मनाया जाता है। लेकिन, इस साल सावन पूर्णिमा दो होंगी। दरअसल, 21 को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि का आरंभ हो रहा है। इसलिए शाम के समय पूर्णिमा तिथि होने से 21 तारीख को भी सावन पूर्णिमा से संबंधित कई शुभ कार्य करना उचित होगा। जबकि 22 अगस्त 2021 को सुबह से ही पूर्णिमा तिथि होने से उदया तिथि के नियम के अनुसार 22 अगस्त को ही पूर्णिमा तिथि का मान होगा और रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त को मनाना ही शास्त्र सम्मत है।

पंडित जगदीश दिवाकर के अनुसार, रक्षाबंधन पर भद्राकाल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्राकाल और राहुकाल में राखी नहीं बांधी जाती है, क्योंकि इन काल में शुभ कार्य वर्जित है। इस बार राखी पर भद्रा नहीं है, भद्रा काल 23 अगस्त सुबह 05.34 से 06.12 तक होगा और 22 अगस्त को पूरे दिन राखी बंधेगी जा सकेगी। भद्रा के बारे में कहा जाता है कि रावण ने भद्रा मुहूर्त में ही बहन से राखी बंधवा ली थी। एक साल बाद ही उसके कुल समेत सबका विनाश हो गया। शास्त्रों के अनुसार भद्रा शनि देव की बहन है। जिन्हें ब्रह्मा जी से शाप मिला था कि जो भी इस मुहूर्त में शुभ कार्य करेगा, वह अशुभ माना जाएगा।

रक्षा बंधन तिथि - 22 अगस्त, रविवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 21 अगस्त, शाम 03.45 मिनट

पूर्णिमा तिथि समापन - 22 अगस्त, शाम 05.58 मिनट
शुभ मुहूर्त - सुबह 05.50 मिनट से शाम 06.03 मिनट

रक्षा बंधन की समयावधि - 12 घंटे 11 मिनट
रक्षा बंधन के लिए दोपहर में समय - 01.44 से 04.23 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12.04 से 12.58 मिनट तक
अमृत काल - सुबह 09.34 से 11.07 तक

