>>: Digest for August 14, 2021

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself.

Table of Contents

अजमेर.
शहर में सक्रिय चोर व जेबतराशों की बेखौफी आलम यह है कि चोर रेस्टोरेंट में महज 6 सैकंड में गल्ला खोल 20 हजार रुपए की नकदी समेट ले गया। खास बात यह रही कि वारदात के वक्त रेस्टोरेंट का मैनेजर उछकर चंद कदम चला ही था कि चोर वारदात अंजाम देकर निकल गया। रेस्टोरेंट में हुई चोरी की वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सिविल लाइन थाना पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।

पुलिस के अनुसार केन्द्रीय बस स्टैंड के पास स्थित बालाजी रेस्टोरेंट के संचालक घूघरा निवासी रामकुमार वैष्णव ने रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में बताया कि 9 अगस्त को रात एक युवक खाना पैक करवाने के लिए 6 बजे एक युवक आया। दाल बाटी व चूरमे का ऑडर दिया। वह काउंटर से उठकर चूरमा देखने के लिए महज चार कदम आगे गया था कि युवक ने गल्ले से करीब 20 हजार रुपए की नकदी समेट ली। आरोपी नकदी निकालने के बाद रेस्टोरेंट से निकल गया। खाना पैक कराने के उसने बाद देखा तो युवक नदारद था।

सीसीटीवी में आया नजर
रामकुमार ने बताया कि वह वापस काउंटर पर पहुंचा तो गल्ला खाली मिला। उसने सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो खाना लेने आया युवक गल्ले से पैसा निकालते नजर आ गया। उसने बताया कि आरोपी बीते छह-सात दिन से रेस्टोरेंट पर खाना लेने आ रहा था। सीसीटीवी में आरोपी की फोटो साफ नजर आ रही है। पुलिस आरोपी की सरगर्मी से तलाश में जुटी है।

अजमेर. सीबीएसई ने स्कूलों से दसवीं और बारहवीं के प्रमोट परिणाम से असंतुष्ट और पूरक योग्य घोषित हुए विद्यार्थियों की सूची मांगी है। बोर्ड 25 अगस्त से परीक्षाएं प्रारंभ करेगा।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि इस बार अलग-अलग-दसवीं और ग्यारवीं के 30-30 प्रतिशत बारहवीं के 40 प्रतिशत अंक फार्मूले से परिणाम तैयार किया गया है। परिणाम से संतुष्ट नहीं होने वाले नियमित/ स्वयंपाठी/पत्राचार/पूरक परीक्षा के प्रथम एवं द्वितीय अवसर वाले विद्यार्थियों की परीक्षा 25 अगस्त से 15 सितंबर तक कराई जाएगी। इनके लिए स्कूल विद्यार्थियों की ऑनलाइन सूची अपलोड कर सकेंगे। प्रवेश पत्र अपलोड कर जल्द सूचना जारी की जाएगी।

यूं होंगी परीक्षाएं
बारहवीं के तहत 25 अगस्त को सुबह 10.30 से दोपहर 1.30 बजे तक अंग्रेजी कोर विषय का पेपर होगा। जबकि अंतिम पेपर 15 सितंबर को होम साइंस का होगा। इसी तरह दसवीं कक्षा के तहत 25 अगस्त को आईटी विषय का पेपर होगा। जबकि अंतिम पेपर 8 सितंबर को गणित बेसिक और गणित स्टैंडर्ड का होगा। विस्तृत टाइम टेबल बोर्ड की वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं।

अजमेर. मानसून की सुस्ती गुरुवार को बनी रही। आसमान में बादलों की टुकडिय़ां मंडराई। दिनभर तेज धूप और गर्मी ने परेशान किया। अधिकतम तापमान 32.5 और न्यूनतम 25.6 डिग्री रहा।

सुबह धूप निकलने के साथ मौसम में गर्माहट हो गई। आसमान में बादलों की टुकडिय़ां दिखीं पर कोई फर्क नहीं पड़ा। लोग शाम तक धूप और गर्मी से परेशान रहे। न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुसार शहर में 1 जून से 10 अगस्त तक 350.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जबकि जिले में करीब 240 मिलीमीटर बरसात हुई है। बरसात का आंकड़ा पार करने के लिए जिले को 310 मिलीमीटर बरसात की जरूरत है।

सीबीएसई: परीक्षाओं के लिए मांगी स्टूडेंट्स की लिस्ट

अजमेर. सीबीएसई ने स्कूलों से बारहवीं के प्रमोट परिणाम से असंतुष्ट और पूरक योग्य घोषित हुए विद्यार्थियों की सूची मांगी है। बोर्ड 25 अगस्त से परीक्षाएं प्रारंभ करेगा।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि इस बार अलग-अलग-दसवीं और ग्यारवीं के 30-30 प्रतिशत बारहवीं के 40 प्रतिशत अंक फार्मूले से परिणाम तैयार किया गया है। परिणाम से संतुष्ट नहीं होने वाले नियमित/ स्वयंपाठी/पत्राचार/पूरक परीक्षा के प्रथम एवं द्वितीय अवसर वाले विद्यार्थियों की परीक्षा 25 अगस्त से 15 सितंबर तक कराई जाएगी। इनके लिए स्कूल विद्यार्थियों की ऑनलाइन सूची अपलोड कर सकेंगे। प्रवेश पत्र अपलोड कर जल्द सूचना जारी की जाएगी।

