>>: ये है अलवर की 'लाइफ लाइन'

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100 करोड़ के फ्लाईओवर की घोषणा करके भूली सरकार, शहरी कर रहे 'लाइफ लाइन' का इंतजार

- सीएम ने दो साल पहले स्मार्ट सिटी योजना के तहत करीब डेढ़ किमी लंबे पुल बनाने की घोषणा की थी
- यूआईटी ने भेजा था सरकार को प्रस्ताव, अब तक पास नहीं, ये पुल शहर की लाइफ लाइन का काम करता
- गौरव पथ के ऊपर से गुजरना था पुल, जेल सर्किल से लेकर नंगली सर्किल तक का एरिया होता कवर


अलवर. प्रदेश सरकार महंगाई राहत शिविरों के जरिए राहत की बारिश कर रही है। सरकार ने दो साल पहले शहर के लिए एक महत्वपूर्ण फ्लाईओवर बनाने की घोषणा की थी जिसे दो साल में मंजूरी नहीं मिल पाई। शहर की जनता इस पहले फ्लाईओवर (एलिवेटिड रोड) का इंतजार कर रही है। यह पुल शहर के लिए लाइफ लाइन का काम करता। जाम से मुक्ति मिलती। वाहनों की रफ्तार बढ़ती। समय की बचत होती।
वर्ष 2021 में प्रदेश सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत अलवर को भी चुना था। इसके तहत नगर विकास न्यास (यूआईटी) ने प्रस्ताव तैयार किया। गौरव पथ पर जेल सर्किल से लेकर नंगली सर्किल तक करीब डेढ़ किमी लंबे एलिवेटिड रोड का प्रस्ताव तैयार किया। यह पुल रूपी रोड इस मार्ग पर डिवाइडर के मध्य खड़ा होना था। यानी नीचे का मार्ग पूरी तरह सुरक्षित था। डिवाइडर के बीच में इसके बीम बनने थे। करीब 100 करोड़ का प्रस्ताव तैयार हुआ और यह सरकार को भेज दिया गया। इसकी मंजूरी अभी नहीं आई। यूआईटी ने यह भी प्रस्ताव तैयार किया कि यदि इतना लंबा पुल पास नहीं होता है तो अंबेडकर सर्किल से नंगली सर्किल तक इसे बनाया जा सकता है।


बिजली लाइनें अंडरग्राउंड करने व पुल शिफि्टंग का प्रस्ताव भी था 100 करोड़ का

इसी प्रोजेक्ट में 100 करोड़ रुपए बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड करने व मुख्य नाला शिफि्टंग का भी प्रस्ताव था। कई अन्य कार्य भी होने थे। यानी इस पूरे मार्ग को स्मार्ट बनाना था। बिजली के तारों का जाल यहां दिखाई नहीं देता।

इन एरिया के लोगों को मिलना है सर्वाधिक लाभ

फ्लाईओवर के बनने से बहरोड़, तिजारा से आने वाले वाहन सीधे रोटरी क्लब सर्किल के पास उतरते। उन्हें रेड लाइट पर नहीं रुकना पड़ता। बुद्धविहार, हसन खां मेवाती,विजय नगर आदि एरिया के लोगों को आवागमन होता। इसी तरह मोती डूंगरी की तरफ से बहरोड़ मार्ग को जाने वाले वाहन सीधे गुजरेंगे। नीचे से वाहनों का आवागमन अलग चलता रहेगा। पुल के नीचे का एरिया यूआईटी की ओर से और विकसित किए जाने का प्लान था। लोगों को जाम से निजात मिलती। अस्पताल के आसपास सर्वाधिक जाम रहता है।


स्मार्ट सिटी के तहत एलिवेटिड रोड बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, पर अभी पास नहीं हुआ है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
- प्रदीप जैन, मुख्य अभियंता, यूआईटी

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