>>: Digest for August 11, 2021

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Table of Contents

नागौर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में कोरोना महामारी से अब तक 177 मौत हुई है, जबकि हकीकत कुछ और है। पत्रिका द्वारा की गई पड़ताल में कोरोना से मरने वालों के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला मुख्यालय के अकेले जेएलएन अस्पताल से कोरोना काल के दौरान 412 डेड बॉडी कवर (लीक प्रूफ बैग) उपयोग लिए गए। गौरतलब है कि डेड बॉडी कवर कोरोना मरीजों के शव को पैक करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर व अजमेर के अस्पतालों में मरने वालों कोरोना मरीजों का आंकड़ा इसके अतिरिक्त है, वहीं कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले के सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर ही मौतों का आंकड़ा इसमें जोड़ दिया जाए तो जिले में कुल मौतों का आंकड़ा 600 के पार हो रहा है, ऐसे में हमें कोरेाना की तीसरी लहर को लेकर सकर्त रहने की आवश्यकता है।

चिकित्सा विभाग द्वारा रोजाना जारी की जाने वाली रिपोर्ट के अनुसार अब भी कोरेाना के मरीज सामने आ रहे हैं। गत दिनों जिले में जहां मात्र छह मरीज रह गए थे, वहीं 5 अगस्त को एक साथ 4 मरीज सामने आने से मरीजों का आंकड़ा अब वापस 12 हो गया है। यानी कोरोना महामारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है, इसके बावजूद लोगों ने मास्क लगाना व सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना बंद कर दिया है, यह लापरवाही जिले के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

आरटीआई में हुआ खुलासा
यूं तो चिकित्सा विभाग कोरोना से हुई मौतों का असली आंकड़ा बताने से परहेज कर रहा है, लेकिन आरटीआई एक्टिविस्ट विकास भाटी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगने पर जेएलएन अस्पताल के पीएमओ ने बताया कि अस्पताल द्वारा कोरोना काल के दौरान कुल 422 डेड बॉडी कवर खरीदे गए, जिनमें से 10 का स्टॉक शेष है, बाकी उपयोग में लिए जा चुके हैं।

326 तो केवल पुरुष ही हैं
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामदयाल मांझू की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 4 अगस्त तक मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत 326 विधवा महिलाओं तथा 17 अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। यानी 326 पुरुषों की मौत कोरोना महामारी से हुई है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतनी संख्या कोरोना से जान गंवाने वाली महिलाओं, युवाओं व बच्चों की भी रही है।

संक्रमण को रोकने के लिए बरती सतर्कता
जिले में अब तक कोरोना महामारी से 177 मौतें ही हुई हैं, शेष जो मौतें हुई हैं, उनकी जांच नहीं हो पाने या जांच में पॉजिटिव नहीं आने के बावजूद उनके लक्षण कोरोना महामारी जैसे ही थे, इसलिए उन्हें कोरोना संदिग्ध माना गया है। जेएलएन अस्पताल से जिन शवों को डेड बॉडी कवर में पैक करके दिया गया, उसकी वजह भी संक्रमण को रोकना था।
- डॉ. मेहराम महिया, सीएमएचओ, नागौर

नागौर. लोकसभा में मंगलवार को पारित हुए संविधान (127वां संशोधन) विधेयक-2021 की चर्चा में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी भाग लिया। सांसद ने ओबीसी के हितों से जुड़ी विभिन्न बातों को सदन में रखाते हुए कहा कि एक बहुत बड़े संघर्ष के बाद सामाजिक न्याय के पुरोधा इस देश में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करवा पाए। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि मंडल आयोग में 27 प्रतिशत आरक्षण की बात की गई थी, लेकिन मंडल आयोग के दो दशक से अधिक बीत जाने पर भी आज तक ओबीसी वर्ग का सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व तकरीबन 20 प्रतिशत तक ही पहुंचा है, जो के सामाजिक न्याय के प्रति सरकार के उदासीन रवैए को दर्शाता है।