यूं होंगी परीक्षाएं
बारहवीं के तहत 25 अगस्त को सुबह 10.30 से दोपहर 1.30 बजे तक अंग्रेजी कोर विषय का पेपर होगा। जबकि अंतिम पेपर 15 सितंबर को होम साइंस का होगा। इसी तरह दसवीं कक्षा के तहत 25 अगस्त को आईटी विषय का पेपर होगा। जबकि अंतिम पेपर 8 सितंबर को गणित बेसिक और गणित स्टैंडर्ड का होगा। विस्तृत टाइम टेबल बोर्ड की वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं।

अजमेर. कॉलेज और यूनिवर्सिटी के कैंपस 43 दिन से सूने पड़े हैं। ना सत्र 2021-22 के प्रवेश ना ऑफलाइन कक्षाओं पर फैसला हुआ है। राज्य सरकार के नवीं से बारहवीं के स्कूल खोलने के फैसले के बाद कॉलेज-यूनिवर्सिटी में भी विद्यार्थियों की कक्षाएं शुरू होने के आसार हैं।

कोरोना संक्रमण के चलते 14 अप्रेल से 1 जून तक लॉकडाउन रहा। इस दौरान कॉलेज और यूनिवर्सिटी में 30 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रहे। सत्र 2021-22 की शुरुआत 1 जुलाई से हो चुकी है। लेकिन 43 दिन से विभागों में सिर्फ शिक्षक और अशैक्षणिक कार्मिक ही दिख रहे हैं। राजस्थान पत्रिका ने शहर की कॉलेज और मदस विवि परिसरों का जायजा लिया तो हालात कुछ यूं नजर आए।

दोपहर 1.50 बजे: एसपीसी-जीसीए
करीब 8500 विद्यार्थियों और 180 से ज्यादा शिक्षकों वाले सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। साल 2019 तक सत्रारम्भ से दाखिलों, छात्रसंघ चुनाव और शैक्षिक कार्यक्रमों की धूम रहती थी। कोरोना संक्रमण से लगातार दूसरे साल कैंपस में विद्यार्थियों की रौनक नजर नहीं आई। साइंस, आट्र्स और कॉमर्स ब्लॉक में शिक्षक विभागवार कमरों में बैठे दिखे। कुछ कक्षाओं में रंग-रोगन और मरम्मत कार्य भी चलता दिखा।

दोपहर 1.15 बजे- राजकीय कन्या महाविद्यालय
करीब 3 हजार से ज्यादा छात्राओं और 40 से ज्यादा शिक्षकों वाले राजकीय कन्या महाविद्यालय का परिसर भी सूना नजर आया। गलियारों में एक-दो छात्राएं परीक्षा फॉर्म की हार्ड कॉपी जमा कराने के बाद वापस लौटती दिखीं। कुछ छात्राएं दाखिलों को लेकर पूछताछ करने आई। कॉलेज में सिर्फ शिक्षक और मंत्रालयिक कर्मचारी कामकाज करते दिखे। कैंटीन, लाइब्रेरी और कॉलेज के मध्य स्थित गार्डन में भी सन्नाटा दिखा।

दोपहर 12.25 बजे-सोफिया कॉलेज
पिछले दिनों छात्राओं की सेमेस्टर और सालाना परीक्षाओं से आबाद कॉलेज परिसर सूना दिखा। ऑफलाइन पढ़ाई नहीं होने से कक्षाओं में सूनापन नजर आया। परीक्षा हॉल में भी केवल फर्नीचर दिखा। सत्र 2020-21 में प्रथम वर्ष के दाखिले नहीं होने से छात्राएं भी कम पहुंच रही हैं। प्राचार्य और शिक्षक अपने-अपने विभागों में ऑनलाइन कक्षाओं और परीक्षात्मक कार्य में व्यस्त दिखे।

दोपहर 2.15 बजे-एमडीएस यूनिवर्सिटी
विश्वविद्यालय में बीते अप्रेल से ही विभागवार विद्यार्थी ऑफलाइन कक्षाओं से दूर हैं। यहां कणाद भवन, विक्रमादित्य भवन, महर्षि वाल्मीकि सामाजिक विज्ञान भवन में कुछ विद्यार्थी दिखे। कैंटीन में कुछ छात्र-छात्राएं गपशप करते नजर आए। महाराणा प्रताप भवन में कॉलेज के विद्यार्थी डुप्लीकेट डिग्री, मार्कशीट लेने पहुंचे। विभागों में शिक्षक आवश्यक शैक्षिक अथवा प्रशासनिक कार्य करते दिखे।

अजमेर. नगर निगम की ओर से बुधवार को वैशालीनगर माकड़वाली रोड पर अवैध रूप से बनी दुकानें सीज की गई। निगम के दस्ते ने सुबह कार्रवाई को अंजाम दिया। इस भवन पर दूसरी बार कार्रवाई की गई है। माकड़वाली रोड पर जी ब्लॉक में सड़क किनारे एक बंगले के सैटबैक में योगेश जैन ने अवैध रूप से दुकानों का निर्माण करा लिया। निर्माण शुरू होने के कुछ समय बाद शिकायत पर निगम ने कार्रवाई की। इस बीच निर्माणकर्ता बाज नहीं आया उसने निर्माण जारी रखा और देखते ही देखते जी प्लस टू का निर्माण करा लिया। इसमें नीचे सड़क की ओर सात दुकानों का निर्माण कर शटर लगा लिए। बाद में निगम ने कुछ माह पूर्व दुकानों को सीज कर दिया। निगम की कार्रवाई के बाद निर्माणकर्ता न्यायालय में चला गया। न्याायलय में योगेश जैन व उसके भाईयों ने ने स्थान का व्यावसायिक प्रयोग नहीं करने की बात कही। लेकिन निर्माणकर्ता ने इस स्थान का व्यावसायिक प्रयोग शुरु कर लिया। एक दुकान में डेयरी खोल ली और दो दुकानें किराए पर दे दी। निगम के अभियंताओं की इस मामले पर पूरी नजर थी। कनिष्ठ अभियंता योगेन्द्र शेखावत ने इसकी सूचना निगम में दी। इसके बाद बुधवार को अवैध निर्माण प्रभारी अधिशासी अभियंता नाहर सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इस दौरान सहायक अभियंता ललित मोहन शर्मा, रमेश चौधरी व धर्मेन्द्र आनंद, कनिष्ठ अभियंता मधुलिका सहित अन्य मौजूद रहे।

