>>: Digest for August 08, 2021

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Table of Contents

केशवरायपाटन. क्षेत्र में प्रशासन हादसा होने के बाद ही सक्रिय हो रहा है। प्रशासन के सामने समस्या रखने के बाद भी वह अनदेखी कर रहा है। इसी लापरवाही की वजह से नाव घाट पर टीले के सहारे पुराने पुलिस थाने की सुरक्षा दीवार ढहकर दो मकानों के ऊपर गिरने से सात जानें चली गई। सात जनों की मृत्यु होने के बाद भी प्रशासन की आंखें नहीं खुल पाई।
जैन अतिशय क्षेत्र के सामने से लेकर केशव मंदिर की बुर्जों तक एक दर्जन केवट परिवार अभी भी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। इनके ऊपर 24 घंटे मौत का साया मंडराता रहता है। रात को मिट्टी ढहने व पत्थर गिरती है। कभी बाहर तो इनको मकानों के बाहर गणेश मंदिर के चबूतरे में रातें गुजारनी पड़ती है। अपने पट्टे सुधा मकानों को दूसरा कोई ठिकाना नहीं होने से छोडऩे को तैयार नहीं है। प्रशासन के पास इनको सुरक्षित बसाने की योजना भी नहीं है।

प्राचीन टीला अब बना यमदूत
तीन टीलों में बसी प्राचीन नगरी के बीच का टीला अब यमदूत बनता जा रहा है। भगवान केशवराय के मंदिर वाले इस टीले के सहारे मंदिर की सीढिय़ों से लेकर नाव घाट के पास तक प्राचीन बुर्ज बनी हुई है। जिससे मंदिर तो सुरक्षित है, लेकिन इसके आगे सुरक्षा दीवार का अभाव होने से इस टीले की मिट्टी खिसकने लग गई। बुर्जों से लेकर जैन अतिशय क्षेत्र तक मिट्टी के ऊपर बने सरकारी भवन जर्जर हो चुके हैं। इस टीले के नीचे ही एक दर्जन केवट समाज के परिवार अभी भी निवास कर रहे हैं।

दिल का दर्द जुबां पर आया
चम्बल नदी नाव घाट के रास्ते पर जैन मंदिर के सामने वाले टीले के सहारे रहने वाले केवट परिवारों की दर्द भरी कहानी उनकी जुबां पर आ गई। पत्रिका संवाददाता ने जब इन परिवारों के मुखियाओं से बात की तो उनकी आंखें भर आई। सुनील केवट ने बताया कि बारिश के समय में खतरा अधिक बढ़ गया, जिससे पूरे परिवार की चिंता बढ़ गई। चंबल में जब उफान आता है तो पानी मकानों तक आ जाता है। तेज बारिश से ऊपर से मिट्टी गिरने लग जाती है। महावीर केवट का कहना है कि हम मौत के मुहाने पर रह रहे हैं। प्रशासन ने कभी भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। हादसे में अपने परिवार के सात सदस्य खोने वाले घनश्याम केवट ने बताया कि पट्टे के मकानों में रह रहे हैं, लेकिन ऊपर और नीचे मौत का साया है। कभी नदी का डर रहता है तो कभी ऊपर किनारे की मिट्टी गिरने लगती है। मुकेश केवट ने बताया कि आमदनी का जरिया मात्र चंबल नदी में नाव का संचालन कर परिवार पालना है। वह भी अब बंद हो चुका। जहां रहते हैं वह स्थान भी सुरक्षित नहीं रहा। प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने कभी भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया।

कुछ वर्षों पहले सुरक्षा दीवार बनी थी, इसकी पूरी जांच कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। सभी परिवार सुरक्षित स्थानों पर बसें इसके लिए जिला कलक्टर से भी बात की है। इस मामले को मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया जाएगा।
राजेन्द्र चौधरी, संभाग प्रभारी, कांग्रेस