ब्रह्म मुहूर्त - 04.33 से 05. 21 तक
भद्रा काल - 23 अगस्त, सुबह 05.34 से 06.12 तक

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
शहर में कई आगजनी में हो जाए तो बुझाने वाले कर्मियों का अकाल है, निर्माण कार्य या अतिक्रमण हो तो तकनीकी दक्षता वाले अधिकारियों का टोटा है। निगम के वाहनों को हांकना हो तो चालक ही नहीं है, छोटे मोटे कार्य कराने के लिए भी वेलदार भी भाड़े के लाने पड़ते है। ले दे कर भीड़ अगर भरी पड़ी है तो सिर्फ सफाईकर्मियों की। इसके बाद भी गली-मोहल्लों की सडक़ें चकाचक नहीं है।
ये है शहर के निगम निगम के अधिकारी,कार्मिकों को लेखा जोखा। निगम में स्वीकृत 3018 पदों से 820 पद खाली पड़े है। स्वीकृत पदों से सर्वाधिक 2142 पद सफाईकर्मियों के है जिनमें महज 339 पद ही खाली है बाकि 1803 पर ये कार्य कर रहे है। दूसरे महत्वपूर्ण पदों से जेइएन से लेकर फायरमैन, चालक, कनिष्ठ सहायक सहित अलग-अलग विभागों में 481 पद खाली पड़े है। इन पदों पर जरुरत के मुताबिक ठेके के कार्मिकों को लगा रखे है तो कुछ को रिटायमेंट के बाद संविदा पर वापस लेकर काम की पूर्ति कर रहे है।
--
चालक डबल ड्यूटी दे है तो जेइएन कहां दौड़ें
शहर अतिक्रमण व निर्माण कार्यो की देखरेख के लिए कुल 22 जेइएन के पद स्वीकृत है लेकिन उनमें से 16 पद खाली है। महज 6 जेइएन में एक लम्बी छुट्टी पर है। 5 के भरोसे पूरा शहर चल रहा है। कई आग लग जाए तो बुझाने का काम फायरमैन की बजाए होमगार्ड के भरोसे चल रहा है। फायरमैन के 72 स्वीकृत पदों में से 56 पर कोई नहीं है। बचे हुए 16 में से आधे से ज्यादा अब सेवानिवृत्ति की अवधि में है जिनसे भाग दौड़ नहीं करवाई जा सकती। लिखा पढ़ी के कामों मेंं कनिष्ठ सहायकों के 33 पद खाली पड़े है महज 14 से काम चलाया जा रहा है। निगम में चालक की बात करे तो वहां पर गाडिय़ां की संख्या तो काफी है लेकिन चलाने वाले मुठ्ठी भर है। 98 चालकों के स्वीकृत पदों में महज 27 जने गाडिय़ां चला है इनमें फायर विभाग में तो चालक डबल ड्यूटियां दे रहे है।
--
ये सभी पद खाली
वित्तीय सलाहकार, उपाधीक्षक, लेखाधिकारी, पशु चिकित्सक,जेसीबी ऑपरेटर, मुख्य अग्रिशमन अधिकारी, विधि अधिकारी, उपविधि परामर्शी, विधी सहायक, वरिष्ठ पर्यावरण अधिकारी, ओटोकेड ऑपरेटर, विशिष्ठ सहायक, सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, उद्यान अधीक्षक, उद्यान निरीक्षक, विद्युत निरीक्षक, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक,गेराज अधीक्षक, प्रोगामर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, स्टेनोग्राफर, आउटडोर कलेक्शन जमादार, संगणक, वृत निरीक्षक व गार्ड काइन हाउस के एक-एक पद खाली है।
---
दो या उससे अधिक पद पर नहीं कार्मिक
स्वास्थ्य अधिकारी,अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, लेखाकार, सहायक नगर नियोजक, राजस्व निरीक्षक, कनिष्ठ अभियंता सिविल, कनिष्ठ अभियंता विद्युत,स्वास्थ्य निरीक्षक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कांस्टेबल, टिण्डल, फायरमैन, अधीक्षक, वरिष्ठ सहायक ,कनिष्ठ सहायक, गोताखोर,कनिष्ठ लेखाकार, चालक गेराज, सहायक विद्युत निरीक्षक, चालक फायर, बेलदार, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, चौकीदार, पुस्तकालय बॉय, माली,चौधरी उद्यान, वायरमैन, हेल्पर विद्युत, स्वास्थ्य जमादार, भिश्ती, सफाईकार्मिक, क्लिीनर, फीटर गेराज,कारीगर, मेट, मुंशी, फीटर वर्क, हेल्पर उद्यान, वेल्डर गेराज, नगर नियोजन सहायक पद बहुत कम लोग काम कर रहे है।
--
नगर निगम में स्वीकृत पद काफी खाली पड़े है। इसको लेकर राज्य सरकार को लिखा है। फिलहाल संविदा कार्मिकों से काम चला रहे है।
हिम्मतसिंह बारहठ, आयुक्त नगर निगम
--
नगर निगम में पदों को भरने के लिए राज्य सरकार को बार-बार पत्र लिख चुके है। पदो के खाली होने से काफी दिक्कत आ रही है, अन्य कार्मिकोंं को इधर-उधर लगा रखा है।
गोविंद सिंह टांक महापौर, व पारस सिंघवी उपमहापौर
--
कुल पद- 3018
लगे काॢमक- 2198
खाली-820
सफाईकर्मियों के 2142 पद
महज खाली-339
---