शेखावत ने दिखाई सक्रियता

मामले में कनिष्ठ अभियंता योगेन्द्र शेखावत की सक्रिय भूमिका रही। उन्होंने दुकानों पर पूरी नजर रखी। डेयरी शुरू होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने सूचना को पुख्ता किया। निगम अधिकारियों को सूचना देकर कार्रवाई को अंजाम दिया।

पूर्व में ही जानी चाहिए थी सख्त कार्रवाई

मामले में निगम की ओर से निर्माण शुरू होने के साथ ही लगातार कार्रवाई की गई। लेकिन निर्माणकर्ता बाज नहीं आया। इसने निर्माण जारी रखा। देखते ही देखते जी प्लस टू का निर्माण हो गया। ऐसे में यदि पहले ही सख्त कार्रवाई हो जानी चाहिए थी।

अजमेर. नगर निगम क्षेत्र में अवैध रूप से वसूली एवं धमकी देने वाले व्यक्तियों तथा संस्थाओं पर नगर निगम द्वारा सख्ती से कार्यवाही की जाएगी।

नगर निगम की उपायुक्त सीता वर्मा ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में किसी व्यक्ति या संस्था के द्वारा अवैध रूप से वसूली व धमकी देने पर संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। किसी के द्वारा धमकी देकर अवैध वसूली करने की सूचना नगर निगम आयुक्त के मोबाईल नम्बर 9414616333 अथवा नगर निगम उपायुक्त के मोबाईल नम्बर 9460014525 एवं 7737662303 पर दी जा सकती है।

यह है मामला: उल्लेखनीय है कि बुधवार को क्रिश्चियन गंज थाने में स्टीफन स्कूल चौराहे पर स्थित एक मिठाई की दुकान वाले संजय साहू ने भरत ओझा नाम के व्यक्ति पर निगम के नाम पर अवैध रूप से वसूली का आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी। हालांकि भरत ओझा का कहना है कि व्यापारी ने अपनी दुकान की हद से काफी आगे बढ़ते हुए सड़क की ओर बड़ा काउन्टर लगा रखा है। इससे लोगों को असुविधा होती है। दबाव बनाने के लिए उसने ऐसी शिकायत दी है। उधर नगर निगम मेयर ब्रजलता हाड़ा के अनुसार ऐसा जिस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दी है। उसका निगम से कोई तालुक नहीं है। दुकानदार और उक्त व्यक्ति का क्या मामला है उन्हें नहीं पता।

अजमेर. कोरोना टीकाकरण अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को अजमेर शहर में 22 स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केके सोनी ने बताया कि अजमेर शहर में कोरोना टीकाकरण अभियान के अंतर्गत 17 स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोवैक्सीन तथा 5 स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई है। इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर 18 से 44 वर्ष तथा 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के पात्र व्यक्तियों के लिए वैक्सीन की दोनों डोज उपलब्ध रहेगी।

यह है टीकाकरण केन्द्र

डॉ. सोनी ने बताया कि शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पंचशील, चन्द्रवरदाई नगर, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटड़ा, गढी मालियान, कस्तूरबा, अंदरकोट, श्रीनगर रोड, अजय नगर, वैशाली नगर, डिग्गी बाजार, रामनगर, रामगंज, पंचशील, पुलिस लाइन डिस्पेंसरी तथा जेएलएन हॉस्पीटल एवं सैटेलाईट हॉस्पीटल सहित 16 टीकाकरण केन्द्रों पर कोवैक्सीन की दोनो डोज उपलब्ध रहेगी। रेलवे कार्मिकों व उनके परिजनों के लिए हैल्थ यूनिट रेलवे हॉस्पीटल पर भी कोवैक्सीन की दोनों डोज उपलब्ध करवाई गई है।

इसी प्रकार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाडगंज, गुलाबबाड़ी, जेपी नगर मदार तथा जेएलएन हॉस्पीटल एवं डिवीजनल रेलवे हॉस्पीटल सहित 5 टीकाकरण केन्द्रों पर कोविशील्ड वैक्सीन की दोनो डोज उपलब्ध रहेगी।

अजमेर. शहर में कोरोना संक्रमण के नए मामले आने का सिलसिला शुरू हो गया है। रीजनल कॉलेज में एक लिपिक की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कॉलेज परिसर में स्टाफ आदि की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की। इसी तरह डिग्गी बाजार के खजूरवाड़ा क्षेत्र में भी चिकित्सा विभाग की टीम ने पहुंच कर सर्वे शुरू किया।

हरकत में आई मेडिकल टीम

अजमेर शहर में गुरुवार को कोरोना के नए मामले आने के बाद चिकित्सा विभाग की टीम हरकत में आ गई। सीमएचओ डॉ. के.के. सोनी के निर्देशन में पॉजिटिव आए मरीजों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की गई। रीजनल कॉलेज में एक बाबू की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पहुंची चिकित्सा विभाग की टीम ने कॉलेज के शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ के स्वास्थ्य की जांच की। इस दौरान कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आने वालों को चिह्नित किया गया। हालांकि अन्य लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आए।

खजूरवाड़ा में भी सर्वे

डिग्गी बाजार स्थित खजूरवाड़ा में एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद डिग्गी डिस्पेंसरी की टीम ने क्षेत्र में पहुंच कर मरीज के संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाई। वहीं आसपास के घरों में भी सर्वे कर सर्दी, जुकाम व बुखार के लक्षण वाले लोगों को चिह्नित किया।

अजमेर.

आजादी के बाद दूसरी बार स्वाधीनता समारोह बदला-बदला नजर आएगा। रविवार को होने वाले समारोह में इस बार भी ना प्रतिभाओं का सम्मान होगा, ना विद्यार्थियों की भागीदारी होगी। हालांकि इस साल की पटेल मैदान में लोक कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे।

जश्न ए आजादी का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। जिला स्तरीय समारोह पटेल मैदान में होता है। इसमें सरकारी और निजी स्कूल के विद्यार्थी सांस्कृतिक कार्यक्रम, योग, व्यायाम प्रस्तुत करते हैं। पुलिस, अद्र्ध सैनिक बल, एनसीसी कैडेट्स, होमगार्ड के जवान मार्च पास्ट करते हैं।

कोरोना संक्रमण के चलते इस बार समारोह में कई रंग दिखाई नहीं देंगे। इनमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और प्रतिभाओं का सम्मान समारोह सबसे अहम है। लोक कलाकार आजादी के 75 वें पर्व पर प्रस्तुति देंगे। आमजन की भागीदारी भी कम रहेगी। खासतौर पर बुजुर्ग, स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थी नजर नहीं आएंगे।

परीक्षा और गोपनीय कार्यों के लिए बनेगा हाइटेक भवन

अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग में परीक्षात्मक और गोपनीय कार्यों के लिए हाइटेक भवन बनेगा। इसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की आवश्यक तैयारियों के अलावा रिजल्ट प्रोसेसिंग और अन्य कार्य होंगे। राज्य सरकार से भवन निर्माण की मंजूरी मिल गई है।

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. सरकारी महकमों में किस तेज गति से काम होता है इसका जीता जागता उदाहरण है राजस्व मंडल में स्थापित होने वाला 120 किलावाट का सोलर पावर प्लांट। राजस्व मंडल में मुफ्त में लगने वाला और प्रति युनिट बिजली प्रचलित से आधी दर पर उपलब्ध करवाने वाले इस प्लांट की स्थापना में टेंडर की भाषा हिन्दी में नहीं होने और विवाद के मामले में न्याय क्षेत्र अजमेर नहीं होना बड़ी बाधा साबित हो रहे हैं। दो साल से विवाद सुलझाने के बजाय राजस्व मंडल व राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम पत्र व्यवहार में ही उलझे हुए हैं। इस बीच लाखों रुपए बिजली खर्च के नाम पर फूंके जा चुके है। अक्षय ऊ र्जा निगम ने राजस्व मंडल में रेस्को मॉडल पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए एक कम्पनी को ठेका दे दिया है। कम्पनी की तरफ से प्लांट का टेंडर व शर्तो अग्रेजी में बनाई गई वहीं विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र जयपुर तय किया गया है। जबकि राजस्व मंडल टेंडर व शर्ते अंग्रेजी के साथ ही हिन्दी तथा न्याय क्षेत्र अजमेर चाहता है। पिछले दो सालों से मामला यहीं अटका हुआ है और राजस्व मंडल 8.30 रुपए प्रति युनिट की दर से बिजली खरीदते हुए प्रति माह सवा चार लाख रूपए चुका रहा है। जबकि सोलर प्लांट से यही बिजली उसे 4.15 रूपए की दर से मिलती है। इससे राजस्व मंडल को प्रतिमाह दो लाख रूपए का फायदा होता।

पत्रों का जवाब ही नहीं

मामला राजस्व मंडल के उच्चाधिकारियों की जानकारी में आने के बाद राजस्व मंडल उप निबन्धक ने राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबन्ध निदेशक को पत्र लिखकर शर्तो में संशोधन करने को कहा है जिससे प्लांट लगाने का काम जल्द शुरु हो सके। हालांकि कि निगम द्वारा मंडल के पत्रों का जवाब नहीं दिया जा रहा है।

25 साल तक होगी बचत

सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली निजी कम्पनी राजस्व मंडल को 4.15 रूपए प्रति यूनिट की दर से 25 वर्ष तक उपलब्ध करवाएगी। वर्तमान में राजस्व मंडल को बिजली करीब 8.30 रुपए की दर से मिलती है। प्लांट लगने से इसकी दर आधी हो जाएगी।

सेंट्रलाइज एसी प्लांट बढ़ाएगा खर्च

राजस्व मंडल में हाल ही करीब साढ़े तीन करोड़ रूपए खर्च कर सेंट्रलाइज वातानुकूलित प्लांट लगाया है। इसे जल्द चालू करने की योजना है इससे राजस्व मंडल के बिजली खर्च में जबर्दस्त बढ़ोतरी होगी। प्रतिमाह करीब 6 लाख रूपए का बिल आना तय है। वहीं राजस्व मंडल के कई वकीलों ने भी अपने चैम्बर में एसी लगवा लिए है इनका बिल भी राजस्व मंडल ही भर रहा है।

read more: 17 साल से तारीखों के बीच सांसे तलाश रहे हैं रामगढ़ बांध सहित राज्य के जलाशय

अजमेर. राजस्व मंडल निबन्धक ने अधीनस्थ न्यायलयों के मूल अभिलेख (रिकॉर्ड) मंगवाए जाने के सम्बन्ध में निर्देश जारी किए हैं। अब निगरानीकर्ता अधीनस्थ राजस्व अदालत के समस्त निर्णय एवं दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां मंडल में प्रस्तुत कर सकते हैं। इससे मूल पत्रावली तलब किए जाने में लगने वाले समय की बचत होगी एवं प्रकरण जल्द निस्तारित हो सकेंगे। निबन्धक ने यह भी निर्देश इसलिए दिए हैं कि कई बार प्रकरणों में स्टे नहीं होने के बावजूद मुकदमें की फाइल निचली अदालत से तलब कर ली जाती है। जिससे अधीनस्थ अदालत में बिना स्थगन ही समस्त कार्यवाही ठप हो जाती है, यह ठीक नहीं है। इससे निचली अदालतों में पेडेंसी बढ़ती है।

मृतकों के वारिसों को नोटिस भेजें

निबन्धक के अनुसार रेफरेंस प्रकरणों में पक्षकारों की मृत्यु होने पर समय पर उनके वारिसों को सूचना नहीं दी जाती है जिससे न्यायिक कार्य बाधित होता है। निबन्धक ने कानूनी प्रावधानों के अनुसार संसोधित टाइटल सहित मृतक पक्षकार के वारिसों को तामील के लिए नोटिस भिजवाए जाने के निर्देश दिए हैं।

तहसीलदार ही प्रस्तुत करें बंटवारा दावा

निबन्धक ने यह भी निर्देश दिए हैं कि बंटवारे के दावे में तहसीलदारों द्वारा समय पर बंटवारा दावा प्रस्तुत नहीं करते हैं एवं भू-अभिलेख निरीक्षक एवं पटवारी द्वारा तैयार रिपोर्ट को काउंटर साइन कर भेज देते हैं। यह गंभीर लापरवाही है। इस तकनीकी त्रुटि क इसके कारण प्रकरणों में देरी होती है। इस सम्बन्ध में राजस्व मंडल द्वारा पारित वृहदपीठ के निर्णय कैलाश बनाम रमेश् की पालना बाबत निर्देेश दिए हैं।

स्थगन में हस्तक्षेप उचित नहीं

निबन्धक ने स्थगन सम्बन्धी मामलों में यह निर्देश दिए हैं कि सहायक कलक्टर/ उपखंड अधिकारी द्वारा तारीख देने तक दिए गए स्थगन आदेश के विरुद्ध राजस्व अपील अधिकारी तथा उच्चतर राजस्व न्यायालय हस्तक्षेप करते हैं। यह उचित नहीं कहा जा सकता। इस बाबत भी निबन्धक ने राजस्व मंडल द्वारा पारित जगदीश बनाम गोपाल दास के अनुसार निर्णय पारित करने के निर्देश दिए हैं।

कैवियट के समबन्ध में निर्देश

निबन्धक ने कै वियट प्रार्थना पत्रों के सम्बन्ध में निर्देश दिए है कि कैवियट प्राथर्ना पत्रों पर अंकित निगरानी याचिका प्रस्तुत होने पर पूर्ण मिलान कर के यह अंकित किया जाना चाहिए। जिससे निगरानी अथवा अपील नहीं होने की वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके। यदि आदेश की पालना नहीं की गई है तो सम्बन्धित कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

रेंफरेंस की एक प्रति राजस्व मंडल में रखे सुरक्षित

निबन्धक ने रेफरेंस प्रकरणों में यह निर्देश दिए हैं कि राजस्व मंडल से भी रेफरेंस का फैसला होने पर ही रेफरेंस की मूल पत्रावली ही समबन्धित न्यायालय को भेज दी जाती है। जिस कारण राजस्व मंडल के फैसले के विरूद्ध यदि पक्षकार नजरसानी याचिका प्रस्तुत करना चाहे अथवा राजस्व मंडल के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती प्रस्तुत करना चाहे तो उसे रेंफरेंस की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त नहीं हो पाती। इससे पक्षकारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। निबन्धक ने निर्देश दिए हैं कि रेफरेंस प्रकरणों में अंतिम निर्णय के बाद मूल रेफरेंस की एक प्रति राजस्व मंडल में सुरक्षित रखी जाए।

read more: दो साल से सोलर प्लांट स्थापना में 'हिन्दी और अजमेरÓ बना बाधक

अजमेर. करीब एक साल की देरी के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पहाडग़ंज श्मशान में विद्युत शवदाह गृह का निर्माण पूरा हो गया है। इस पर 60 लाख खर्च किए गए हैं। इलेक्ट्रिक फर्नीश विद्युत शवदाह गृह में एक प्लेटफार्म तैयार किया गया है। अंतिम संस्कार में तापमान नियंत्रण के लिए रेग्यूलेट कंट्रोल का पैनल लगाया गया है। 650 डिग्री सेल्सियस पर एक घंटे के भीतर शव का अंतिम संस्कार हो सकेगा। शवदाहगृह के संचालन के लिए थ्री फेस बिजली कनेक्शन के लिया गया है। शवदाह गृह में 24 घंटे में 12 शवों का दाह संस्कार किया जा सकेगा। एक शव के अंतिम संस्कार में करीब 1.30 से 2 घंटे का समय लगेगा। शवदाह गृह में विद्युत भट्टी लगाने के साथ ही सफाई के लिए पानी की व्यवस्था के लिए बोरिंग भी की गई है। प्रत्येक संस्कार के बाद शव स्थल की पानी से धुलाई होगी।

चिमनी से धुआं ऊपर जाएगा

विद्युत शवदाह गृह में एक चिमनी बनाई गई है। जिससे शव के जलने पर धुआं आसपास नीचे की तरफ नहीं फैलेगा, बल्कि चिमनी के माध्यम से ऊपर चला जाएगा। इससे पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी। श्मशान स्थल पर गार्डन विकसित करने के लिए पेड़ लगाए जाएंगे। इससे पूर्व ऋषिघाटी में गैस आधारित शवदाहगृह बनाया गया है। कोराना से संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार इसके जरिए किए गए। अंतिम संस्कार के समय में आएगी कमी

एक शव के अंतिम संस्कार के लिए करीब 4 क्विंटल में लकड़ी का उपयोग होता है। इस पर करीब तीन हजार रूपए खर्च होते हैं। जबकि विद्युत शवदाहगृह के जरिए शव के अंतिम संस्कार के खर्च में कमी आएगी। जानकारों के अनुसार विद्युत शवदाह गृह स्क्रबर टेक्नोलॉजी से लैस है, जो अंतिम संस्कार के दौरान निकलने वाली खतरनाक गैस और बॉडी के बर्न पार्टिकल को सोख लेता है।

read more: अब प्रमाणित प्रतियों से हो सकेगी मुकदमों की सुनवाई निचली अदालतों से मूल दस्तावेज मंगवाने

बसेड़ी. कस्बे के पंचायत भवन हंगमा और क्षेत्रीय विकास अधिकारी के सरकारी आवास में तोडफ़ोड़ व र्दुव्यवहार के मामले शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक व जिला कलक्टर ने बसेड़ी पहुंचे। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने कार्मिकों से घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी जुटाई। विकास अधिकारी के आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिए घटनाक्रम के बारे में जानकारी जुटाते हुए आरोपियों को चिन्हित किया गया। वहीं, मामले में शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार आठ आरोपियों को शुक्रवार को एससीएसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।

उल्लेखनीय है कि बसेड़ी क्षेत्र में संचालित होने वाली फर्जी पशुहाट को लेकर इसके संचालक गांव सलेमपुर निवासी ब्रजराज सिंह ने सोश्यल मीडिया के जरिए हाट फिर शुरू होने की बात कहते हुए यहां पशुपालकों को आने के लिए अपील की थी। सूचना मिलने स्थानीय पुलिस पहुंचने पर हाट संचालक व उसके समर्थकों ने इस बात का विरोध किया। इसी क्रम में हाट संचालक अपने समर्थकों के साथ जूलुस निकालते हुए पंचायत भवन पर पहुंच गए और यहां जमकर हंगामा किया। विकास अधिकारी के वहां नहीं होने पर संचालक समर्थकों के साथ उनके सरकारी आवास पर पहुंच गया। यहां दरवाजे को तोड़ दिया और घर पर जमकर हंगामा करते हुए विकास अधिकारी के पत्नी व बच्चों से र्दुव्यवहार किया। घटना के सीसीटीवी कैमरे में फुटेज भी है। इस संबंध में विकास अधिकारी ने थाना पुलिस को शिकायत दी है।

एसपी व डीएम पहुंचे बसेड़ी, कार्मिकों ने साधी चुप्पी

घटनाक्रम के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत व जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल बसेड़ी पहुंचे। यहां दोनों अधिकारियों ने घटनाक्रम के बारे में पंचायत समिति कार्यालय के कार्मिकों से घटनाक्रम के बारे में जानकारी जुटाई, लेकिन कोई भी कार्मिक आरोपियों के संबंध में बोलने का तैयार नहीं हुआ। इसके बाद दोनों अधिकारी विकास अधिकारी के घर पहुंचे और यहां उसकी पत्नी व बच्चों से घटनाक्रम के बारे में जानकारी जुटाई। दोनों अधिकारियों ने विकास अधिकारी के घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज देखते हुए आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई। दोनों अधिकारियों ने घटनाक्रम से जुड़े सभी आरोपियों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए। आरोपियों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जाएगा।

मामले में आठ आरोपी गिरफ्तार

घटनाक्रम में संबंध में विकास अधिकारी ने थाना पुलिस को लिखित शिकायत दी है। इसमें घटनाक्रम के दौरान गांव सलेमपुर निवासी ब्रजराज सिंह व उसके पुत्र दीपक परमार, विवेक परमार, शिवचरण परमार निवासी रामफल का पुरा,रॉकी निवासी गांव नवलूपुरा, यश निवासी तुरसीपुरा, जगदीश निवासी हरजीपुरा, संदीप निवासी रामफल का पुर व अवधेश कुमार आदि की पहचान की है। पुलिस ने इसमें आठ आरोपियों को गुरूवार को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था, जिन्हें शुक्रवार को एससीएसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है।

