>>: Digest for August 23, 2021

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Table of Contents

सीकर/लोसल. राजस्थान के सीकर जिले के लोसल इलाके में आज सुबह कोटपूतली कुचामन हाईवे पर एक स्लीपर बस पलट गई। हादसे में बस में सवार 10 यात्री घायल हो गए। जिनमें से तीन की हालत गंभीर होने पर उन्हें सीकर रेफर किया गया। जानकारी के अनुसार श्री मारुति ट्रेवल्स की स्लीपर बस अहमदाबाद से सीकर आ रही थी। इसी दौरान सुबह करीब सात बजे ज्योतिबा फुले सर्किल के पास बरसात के बीच तेज गति में घुमाव लेते समय बस अनियंत्रित हो गई। बस सड़क के नीचे उतरते हुए पलट गई। जिसमें सवार दो बच्चों सहित 10 यात्री घायल हो गए। आवाज सुनकर नजदीकी लोग मौके पर पहुंचे व पुलिस को सूचना दी। इसके बाद हताहतों केा लोसल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। जहां हालत गंभीर होने पर प्राथमिक उपचार के बाद तीन यात्रियों को सीकर रेफर कर दिया गया। बाकी का उपचार अब भी जारी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

स्टेयरिंग फेल होने से हादसा
हादसे की वजह स्टेयरिंग फेल होना भी बताया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार चालक ने बताया कि बस जब ज्योतिबा फुले सर्किल के पास घुम रही थी। इसी दौरान उसका स्टेयरिंग फेल हो गया। जिसकी वजह से बस ने नियंत्रण खो दिया। इसके बाद बस सड़क से नीचे उतरते हुए पलट गई।

मां व बेटे- बेटी घायल
हादसे में घायल हुए यात्रियों में झुंझुनूं के मां व बेटे- बेटी भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार हादसे में झुंझुनूं के बड़ा गांव गुढ़ागौडज़ी निवासी सुमन देवी (30)पत्नी राजू देवी, उसकी सात वर्षीय बेटी डिम्पल व 12 वर्षीय बेटा कुनाल उर्फ टीपू घायल हो गए। इनके अलावा कदेला कला, गुढ़ागौडज़ी का सुरेन्द्र (26) पुत्र कालूराम कुमावत, उदयपुरवाटी का हरेराम(50) पुत्र सांवरमल कुमावत, सोलाना चिड़ावा निवासी अभिषेक(24)पुत्र महेन्द्र सिंह, सीकर की नेछवा निवासी पूजा (22) पत्नी हंसराज बावरी, धोद का गणेशपुरा निवासी कैलाश चंद (23) पुत्र गोपाल राम व माण्डोल निवासी कल्याण सिंह (33) पुत्र उम्मेद सिंह तथा हनुमानगढ़ संगरिया की 40 वर्षीय मुन्नी देवी पत्नी सांवरमल बावरी शामिल है।

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में मानसून दो सप्ताह बाद आज जमकर मेहरबान हुआ। सीकर शहर सहित जिले के कई इलाकों में देर रात करीब तीन बजे शुरू हुई बरसात का दौर दोपहर 12 बजे तक जारी रहा। जो अब भी कई इलाकों में हल्के तो कहीं मध्यम गति की बरसात के रूप में देखा जा रहा है। रूक रुक कर 9 घंटे तक रिमझिम तो कभी झमाझम हुई बरसात से कई निचले इलाकों में पानी भर गया। जो राहगिरों के साथ स्थानीय लोगों के लिए भी भारी परेशान का सबब बन गया। पानी घरों में घुसने से लोगों के घरों के सामान उनमें तैरने लगे। हालांकि दोपहर 12 बजे सीकर शहर में धूप खिलने से अब मौसम साफ हो गया है। पर बजाज रोड, पुराना दूजोद गेट, नवलगढ़ रोड व राधाकिशनपुरा इलाके में पानी भराव अब भी लोगों की समस्या बना हुआ है। बरसात से कई इलाकों में बिजली भी गुल रही।