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
शहर में 4-5 दिन बाद ही रात में गाडिय़ां होटल व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा उठाती हुई नजर आएगी। यह गाडिय़ां कचरे को बलीचा प्लांट में ले जाएगी जहां पर निस्तारित किया जाएगा। इस काम में निगम का एक रुपया भी खर्च नहीं होगा और उल्टा निगम को संबंधित फर्म कचरा निस्तारण का एक लाख रुपए प्रतिमाह व प्रति व्यवसायिक प्रतिष्ठान से ली गई राशि की आधी रकम देगी। गाडिय़ां, डीजल व समस्त कर्मचारियों को खर्चा भी संबंधित फर्म ही वहन करेगी।
नगर निगम ने सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने के लिए दिल्ली ट्रेशोनोमी प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी से एक माह पहले अनुबंध किया था। 30 दिन में काम शुरू करने की अवधि के तहत एजेन्सी 8 अगस्त को अपना कार्य शुरू कर देगी।
यह एजेंसी उदयपुर नगर निगम क्षेत्र के सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठान जैसे होटल, रेस्टोरेंट्स, दुकान, कोचिंग, हॉस्टल, निजी स्कूल, ठेला गाड़ी सहित सभी व्यावसायिक काम्प्लेेक्स से कचरा उठाने का कार्य करेगी।
--
किया जा रहा सर्वे
एजेंसी द्वारा 8 अगस्त को कार्य करने के लिए शहर के व्यसायिक प्रतिष्ठान, पांच सितारा एवं तीन सितारा होटलों की सर्वे कर रही है। सर्वे में जो प्रतिष्ठान आएंगें वे निगम की लाइसेंसी सूची में मिलान कर दिय जाएगा। इससे बिना लाइसेंस व्यवसाय कर रहे लोग भी पकड़ में आएंगें। पहले चरण में एजेन्सी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा एकत्रित करेंगी। अगले कुछ ही दिनों में पूरे शहर से कचरा इसी एजेंसी के मार्फत एकत्रित किया जाएगा।
--
अब नहीं मिलेगा रात्रि को सडक़ पर कचरा
आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ व उपमहापौर पारस सिंघवी ने बताया कि शहर में संचालित होने वाले कई रेस्टोरेंट्स, होटल सहित कई व्यवसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा सारा कचरा सडक़ पर बिखेर दिया जाता है। पूरी रात आवारा स्वान एवं पशु इन कचरे की थैलियों को फाडकऱ पूरा कचरा सडक़ पर बिखेर देते हैं। कई बार व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालकों को इसके लिए पाबंद भी किया गया है लेकिन आधी रात में कचरा डालने वाले की जानकारी भी उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसलिए कोई ठोस कार्यवाही भी नहीं की जा सकती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए निगम क्षेत्र में संचालित होने वाले सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले कचरे को इक_ा करने के लिए निजी फर्म की सहायता लेने का निर्णय किया। कंपनी के पदाधिकारियों ने 8 अगस्त से यह कार्य शुरू कर देगें।

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
कोविड की महामारी के चलते इस साल भी हरियाली अमास्या का मेला नहीं भरा जाएगा। दो साल से लगातार मेला नहीं लगने से निगम को अब तक करीब 2.30 करोड़ का राजस्व का नुकसान हुआ है।
यह निर्णय बुधवार को निगम के प्रचार-प्रसार पुस्तकालय एवं सांस्कृतिक समिति की बैठक में लिया गया। समिति अध्यक्ष चंद्रकला बोल्या ने बताया कि बैठक में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले हरियाली अमावस्या मेले के आयोजन को लेकर विचार किया गया, उसके बाद राज्य सरकार की कोविड गाइडलाइन की पालना के अनुसार मेेले का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि मेले का इंतजार उदयपुर एवं इसके आस पास के क्षेत्रों सहित अन्य राज्यों के सेलानियो को भी रहता है। हजारों की संख्या में यहां मेलार्थी पहुंचते हैं।
--
पुराने समय से लग रहा है मेला
मेवाड़़ में वर्ष 1899 में तत्कालीन महाराणा फतहसिंह ने इस मेले की शुरूआत की थी जो आज तक चल रहा है। महाराणा ने अपनी पत्नी महारानी की इच्छा पर इस मेले को एक दिन से बढ़ाकर दो दिन किया था। दूसरा दिन केवल महिलाओं के लिए यह मेला लगता है। मेले में स्थानीय लोगों के साथ ही आदिवासी बहुल क्षेत्र के ग्रामीणों की आवाजावी रहती है।
--
अब तक इतना आता रहा मेले से राजस्व
मेला शुल्क
2017-18 - 83.08
2018-19 -66.45
2019-20 -115.97
2020-21 - 0
2019-20 की तुलना में 2020-21 में -115.97 घाटा
---