बरुन्धन. कस्बे में घोडापछाड़ नदी का पानी आने से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन में पानी जमा हो गया, इससे विद्यालय रिकॉर्ड भीग गया। कार्यवाक प्रधानाचार्य रणजीत मीणा ने बताया कि एक कक्ष में रखी विद्यार्थियों के लिए आई पुस्तकें भीग गई। यहां अन्य सामग्री और राशन भी खराब हो गया। पोषाहार प्रभारी शिवराज मीणा ने बताया कि बच्चों के लिए रखा गेहूं और अन्य सामग्री खराब हो गई। आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या तीन की कार्यकर्ता नेहा राव ने बताया कि बच्चों की पुस्तके और रिकॉर्ड भीग गया।
जर्जर घर ने बढ़ाई चिंता
नोताडा. बारिश से लगातार दीवारे ढह रही, लेकिन यहां जर्जर मकान को नहीं हटा रहे।
कस्बे में शितला माता चौक में एक दो मंजिला मकान जर्जर होकर गिरने के कगार पर आ गया। इससे आस-पास के लोगों में दुर्घटना का अंदेशा बना रहने लग गया। इधर, बारिश का पानी जमा रहने से राशन के लिए फेरा लगाकर ग्रामीणों को लक्ष्मीपुरा पहुंचना पड़ा।

