>>: 3000 विद्यार्थियों पर 4 कॉलेज, नहीं मिल रहा प्रवेश

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पोकरण. राज्य सरकार की ओर से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महाविद्यालय तो खोले जा रहे है, लेकिन महाविद्यालयों में सीटों की कमी एवं विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या के कारण प्रवेश को लेकर जद्दोजहद करनी पड़ रही है। पोकरण के सांकड़ा व भणियाणा ब्लॉक में करीब 3000 विद्यार्थियों पर 4 महाविद्यालय है, लेकिन प्रवेश के लिए विद्यार्थी भटकने को मजबूर है। गौरतलब है कि सरकार की ओर से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे है। वर्ष 2006 में पोकरण में मात्र एक राजकीय महाविद्यालय स्थित था। समय के साथ पोकरण में 2017-18 में एक कन्या महाविद्यालय शुरू किया गया। बीते 4 वर्षों में राजकीय महाविद्यालय व कन्या महाविद्यालय को स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत करने के साथ भणियाणा व सांकड़ा में भी राजकीय महाविद्यालय खोल दिए गए। ऐसे में दो ब्लॉक में ही 2 स्नातकोत्तर महाविद्यालय सहित कुल 4 कॉलेज हो गए है, लेकिन अभी भी कक्षा 12वीं के बाद विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए परेशानी हो रही है। बड़ी संख्या में विद्यार्थी होने एवं महाविद्यालयों में सीटों की संख्या कम होने के कारण छात्र छात्राएं स्वयंपाठी एवं अन्यंत्र जाकर प्रवेश लेने को मजबूर हो रहे है। जबकि क्षेत्र में विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए सीटें बढ़ाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
यह है सीटों की संख्या
- पोकरण स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कला संकाय में 160, वाणिज्य संकाय में 80 व विज्ञान संकाय में 70 सीटें है।
- राजकीय कन्या महाविद्यालय में कला संकाय में 160, विज्ञान संकाय के जीव विज्ञान वर्ग में 70 व गणित विज्ञान वर्ग में 70 सीटें है।
- भणियाणा के राजकीय महाविद्यालय में कला संकाय ही है। यहां दो वर्गों में 160 सीटें है।
- सांकड़ा के राजकीय महाविद्यालय में भी कला संकाय के दो वर्गों में 160 सीटें है।
ऊंट के मुंह में जीरे के समान सीटें
गत सत्र में राजकीय विद्यालयों में सांकड़ा ब्लॉक में 1446 एवं भणियाणा ब्लॉक में 905 विद्यार्थियों ने कक्षा 12वीं की परीक्षा में भाग लिया। इसके अलावा बड़ी संख्या में विद्यार्थी निजी विद्यालयों में भी अध्ययनरत थे। ऐसे में 3000 से अधिक विद्यार्थियों ने कक्षा 12वीं की परीक्षा दी। अब कक्षा 12वीं का परिणाम जारी हो चुका है। चारों महाविद्यालयों में कुल 930 सीटें ही है। ऐसे में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को प्रवेश को लेकर जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
अन्यंत्र जाना मजबूरी
सांकड़ा व भणियाणा ब्लॉक में 4 महाविद्यालय शुरू हो जाने पर क्षेत्र के लोगों को लगा था कि अब प्रवेश को लेकर परेशानी नहीं होगी, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या अधिक हो जाने पर विद्यार्थी पेशोपेश में है कि उन्हें प्रवेश मिलेगा या नहीं। ऐसे में यदि इन कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिलता है तो विद्यार्थियों को स्वयंपाठी के रूप में शिक्षण करना एवं अन्यंत्र जाकर अध्ययन करना मजबूरी हो जाएगा। जिससे उन्हें परेशानी होगी।

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