इन मुद्दों पर भी होनी चाहिए थी चर्चा
सांसद बेनीवाल ने कहा कि मानसून सत्र के पहले दिन से देश में बढ़ती हुई महंगाई, बेरोजगारी, किसान बिल सहित कई मुद्दों पर विशेष चर्चा की मांग की जा रही हैं, लेकिन सरकार ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया।

आरक्षण आंदोलनों को दमन से कुचलने का प्रयास
सांसद ने कहा कि राजस्थान में भाजपा शासन में गुर्जर आंदोलन में पुलिस की गोली से काल कवलित हुए 70 गुर्जरों, हरियाणा जाट आरक्षण में सेना व पुलिस की गोलियों से काल कवलित हुए 40 से अधिक युवाओं के साथ मराठा समुदाय व देश के अन्य हिस्सों में जहां-जहां आंदोलन हुए, वहां सरकारों ने दमन से आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया है। सरकार की गलत नीतियों से आरक्षण रूपी हक की मांग कर रहे हरियाणा सहित कई राज्यों के युवा अब भी जेल में हैं और चुनाव के समय विभिन्न सरकारों ने आरक्षण से जुड़े कई झूठे वादे भी जनता से किए, लेकिन सरकारों ने उनकी सुनने की बजाय उन पर गोलियां बरसाई। सांसद ने कहा कि वैंकेया नायडू की अध्यक्षता में हरियाणा जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर कमेटी भी बनाई, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ।

धौलपुर-भरतपुर के जाटों को केंद्र में मिले आरक्षण
सांसद ने कहा कि यूपीए सरकार के समय अधिसूचना जारी कर बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली व राजस्थान में धौलपुर और भरतपुर जिला और उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के जाटों को केंद्रीय नौकरियों में ओबीसी आरक्षण दिया था। इन 9 राज्यों के जाटों को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल कर लिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय नौकरियों में आरक्षण देने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना रद्द कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने जाट आरक्षण पर जब केंद्र की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी तो खाप पंचायत के चौधरी प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे, तब प्रधानमंत्री ने इस मामले में रास्ता निकालने की बात कही थी। सांसद ने कहा कि इस विषय पर भी केंद्र को राह निकालकर केंद्र की नौकरियों में उक्त राज्यों के जाटों को आरक्षण देने की जरूरत है।

किसान आंदोलन पर गौर करे सरकार
सांसद बेनीवाल ने कहा कि सरकार को किसान आंदोलन के मामले में गौर करते हुए कृषि बिलों को वापस लेने की आवश्यकता है।

नागौर. जयमल जैन पौषधशाला में जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में मंगलवार को प्रवचन में साध्वी बिंदुप्रभा ने कहा कि दान देने से देनेवाले की पुण्यवाणी तो बढ़ती ही है। इसे पाने वाले की आवश्यकता की पूर्ति भी हो जाती है। धन की तीन गतियाँ बताई गई है। इन तीन गतियों में दान, भोग और नाश है। उत्कृष्ट भावों से योग्य पात्र को दिया हुआ दान ही शुभ परिणाम देता है। दानों में श्रेष्ठ अभयदान है। इसमें सभी प्रकार के प्राणियों को भय से मुक्त कर दिया जाता है। धर्म ध्यान की श्रेणी में आने वाले सुपात्र दान का महत्व समझाते हुए साध्वी ने कहा कि दान देते समय यदि द्रव्य, भाव और पात्र की शुद्धि है तो सहज में सम्यक्त्व की प्राप्ति हो सकती है। नाम कर्म की सर्वोत्कुष्ट प्रकृति तीर्थंकर गोत्र का उपार्जन भी दान के द्वारा किया जा सकता है। प्राणी मात्र के प्रति अनुकंपा दर्शाते हुए श्रावक सेवा भाव से पशु-पक्षियों की सेवा करता है। ऐसे मनुष्य के पास ही लक्ष्मी स्थिर रहती है। जैनागमों में अनेक राजकुमारों एवं ॠद्धि-संपन्न महापुरुषों का उल्लेख मिलता है कि पूर्व भवों में उच्च भावों से मुनिराजों को आहार दान दिया था। परिणामस्वरूप सुख-समृद्धि प्राप्त की थी। एक आदर्श श्रावक को भी प्रतिदिन कुछ ना कुछ दान करने की भावना रखनी चाहिए। इससे उसके कर्म हल्के हो सके। धर्म के चार स्तम्भ एवं मोक्ष के चार द्वार - दान, शील, तप, भाव में भी दान का प्रथम स्थान है।
जय जाप का हुआ अनुष्ठान
प्रवचन की प्रभावना, जय जाप की प्रभावना एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी मोतीलाल, कंवलमल ललवानी रहे। । प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर सुनील ललवानी, दीपक सैनी, मंजूदेवी ललवानी एवं तोषिना ललवानी ने दिए। आगंतुकों के भोजन का लाभ महावीरचंद, पारस भूरट ने लिया। दोपहर में जय जाप किया गया। संचालन संजय पींचा ने किया।इस मौके पर प्रकाशचंद बोहरा, किशोरचंद ललवानी, अमीचंद सुराणा, प्रेमचंद चौरडिय़ा आदि मौजूद थे।