सरमथुरा. कहते हैं, जहां चाह होती है, वहां राह अवश्य निकलती है। एक ऐसी ही बेटी की शैक्षणिक चाह को समझ कर राह बदलने का बीड़ा उठाया है राजकीय प्राथमिक विद्यालय नारायनपुरा के स्तरीय सम्मानित शिक्षक राहुल शर्मा ने। नारायनपुरा गांव की ही एक बालिका अंकिता, जो कक्षा & में स्थानीय विद्यालय में अध्ययनरत है। पढ़ाई- लिखाई में बेहद होशियार है। लेकिन अभावों की बेडिय़ों ने इस कदर जकड़ा हुआ है कि शिक्षा विभाग के कार्यक्रम स्माइल &.0 की वर्कशीट को करने के लिए पैन भी उपलब्ध नहीं है। बालिका सात बहनों में सबसे छोटी है तथा पिता सिलिकोसिस से पीडि़त हैं।

आय का कोई साधन नहीं है। रोज की तरह शिक्षक राहुल छात्रा के घर पर गृह कार्य देने गए, तो छात्रा रो रही थी। संसाधन नहीं होने की वजह से गृह कार्य भी नहीं कर पाई, जबकि पढऩे के प्रति इतना लगाव है कि पड़ोस के ब'चों से पैन, पुस्तिका मांग कर व उनके गृह कार्य को देखकर ही सारा शिक्षण कार्य तुरंत सीख जाती है।

ऐसी दशा देखकर शिक्षक राहुल शर्मा ने सोचा कि क्यों ना इसको शिक्षा प्राप्त करने के लिए वक्त पर उचित संसाधन उपलब्ध हो तो आगे चलकर समाज गांव व परिवार का नाम रोशन कर पाएगी। शिक्षक ने उसके माता-पिता की सहमति से छात्रा की शिक्षा पर होने वाले व्यय की संपूर्ण जिम्मेदारी ली। जब तक वह मुकाम हासिल नहीं कर लेती, शिक्षक की तरफ से संपूर्ण शिक्षक सामग्री मुहैया कराई जाएगी। ऐसा सुनकर बालिका और माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू आ गए और कहने लगे कि अब मेरी भी बेटी पढ़ेगी। आगे बढ़ेगी और बालिका बोली- सर मैं भी आपकी तरह टीचर बनूंगी।

राजाखेड़ा. खाकी पर खादी हमेशा से ही भारी पडऩे के आरोप लगते ही रहे है। खाकी की नियुक्ति से लेकर स्थानांतरण तक में खादी की भूमिकारही है लेकिन तीन ओर से उत्तरप्रदेश ओर मध्यप्रदेश की सीमा से घिरे जिले के संवेदनशील थाना राजाखेड़ा में पिछले 14 वर्ष में ही 20 थानाधिकारियों को बदलने के प्रकरण में खादी की दखलंदाजी हुई है या यहां नियुक्त थानाधिकारियों की योग्यता में इतनी कमी पाई गई है कि उन्हें एक से 10 माह के बीच मे ही हटाने को मजबूर होना पड़ा है । ऐसे में संवेदनशील थाने की व्यवस्थाओं पर सवाल उठना लाजिमी है कि किन कारणों से बार-बार थानाधिकारियों को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ।

शनिवार को यंहा तैनात थानाधिकारी को मात्र & माह में ही स्थानांतरित कर दिया गया और गौरतलब तथ्य यह है कि अभी अगस्त माह भी पूरा नहीं हुआ और जनवरी से अब तक यहां से तीसरे थानाधिकारी को रिलीव कर दिया गया । इससे पहले जनवरी में रामकेश मीणा, इसके बाद हनुमान सहाय और अब नेकीराम को थानाधिकारी के पद से हटाया गया है।

क्या है हकीकत...

मई 2007 से मई 2021 तक कुल 14 वर्षों में राजाखेड़ा में 20 थानाधिकारियों को तैनात किया जा चुका है, जिनमें से मात्र 4 भाग्यवान ही एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर पाए है । बाकी 15 एक से दस माह के बीच ही बदल दिए गए । जिनमें से दो तो एक माह भी पूरा नहीं कर पाए । दो अन्य & माह ही इस कुर्सी पर बैठ पाए , दो पांच माह ,एक चार माह, एक सात माह, एक आठ माह ओर दो 10 माह ही यहां रूक सके।

संवेदनशील थाना में बड़ी चिंता ..

राजाखेड़ा थाना जिले के सबसे संवेदनशील थानों में गिना जाता है । भौगोलिक दृष्टि से यह थाना तीन ओर से उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश सीमाओं से जुड़ा है । धौलपुर से जुड़ाव तो सिर्फ स्टेट हाईवे 2 आ से है बाकी क्षेत्र अन्तरराÓयीय सीमा से लगता है ।उपखंड उत्तरप्रदेश के अपराधियों की शरणस्थली बन चुका है, दर्जनों स्थान तो ऐसे में यहां से कुछ ही मिनट में राजस्थान की सीमा पार कर उत्तरप्रदेश में आ जा सकते है। ऐसे में बार बार जिम्मेदार अधिकारियों को बदलना खतरनाक होता जा रहा है ।

अवैध रेता उत्खनन भी बड़ा मुद्दा...

राजाखेड़ा उपखंड अवैध रेता उत्खनन का जिले का सबसे बड़ा केंद्र है। यहां आधा दर्जन घाटों से रेता उत्खनन होकर उत्तरप्रदेश के रास्ते भरतपुर तक पहुंचता है । ऐसे में थानाधिकारियों को बार -बार बदलना इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है । यहां लंबे समय से चम्बल उत्खनन को रोकने के लिए अलग थाना बनाने की मांग उठ रही है वंहा ऐसे हालात इस गोरखधंधे को ओर भी मजबूत करते जा रहे है ।

मानते है पनिशमेंट..