नैनवां नगरपालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी, कानूनगो व पटवारी गिरफ्तार
सरकारी जमीन का फर्जी तरीके से नक्शा पास करने का मामला
15 दिन न्यायिक अभिरक्षा में भेजा
बूंदी. कोटा. नैनवां. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने सरकारी जमीन का फर्जी तरीके से नक्क्षा पास करने के 9 साल पुराने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चन्द्रशील कुमार ने बताया कि प्रकरण में एसीबी टीम ने बूंदी जिले के नैनवां तहसील के तत्कालीन पटवारी महावीर प्रसाद शर्मा, नैनवां नगर पालिका के तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक व कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी (सेवानिवृत्त) भंवरलाल चौधरी व कानूनगो छोटूलाल वर्मा को जांच के बाद गिरफ्तार कर किया है। तीनों आरोपियों को शुक्रवार को एसीबी न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 15 दिन के न्यायायिक अभिरक्षा में भेज दिया। प्रकरण में फरार अन्य 4 आरोपियों की तलाश एसीबी कर रही है।
गौरतलब है कि नागौर जिले के मेड़ता सिटी निवासी सत्यनारायण कुमावत ने नैनवां में सिवायचक भूमि पर अतिक्रमण किया था। उस पर भूखण्ड काटकर 8 जून 08 से बेचान शुरू कर दिया। अतिक्रमण की जमीन पर शकुन्तला शर्मा व संतोष शर्मा की खातेदारी भूमि थी। सत्यनारायण ने दोनों की भूमि का सौदा किया और 10 लाख रुपए लेकर जमीन का बेचान इकरारनामा 11 जून 08 को मनमोहन बिन्दल के नाम करवाया। इसके बाद सत्यनारायण ने सौदे वाली जमीन की 90बी की कार्रवाई के लिए आवेदन किया। उसने स्वयं आवेदन लिखा तथा आवेदन पत्र पर संतोष व शकुन्तला के फर्जी हस्ताक्षर करवाए। खातेदारी भूमि के साथ स्वयं द्वारा अतिक्रमण की सिवायचक भूमि को सम्मिलित कर नक्शे तैयार कर लिए और तत्कालीन पटवारी महावीर शर्मा व तहसीलदार गणेशराम जिगोनिया से मिलीभगत कर 90बी की कार्रवाई 15 अगस्त 09 को करवाई। भंवरलाल चौधरी व वरिष्ठ लिपिक शरीफ मोहम्मद ने विनायक नगर के नम्बरों का खसरा सीमांकन कनिष्ठ अभियंता से नहीं करवाकर केवल पटवारी महावीर शर्मा से करवाकर सीधे वरिष्ठ नगर नियोजक कोटा को प्रेषित कर दिया। वरिष्ठ नगर नियोजक ने 15 जनवरी को नक्शा अनुमोदित कर नगरपालिका नैनवां को भेजा। सत्यनारायण कुमावत ने शरीफ मोहम्मद से मिलीभगत कर उसमें बदलाव किया तथा उस पर वरिष्ठ नगर नियोजक कुमावत के हस्ताक्षर व मुहर को स्कैन कर अंकित किया। विनायक नगर आवासीय योजना नैनवां के भाग 1,2, 3, 4, 5, 6 के पट्टे प्राप्त करने व पंजीयन करवाने में तत्कालीन लिपिक शरीफ मोहम्मद, अधिशासी अधिकारी कमलेश कुमार मीणा, शिवपाल सिंह व अध्यक्ष रुकमणी नागर की आरोपी सत्यनारायण कुमावत, बलदेवराम जाट से मिलीभगत रही। जांच में पता चला कि सत्यनारायण कुमावत व बलदेवराम ने जो नक्शे आवेदन के साथ दिए, वह अनुमोदित नक्शे से अलग थे। उनमें भूखण्डों का साइज नहीं था तथा उन नक्शों में सिवायचक भूमि खसरा संख्या 3540, 3547 व 3525 की भूमि को भी शामिल किया था।
पूरे मामले में 7 आरोपियों पर अपराध साबित हुआ था। इस पर बूंदी जिले के नैनवां तहसील के तत्कालीन पटवारी तथा सिसोला निवासी महावीर प्रसाद शर्मा, तत्कालीन कार्यकारी अधीशासी अधिकारी (सेवानिवृत्त) भंवरलाल चौधरी तथा नैनवां कानूनगो छोटूलाल वर्मा, तत्कालीन नैनवां नगर पालिका अध्यक्ष रुकमणी नागर, नागौर जिले के मेड़ता सिटी हाल नैनवां निवासी सत्यनारायण कुमावत, अजमेर निवासी तेजपाल सिंह चौधरी, मेड़तासिटी निवासी बलदेवराम जाट के विरुद्ध अपराध साबित होने पर कोर्ट में चालान पेश करने का निर्णय किया गया था। आरोपी लम्बे समय से फरार चल रहे थे। गुरुवार को इनमें से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फरार अन्य 4 आरोपियों की तलाश की जा रही है।
'पत्रिका' ने उठाया था विनायक नगर भूमि घोटाला
नैनवां के जजावर-बांसी तिराहे पर स्थित विनायक नगर भूमि घोटाले को राजस्थान पत्रिका ने साढ़े दस वर्ष पहले सिलसिलेवार खबर प्रकाशित कर बेबाकी से उठाया था। पत्रिका ने दस फरवरी 2011 को नियम-कायदे ताक पर, 11 फरवरी 2011 को सरकारी भूमि के सौदे आदि सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की। सिलसिलेवार छपी खबरों के बाद समूचा प्रशासनिक अमला हरकत में आया और सरकारी भूमि को मुक्त कराया। पत्रिका ने एक मार्च 2011 को सरकारी भूमि मुक्त कराई व अपनी जमीन के बनाए पट्टे शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। बाद में मामला एसीबी के प्रदेश मुख्यालय पर पहुंचा और एसीबी ने जांच शुरू की। नौ वर्ष की जांच के बाद एसीबी ने मामले में नैनवां नगरपालिका की तत्कालीन पालिका अध्यक्ष रुकमणी नागर, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी भंवरलाल चौधरी, नैनवां के कानूनगो छोटूलाल वर्मा, पटवारी महावीर शर्मा, तीन कॉलोनाइजर्स सत्यनारायण कुमावत, तेजपालसिंह चौधरी व बलदेवराम जाट को आरोपी माना। इनमें से तीन ओरोपी तत्कालीन अधिशासी अधिकारी भंवरलाल चौधरी, नैनवां के कानूनगो छोटूलाल वर्मा, पटवारी महावीर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।

