नई दिल्ली. पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने एलन करियर इंस्टीट््यूट के एक कार्यक्रम में कहा कि युवा देश के कर्णधार हैं। उनसे कहना है कि वे जिस क्षेत्र में जाए विकास करें और नाम कमाएं लेकिन हिन्दुस्तानी बने रहें। युवाओं को अंग्रेजों की दिनचर्या की नकल की जरूरत नहीं है, उन्हें जो अच्छा मिले ग्रहण करना चाहिए।
वर्तमान शिक्षा प्रणाली से अंग्रेजियत को बढ़ावा
कोठारी ने इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में एलन करियर इंस्टिट्यूट के ओपन सेशन में कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली से अंग्रजियत हावी हो रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली से अंग्रेज पैदा हो रहे हैं। जिसके बारे में गंभीरता से सोचना जरूरी है। इस अवसर पर कोठारी ने एलन के दिल्ली में शुरू होने पर बधाई दी।
युवा आज ज़िंदगी के उस मोड़ पर खड़े हैं, जहां उन्हें नए भविष्य की ओर कदम रखना है। युवा अभी तक जितना भी शैक्षणिक सफर तय कर यहां पहुंचे है, वो निवेश है। इसे समाज सेवा और देश सेवा करके चुकाना होगा, क्योंकि जो देता है, वही बड़ा होता है। एक बीज तब तक पेड़ नहीं बन सकता, जब तब उसमें देने की भावना नहीं होगी। एलन के डायरेक्टर डॉ. गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, डॉ. नवीन माहेश्वरी, डॉ. बृजेश माहेश्वरी व सीईओ नितिन कुकरेजा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व कोठारी का स्वागत किया।
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हमारी शिक्षा- आध्यातिमकता
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि उनका संसदीय क्षेत्र कोटा आज देश भर में शिक्षा नगरी के रूप में जाना जाता है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोटा को 'शिक्षा की काशी' की उपमा भी दी है। प्राचीन समय में देश में शिक्षा के अनेक केंद्र रहे हैं। जहां दुनिया के कई हिस्सों से लोग अध्ययन के लिए आते थे। तक्षशिला, पाटलीपुत्र, मिथिला, काशी आदि शिक्षा के प्रमुख वैश्विक केंद्र थे। हमारी प्राचीन शिक्षा व्यवस्था में विद्यार्थियों को मूल्य आधारित शिक्षा दी जाती रही है। कहा कि दुनिया आज भौतिक चिंतन के सहारे आगे बढ़ रही है, लेकिन हमारा ङ्क्षचतन आधुनिक होने के साथ सांस्कृतिक और पुरातात्विक भी है। हम आध्यात्मिकता और आधुनिकता को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं।