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हमारी विरासत.... ऐसा है प्राचीन रूपेश्वर महाराज मंदिर, जहां शिव परिवार के साथ होती है उनके वाहनों की भी पूजा Wednesday 03 May 2023 08:35 AM UTC+00 अलवर. सनातन धर्म में अमूमन मंदिरों-शिवालय में देवी-देवताओं की पूजा की जाती रही हैं, लेकिन अलवर जिले के नौगांवा क्षेत्र में अरावली की पहाडिय़ों में बाला किला के रास्ते में पडऩे वाले प्रसिद्ध करणी माता मंदिर परिसर स्थित रूपेश्वर महाराज मंदिर शिवालय की परंपरा अनूठी है, जो भक्तों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है। अधिकतर शिवालयों में जहां शिव परिवार के रूप में भगवान शिवलिंग के अलावा माता पार्वती, उनके 2 पुत्रों भगवान गणेश और कार्तिकेय सहित भगवान शिव के वाहन नंदी की प्रतिमा की ही पूजा की परंपरा है, लेकिन यहां इनके वाहनों की भी पूजा की जाती है। इस मंदिर के शिवालय में शिव परिवार सहित उनके वाहनों की पूजा की भी परंपरा है। यहां अन्य शिवालयों की भांति शिवलिंग, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय सहित नंदी की प्रतिमा तो है ही, इसके अलावा गणेशजी की सवारी मूषक, कार्तिकेय की सवारी मयूर और माता पार्वती की सवारी के रूप में शेर की प्रतिमा भी स्थित है और सभी की पूजा भक्तों की ओर से की जाती है। मंदिर के पुजारी प्रदीप मिश्रा बताते है कि यह शिवालय अन्य शिवालयों से बड़ा है। मंदिर निर्माण के बारे में बताया जाता है कि अलवर के महाराज प्रतापसिंह ने सैकड़ों वर्ष पूर्व इसे बनवाया था। यहां पूर्व में एक छोटा शिवालय था, जिसे प्रतापेश्वरजी महाराज का शिवालय कहा जाता है। रानी के नाम पर पड़ा मंदिर का नाम रूपेश्वर नवरात्र में उमड़ते हैं श्रद्धालु |
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