एक करोड़ से बने आइसीयू भवन की टपकने लगी छत
प्रतीक्षालय की टूटी टाइल्स, जिला अस्पताल के नए आइसीयू वार्ड के हाल
बूंदी. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में हाल ही बने एक करोड़ रुपये की लागत के आइसीयू भवन की छत टपक गई। वार्ड में बेडों पर पानी आ गया। प्रतीक्षालय की टाइल्स टूटकर जमीन पर गिर गई। गनीमत रही कि कोई अनहोनी नहीं हुई। निर्माण में रही खामियां बारिश में खुलकर सामने आ गई। इस नए आइसीयू का बीते दिनों में राज्यमंत्री अशोक चांदना ने लोकार्पण किया था। भवन पहली बारिश भी नहीं झेल सका। ऐसे में इसके अधिक वर्षों तक ठीक रहने पर सवाल खड़े हो गए। इधर, अस्पताल प्रशासन की माने तो लगातार बारिश से ऐसा हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आइसीयू की जरूरत को देखते हुए यहां अस्पताल के ट्रोमा वार्ड के पास ही वातानुकूलित भवन बनाया गया। भवन के बनने के बाद 9 बेड लगाए गए। इसमें मरीजों के परिजनों के बैठने के लिए भी प्रतीक्षालय बनाया गया था। करीब दो माह पहले ही इसका उद्घाटन हुआ। अब बारिश ने निर्माण की गुणवत्ता की पोल खोल दी। आइसीयू वार्ड की छत में से पानी टपकने लग गया। चिकित्सा प्रकोष्ठ से जुड़े माधव प्रसाद विजयवर्गीय ने बताया कि आमजन की राहत के लिए नया आइसीयू वार्ड बनाया गया था, लेकिन कई खामियां रहने से छतों से पानी व टाइल्स टूटकर नीचे गिर गई। जिला प्रशासन इस पर ध्यान देकर इससे दुरूस्त कराए। वहीं जिम्मेदारों पर कार्रवाई हों। भवन के बारिश में टपकने से आगे भी उपकरणों के खराब होने की आशंका बनी रहेगी।
'नए आइसीयू वार्ड का भवन बनने के दौरान छत पर फायर सिस्टम लगाने के लिए गड्ढे खोदे गए थे जो यों ही छोड़ दिए गए। जिसके चलते छतों से पानी टपकने लग गया। संबंधित ठेकेदार को इसे सही करने के निर्देश दे दिए।'
डॉ.प्रभाकर विजय, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, सामान्य चिकित्सालय बूंदी

गुढाबांध लबालब, किसानों में छाई खुशी
बड़ानयागांव. हिण्डोली उपखंड की लाइफ लाइन और जिले का सबसे बड़ा कच्चा बांध 'गुढा' मानसून की मेहरबानी के बाद लबालब हो गया। बांध में पानी की जोरदार आवक के बाद क्षेत्र के किसानों के चेहरे खिल गए। पिछली बार मानसून की बेरुखी के चलते बांध में पानी की आवक कम होने से बांध खाली रह गया था। अब 34.50 फीट क्षमता का बांध शुक्रवार शाम तक 31.80 फीट भर चुका। इससे किसानों के चेहरों पर खुशी दौड़ गई। पानी की निकासी करने के लिए 30 इलेक्ट्रॉनिक गेटों की यहां मौजूद अभियंताओं ने जांच कर ली। विभाग के कनिष्ठ अभियंता बनवारी लाल मीणा बांध पर निगरानी बनाए रहे।

 

 