लोककला मंडल से चौराहे का सामर के नाम से नामकरण
समिति की बैठक में शहर के चौराहों एवं मार्गो के नामकरण में भारतीय लोक कला मंडल के बाहर सर्कल का नामकरण पद्म श्री देवीलाल सामर के नाम पर रखने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। सामर ने 1952 में भारतीय लोक कला मंडल की स्थापना कर आदिम लोक कलाओं के संरक्षण, प्रोत्साहन तथा प्रचार प्रसार के लिए अतुलनीय योगदान दिया है इसलिए प्रस्ताव का समर्थन करते हुए समिति ने अग्रिम कार्यवाही के लिए संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बैठक में प्रेषित करने का निर्णय लिया।
---

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
राज्य में चार स्मार्ट सिटी में मनोनीत किए गए स्वतंत्र निदेशकों में उदयपुर की सज्जन कटारा की नियुक्ति पर भी केन्द्र सरकार ने रोक लगा दी। इस रोक पर कटारा इसे मनमानी व धांधली बताया। राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कटारा ने कहा कि स्मार्ट सिटी के कामों में केन्द्र के साथ ही राज्य सरकार का भी पैसा लगा है। अशोक गहलोत की सरकार ने इन पैसों में कभी कमी नहीं आने दी। स्मार्ट सिटी में करोड़ों के काम हो रहे है और पारदर्शिता व देखरेख के लिए स्थानीय लोगों की नियुक्ति आवश्यकत है। इसी मंशा से राज्य सरकार ने उनकी भी नियुक्ति की थी। नियुक्ति होने के बाद स्मार्ट सिटी के कामों को देखा था। चारों तरफ अभी शहर खुदा पड़ा है। सीवरेज के हालत खराब है, जगह-जगह ओवरफ्लो हो रहे है। आयड़ नदी का काम अब तक शुरू नहीं हो सका। हिरणमगरी की स्मार्ट सीवरेज की हालत खराब है।
--
रेनबसेरे के सामने गंदगी का ढेर
चेतक पहाड़ी बसस्टेंड के पास रेनबसेरे के सामने गंदगी का ढ़ेर लगा पड़ा है। विकास गंदगी से चारों तरफ दुर्गन्ध फैल रही थी। रेनबसेरा के पास ही लवकुश स्टेडियम और प्रेस क्लब है फिर भी कोई ध्यान देने वाला नहीं है ना ही इस क्षेत्र के पार्षद का ध्यान इस और जाता है।

