भरतपुर. अब कभी भी डोर टू डोर कचरा उठाने पर शुल्क जल्द शुरू हो सकता है। क्योंकि नगर निगम शीघ्र ही घर-घर से कचरा उठाने पर 20 रुपए से लेकर पांच हजार हजार रुपए महीने तक का शुल्क लागू कर सकता है। हालांकि सरकार वर्ष 2016 से शुल्क वसूलने की तैयारी कर रही है, लेकिन अभी तक वसूलना शुरू नहीं हुआ है। चुंगी पुनर्भरण के तहत सरकार की ओर से नगर निगमों को दी जाने वाली राशि में प्रति माह करीब दो करोड़ से ज्यादा रुपए की कमी की गई है। इस राशि की भरपाई करने के लिए नगर निगम अब जल्दी की डोर टू डोर कचरा उठाने की व्यवस्था पर शुल्क लगा सकती है। इसके सरकार की ओर से कम की गई राशि की कुछ भरपाई हो सकती है।
प्रति माह इतना देना होगा शुल्क
50 वर्गमीटर तक मकान पर 20 रुपए, 50 से 300 वर्गमीटर तक मकान पर 80 रुपए, 300 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के मकान पर 150 रुपए, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, दुकान, खानपान के स्थान पर 250 रुपए, गेस्ट हाउस पर 750 रुपए, छात्रावास सरकारी पर 500 रुपए, छात्रावास निजी पर 1000 रुपए, रेस्टोरेंट पर 750 रुपए, होटल रेस्टोरेंट (थ्री स्टार तक) 1500 रुपए, होटल रेस्टोरेंट (थ्री स्टार से अधिक) पर 3000 रुपए, व्यावसायिक कार्यालय, सरकारी कार्यालय, बैंक, बीमा कार्यालय, निजी के अलावा कोङ्क्षचग क्लासेज, शैक्षणिक संस्थान पर 700 रुपए, निजी शैक्षणिक संस्थान पर 1000 रुपए, निजी कोङ्क्षचग संस्थान पर 5000 रुपए, निजी कोङ्क्षचग क्लासेज पर 1000 रुपए, क्लीनिक, डिस्पेंसरी, लेबोरेटरीज (50 बैड तक) 2000 रुपए, क्लीनिक, डिस्पेंसरी, लेबोरेटरीज (50 बैड से अधिक) पर 4000 रुपए, लघु व कुटीर उद्योग, वर्कशॉप (केवल गैर खतरनाक अवशिष्ठ 10 किग्रा प्रतिदिन) पर 750 रुपए, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज (केवल गैर खतरनाक अवशिष्ठ) पर 1500 रुपए, शादी हॉल, उत्सव हॉल, प्रदर्शनी एवं मेला (3000 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक) पर 2000 रुपए, शादी हॉल, उत्सव हॉल, प्रदर्शनी और मेला (3000 वर्गमीटर क्षेत्रफल से अधिक) पर 5000 रुपए प्रति माह शुल्क लगेगा।
इनका कहना...
डोर टू डोर कचरा उठाने पर शुल्क लागू करने की प्रक्रिया जारी है। सभी से चर्चा करके शीघ्र ही इसको शहर में लागू किया जाएगा। इससे नगर निगम की आय भी बढ़ेगी।
-अभिजीत कुमार, महापौर, नगर निगम, भरतपुर
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नगर निगम को पहले कचड़ा कलेक्शन को प्रभावी बनाना होगा। शहर में घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था अब तक प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाई है। कुछ क्षेत्रों में तो कचरे की गाड़ी पहुंच भी नहीं पाती है। नालियों की सफाई नियमित नहीं हो रही है। ऐसे में शुल्क वसूली से पहले निगम को कचरा उठाने की व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी।
-रूपेन्द्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम, भरतपुर