नहर में बहे 3 जनों के शव मिलने के बाद दूसरे दिन मिली कार
रामगंजबालाजी. सदर थाना क्षेत्र के माटूंदा गांव के निकट बूंदी ब्रांच केनाल में शुक्रवार को कार मिली। मोगिया बस्ती के सामने सुबह एक जने को पानी मे कार दिखाई पड़ी, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पर सदर थाना पुलिस व सिविल डिफेंस के जवानों ने क्रेन की मदद से कार को निकाला। कार में तीन जने सवार थे, जिनके शव एक दिन पहले मिल चुके। साथ ही बालिका व दो युवाओं के कार में सवार होने की पुष्टि परिजनों से करवाई। 3 अगस्त से कार सहित गेण्डोली थाना क्षेत्र के भाटिया की झोंपडिय़ा निवासी हरिराम गुर्जर (30) व उसका मित्र सुनील मीणा (25), नमाना थाना क्षेत्र के गरडदा से बालिका इशानी गुर्जर (8) को को ननिहाल से लेकर शाम को लौट रहे थे। उस दिन रात्रि के समय जोरदार बरसात के चलते कार सहित तीनों जने नहर में गिर गए। जिनके शव पुलिस को गुरुवार को मिले। कार शुक्रवार को मिली।

कर्मचारियों को मिले पुराना भुगतान और पेंशन
रोडवेज बस स्टैंड पर किया विरोध प्रदर्शन
बूंदी. राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन की ओर से सेवानिवृत कर्मचारियों को पूरा भुगतान, वेतन पेंशन एवं नई गाडिय़ों की खरीद कर कर्मचारियों की भर्ती आदि मांगों को लेकर शुक्रवार को रोडवेज बस स्टैंड पर विरोध प्रदर्शन किया।
कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ वादा खिलाफी का आरोप लगाया। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष
राधेश्याम वशिष्ठ की अगुवाई में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष बद्रीलाल शृंगी, शाखा सचिव मोहनलाल शर्मा, राकेश शर्मा, रघुवीर सिंह हाड़ा, भीम शंकर शर्मा, रामपाल वर्मा, सत्यनारायण मीणा, प्रेमचंद कुमार, नारायण राठौर, नवल सैनी, वाजिद अली आदि मौजूद रहे।
रोडवेज के संयुक्त मोर्चा कर्मचारियों ने किया अद्र्धनग्न प्रदर्शन
बूंदी. राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा (एटक, सीटू, आरएस आरटीसी रिटायर्ड एम्पलॉइज एसोसिएशन सेवानिवृत कर्मचारियों की कल्याण समिति) के आह्वान पर दो माह (जून व जुलाई)के वेतन व पेंशन के भुगतान व 60 माह से बकाया सेवानिवृत्ति परिलाभों में से एक माह की राशि के तुरंत भुगतान को लेकर शुक्रवार को सेवारत व सेवानिवृत कर्मचारियों ने बस स्टैंड पर अद्र्धनग्न प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने राज्य सरकार व निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मांगों को नहीं मानने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी। इस दौरान कल्याण सीमित से रामपाल, भीम सिंह, एटक से हबीब खान, राम सिंह, सीटू से जाकिर हुसैन आदि मौजूद रहे।

सोनोग्राफी कक्ष में आग लगने से मची अफरा-तफरी
बूंदी. जिला चिकित्सालय के सोनोग्राफी कक्ष में शुक्रवार सुबह शॉर्ट सर्किट से अचानक आग लग गई। आग लगने से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। कक्ष से निकलते धुएं से कर्मचारियों को आग का पता चला। तब तक वहां रखी कुछ फाइलें व अन्य सामान जलकर खाक हो गया। आग लगने से कुछ देर अस्पताल प्रशासन सकते में आ गया।
जानकारी के अनुसार अस्तपाल में पीपीपी मोड पर सोनोग्राफी सेंटर संचालित है। सुबह अचानक धुआं निकलता हुआ देख कर्मचारियों में हडक़ंप मच गया। शॉर्ट सर्किट से कमरे की ट्यूबलाइट में आग लग रही थी। कर्मचारियों ने शीघ्र सेट की बिजली बंद कर दी और आग पर काबू पाया।

 


