जोधपुर।
राइकाबाग स्टेशन के पास पोते का इलाज करवाने जोधपुर आए दादा को झांसे में लेकर एक शातिर ठग ने धातु को सोना बताकर पांच लाख रुपए ऐंठ लिए। पीडि़त ने ठग को दस हजार रुपए का नया मोबाइल उपहार में भी दिया। जांच कराने पर धातु निकलने पर पीडि़त उदयमंदिर थाने पहुंचा और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।
पुलिस के अनुसार पाली जिले में तख्तगढ़ थानान्तर्गत गोगरा निवासी मोहनलाल पुत्र जेठाराम मेघवाल से पांच लाख रुपए की ठगी हुई है। सिरोही जिले में कालन्द्री निवासी मांगीलाल पुत्र उमा परमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है।
मुम्बई में नौकरी करने वाले मोहनलाल के पोते सुभाष की 15-16 दिन पहले तबीयत खराब हो गई थी। तब वो पोते को लेकर उम्मेद अस्पताल आए थे, जहां उसे भर्ती किया गया था। इस दौरान अस्पताल में उसकी मुलाकात आरोपी से हुई थी।
उसने मोहनलाल से कहा कि वह पुराने मकान गिराने का काम करता है। एक मकान गिराने के दौरान उसे सोना मिला था। अब मां की तबीयत खराब है तो इलाज के लिए 4-5 लाख रुपए की जरूरत है। इसलिए वह सोना बेचना चाहता है। समाज का होने के नाते आरोपी ने मोहनलाल को सस्ती दर पर बेचने का झांसा दिया था। आरोपी ने उसे मोबाइल नम्बर दिए थे। इलाज कराकर मोहनलाल पोते को लेकर गांव लौट गया था। 19 अप्रेल से 1 मई तक आरोपी से मोबाइल पर बातचीत होती रही। मां के इलाज के लिए रुपए की जरूरत होने की बात करता रहा। झांसे में आकर पीडि़त दो मई को दो पुत्रों के साथ पोते की जांच करवाने के लिए जोधपुर रेलवे स्टेशन उतरा था, जहां उसने आरोपी को कॉल किया।
आरोपी ने उसे राइकाबाग स्टेशन बुलाया, जहां उसने सौ ग्राम सोना बताकर धातु मोहनलाल को दी। बदले में उसे पांच लाख रुपए दिए। साथ ही 10,500 रुपए का नया मोबाइल भी बतौर उपहार दिया था। सोना लेकर पीडि़त गोगरा गांव लौट गया था। फिर वो शिवगंज गया, जहां सुनार से जांच कराई तो वह सोने की बजाय धातु निकली। सकपकाए पीडि़त ने आरोपी को फोन लगाया, लेकिन वो स्विच ऑफ था।