खाटूश्यामजी व पलसाना में भी झमाझम
खाटूश्यामजी, पलसाना, रानोली व रींगस के आसपास भी झमाझम बरसात हुई। यहां बरसात सुबह आठ बजे शुरू हुई जो तेज गति से शुरू होकर रुक रुककर जारी रही। बरसात से यहां भ्ीा निचले इलाके पानी भराव से जलमग्र हो गए।


गर्मी से मिली राहत
बरसात से अंचल को गर्मी से बड़ी राहत मिली है। इससे पहले सीकर में तापमान 40 डिग्री के आसपास पहुंच गया था। उमसभरी गर्मी ने आमजन को बेहाल कर रखा था। लेकिन, आज की झमाझम से गर्मी एकबारगी गुम हो गई है।

अब भी बरसात अलर्ट
इधर, मौसम विभाग ने जिले में आगे भी बरसात की संभावना जाहिर की है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार जयपुर, दौसा ,टोंक, सीकर, झुंझुनू, चूरू, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बाडमेर, जालौर, नागौर, जोधपुर, पाली, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़़, राजसमंद, सिरोही जिलों और आसपास के क्षेत्रों मे कहीं-कहीं पर मेघगर्जन व आकाशीय बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस अवधि के दौरान श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, सीकर, झुंझुनू और बीकानेर जिलों में कहीं कहीं मेघगर्जन / आकाशीय बिजली तथा एक या दो तेज बारिश के दौर की भी संभावना है।

सीकर. भाई बहनों के प्रेम का पर्व रक्षाबंधन रविवार को हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। बहनें अपने भाइयों के हाथ में रक्षासूत्र बांधकर व मिठाई खिलाकर उनकी लम्बी उम्र की कामना कर रही हैं, तो भाई भी बहनों को मनचाहा उपहार देने के साथ रक्षा का संकल्प ले रहे हैं। घर घर में रक्षाबंधन की कथा भी सुनी जा रही है। इस दौरान देश की रक्षा में शहीद हुए सैनिकों की बहनें भी उनकी प्रतिमाओं को राखी बांधकर पर्व की परंपरा को निभा रही है।

शहीद महेश कुमार को बांधी राखी
2004 में दुश्मनों से लोहा लेते हुए बारामुला में शहीद हुए भैरुंपुरा निवासी महेश कुमार भामू की प्रतिमा पर रविवार को बहन भागवती छब्बरवाल रक्षासूत्र बांधने पहुंची। शहीद वीरांगना सरोज देवी के साथ पहुंची भागवती ने पहले शहीद की प्रतिमा को तिलक लगाकर रक्षासूत्र बांधा और फिर मिठाई खिलाकर आरती की। इसके बाद ही शहीद वीरांगना को रक्षा सूत्र बांधा। इस दौरान भागवती एकबारगी भावुक भी हो गई। हर बार की तरह इस बार भी उसकी आंखें आंसू से छलछला उठी।

करोड़ों बहनों की रक्षा की, भाई पर गर्व
इस दौरान भागवती ने भाई महेश कुमार भामू की शहादत पर गर्व भी जाहिर किया। भागवती ने कहा कि शहीद महेश ने देश के साथ यहां की करोड़ों बहनों की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति दी है। जो सच्चे मायने में रक्षाबंधन को निभाना है। कहा कि शहीद अमर होते हैं और इसलिए उन्हें राखी बांधने की परंपरा वह कभी नहीं तोड़ेगी।

हर काम की शुरुआत शहीद से
शहीद महेश भामू का परिवार महेश भामू को हर काम में पहले याद करता है। वीरांगना सरोज देवी ने बताया कि हर त्योहार से लेकर छोटे बड़े सभी कार्यक्रम में परिवार पहले शहीद प्रतिमा स्थल आता है। इसके बाद ही कोई काम शुरू होता है। रक्षाबंधन की शुरुआत भी शहीद प्रतिमा के राखी बांधने के बाद ही मनाने की पंरपरा है।

