>>: Digest for August 23, 2021

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अलवर. पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभरते सरिस्का बाघ अभयारण्य पर वाहनों का धुआं भारी पड़ सकता है। शनिवार व मंगलवार को सरिस्का में धार्मिक पर्यटन के लिए निजी वाहनों को प्रवेश दिए जाने से वहां वाहनों की रेलमपेल रहती है, ऐसे में वाहनों से निकलने वाले धुएं से बाघ एवं अन्य वन्यजीवों की सांसों पर संकट खड़ा हो सकता है।
सरिस्का बाघ परियोजना में सप्ताह में शनिवार व मंगलवार को धार्मिक पर्यटन के लिए निजी वाहनों को प्रवेश दिए जाने का प्रावधान है। वहीं वाहन शुल्क के अलावा व्यक्तियों का प्रवेश निशुल्क रहता है। इस कारण सप्ताह के इन दो दिनों में सुबह से शाम तक जंगल में डीजल व पेट्रोल वाहनों की भरमार रहती है। इन वाहनों से निकलने वाले धुएं से सरिस्का का पर्यावरण प्रदूषित होता है, जिसका सीधा असर बाघ, पेंथर सहित अन्य वन्यजीवों के जीवन पर पड़ता है। सांस के माध्यम से वन्यजीवों में जाने वाली प्रदूषित वायु से उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पडऩे की आशंका बढ़ गई है।


सरिस्का में बाघों का कुनबा 23
सरिस्का में बाघों की संख्या में तेजी से वृद्धि होने के कारण इन दिनों बाघों का कुनबा बढकऱ 23 तक पहुंच गया है। इसमें जल्द वृद्धि की संभावना भी है। वहीं बाघ एसटी-15 व 21 ने अपनी टैरिटरी सरिस्का के सदर गेट से पाण्डुपोल मंदिर तक बना रखी है। वहीं टहला व सरिस्का गेट से पाण्डुपोल मंदिर तक बाघों का विचरण बढ़ा है, जिसमें बाघिन एसटी-2, 3, 7, 8, 9 स्वच्छंद विचरण करते हैं।जिला कलक्टर को लिख चुके पत्र सरिस्का बाघ परियोजना स्थानीय सलाहकार समिति सदस्य एडवोकेट संजीव कारगवाल ने गत माह जिला कलक्टर को पत्र भेजकर धार्मिक पर्यटन पर जाने वाले निजी वाहनों पर वर्षाकाल एवं कोविड की पालना के लिए रोक लगाने की मांग की। उनका कहना था कि इतनी बड़ी संख्या में वाहनों में पर्यटकों के सरिस्का में प्रवेश लेने से भीड़ बढऩा तय है, ऐसी स्थिति में कोविड गाइडलाइन की पालना में भी परेशानी होगी।


निजी वाहनों से आय कम और खतरा ज्यादा
सरिस्का में निजी वाहनों के प्रवेश आय कम और खतरा ज्यादा रहता है। वर्ष 2019-20 में टहला गेट 7119 निजी वाहनों को प्रवेश दिया गया, इनमें 4608 दोपहिया वाहन, 2381 कार, जीप व जिप्सी, 130 मिनी बस व बसों को प्रवेश दिया गया। इनसे से प्रवेश शुल्क के रूप में सरिस्का को 8 लाख 73 हजार 255 रुपए की आय हुई। वहीं कोरोना संक्रमण के साये में वर्ष 2020-21 में 681 निजी वाहनों को प्रवेश दिया गया, जिनसे एक लाख 675 रुपए की आय हुई।

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