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एक साल में जनता से वसूल लिया 14.5 करोड़ का ग्रीन टैक्स, लेकिन प्रकृति को ही दे रहे 'धोखा', जानिए कैसे Tuesday 13 June 2023 05:35 AM UTC+00 जोधपुर। प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहर जोधपुर में पिछले एक वर्ष में करोड़ों रुपए का ग्रीन टेक्स वसूला गया, इसके बावजूद परिवहन विभाग को शहर में पर्यावरण के लिए हरियाली बढ़ाने या शहरवासियों को प्रदूषण मुक्त वातावरण देने से कोई सरोकार नहीं है। गत वर्ष 1 जून 2022 से 1 जून 2023 तक विभाग ने करीब 14.5 करोड़ रुपए ग्रीन टैक्स के नाम पर वसूल किए। ग्रीन टैक्स के नाम पर वसूली जा रही यह राशि अन्य कार्यों पर खर्च की जा रही है, लेकिन हरियाली के नाम पर एक रुपया भी खर्च नहीं हो पा रहा है। यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनावः अशोक गहलोत के लिए सिरदर्द बनीं ये सीटें, अब चुनावों से पहले कांग्रेस ने बनाया ऐसा प्लान आरटीओ की ओर से वर्ष 2005 के बाद अलग-अलग वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूला जा रहा है। वहीं, इस टैक्स की मोटी रकम का कहां उपयोग हो रहा है, इसकी जानकारी विभाग को भी नहीं है। विभाग की ओर से जमा किए ग्रीन टैक्स की राशि को राजकोष में जमा करा दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस ग्रीन टैक्स की राशि को शहरों के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, नाली-सड़कों, ऋण-लोन सहित अन्य बड़े मदों पर खर्च किया जाता है। यह भी पढ़ें- Weather Alert: मौसम विभाग की बड़ी चेतावनी, इन शहरों में कहर बरपाएगा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय, होगी मूसलाधार बारिश ग्रीन टैक्स को प्रदूषण कर और पर्यावरण कर भी कहा जाता है। यह एक उत्पाद शुल्क है, जिसे सरकार उन वस्तुओं पर कर लगाकर एकत्रित करती है, जिससे प्रदूषण फैलता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अधिक प्रदूषण फैलाने वाले साधनों के उपयोग के लिए हतोत्साहित करना है, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिले। इससे प्राप्त धनराशि को पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने वाले कार्यों के लिए किया जाता है।
आरएन बडगुजर, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी जोधपुर |
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