नागौर. 'मानव अस्तित्व को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सबसे बड़ा खतरा बढ़ती जनसंख्या से है। भातर में यह खतरा और अधिक गंभीर हो जाता है, क्योंकि विश्व का केवल 2.4 प्रतिशत भू-भाग हमारे पास है, जबकि विश्व की कुल जनसंख्या का 17.74 प्रतिशत भार भारत की भूमि पर है। भारत की जनसंख्या आज 138 करोड़ को पार कर चुकी है, कम क्षेत्रफल होने के बावजूद इतनी अधिक आबादी का ही परिणाम है कि उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन बहुत तेजी से कम पड़ते जा रहे हैं तथा सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय स्थितियां विस्फोटक होती जा रही है।' यह बात जनसंख्या समाधान फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी ने मंगलवार को नागौर में आयोजित महिला विंग की राज्य स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कही।

राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने में आज का दिन टर्निंग प्वाइंट साबित होगा। उन्होंने कहा कि वे जाति, धर्म व भाषायी बंधनों से ऊपर उठकर देशहित को सर्वोपरि मानते हुए समान कानून और जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग कर रहे हैं। चौधरी ने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे लोगों को अनपढ़, गंवार रखकर उन्हें अपना वोट बैंक बनाकर रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून में ऐसे प्रावधान किए जाएं कि जो व्यक्ति इस कानून को न माने, उनकी सरकारी सुविधाएं बंद हो और उनसे मताधिकार का हक छीना जाए।

हमें अपने बच्चों को नाली के कीड़े नहीं बनाना - शर्मा
फाउण्डेशन की प्रदेश संयोजक सुमन शर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यह संगठन नहीं आंदोलन है, जिसका उद्देश्य देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करवाना है। शर्मा ने प्रदेश भर से आई महिलाओं से आह्वान करते हुए कहा कि हमें जागना होगा, हमें दूसरों को जगाना होगा। हमें अपने बच्चों को नाली के कीड़े नहीं बनाना है, कच्ची बस्तियों में जाकर लोगों को समझाएं। शर्मा ने कहा कि नागौर की धरती मीरा की भक्ति की धरती है। इस भक्ति की धरती से पूरे देश में जनसंख्या के लिए समान नीति व कानून बने, ऐसी मांग प्रारंभिक स्तर से आनी आवश्यक है। हमें विश्वास है कि नागौर की धरती से बोया गया बीज वटवृक्ष की तरह पूरे भारत में फैलेगा। उन्होंने कहा कि सीता और सलमा के लिए संपूर्ण भारत में समानता व कानूनी सहायता का व्यवहार हो, यही हमारी मांग है।