सीकर. धोरों की धरती शेखावाटी में भाई-बहन के अटूट रिश्तों की डोर एक मिसाल है। किसी बहन ने अपने भाई की जिदंगानी के लिए लीवर दान कर दिया तो किसी ने भाई के कॅरियर के लिए अपने कॅरियर को दाव पर लगा दिया। भाई-बहनों का कहना है कि रिश्तों की डोर में यदि समपर्ण का धागा और बंध जाए तो डोर अटूट हो जाती है। रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहनों के अटूट रिश्तों को लेकर विशेष स्टोरी।

केस एक: भाई की जिदंगी की बात आई तो बहन ने दे दिया लीवर
किसान कॉलोनी निवासी अंजू चौधरी के भाई धर्मेन्द्र का लगभग दस साल पहले लीवर फेल हो गया था। इस दौरान परिवार के सभी लोग डिप्रेशन में आ गए। दिल्ली के एक चिकित्सक से इस मामले में परिवार के लोगों ने बातचीत की। इस पर चिकित्सकों ने कहा कि लीवर ट्रांसफर के जरिए ही नई जिदंगी मिल सकती है। अंजू चौधरी ने परिवार के सभी सदस्यों को कहा कि अपने भाई के लिए वह लीवर दान करेगी। अंजू के इस फैसले ने सभी को चौका दिया। उन्होंने अपने पति रघुवीर सिंह के सामने भी यह प्रस्ताव रखा। वह भी संहर्ष तैयार हो गए।

अपनी कमाई भी ऑपरेशन में लगाई
चिकित्सकों ने बताया कि आप लीवर दान तो दे रहे हो लेकिन आपको कई तरह की दिक्कत आ सकती है। इसके बाद भी वह ऑपरेशन के लिए तैयार हो गई। लगभग बारह घंटे के ऑपरेशन के बाद वह भाई के जीवन को बचाने में सफल हुई। अंजू चौधरी फिलहाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चैनपुरा दादली में प्रधानाचार्या के पद पर कार्यरत है। इनके भाई धर्मेन्द्र कुल्हरी केन्द्रीय कारागार सीकर में एंबुलेंस चालक के पद सेवाए रहे हैं। ऑपरेशन में काफी खर्चा आने की वजह से ज्यादातर खर्चा भी बहन ने उठाया था। इनके पति रघुवीर सिंह नारायण देवी मोदी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छावनी नीमकाथाना में राजनीति विज्ञान विषय के पद पर कार्यरत है।

केस दो: पति बॉर्डर पर शहीद, फिर भाई बना सहारा
बागरियावास निवासी शहीद सुल्तान सिंह की वीरांगना से रक्षाबंधन की बात करतें ही भावुक हो जाती है। वह बताती है कि जब 22 वर्ष की उम्र थी उस समय पति सुल्तान सिंह बॉर्डर पर दुश्मनों से खदेड़ते हुए शहीद हो गए। उस समय ससुराल वालों के साथ अन्य रिश्तेदारों ने भी बहुत मानसिक सहारा दिया। लेकिन भाई ने संघर्ष के दौर में जो सहारा दिया उसे ताउम्र नहीं भूल सकूंगी। शहीद स्मारक के लिए प्रशासन ने जमीन देने से इंकार कर दिया। इसके बाद भाई ने हार नहीं मानी और दिन-रात एक कर दी। आखिरकार शहीद स्मारक को जमीन भी मिली और स्मारक भी बना। इसके बाद मेरी नौकरी के लिए मुझे प्रोत्साहित किया। अब सार्वजनिक निर्माण विभाग में यूडीसी के पद पर कार्यरत हूं। इनके भाई सुभाष सीकर में अभिभाषक है।