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
नगर निगम में सहवृत व कांग्रेस के चुनिंदा पार्षदों ने मंगलवार को निगम के गेराज समिति पर छापा मारा। मौके पर उन्हें एक निजी एम्बुलेंस व टेम्पो मिले, जिनके वहां पर ठीक होने को लेकर बवाल मचाया। जांच में यह गाडिय़ां उपमहापौर की ओर से उनकी संस्था की होना सामने आने पर उनके वहां खड़े करने का लेकर पार्षदों ने हंगामा किया। सूचना पर उपमहापौर पारस सिंघवी व गेराज अधीक्षक मनोहर चौधरी मौके पर पहुंचे। सिंघवी ने उन्हें संस्था के वाहनों के दस्तावेज नहीं होने से वहां खड़े होने की जानकारी दी तो चौधरी ने यह वाहन निगम को दान करने के लिए कार्रवाई जारी होने के बारे में बताया।
सुबह पार्षद हितांषी शर्मा, संजय भगतानी, शंकर चंदेल व सहवृत पार्षद गोपाल राय नागर, मदन सिंह बाबरवाल, मोहम्मद शादाब, भगवती डांगी, नेहा कुमावत, शहनाज अयुब, रविन्द्रपाल सिंह कप्पू, गणेश शर्मा,रवि कुमावत सुबह गैराज समिति पहुंचे और उन्होंने वहां निरीक्षण किया।
--
मौके पर यह मिला
- गैराज प्रभारी अधिकारी लखन लाल बैरवा ने 4 माह पूर्व में ही से गैराज शाखा में आना बताया लेकिन उन्हें चार्ज में लिए सभी वाहनों की जानकारी पर अनभिज्ञता जताई।
- मौके पर दो निजी वाहन वेन एक टेम्पो मरम्मत होते मिले। पूछने पर किसी के दान देने की जानकारी लेकिन उनके विधिवत दस्तावेज नहीं दिखाए।
- राज्य सरकार द्वारा नगर निगम को सफाई व्यवस्था के लिए 6 वाहन दिए जो अनुपयोगी पड़े मिले।
- उपमहापौर को गाड़ी किस खाते में दी और 24 घंटे उनके पास गाड़ी क्यों रहती है।
-- ----
कोरोना की भयावह स्थिति में हमने अग्रवाल समाज व लायंस क्लब की मदद से एम्बुलेंस ली थी। उन्होंने निगम को भेंट करने से इनकार कर दिया मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें लेकर आया और जनता की सेवा में लगाई। टेम्पो में पक्षियों के लिए दाना व टंकियां लगा रखी है। दोनों वाहनों के दस्तावेज आरटीओ से नहीं आने पर उन्हें गेराज में खड़ा कर रखा है। वहां खड़ा करना कोई अपराध नहीं है, निगम के गेराज की ओर से उनमें एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया। एक भी आरोप साबित कर दे तो सार्वजनिक जीवन से संयास ले लूगां। दस्तावेज मिलते ही यह दोनों वाहन जनता की सेवा में लगेंगे।
पारस सिंघवी, उपमहापौर
--
गेराज का कार्यभार संभालने से पहले इसका सालाना खर्चा करीब 13 करोड़ था, जिसे कम करके हम इसे 8 करोड़ के आसपास लेकर आए है। पेट्रोल व डीजल पर काफी बचत की है। दो गाडिय़ों पर आरोप लगा रहे है, यह गाडिय़ां निगम को भेंट कर रहे है, यह कार्रवाई चल रही है। भेेंट का कह दिया है तो काम तो करवा सकते है। राज्य सरकार के छह वाहन जो आए है उनकी जरुरत नहीं होने से हमने राज्य सरकार को पत्र लिखा है, उनसे दूसरे वाहन मांगें है, जिसके कारण व खड़े है।
मनोहर चौधरी, गेराज समिति अध्यक्ष
---