देश की स्वतंत्रता व अखंडता को बनाए जरूरी
फाउण्डेशन के प्रदेशाध्यक्ष नारायण राम चौधरी ने कहा कि देश की स्वतंत्रता व अखंडता को बनाए रखना है तो जनसंख्या पर नियंत्रण करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें देश को विखंडित करने कोशिश में है। कार्यक्रम को राष्ट्रीय संरक्षक महिला ममता सहगल, प्रदेश महासचिव कुलभूषण बैराठी, डॉ. प्रियंका चौधरी सहित महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष सरोज प्रजापत ने संबोधित करते हुए आगामी दिनों में इस आंदोलन को और तेज करने का आह्वान किया। फाउण्डेशन के नागौर जिलाध्यक्ष भोजराज सारस्वत ने जनसंख्या समाधान अनिनियम बनवाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के 10 प्रस्तावों का वाचन कर बैठक में प्रस्ताव पास करवाया। मचं संचालन राजेन्द्र प्रजापत ने किया।

ये रहे उपस्थित
बैठक में नागौर से सुधा अग्रवाल, शोभा सारड़ा, बसंती राठी, नृत्यगोपाल मित्तल, हरिराम धारणिया, रामेश्वर सारस्वत, पुखराज सांखला, उम्मेदराज शर्मा, मंजू सारस्वत, तपस्या ओझा, रश्मि, मेघराज राव, रमेश वर्मा, रामप्रसाद सहित अनेक नागरिक उपस्थित रहे।

नागौर. 10वीं एवं 12वीं की स्वंयपाठी एवं अंक सुधार कराने के इच्छुक अभ्यर्थियों की बोर्ड परीक्षा 12 अगस्त से होगी। इसमें जिले भर से करीब डेढ़ हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा के लिए जिले में कुल चार केन्द्र बनाए गए हैं। शिक्षा विभाग परीक्षा को सकुशल कराने की तैयारियों में जुट गया है। उल्लेखनीय है कि स्कूल के नियमित अध्ययन के विद्यार्थियों में 10वीं एवं 12वीं के परीक्षार्थियों का गत दिवस परिणाम आ चुका है। इनके परिणाम घोषित होने के बाद बोर्ड अब इनकी परीक्षा कराने की तैयारियों में जुट गया है। जिला स्तर पर शिक्षा विभाग ने इसके लिए बने केन्द्रों की व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश केन्द्र व्यवस्थापकों को दे दिए हैं। नागौर के चार परीक्षा केन्द्रों में सेठ किशनलाल कांकरिया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बख्तासागर विद्यालय एवं गिनाणी विद्यालयों में परीक्षार्थियों के लिए व्यवस्थाएं करने का काम तेजी से करने में विभाग लग गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार परीक्षा को सफलतापूर्वक कराने के लिए अलग से टीम बनाई गई है। यह परीक्षा की तैयारियों के साथ ही परीक्षा के दौरान गतिविधियों पर भी पूरी नजर रखेगी। जिला माध्यमिक शिक्षा सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि परीक्षा से जुड़े सभी बिंदुओं पर चर्चा कर रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है। हालांकि बच्चों की संख्या ज्यादा नहीं है, फिर भी गतिविधियों पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी।
पैराटीचर्स करेंगे आंदोलन
नागौर. अखिल राजस्थान पैराटीचर्स, शिक्षाकर्मी मदरसा पैराटीचर्स संयुक्त संघर्ष समिति की रविवार को नेहरू पार्क में हुई बैठक में समान काम, समान वेतन पर चर्चा हुई। तय किया गया कि आगामी मानसून सत्र में समान काम, समान वेतन व नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। इसमें जिलाध्यक्ष हसन खां, उपाध्यक्ष दीपाराम, चेनाराम व जेठाराम आदि मौजूद थे।

