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पशुओं को निकालने के प्रयास में नदी में डूबे दो युवक, हुई मौत Thursday 12 August 2021 05:12 PM UTC+00 ![]() भरतपुर. उच्चैन थाना क्षेत्र के सेवला हेड के पास गंभीर नदी किनारे गुरुवार को युवक पशु चरा रहे थे। इस बीच पशु पानी में चले गए, जिस पर युवकों ने उन्हें निकालने का प्रयास किया। जिसमें एक युवक नदी के बहाब क्षेत्र में गड्ढे में फंस गया। उसे बचाने के लिए दूसरा युवक गया लेकिन दोनों पानी के बहाव में बह गए। दूसरे युवकों ने शोर मचाया जिस पर जिस पर एक ढाबा संचालक ने नदी में कूद उन्हें बचाया। पहले एक युवक और फिर दूसरे को बाहर निकाल लिया लेकिन दोनों की मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। ग्रामीण लोकेन्द्रसिह ने बताया कि रुदावल थाने के गांव कंजौली निवासी चार युवक सेवला हेड के पास गंभीर नदी के किनारे पशुओं को चराने गए थे। पशु अचानक गंभीर नदी में चले गए। जिस पर अंसू (18) पुत्र भूरा कुशवाह पशुओं को नदी से बाहर निकालने के प्रयास में गड्ढे में चला गया। उसे बचाने के लिए अरूण उर्फ छग्गा ठाकुर (18) ने नदी में छलांग लगा दी। लेकिन वह भी नदी के बहाव में बह गया। पास में पशु चरा रहे दो युवकों ने शोर मचाया। जिस पर एक ढाबा संचानक पहुंचा और दोनों को बचाने का प्रयास किया। जिस पर अंसू को बेहोसी की हालात में बाहर निकाला और आरबीएम अस्पताल ले गए। लेकिन उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। उधर, ग्रामीणों ने गंभीर नदी में दूसरे युवक अरूण की तलाश की। दो घंटे की मशक्कत के बाद वह सेवला हेड की सपाट के पास मृत हाल में एक खाई में मिला। मृतक के शव को पुलिस के पहुंचने से पहले ही ग्रामीण गांव ले गए। उधर, पुलिस ने रूदावल पुलिस को सूचना देकर शव को कब्जे में लेकर उच्चैन सीएचसी पर लाई। वहीं अंसू का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया। जानलेवा हमले के मामले में आरोपी
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व्हीलचेयर पर मुंह छिपाते बाहर आया रिश्वतखोर चिकित्सक, भेजा जेल Thursday 12 August 2021 05:21 PM UTC+00 ![]() भरतपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जिला आरबीएम अस्पताल में मरीज से बवासीर का ऑपरेशन करने के लिए रिश्वत लेते पकड़े आरोपी चिकित्सक डॉ.अनिल गुप्ता को गुरुवार दोपहर केन्द्रीय कारागार सेवर में दाखिल करा दिया। इससे पहले मेडिकल टीम ने उन्हें स्वस्थ्य घोषित कर दिया। जिस पर जेल प्रशासन को सूचना दी गई। जिस पर उन्हें सेवर जेल भेज दिया।
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तीन दिन में देनी थी रिपोर्ट, नौ दिन बाद भी अफसर बोले...अभी जांच बाकी Friday 13 August 2021 07:59 AM UTC+00 ![]() भरतपुर. शहर के सेठ हजारीलाल आनन्दधाम वृद्धाश्रम के संचालक के खिलाफ गंभीर शिकायत के बाद भी अधिकारी कितने सजग है, इसका अंदाजा जांच रिपोर्ट में हो रही देरी से ही लगाया जा सकता है। जिला कलक्टर ने जिस कमेटी को जांच का जिम्मा सौंपा। अब वही कमेटी आज-कल कर रसूख के दबाव में इतिश्री करने में जुटी हुई है। अभी सवाल दोषी कौन-कौन है इसका नहीं है बल्कि सवाल यह है कि आखिर इतना बड़ा गंभीर आरोप सामने आने के बाद भी जांच में देरी भी रहस्य बनी हुई है। छह अगस्त को भी हो चुका है हंगामा वृद्धाश्रम के संचालक अनिल गोयल को दुष्कर्म का आरोप लगाकर जेल भिजवाने वाली महिला ने छह अगस्त को भी हंगामा किया था। जहां आरोपी पक्ष ने बच्चों व बुजुर्गों को बंधक बनाने का आरोप लगाया था तो पीडि़त महिला ने आरोप लगाया था कि बच्चे व आरोपी के परिजन ज्ञापन पर जबरन बुजुर्गों के हस्ताक्षर करा रहे थे। महिला ने यह भी आरोप लगाया था कि एक गिरोह इस प्रकरण में आरोपी को बचाने के लिए सांठगांठ कर धनराशि के लालल में साजिश कर रहा है। उस समय पीडि़त महिला के विरोध में भी पुलिस अधिकारी को एक ज्ञापन दिया गया था। जबकि महिला की ओर से संचालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलक्टर से शिकायत की जा चुकी है। वाट्सअप पर चैटिंग मिली, अब लैपटॉप की जांच बाकी पुलिस अधिकारियों से बात करने पर सामने आया कि महिला के मोबाइल से संचालक व उसके बीच बातचीत की चैटिंग मिली है। अब लैपटॉप की जांच बाकी है। इसमें लैपटॉप में भी कुछ साक्ष्य होने का दावा किया गया है। बताते हैं कि लैपटॉप की भी जांच कर ली गई है। हालांकि अभी पुलिस भी इस प्रकरण में कुछ भी बोलने से कतरा रही है। कम से कम सच तो जनता के सामने आए... जिस आश्रम में अव्यवस्थाओं को लेकर करीब दो महीने पहले सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। मीडिया को महिलाओं ने बयान भी भेजे। उसी आश्रम के संचालक के खिलाफ अचानक इतना बड़ा गंभीर मामला सामने आना बड़ी बात है। यह साजिश है या सच, यह जांच का विषय है, लेकिन यह जरूरी है कि निष्पक्ष तरीके से जांच कर सच जनता के सामने आना चाहिए। क्योंकि आमजन वृद्धाश्रम को मंदिर की तरह मानते हैं। उनका मानना है कि जिन्हें कहीं पर भी रहने को जगह नहीं मिलती है, उन्हें आश्रम में स्थान मिलता है। इसलिए दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए। ताकि अन्य ऐसे स्थलों के लिए भी यह नजीर बन सके।
राजेंद्र गुर्जर |
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