केस तीन: मेरी बहन ने मेरी जिदंगी संवार दी, बरना कही धक्के खा रहा होता
जिदंगी संवारने में माता-पिता के साथ बड़ा रोल भाई-बहनों का भी होता है। वर्ष 2013 में मेरी बहन अनु शर्मा का आरएएस भर्ती में चयन हो गया। इस समय तक मैं बेरोजगार था कई निजी कंपनियों में काम किया लेकिन मन को संतुष्टी नहीं मिली। यह कहना है कि पलथाना गांव निवासी विकास शर्मा का। उन्होंने बताया कि इसके बाद बहन मुझे जयपुर लेकर चली गई। वह नियमित रुप से मेरी तैयारी को जांचती। जहां गलती वहां बताती है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसे तैयारी करेंगे तो सफलता नहीं मिलेगी। उनके मागदर्शन की वजह से मेरा प्रयोशाला सहायक में चयन हो गया। उन्होंने समझाया कि लगातार जुटे रहना। इसके बाद पिछले साल रसायन विज्ञान व्याख्याता भर्र्ती में 27 वीं रैंक के साथ चयन हो गया। उन्होंने मेरी पत्नी पूनम शर्मा को भी मदद की। इसकी वजह से उनका भी 100 वीं रैंक के साथ व्याख्याता भर्ती में नंबर आ गया। उन्होंने बताया कि सफलता में बहन रेणु शर्मा का भी अहम रोल रहा है। वह भी व्याख्याता के पद पर कार्यरत है। इनके पिता सुरेश कुमार शर्मा सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक में बैकिंग असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है। जबकि बहन अनु शर्मा फिलहाल पर्यटन विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर कार्यरत है। बकौल, विकास का कहना है कि यदि बहन ने मुझे उस दौर में यदि नहीं समझाया होता तो बेरोजगारी की भीड़ में धक्के खा रहा होता।

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में मानसून रविवार को जबरदस्त मेहरबान रहा। रात तीन बजे शुरू हुई बरसात का दौर दोपहर 12 बजे थमने के बाद शाम सात बजे फिर शुरू हो गया। जो करीब एक घंटे से रिमझिम तो कभी झमाझम बरस रही है। बरसात से कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। वहीं, बजाज रोड, पुराना दूजोद गेट, नवलगढ़ रोड व राधाकिशनपुरा सरीखे इलाके में पानी भराव भारी परेशानी बन गया।आलम ये है कि कई घरों में पानी अंदर तक घुस गया है, तो वाहन चालकों के वाहन भी जल भराव में जवाब दे गए। इससे पहले सुबह की बरसात में नवलगढ़ रोड पर पानी भराव में एक बस फंसने से सिविल डिफेंस को भी मदद के लिए पहुंचना पड़ा। मौसम विभाग ने सोमवार को भी सीकर सहित शेखावाटी में भारी बरसात की चेतावनी जारी की है।दो सप्ताह बाद हुई बरसात

जिले में मानसून करीब दो सप्ताह बाद इतना मेहरबान हुआ। जिसकी शुरुआत रींगस में शनिवार शाम को हल्की बरसात से हुई। जो देर रात तक सीकर शहर तक तेज बरसात में तब्दील हो गई। देखते देखते बरसात का दौर जयपुर रोड के आसपास के पूरे इलाके में दिखना शुरू हो गया। जहां रिमझित तो कहीं तेज बरसात हुई। सीकर शहर में करीब 9 घंटे बरसात के बाद दोपहर 12 बजे एकबारगी धूप खिलने से मौसम साफ हो गया। लेकिन, शाम छह बजे बाद फिर बादल घिर आए। जो शाम सात बजे तक तेज रफ्तार में पानी बरसाने लगे।

गर्मी से मिली राहत
बरसात से अंचल को गर्मी से बड़ी राहत मिली है। इससे पहले सीकर में तापमान 40 डिग्री के आसपास पहुंच गया था। उमसभरी गर्मी ने आमजन को बेहाल कर रखा था। लेकिन, आज की झमाझम से गर्मी एकबारगी गुम हो गई है।

शेखावाटी में कल भी भारी बरसात अलर्ट
इधर, मौसम विभाग ने सोमवार को भी सीकर सहित शेखावाटी में भारी बरसात का अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार सोमवार को सीकर, झुंझुनूं व अलवर, नागौर व चूरू जिलों के कुछ इलाकों में भारी बरसात हो सकती है।

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