नि:शुल्क दवाइयों के लिए कलक्टर से मिले कांग्रेस सेवादल कार्यकर्ता
बूंदी. कांग्रेस सेवादल ने पेंशनर्स को दी जाने वाली नि:शुल्क दवाइयों को लेकर शुक्रवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार की ओर से राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सकों को जैनरिक नाम से दवाइयां लिखने के निर्देश प्राप्त है, लेकिन कुछ चिकित्सक पेंशनर्स की डायरियों में ब्रांडेड एवं अधिक एमआरपी वाली दवाइयां लिख रहे हैं। जिससे राज्य सरकार को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। कमीशन के इस खेल की जांच हों। ज्ञापन देने वालों में कांग्रेस सेवादल नेता गोपाल दाधीच, विकास शर्मा, राजकुमार सैनी, शंकरलाल बैरवा, राजेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

बारिश छोड़ गई तबाही, सब्जियां व फसलें नष्ट
केशवरायपाटन उपखंड क्षेत्र में अधिक नुकसान
इंद्रगढ़. क्षेत्र में बुधवार को हुई भारी वर्षा ने ऐसी तबाही मचाई की किसानों की सारी फसलें बर्बाद हो गई। इंद्रायणी बांध पर चादर के बाद प्लेटफार्म कई जगह से टूट गया। कालामाल होते हुए कैमला, कोटडी, बंथली, शेरिया, नीमखेड़ा, हीरापुर, बांसी होकर तलवास जाने वाले रास्ते पर करीब 5 वर्ष पहले बनी एक करोड़ से अधिक लागत की सीसी सडक़ उखड़ कर बह गई। कई सडक़ों का डामर उखड़ गया। सुमेरगंजमंडी से नयागांव सुनारी के बीच खाळ पर बना पुल टूट गया। कस्बे में सुरक्षा रैलिंग टूट गई। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। दौलतपुरा सरपंच ममता बाई मीणा ने बताया कि फसलें नष्ट होने से किसानों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। बलवन ग्राम पंचायत के सरपंच महावीर मीणा, गुढा ग्राम पंचायत के सरपंच शंकर बैरवा, मोहनपुरा ग्राम पंचायत के सरपंच अंजली जैन, सुमेरगंजमंडी सरपंच ममता बाई सैनी ने सर्वे के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा।
केशवरायपाटन. जिले में सबसे ज्यादा बारिश की मार झेलने वाले उपखंड में वर्षा का दौर थमने के बाद तबाही का मंजर दिखाई पड़ा। क्षेत्र के लोगों ने गांव, बस्तियां बचाने के लिए संपर्क सडक़ें, नहरें, ड्रेनों को काटकर पानी को निकाला। अब कटी हुई सडक़ों ने लोगों के रास्ते अवरुद्ध कर दिए।
दो दिनों से बारिश का दौर थम गया। हालांकि खेतों से पानी नहीं निकला। गुडली निवासी रामस्वरूप सुमन ने बताया कि गांव में किसानों की सब्जी की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। उपप्रधान बद्री लाल मीणा ने मुख्यमंत्री से खराबे का सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा दिलवाने की मांग की। कांग्रेस नेता सी.एल. प्रेमी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अतिवृष्टि से तबाह हुई फसलों का जल्द सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग की। लेसरदा व बंजारों की झोंपडिय़ा में पानी भरने के बाद प्रशासन ने पादडा रोड को तीन जगह से तोड़ दिया। अब आवागमन अवरुद्ध हो गया। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भवन टपकने से दवाइयों को बचा पाना मुश्किल हो गया। वैद्य नित्यानंद शर्मा ने नगर पालिका अध्यक्ष को पत्र लिखकर पुराने चिकित्सालय में कमरे दिलाने की मांग की।
आकोदा. क्षेत्र के बालापुरा रोड से दबलाना तक जाने वाली सडक़ एक महीने पहले बनी थी, जिसमें गहरे गड्ढे हो गए। ग्रामीण गोपाल बैरवा, कैलाश बेरवा, राकेश बैरवा ने बताया कि जब इस सडक़ का काम प्रगति पर था तब ही इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। अब गड्ढे परेशान कर रहे।

