>>: Exam Phobia : डिप्रेशन के मरीज बढ़े, रोज आने लगे 10-12 स्टूडेंट

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

एग्जाम फोबिया : डिप्रेशन के मरीज बढ़े, रोज आने लगे 10-12 स्टूडेंट
बोर्ड परीक्षा के चलते बदली दिनचर्या, कई बच्चों का स्वभाव बदलने से अभिभावक परेशान
जोधपुर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की इन दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा चल रही है। परीक्षा के दौरान मनोरोग विभाग की ओपीडी में डिप्रेशन के आने वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। इन दिनों मथुरादास माथुर अस्तापल में आने वाले इन मरीजों में औसतन 10-12 स्टूडेंट हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल और डॉक्टरों के घर पर दिखाने वालों की संख्या जोड़ी जाए तो यह संख्या 100 से ज्यादा बैठ रही है। बोर्ड परीक्षा के दौरान बदली दिनचर्या और कई घरों में बच्चों के स्वाभाव में आए बदलाव से अभिभावकों की चिंता और परेशानी बढ़ गई है।

-------------------------

केस- एक : जोधपुर की एक बच्ची बेंगलुरू में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। किताबों से लगातार चिपके रहने से उसका मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया। उसे पहले तो स्थानीय अभिभावक ने संभाला, फिर जोधपुर से माता-पिता को बुलाया गया। टेलीकाउंसिंग के आधार पर उसे संभालने का प्रयास किया गया, लेकिन बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उसे जोधपुर लाया गया। उसे मथुरादास माथुर अस्पताल में दिखाया गया। उसे दवाएं देकर घर पर आराम की सलाह दी गई है।

केस- दो : बिलाड़ा के एक विद्यार्थी ने दसवीं बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले की किताबें फेंक दी। उसका व्यवहार हिंसक हो गया। बात-बात पर मारने-पीटने पर उतारू होने लगा तो अभिभावकों को लगा कि उसके किसी प्रकार के नशे की लत लग गई। कई जगह दिखाने के बाद जोधपुर उसे शहर के एक निजी अस्पताल में लाया गया। उपचार के बाद उसकी स्थिति ठीक है। अभिभावकों को उसे बेहतर पारिवारिक माहौल देने को कहा गया है।

-------------------------

एग्जाम फोबिया के कारण

- पढ़ने में कठिनाई।

- कुछ विषयों का डर।

- माता-पिता और शिक्षकों की अपेक्षाएं।

- आत्मविश्वास की कमी।

- ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता।

-------------------------

1,12,444 परीक्षार्थी जिले में दे रहे हैं आरबीएसई बोर्ड एग्जाम।

60,099 स्टूडेंट दे रहे हैं दसवीं बोर्ड एग्जाम।

53,345 स्टूडेंट दे रहे हैं बारहवीं बोर्ड एग्जाम।

-------------------------

भयमुक्त परीक्षा

पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में चर्चा कर परीक्षा को तनावमुक्त बनाने के भरसक प्रयास किए गए। अभिभावकों को भी मानसिक रूप से तैयार किया गया कि बच्चों पर परीक्षा को लेकर किसी प्रकार का दबाव नहीं बढ़ाएं। शिक्षकों को भी समझाया गया है कि विद्यार्थियों पर परिणाम को लेकर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएं। बच्चों को पढ़ाई में कहीं कोई दिक्कत आ रही है या कोई विषयवस्तु समझ में नहीं आ रही है तो उसके लिए शिक्षक मदद के लिए हरपल तत्पर रहते हैं।

- प्रेमचंद सांखला, संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajasthanss63@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.