>>: मेडिकल कॉलेज के साथ ही बनेगा नया जिला अस्पताल

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जैसलमेर. जैसलमेर जिले की लाखों की आबादी की उम्मीदों के केंद्र मेडिकल कॉलेज को लेकर वर्षों से जारी इंतजार की घडिय़ां संभवत: अब खत्म होने वाली है। आगामी 2 मई को मेडिकल कॉलेज के साथ नए जिला अस्पताल के निर्माण को लेकर टेंडर संबंधी वाद पर उच्च न्यायालय का फैसला आ सकता है। उच्च न्यायालय में टेंडर के बारे में गत 21 व 25 अप्रेल को दो बार सुनवाई रखी जा चुकी है। गौरतलब है कि जैसलमेर के रामगढ़ मार्ग पर नगर विकास न्यास (यूआइटी) की ओर से आवंटित 150 बीघा जमीन पर मेडिकल कॉलेज के लिए करीब 155 करोड़ तथा जिला अस्पताल के लिए 115 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया गत अर्से आरएसआरडीसी की तरफ से करवाई गई थी। इसमें जिस फर्म की दर दोनों कार्यों को लेकर सबसे कम थी, उस पर एमइएस में किसी कार्य को समय पर पूरा नहीं करवाए जाने के चलते संशय खड़ा हुआ और ऐसे में आरएसआरडीसी ने दूसरी सबसे कम दर वाली फर्म को काम देने का निर्णय लिया गया। जिसके खिलाफ सबसे न्यूनतम दर वाली फर्म उच्च न्यायालय में चली गई। अब इस मामले में 2 मई को फैसला आ सकता है। जानकारी के अनुसार दोनों पक्ष न्यायालय में अपना पक्ष पेश कर चुके हैं। गौरतलब है कि साल 2019 में जैसलमेर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण करवाए जाने का निर्णय केंद्र तथा राज्य सरकार की ओर से लिया गया था। केंद्र ने कॉलेज के साथ अस्पताल व अन्य निर्माण कार्यों के पैकेज पर 350 करोड़ रुपए भी आवंटित किए थे।
यह होंगे कार्य
जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज के साथ नए जिला अस्पताल का निर्माण भी साथ-साथ करवाया जाएगा। यह अस्पताल 450 बेड का होगा। इसी तरह से हॉस्टल, चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों के आवासीय क्वार्टर, लायब्रेरी, खेल परिसर आदि बनवाए जाएंगे। इससे पहले मेडिकल कॉलेज का कार्य किसी न किसी कारण से देरी का शिकार होता रहा है। सबसे पहले यह निर्माण कार्य एचएससीसी दिल्ली से करवाने के लिए राज्य सरकार ने मंजूरी दी। उसकी तरफ से केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की दर अनुसूची पर कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की गई। उसकी दर ज्यादा होने से सरकार ने बाद में राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग की एक एजेंसी आरएसआरडीसी, बाड़मेर को यह कार्य करवाने का निर्णय लिया। उसकी तरफ से निकाले गए टेंडर में दरें सही नहीं आ रही थी क्योंकि जैसलमेर में कम बीएसआर दर पर काम करने के लिए कोई फर्म तैयार नहीं हो रही थी। बाद में राज्य सरकार ने पूरे राज्य के लिए एक समान बीएसआर दर का निर्धारण किया। इससे कार्य करवाने लायक दरें संवेदकों के लिए उपलब्ध हो गई। अब यह कार्य भी आरएसआरडीसी की जैसलमेर में स्थापित की गई यूनिट को करवाने के लिए अधिकृत किया गया है। उसकी टेंडर प्रक्रिया को लेकर बना विवाद उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है।
नया बनेगा अस्पताल
जैसलमेर क्षेत्र के लिए एक खुशखबरी यह भी है कि रामगढ़ मार्ग पर अब मेडिकल कॉलेज के साथ ही नया जिला अस्पताल भी बनेगा। वर्तमान में जिला अस्पताल जवाहिर चिकित्सालय में संचालित हो रहे कई वार्ड नए अस्पताल में स्थानांतरित करवाने की योजना तैयार की गई है। इसके तहत एमसीएच यूनिट को खाली करवाकर मेडिकल वार्ड में गायनिक वार्ड चलाया जाएगा। ऐसे ही सर्जिकल वार्ड में बच्चा वार्ड बनाया जाएगा। पुरानी इमारत में बना ऑपरेशन थिएटर गायनिक वार्ड के लिए काम में लिया जाएगा। अभी जहां ट्रोमा सेंटर चल रहा है, वहां आउटडोर स्थानांतरित होगा और नए बनने वाले अस्पताल में ट्रोमा, मेडिकल, सर्जिकल, ऑर्थोपेडिक, इएनटी जैसे सभी विभाग संचालित होंगे। सोनोग्राफी जांच की सुविधा दोनों स्थानों पर होगी जबकि सिटी स्कैन और एमआरआइ जैसी अत्याधुनिक जांचें नए अस्पताल में करवाई जाएंगी।

तुरंत शुरू करवाएंगे काम
आगामी 2 मई को उच्च न्यायालय में मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल के निर्माण संबंधी टेंडर के मामले में निर्णय आने की पूरी उम्मीद है क्योंकि न्यायालय में दोनों पक्ष अपनी बात रख चुके हैं। जैसे ही न्यायालय का निर्णय आएगा, उसके 10 दिनों के भीतर धरातल पर काम शुरू करवा दिया जाएगा।
- डॉ. जेआर पंवार, पीएमओ, जवाहिर चिकित्सालय, जैसलमेर

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