>>: Digest for August 14, 2021

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भरतपुर. उच्चैन थाना क्षेत्र के सेवला हेड के पास गंभीर नदी किनारे गुरुवार को युवक पशु चरा रहे थे। इस बीच पशु पानी में चले गए, जिस पर युवकों ने उन्हें निकालने का प्रयास किया। जिसमें एक युवक नदी के बहाब क्षेत्र में गड्ढे में फंस गया। उसे बचाने के लिए दूसरा युवक गया लेकिन दोनों पानी के बहाव में बह गए। दूसरे युवकों ने शोर मचाया जिस पर जिस पर एक ढाबा संचालक ने नदी में कूद उन्हें बचाया। पहले एक युवक और फिर दूसरे को बाहर निकाल लिया लेकिन दोनों की मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली।

ग्रामीण लोकेन्द्रसिह ने बताया कि रुदावल थाने के गांव कंजौली निवासी चार युवक सेवला हेड के पास गंभीर नदी के किनारे पशुओं को चराने गए थे। पशु अचानक गंभीर नदी में चले गए। जिस पर अंसू (18) पुत्र भूरा कुशवाह पशुओं को नदी से बाहर निकालने के प्रयास में गड्ढे में चला गया। उसे बचाने के लिए अरूण उर्फ छग्गा ठाकुर (18) ने नदी में छलांग लगा दी। लेकिन वह भी नदी के बहाव में बह गया। पास में पशु चरा रहे दो युवकों ने शोर मचाया। जिस पर एक ढाबा संचानक पहुंचा और दोनों को बचाने का प्रयास किया। जिस पर अंसू को बेहोसी की हालात में बाहर निकाला और आरबीएम अस्पताल ले गए। लेकिन उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। उधर, ग्रामीणों ने गंभीर नदी में दूसरे युवक अरूण की तलाश की। दो घंटे की मशक्कत के बाद वह सेवला हेड की सपाट के पास मृत हाल में एक खाई में मिला। मृतक के शव को पुलिस के पहुंचने से पहले ही ग्रामीण गांव ले गए। उधर, पुलिस ने रूदावल पुलिस को सूचना देकर शव को कब्जे में लेकर उच्चैन सीएचसी पर लाई। वहीं अंसू का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया।

जानलेवा हमले के मामले में आरोपी


भरतपुर. सेवर थाना पुलिस ने जानलेवा हमले के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गांव महुआ सिनपिनी थाना सेवर निवासी रविन्द्र पुत्र तारासिंह जाट ने गत 14 मई को गांव के ही निवासी धर्मेन्द्र उर्फ कलूटी पुत्र हुब्बासिंह जाट बगैराह 2 जनों के विरूद्ध एक राय होकर उसके साथ मारपीट कर कुल्हडी, सरिया से जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था। प्रकरण की जांच करते हुए मामले में नामजद आरोपी धर्मेन्द्र उर्फ कलूटी पुत्र हुब्बासिंह जाट निवासी महुआ थाना सेवर को गिरफ्तार किया है।

भरतपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जिला आरबीएम अस्पताल में मरीज से बवासीर का ऑपरेशन करने के लिए रिश्वत लेते पकड़े आरोपी चिकित्सक डॉ.अनिल गुप्ता को गुरुवार दोपहर केन्द्रीय कारागार सेवर में दाखिल करा दिया। इससे पहले मेडिकल टीम ने उन्हें स्वस्थ्य घोषित कर दिया। जिस पर जेल प्रशासन को सूचना दी गई। जिस पर उन्हें सेवर जेल भेज दिया।
गौरतलब रहे कि एसीबी टीम ने बुधवार को आरोपी चिकित्सक डॉ.गुप्ता को रणजीतनगर कॉलोनी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। उसके बाद वीसी के जरिए कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। उससे पहले आरोपी का एसीबी ने जिला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराया, जिसमें स्वास्थ्य ठीक नहीं बताते हुए आईसीयू में भर्ती करा दिया था। यहां पर चालानी गार्ड की निगरानी में रहे।


रंगे हाथ पकडऩे के बाद छोडऩे से विवाद


एसीबी ने गत 7 अगस्त को जिला अस्पताल में परिवादी बिहारीलाल से बवासीर का ऑपरेशन करने के बदले 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। यहां एसीबी आरोपी को बाद में चौकी ले गई, लेकिन खराब तबीयत को देखते हुए एसीबी ने रात में छोड़ दिया था। जिसको लेकर खासा विवाद हो गया था। इसके चलते बुधवार को एसीबी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने सफाई देते कहा कि आरोपी के हार्ट का मरीज होने के चलते मानवीय आधार और साक्ष्यों का सत्यापन नहीं होने की वजह से गिरफ्तार नहीं करना बताया।