फसलों में खराबा होने से अन्नदाता को भरणपोषण की सताने लगी चिंता
भण्डेड़ा. कस्बे सहित क्षेत्र के गांवों में आठ दिन से चल रही बरसात के चलते खेतों में किसानों की हजारों बीघा खरीफ फसलें जलमग्न हो गई।
किसानों ने बाजारों से महंगे दामों में खाद-बीज खरीदकर फसलों की बुवाई की थी। क्षेत्र के कई खेतों में अभी भी बुवाई नहीं हुई। कई खेतों में फसलों की बुवाई के बाद पंद्रह-बीस रोज तक बरसात नहीं होने पर भी फसलों को पानी देकर किसानों ने फसलों को बचाया था। अब बारिश लगातार चलने से खेतों में पानी भरने से किसानों की हजारों बीघा फसलें बरसाती पानी में डूबकर खराब हो गई।
नमाना. क्षेत्र में पिछले 5 दिनों से हो रही लगातार बरसात के बाद खेतों में पानी भर गया और फसलें नष्ट हो गई।
भाजपा नमाना मंडल मंत्री गोरी शंकर पाराशर, बद्री मालव, नवल धाकड़, जुगराज गुर्जर ने लोकसभा अध्यक्ष से इसका सर्वे कराने की मांग की।
उन्होंने बताया कि श्यामू, मालीपुरा, हरिपुरा, लोईचा, धनातरी, किशनपुरा, गोपालनिवास, बावड़ीखेड़ा, व्यास बावड़ी, आमली, जवाहर नगर, मंडावरा, भैरूपुरा बरड व नमाना में सर्वाधिक नुकसान हुआ। किसानों के खाने के लिए भी खेतों में कुछ नहीं बचा।

बरुन्धन(बूंदी). कस्बे में उफनी घोड़ापछाड़ नदी का पानी लोगों को नुकसान देने के साथ ही सात समंदर पार के दोस्तों की दास्तां को भी धो गया। राउमावि विद्यालय की अध्यापिका शोभाकंवर ने बताया कि सात समंदर पार केलिफोर्निया के ओलिवयन पायोनियर स्कूल में अध्ययनरत छात्रों से यहां के विद्यार्थियों की वर्षों से दोस्ती चली आ रही हैं। दोनों तरफ से पेन फैं्रड बने दोस्त आपस में खतों के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हैं। बारिश से विद्यालय में आए पानी खत वाले संदूक में भर गया। जिससे 300-400 खत गल गए।
साल में 4-5 बार आते-जाते थे पत्र
बच्चों के बीच साल में चार-पांच बार पत्र आते-जाते हैं। इन खतों में बच्चे अपने स्कूल और देश में हो रही गतिविधियों के बारे में बातें लिखते हैं। इन खतों के जरिये वहां के बच्चे थोड़ी हिंदी सीख गए हैं, तो यहां के बच्चे अंग्रेजी सीख रहे हैं। यादों को सहेजते हुए पिछले सात वर्षों के दौरान लिखे सभी खतों को सम्भालकर एक सन्दूक में एकत्रित कर रहे थे। जो भी अधिकारी विद्यालय विजिट पर आते थे, इन खतों को जरूर देखते थे। इस बार इन खतों को लेकर वल्र्ड रिकॉर्ड बुक में इनकी स्टोरी भी छपने वाली थी, लेकिन गुरुवार को विद्यालय में बाढ़ का पानी घुसने से खतों वाले सन्दूक में पानी भर गया। जिसके चलते सन्दूक में रखे करीब तीन-चार सौ खत पूरी तरह गल गए। उनमें से एक भी सुरक्षित नहीं बचा।
यह भी हो गया नष्ट
इसके अलावा छात्र उपस्थित रजिस्टर, स्माइल दैनिक डायरी, बच्चों के खिलौने, पुस्तकें, स्टेशनरी, रिजल्ट व अन्य सामान भी पूरी तरह नष्ट हो गया। उमंग द्वारा बनवाई गई वॉल पेंटिंग को भी नुकसान हुआ।

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