मोहम्मद इलियास/उदयपुर

शहर में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों होटलों व शो-रूम पर ग्राहकों तथा पर्यटकों को बुलाने के लिए व्यापारियों ने स्वयं व स्टॉफ के वैक्सीन के बाद शत प्रतिशत वैक्सीनेटड के बोर्ड लगाए है ताकि आगन्तुक को वह संदेश दे सके कि आप घबराए नहीं, यहां आप पूरी तरह से सुरक्षित है। कई शो-रूम पर तो कार्यरत कार्मिक अपने कपड़ों पर वैक्सीनेशन का बेच लगाकर संदेश दे रहे है कि उन्होंने टीकाकरण करवा रखा है।
कोरोना में मंदी की मार झेल चुके व्यापारी पर्यटन नगरी होने से ग्राहकों व पर्यटकों को बोर्ड में लगाकर उन्हें बुलावा दे रहे है ताकि वे शो-रूम, होटल व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर उनकी आवाजावी बनी रहे। शहर में ज्यादातर शो-रूम व प्रतिष्ठान एयरकंडीशनर है। कई सारे लोग एक साथ प्रवेश करे तो संक्रमण का खतरा बना रहता है, इसको देखते हुए जागरुक नागरिकों बहुत कम आ रहे थे। इसी का देखते हुए इन प्रतिष्ठानों द्वारा बोर्ड व बेच लगाने का यह कदम स्वयं के प्रतिष्ठान के ग्राहकों को बढ़ावा देने के साथ ही आमजन को भी वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित कर रहा है।
--
क्यो जरूरी है वैक्सीनेशन
वेक्सीनेशन की एक स्टडी के अनुसार को वैक्सीन की पहली डोज लगाने वाले 9.35 लाख लोगों की स्टडी की गई तो महज .4 फीसदी पॉजिटिव केस पाए गए। इसी प्रकार कोवि शील्ड लगाने वाले 11.6 करोड़ लोगों पर तो मात्र .2 प्रतिशत पॉजिटिव केस सामने आए। इस प्रकार वैक्सीन संक्रमण की गंभीरता को रोकने के लिए कारगर है। इससे तीसरी लहर की गंभीरता पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा। वैक्सीनेशन बीमारी की गंभीरता के साथ-साथ बीमारी अस्पताल में भर्ती मे से होने वाली मृत्युको भी कम करता है।
--
1 मार्च से 3 अगस्त तक वैक्सीनेशन
पहली डोज - 309223
दूसरी डोज - 132603
कुल - 441826
--
तेजी से टीकाकरण करने का प्रयास कर रह है। शहर के साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में टीकाकरण को लेकर रूझान बढ़ा हे जो एक पॉजिटिव संकेत है।
अशोक आदित्य, आरसीएचओ

मोहमद इलियास/उदयपुर
नगर निगम नियम और उपविधि समिति की बैठक मंगलवार को समिति अध्यक्षा सोनिका जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में होटल में यात्री कर लगाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। जैन ने बताया कि बैठक में यात्री कर उपनियम के प्रारूप पर विस्तृत चर्चा की गई। पूर्व में नगर निगम बोर्ड बैठक में शहर में होटल में रुकने वाले यात्रियों पर 500, 300 एवं 200 रुपए कर लेने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था। यह कर केवल 10 हजार, 5 हजार व 3 हजार की श्रेणी रूम किराया में देय होगा। प्रस्ताव के पालना में समिति द्वारा यात्री उप नियम बनाए गए जिसमें यात्री कर निगम द्वारा कैसे वसूला जाएगा, नगर निगम द्वारा किस प्रकार उसकी तैयारी की जाएगी आदि के साथ विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया। पूर्व बैठक में निर्णय लिया गया था कि सभी समिति सदस्य एवं अधिवक्ता इन नियमों का गहनता से अध्ययन करेंगे एवं किसी भी नियम में किसी भी प्रकार का बदलाव संभव है तो उस पर चर्चा कर अगली बैठक में इन नियमों को पारित कर अग्रिम कार्यवाही के लिए प्रेषित करेंगे। निर्णय की पालना में मंगलवार को बैठक में प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। अब निगम द्वारा शहर के प्रबुद्ध जनों से आपत्तियां आमंत्रित की जाएगी उसके बाद नगर निगम आगे की रूपरेखा तय करेगा।
उपमहापौर ने कहा कि शहर में समुचित व्यवस्था उपलब्ध करवाना नगर निगम का प्रमुख उद्देश्य हैं। इस पर निगम ने सराहनीय कार्य किया है। सभी पर्यटन व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों से अपील है कि नगर निगम द्वारा बनाए गए यात्री कर में अपना पक्ष से नगर निगम को अवगत करावे जिससे निगम आगे की कार्यवाही कर सकें।
--

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.