थाना बार बार स्थांनानतरण के चलते योग्य अधिकारियों के मनोबल को भी खासा नुकसान पहुंचता है । उस थाने को अस्थिर मानकर आसानी से कोई अधिकारी यंहा तैनाती को भी तैयार नहीं होता है । उनका भी कहना होता है कि एक माह में थानाधिकारी अपने भौगोलिक क्षेत्र को पूरी तरह परख भी नहीं पाता, तब तक किसी न किसी आरोप के चलते या राजनीतिक कारणों से हटा देना उसके सर्विस रिकॉर्ड को खराब कर देता है। जिसमें उसका खुद का कतई दोष नहीं होता । इसके चलते ऐसे थानों में कोई अधिकारी आना ही नहीं चाहता। इसे अब पुलिस अधिकारियों के बीच यह पनिशमेंट थाने के रूप में कुख्यात हो चुका है।

धौलपुर. इनरव्हील क्लब धौलपुर की ओर से शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान प्रांतीय चेयरमैन की वार्षिक आधिकारिक यात्रा पूरी हुई। इनरव्हील क्लब की डिस्ट्रिक्ट 305 में मध्यप्रदेश, राजस्थान व गुजरात के 58 क्लब आते हैं। उनकी डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन राखी सरदेसाई मेहसाना गुजरात व डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी स्वाति गुप्ता कोटा से आधिकारिक यात्रा पर धौलपुर पहुंची।

इस दौरान धौलपुर क्लब सचिव आकांक्षा भार्गव ने पिछले 5 वर्षों की क्लब की हिस्ट्री बताई। जिसके बाद उन्होंने क्लब के पिछले साल व् इस वर्ष के डेढ़ महीने में हुए प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी। स्वाति गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट रिपोर्ट बताई व डिस्ट्रिक्ट के अन्य 57 क्लब्स द्वारा किए कार्यों की जानकारी दी। उन्हें सुझाव दिए कि आगे किस प्रकार और अच्छे काम किए जा सकते हैं। जितना हो सके जरूरतमंद बच्चों, महिलाओं व वृद्धजन के लिए सेवा कार्य किए जाएं। कहा की सबसे ज्यादा जरूरी है, हमारी धरोहर को बचाए रखना और आने वाली पीढिय़ों को उनकी संस्कृति के बारे में और उनकी धरोहर के बारे में बताना।

उन्होंने पिछले साल डिस्ट्रिक्ट लेवल पर जीते गए तीन अवाड्र्स भी पूर्व अध्यक्ष रेनू भार्गव को पेश किए। क्लब अध्यक्ष अंतिम अग्रवाल के वर्ष में अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी। इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष अंतिम अग्रवाल, सचिव आकांशा भार्गव, पूर्व अध्यक्ष रेनू भार्गव, रेनू गुप्ता, दीपा अग्रवाल, शारदा मोदी, रजनी मंगल, अनुराधा दाधीच व निशा झा मौजूद रहे।

राजाखेड़ा. राज्य सरकार की योजनाओं को राज्य सरकार के ही कर्मचारी पलीता लगा रहे हैं। अधिकारी अपने तैनाती स्थल पर न पहुंचकर राज्य सरकार की योजनाओं को पूरा न करके जहां विकास को बाधित कर रहे हैं, आम नागरिकों के साथ भी छलावा कर रहे है। शुक्रवार को इन्हीं आरोपों के साथ मरेना में वन विभाग की नर्सरी में युवाओं ने प्रदर्शन कर यहां तैनात कर्मचारियों को जिला बदर करने की मांग की।

क्या था प्रकरण मरेना क्षेत्र के बिचपुरी, इन्द्राबली, फरासपुरा, मरैना इत्यादि गांव से हजारों युवा सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं, जो दिनभर पसीना बहाते हैं। इनमे से दर्जनों युवा मानसून के मौसम में सड़कों के किनारे पौधारोपण करने पौधरोपण करना चाहते हैं। जिससे सेना भर्ती की तैयारी के साथ इनका पालन पोषन भी किया जा सके। इसके लिए नए पौधे लेने के लिए वे दोपहर को वन विभाग मरैना की नर्सरी पहुंचे।
इन्द्राबली मार्ग स्थित वन विभाग की नर्सरी पर उन्हें विभाग का एक भी कार्मिक मौजूद नहीं मिला, जो उन्हें पौधे उपलब्ध करा सके। ना ही किसी भी प्रकार की क्यारियां व पौधे दिखे। युवाओं ने पूरे नर्सरी परिसर को भलिभांति से इधर उधर देखा तो उन्हें वहां सिर्फ देसी शराब के पव्वे, नमकीन के रैपर व प्लास्टिक के ग्लास का ढ़ेर सारा कचरा नजर आया। ऐसे हालात देखकर पौधे लेने आए युवाओं में आक्रोश फैल गया।

नर्सरी कार्यालय के भवन के सामने वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि सरकार करोड़ों रुपए खर्च करके सघन पौधरोपण करवाना चाहती है और विभाग के कर्मचारी कागजों में नौकरी करके ही वेतन ले रहे हैं।
राजाखेड़ा नर्सरी में भी यही हाल

वहीं राजाखेड़ा उपखण्ड मुख्यालय पर स्थापित नर्सरी में भी यही हालत है। व्यापारी नेता लक्ष्मीकांत गुप्ता ने इस सम्बंध में एक ज्ञापन विभाग के सीसीएफ सी आर मीणा को भेजकर स्थानीय कर्मचारियों पर लापरवाही और घरों से नौकरी करने का आरोप लगा कर कार्यवाही की मांग उठाई है।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajisthanews12@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.