भरतपुर. शहर के सेठ हजारीलाल आनन्दधाम वृद्धाश्रम के संचालक के खिलाफ गंभीर शिकायत के बाद भी अधिकारी कितने सजग है, इसका अंदाजा जांच रिपोर्ट में हो रही देरी से ही लगाया जा सकता है। जिला कलक्टर ने जिस कमेटी को जांच का जिम्मा सौंपा। अब वही कमेटी आज-कल कर रसूख के दबाव में इतिश्री करने में जुटी हुई है। अभी सवाल दोषी कौन-कौन है इसका नहीं है बल्कि सवाल यह है कि आखिर इतना बड़ा गंभीर आरोप सामने आने के बाद भी जांच में देरी भी रहस्य बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार दो अगस्त को उद्योगनगर थाने में कर्नाटक के बेलगांव की निवासी 42 वर्षीय महिला ने आश्रम संचालक 60 वर्षीय अनिल गोयल पर छेड़छाड़, मारपीट, बलात्कार और अप्राकृतिक मैथुन करने का आरोप लगाया था। हालांकि आश्रम संचालक ने भी आरोपों को निराधार बताया था। उस समय महिला का मेडिकल और मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराने के बाद कराकर आरोपी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद चार अगस्त को जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने सेठ हजारीलाल आनन्दधाम वृद्धाश्रम के संचालक के विरुद्ध शिकायतों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने आदेश जारी कर कमेटी को वृद्धाश्रम के संचालक के विरुद्ध शिकायतों की जांच कर तीन दिवस में रिपोर्ट मय सुझाव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। आदेशों के तहत कमेटी में अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर, वृत्ताधिकारी पुलिस शहर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक को शामिल किया था।

छह अगस्त को भी हो चुका है हंगामा

वृद्धाश्रम के संचालक अनिल गोयल को दुष्कर्म का आरोप लगाकर जेल भिजवाने वाली महिला ने छह अगस्त को भी हंगामा किया था। जहां आरोपी पक्ष ने बच्चों व बुजुर्गों को बंधक बनाने का आरोप लगाया था तो पीडि़त महिला ने आरोप लगाया था कि बच्चे व आरोपी के परिजन ज्ञापन पर जबरन बुजुर्गों के हस्ताक्षर करा रहे थे। महिला ने यह भी आरोप लगाया था कि एक गिरोह इस प्रकरण में आरोपी को बचाने के लिए सांठगांठ कर धनराशि के लालल में साजिश कर रहा है। उस समय पीडि़त महिला के विरोध में भी पुलिस अधिकारी को एक ज्ञापन दिया गया था। जबकि महिला की ओर से संचालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलक्टर से शिकायत की जा चुकी है।

वाट्सअप पर चैटिंग मिली, अब लैपटॉप की जांच बाकी

पुलिस अधिकारियों से बात करने पर सामने आया कि महिला के मोबाइल से संचालक व उसके बीच बातचीत की चैटिंग मिली है। अब लैपटॉप की जांच बाकी है। इसमें लैपटॉप में भी कुछ साक्ष्य होने का दावा किया गया है। बताते हैं कि लैपटॉप की भी जांच कर ली गई है। हालांकि अभी पुलिस भी इस प्रकरण में कुछ भी बोलने से कतरा रही है।

कम से कम सच तो जनता के सामने आए...

जिस आश्रम में अव्यवस्थाओं को लेकर करीब दो महीने पहले सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। मीडिया को महिलाओं ने बयान भी भेजे। उसी आश्रम के संचालक के खिलाफ अचानक इतना बड़ा गंभीर मामला सामने आना बड़ी बात है। यह साजिश है या सच, यह जांच का विषय है, लेकिन यह जरूरी है कि निष्पक्ष तरीके से जांच कर सच जनता के सामने आना चाहिए। क्योंकि आमजन वृद्धाश्रम को मंदिर की तरह मानते हैं। उनका मानना है कि जिन्हें कहीं पर भी रहने को जगह नहीं मिलती है, उन्हें आश्रम में स्थान मिलता है। इसलिए दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए। ताकि अन्य ऐसे स्थलों के लिए भी यह नजीर बन सके।


-जांच कमेटी गठित की गई थी। तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया था, लेकिन अभी तक रिपोर्ट मेरे पास नहीं आई है।
हिमांशु गुप्ता
जिला कलक्टर

-सुनने में ही आया है कि जिला कलक्टर की ओर से जांच कमेटी गठित की गई है, इसमें मैं भी शामिल हूं। अभी तक कमेटी का कोई आदेश, बैठक की सूचना या जांच के लिए कमेटी ने भी कोई सूचना नहीं दी है।
सतीश वर्मा
पुलिस उपाधीक्षक शहर


-स्वयं मैं आश्रम जाकर जांच कर आया हूं। अभी कमेटी के अन्य सदस्यों का भी जांच करना बाकी है। बीच में चुनाव भी आ गए हैं, इसलिए व्यस्त हो गए हैं। अभी तक कुछ भी कहना मुमकिन नहीं है। जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद ही कुछ बता सकता हूं।

राजेंद्र गुर्जर
उपनिदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

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