जोधपुर।
जोधपुर के जुड़वां भाइयों तपनदेव सिंह और तरुणदेव सिंह ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस फतह की है। दोनों भाइयों ने टीम लीडर कंचनजंगा व अन्नपूर्णा चोटियां फतह करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला शीतल के साथ 15 अगस्त को रूस-जॉर्जिया बॉर्डर पर स्थित 5642 मीटर (18510 फि ट) चोटी पर तिरंगा लहराया। चार सदस्यीय टीम ने 13 अगस्त को 3400 मीटर ऊंचाई पर बेस कैंप बनाया और 14 अगस्त की रात को सम्मिट के लिए निकल गए। टीम ने 15 अगस्त को दोपहर 1 बजे एल्ब्रुस की चोटी पर तिरंगा लहराकर आजादी का जश्न मनाया। एल्ब्रुस जाने से पहले टीम ने उत्तराखंड के हिमालय में पर्याप्त ट्रेनिंग की थी और इसी का नतीजा था की टीम रिकॉर्ड समय 48 घंटे में चोटी फतह कर पाई। टीम में केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख से जिगमित थरचिन भी थे, जिन्होंने इसी साल माउंट एवरेस्ट को फ तह किया है। वे यूरोप की सबसे ऊंची चोटी को फतेह करने वाले लद्दाख के पहले युवा हैं।
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खेतीबाड़ी से कर रहे जीवन यापन
29 वर्षीय दोनों भाई मूलत: पाली जिले के काला पीतल की ढानी गांव के रहने वाले है और वर्तमान में खेतीबाड़ी से अपना जीवन यापन कर रहे है। घूमने-फि रने का शौक इन्हें बचपन से ही था और दोनों ने हिमालय की कई ट्रेक जैसे स्टॉक कांगरी, रूपकुंड, मीरा थांग ग्लेशियर, तुंगनाथ आदि मे हिस्सा लिया है। पहली बार 2016 में दोनों भाइयों को पर्वतारोहण मे कुछ करने की इच्छा हुई। इन्होंने अपना बेसिक कोर्स पहलगाम से किया।
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माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना सपना
दोनों भाई पिछले साल से क्लाइम्बिंग बियॉन्ड द समिट्स संस्था से जुड़े हुआ है और युवा महिला पर्वतारोही शीतल से पर्वतारोहण के गुर सीख रहे है। दोनों भाइयों का सपना दुनिया की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना है। इसी साल दोनों उत्तराखंड के कुमाऊँ हिमालय में स्थित दारमा और व्यास घाटी में अपना प्रक्षिशण जारी रखेंगे और 2023 में माउंट एवेरेस्ट अभियान की शुरुआत करेंगे। इनके पिता इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त है और माता गृहिणी है।