परिषद वृद्ध दंपत्तियों की करेगा मदद
नागौर. भारत विकास परिषद की बैठक में कोविड गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा हुई। गुरु वंदन एवं छात्र अभिनंदन, सार्वजनिक उद्यानों में पौधारोपण, कोविड के चलते परिजन को खोने वाले परिवारों को संबल प्रदान करने के साथ ही वृद्ध दंपत्तियों के एकाकीपन को दूर करने आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें कहा गया कि गुरु वंदन एवं छात्र अभिनंदन कार्यक्रम में केवल एक ही विद्यालय में सिफऱ् गुरुजनों के साथ ही ऑनलाइन कार्यक्रम किया जाएगा। अन्य समस्त विद्यालयों के संस्था प्रधान व एक साथी शिक्षक को परिषद की ओर से तय स्थान पर आमंंत्रित कर आगामी पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। कोरोना काल में काल कवलित हुए लोगों के परिवारों को संबल एवं सहयोग पहुंचाने का सुझाव दिया गया। अकेले रह रहे वृद्ध दंपत्तियों को के समस्याओं के निवारण के लिए परिषद के सदस्य टीम बनाकर उनकी हर तरह से सहायता करने का प्रयास करेंगे। इनके एकाकीपन को दूर करने के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी। संक्रमण से बचने के लिए प्रतियोगिताएं,विधिक साक्षरता शिविर,अभिरुचि शिविर,कार्यशालाएं,व्यक्तित्व विकास शिविर आदि ऑनलाइन कराने का सुझाव दिया गया। इसके पूर्व भारत माता व स्वामी विवेकानंद के चित्रों पर माल्यार्पण कर वंदे मातरम का सामूहिक गान किया गया। इसमें क्षेत्रीय मंत्री नृत्यगोपाल मित्तल, शाखा अध्यक्ष कैलाश सारड़ा, शाखा सचिव रवि प्रकाश सोनी, भोजराज सारस्वत, खींवराज टाक, रामकिशोर सारड़ा, विमलेश समदडिय़ा,चन्द्रशेखर शर्मा,ललित पाराशर, मनोज जैन,सत्यनारायण वैष्णव आदि उपस्थित थे।

नागौर. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची बख्तसागर में भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए महंत जानकीदास नें जड भरत चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि मन में विषयों का चिंतन करता है। यही बंधन का कारण भी होता है। मन के ऊपर भक्ति का अंकुश रखना चाहिए। मन से ही बंधन व मुक्ति है। उद्धरण देते हुए समझाया कि पानी के बिना कीचड़ नहीं होता। कीचड़ का कारण पानी है। कीचड़ धोने का कारण पानी से ही कीचड़ धोया जाता है, और इसी से ही कीचड़ बनता है। ज्ञान और भक्ति वैराग्य से दृढ़ होते हैं। वैराग्य के बिना ज्ञान और भक्ति दृढ़ नहीं होती। यह जीव संसार रूपी जंगल में अनादि काल से घूम रहा है। इसका कोई अंत नहीं है। संसार रूपी जंगल में जीव को धूमने के दौरान छह चोर मिलते हैं। यह चोर उसका विवेक रूपी धन लूट कर उसको गड्ढे में फेंक देते हैं। इसे समझाते हुए कहा कि इनमें चोर तो पांच ज्ञानेंद्रियां और छठा चोर मन है। यह विवेक रूपी धन को लूट लेता है। संसार रूपी गड्ढे में फेंक देते हैं। वासना के अधीन होकर के जीव सुख भोगता है सुख भोगने से वासना की गांठ पक्की होती है। शरीर बिगडऩे पर इसका एहसास होता है। सत्संग से ही व्यक्ति कृतार्थ हो सकता है। इसलिए जीवन में अच्छे लोगों का संग हमेशा करना। चाहिए महंत ने बताया कि अच्छे लोगों का संग मिलना भी दुर्लभ है, परंतु दुर्जन लोगों से दूर ही रहना चाहिए। दुर्जनों से वाद-विवाद न करके केवल मन से दूरी बनाए रखने में ही हमारी भलाई है। इसमें किशन जांगिड़ ,अक्षय कुमार, सत्यनारायण सेन ,ज्ञानचंद कच्छावा ,मदनलाल कच्छावा, सोहनलाल कच्छावा, किशोर राम चौधरी ,सत्यनारायण सांखला आदि मौजूद थे।

 

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