>>: भरतपुर के साहित्य प्रेमियों के लिए अच्छी खबर... संवरेगा समृद्ध ज्ञान, मिलेगा अनुदान

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भरतपुर. सालों से बजट के अभाव में संरक्षण एवं संवद्र्धन की बाट जोह रही शहर की समृद्ध विरासत को अब पंख लगेंगे। हिन्दी साहित्य समिति भरतपुर के संवद्र्धन एवं वार्षिक कार्ययोजना सहित आय-व्यय एवं आयोजन को लेकर विस्तृत जांच रिपोर्ट असिस्ट कमेटी ने अतिरिक्त जिला कलक्टर को सौंप दी है। अब यह रिपोर्ट जिला कलक्टर के अनुमोदन के बाद भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजी जाएगी। इसके बाद समिति को सरकार से स्वीकृत पांच करोड़ का बजट मिलेगा।

असिस्ट कमेटी विगत तीन दिनों से हिन्दी साहित्य समिति की संपूर्ण जानकारी में जुटी थी। इस दौरान करीब 20 लोगों के माध्यम से जांच समिति के सदस्यों ने समिति की संपत्ति एवं देनदारियों की पूरी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसमें राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में चाही गई सूचनाओं का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया है। अब अन्य सरकारी पुस्तकालयों की तरह समिति का आगे का संचालन भी राज्य सरकार के हाथों में होगा।

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समृद्ध ज्ञान का कोष है हिन्दी साहित्य समिति

शहर की विरासतकालीन हिन्दी साहित्य समिति मेें करीब 33 हजार 437 पुस्तकें हैं। इसके अलावा 17 वीं शताब्दी से लेकर 20 शताब्दी तक की पांडुलिपियां हैं। इनमें वेद, उपनिषद, कर्मकांड, पुराण, गीता, रामायण, महाभारत से लेकर चिकित्सा आयुर्वेद, ज्योतिष गणित, चित्रकला, राजनीति, शिक्षा, मनोविज्ञान से लेकर बालकोपयोगी किताबें भी हैं।

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जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। जिला कलक्टर के अनुमोदन के बाद अब यह रिपोर्ट सरकार को भिजवाई जाएगी।

सुभाष गोयल, कार्यवाहक अतिरिक्त जिला कलेक्टर

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